जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने लगातार दूसरा कार्यकाल सुनिश्चित करते हुए 81 में से 56 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा का अभियान व्यापक प्रचार के बावजूद 24 सीटों पर ही सिमट गया। जेएमएम और कांग्रेस ने मिलकर आदिवासी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने अपनी सीटें बढ़ाकर छह से सात कर ली। जबकि जेएमएम का प्रभाव बढ़कर 19 सीटों तक पहुंच गया। भाजपा केवल सेराइकेला में जीत हासिल कर पाई। जहां पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बाजी मारी।

इतिहास में पहली बार भाजपा खूंटी से हारी
झारखंड के गठन के बाद पहली बार भाजपा ने खूंटी सीट गंवाई। पांच बार के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को जेएमएम के राम सूर्य मुंडा ने 42,053 मतों से हराया। इसी तरह भाजपा के बाबूलाल सोरेन और मीरा मुंडा जैसे वरिष्ठ नेताओं की हार हुई। पूर्व सांसद गीता कोरा को कांग्रेस के सोना राम सिंकू ने जगन्नाथपुर में हराया। भाजपा के दिग्गज नेता गुमला से सुदर्शन भगत और समीर ओरांव बिष्णुपुर से हार गए।
जेएमएम की कल्याणकारी योजनाओं का असर
हेमंत सोरेन की सरकार ने अपनी योजनाओं के जरिए आदिवासी मतदाताओं को साधा। मायन सम्मान योजना और कृषि ऋण माफी ने ग्रामीण और किसान वर्ग में गहरी छाप छोड़ी। 1.75 लाख से अधिक किसानों के लिए 2 लाख रुपए तक का कृषि ऋण माफ किया गया। 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं ने जनता के बीच लोकप्रियता बढ़ाई।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना के नेतृत्व में चलाए गए आक्रामक अभियानों ने जनजातीय समुदाय के बीच विश्वास पैदा किया।
भाजपा का अभियान क्यों हुआ असफल
भाजपा का प्रचार अभियान बांग्लादेशी घुसपैठ, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर केंद्रित था। लेकिन ये मुद्दे आदिवासी मतदाताओं के साथ जुड़ने में नाकाम रहे। सत्ता-विरोधी भावना का लाभ उठाने में भाजपा विफल रही। पार्टी के अंदरूनी मतभेद और आपसी कलह ने प्रदर्शन को प्रभावित किया।
रांची विश्वविद्यालय के डॉ. बागिश चंद्र वर्मा ने कहा कि मायन सम्मान योजना जैसी योजनाओं ने इंडिया ब्लॉक के लिए आदिवासी मत जुटाने में अहम भूमिका निभाई।
जेएमएम की जीत और भाजपा की हार ने झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन ने पार्टी के लिए गंभीर आत्ममंथन की जरूरत पैदा की है। वहीं जेएमएम की कल्याणकारी योजनाएं और मजबूत जनाधार इसे सत्ता में मजबूती से स्थापित कर रही हैं।
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