रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलआरएलएसीएम) का पहला उड़ान परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के बाद डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी। यह मिसाइल जहाज से भी लॉन्च की जा सकती है।
पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को एक नया कीर्तिमान रचा है। ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से पहली बार लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। जानकारी के मुताबिक यह एंटी शिप बैलेस्टिक क्रूज मिसाइल है। इसकी रेंच एक हजार किलोमीटर तक है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया और अपने प्राथमिक मिशन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। डीआरडीओ की इस सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बधाई दी है।
उन्नत सॉफ्टवेयर से लैस मिसाइल
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल ने पॉइंट नेविगेशन का इस्तेमाल करके अपने पथ का अनुसरण किया और विभिन्न ऊंचाइयों और गति पर उड़ान भरते हुए अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। यह मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से भी लैस है। मंत्रालय ने आगे कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से ओडिशा के एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलआरएलएसीएम) का पहला परीक्षण किया।
इन कंपनियों ने तैयार की मिसाइल
मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसरों से की गई। परीक्षण के दौरान डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे हैं। इस मिसाइल को बेंगलुरु की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, डीआरडीओ और अन्य भारतीय उद्योगों के सहयोग से विकसित किया गया है। हैदराबाद स्थित भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और बेंगलुरु की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।
जहाज से भी मिसाइल की जा सकती लॉन्च
अधिकारियों ने मुताबिक इस मिसाइल को मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर का इस्तेमाल करके जमीन और यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल सिस्टम के माध्यम से फ्रंटलाइन जहाजों से लॉन्च किया जा सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में स्वदेशी क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त होगा। बता दें कि एलआरएलएसीएम रक्षा अधिग्रहण परिषद से अनुमोदित मिशन मोड परियोजना है।
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