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World’s LargeWorld’sst Exporters: दुनिया में सबसे ज्यादा सामान बेचने वाले देश कौन कौन हैं, टॉप-10 में नहीं है भारत

World’s Largest Exporters: दुनिया भर में संरक्षणवाद (घरेलू व्यवसाय को बचाने के लिए टैरिफ में इजाफा) के बढ़ने के साथ ही वैश्विक व्यापार प्रवाह में भी बदलाव आ रहा है। टैरिफ की लहर का सामना करने के बावजूद, चीन के माल निर्यात में लचीलापन देखने को मिल रहा है।

2023 में चीन के निर्यात की मात्रा अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, हालांकि चीन में बने सामानों की कीमत औसतन 10 प्रतिशत तक गिर गई है। फिर भी, दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक चीन ने पिछले साल अमेरिका को 500 बिलियन डॉलर का माल बेचा है, लेकिन ट्रंप प्रशासन के तहत इसमें भारी बदलाव हो सकता है।

आइये जानते हैं, कि दुनिया के शीर्ष निर्यातक देश कौन कौन हैं?

पिछले साल, दुनिया में वस्तुओं का वैश्विक निर्यात कुल 23.8 ट्रिलियन डॉलर था, जो 2022 की तुलना में 5% कम है। कुल मिलाकर, दुनिया के शीर्ष 30 सबसे बड़े निर्यातकों में से 20 में निर्यात का डॉलर मूल्य गिर गया क्योंकि दुनिया भर में व्यापार प्रतिबंधों की संख्या लगभग 3,000 तक बढ़ गई है और ये 2015 की तुलना में पांच गुना ज्यादा है।

साल 2023 में-

– चीन ने सबसे ज्यादा 3 हजार 380 अरब डॉलर के सामान बेचे

– अमेरिका ने पिछले साल 2 हजार 20 अरब डॉलर के सामान बेचे हैं

– वहीं, तीसरे नंबर पर जर्मनी है, जिसने 1 हजार 688 अरब डॉलर के सामान बेचे

– जबकि चौथे नंबर पर नीदरलैंड है, जिसने 935 अरब डॉलर के सामान बेचे हैं।

– साल 2023 में पांचवें नंबर पर जापान रहा, जिसने 717 अरब डॉलर के सामान वैश्विक बाजार में बेचे

– छठे नंबर पर इटली आता है, जिसने पिछले साल 677 अरब डॉलर के सामान बेचे हैं।

– सातवें नंबर पर फ्रांस है, जिसने 648 अरब डॉलर के सामान बेचे

– आठवें नंबर पर दक्षिण कोरिया रहा, जिसने 632 अरब डॉलर के सामान बेचे

– नौवे नंबर पर मैक्सिको का आता है, जो 593 अरब डॉलर मूल्य के सामान बेचने में कामयाब रहा

– जबकि, दसवें नंबर पर हांगकांग रहा, जिसने 574 अरब डॉलर के सामान बेचे।

इस लिस्ट के मुताबिक, चीन ने 2023 में अमेरिका के मुकाबले 1.4 ट्रिलियन डॉलर के ज्यादा सामान बेचे हैं। यानि, अंदाजा लगाया जा सकता है, कि ग्लोबल मार्केट में चीन कितना बड़ा खिलाड़ी बन चुका है।

पिछली बार अमेरिका 1979 में दुनिया का शीर्ष निर्यातक था, लेकिन तब से इसने व्यापार घाटे में वृद्धि का अनुभव किया है। हालांकि, ऊर्जा निर्यात, जो अमेरिका का शीर्ष निर्यात है, पिछले एक दशक में घाटे से मुनाफे में बदल गया है।

2023 में, अमेरिका ने अपने व्यापार संतुलन को मजबूत करते हुए 65 बिलियन डॉसलर का शुद्ध ऊर्जा अधिशेष हासिल किया। घरेलू ऊर्जा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि ने देश को तेल की कीमतों में होने वाले झटकों से बचाया है, जैसे कि रूस-यूक्रेन युद्ध से होने वाले झटके से, जिसने यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है।

 

 

जर्मनी, जो कुल मिलाकर तीसरा सबसे बड़ा देश है, उसने अर्थव्यवस्था में संकुचन के बावजूद माल निर्यात में मामूली 1% की वृद्धि देखी है। इंडस्ट्री आधारित अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी, विशेष रूप से तेल की बढ़ती कीमतों से प्रभावित हुआ है, क्योंकि कई फर्मों ने ऊर्जा की कीमतों में उछाल के कारण उत्पादन रोक दिया है। 2023 में, देश ने अपने सबसे बड़े निर्यात बाजार अमेरिका को 160 बिलियन डॉलर का माल निर्यात किया।

वहीं, अगर ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ लागू हो जाते हैं, तो अमेरिका के निर्यात में 15% तक की गिरावट आ सकती है। ऑटोमोटिव और फार्मास्युटिकल सेक्टर पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा, जिसमें क्रमशः 32% और 35% की गिरावट आएगी।

बात अगर भारत की करें, भारत का साल 2023 में निर्यात 432 अरब डॉलर का रहा है और अपार क्षमताएं होने के बावजूद वैश्विक निर्यात में भारत अपना स्थान नहीं बना पाया है। भारत फिलहाल निर्यात के मामले में 17वें नंबर पर रहा है और भारत से पहले ताइवान 16वें स्थान पर (432 अरब डॉलर से थोड़ा ज्यादा), 15वें स्थान पर सिंगापुर (476 अरब डॉलर), 14वें स्थान पर UAE (488 अरब डॉलर), 13वें स्थान पर UK (521 अरब डॉलर), 12वें स्थान पर बेल्जियम (562 अरब डॉलर) और 11वें स्थान पर कनाडा है, जिसने 2023 में 569 अरब डॉलर के माल निर्यात किए हैं।