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Weather: पहाड़ों पर बर्फबारी से अभी और बढ़ेगी ठंड, यूपी बिहार, पंजाब सहित उत्तर भारत में छाया रहेगा कोहरा

मौसम विभाग ने आज दिल्ली पंजाब हरियाणा हिमाचल यूपी और उत्तराखंड के कई जिलों में कोहरे की संभावना जताई है। पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होने से ठंड बढ़ने लगी है। राजधानी में शनिवार सुबह स्माग मध्यम स्तर के कोहरे व हवा की गति बेहद कम होने से प्रदूषण का स्तर अधिक रहा। इससे हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही। सांसों पर आफत जैसी स्थिति महसूस की गई।

पहाड़ों पर बर्फबारी जारी, यूपी-पंजाब में छाया रहेगा कोहरा, (सांकेतिक फोटो)

HighLights

  1. हरियाणा, हिमाचल, यूपी और उत्तराखंड के कई जिलों में कोहरे की संभावना
  2. उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह-शाम की ठंड बढ़ी
  3. तमिलनाडु और केरल के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया

 ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में मौसम तेजी से बदल रहा है। पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होने से ठंड बढ़ने लगी है और बर्फीली हवाएं भी शरीर को परेशानी देने लगी हैं। यही कारण है कि उत्तर भारत में बर्फीली हवाओं का असर देखने को मिल रहा है और दिल्ली, पंजाब, यूपी और बिहार तक तापमान में गिरावट हो रही है। वहीं, मौसम विभाग ने आज दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी और उत्तराखंड के कई जिलों में कोहरे की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने तमिलनाडु और केरल के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।

उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह-शाम की ठंड बढ़ी

उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह-शाम ठंड बढ़ गई है। हालांकि, अभी अगले सप्ताह से रात को कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन पहाड़ों में पाले और मैदानी क्षेत्रों में कोहरा छा सकता है। आगामी तीन दिन बाद से दून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है। शनिवार को प्रदेशभर में शुष्क मौसम रहा। हालांकि, सुबह मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाया रहा।

सुबह-शाम दून में भी अब ठंडक बढ़ने लगी

दून में भी धूप खिली रही, जिससे दिन में गर्माहट बनी रही। हालांकि, सुबह-शाम दून में भी अब ठंडक बढ़ने लगी है। दून का अधिकतम और न्यूनतम तापमान अभी सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। वर्षा न होने के कारण तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। अगले दो दिन हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर समेत आसपास के मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं घना कोहरा छा सकता है। देहरादून में भी सुबह धुंध व कुहासा छा सकती है। मंगलवार से ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में गिरावट आने के आसार हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।

राजधानी में फिर बढ़ा सांसों पर संकट

राजधानी में शनिवार सुबह स्माग, मध्यम स्तर के कोहरे व हवा की गति बेहद कम होने से प्रदूषण का स्तर अधिक रहा। इससे हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही। सांसों पर आफत जैसी स्थिति महसूस की गई। लगातार दूसरे दिन शनिवार को दिल्ली देश में सबसे अधिक प्रदूषित रही। इसका औसत एयर इंडेक्स 412 रहा। इसके बाद 355 एयर इंडेक्स के साथ बिहार का कटिहार दूसरे स्थान पर रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का एयर इंडेक्स 422 पहुंच गया था। उस दौरान दिल्ली में आनंद विहार सहित नौ जगहों पर एयर इंडेक्स 450 से अधिक पहुंच गया था। वहीं, स्विस कंपनी के एप आइक्यूएयर ने सुबह नौ बजे दिल्ली का एयर इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में 493 बताया। आठ दिन एयर इंडेक्स 400 से अधिक गंभीर श्रेणी में रहा

जब मनमोहन सिंह पर कोयला घोटाले का आरोप लगा:सुप्रीम कोर्ट ने CBI को ‘पिंजरे में बंद तोता’ कहा; अब दोषी मधु कोड़ा BJP में

झारखंड का एक ऐसा घोटाला, जिसने सियासी गलियारों में तहलका मचा दिया। ऐसा घोटाला, जिसमें CBI ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आरोपी बनाया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को तीन साल जेल की सजा हुई। कोड़ा के चुनाव लड़ने के इरादों पर पानी फिर गया। ये कोयला घोटाला था, जो केंद्र से कांग्रेस की विदाई का कारण भी बना। इसी घोटाले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने CBI को ‘पिंजरे में बंद तोता’ कहा था।


झारखंड महाकांड सीरीज के चौथे एपिसोड में आज कहानी कोयला घोटाले की…

साल 2012, जब UPA सरकार घोटालों के आरोपों से गुजर रही थी। 2जी स्पेक्ट्रम और कॉमनवेल्थ जैसे घोटालों को लेकर विपक्ष आर-पार के मूड में था। इसी बीच 22 मार्च 2012 को देश के सरकारी खातों का हिसाब-किताब रखने वाली संस्था नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी CAG ने एक रिपोर्ट जारी की।

CAG ने 110 पन्नों की रिपोर्ट में बताया कि 2004 से 2009 के बीच कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है। बिना नीलामी के ही खदानों का आवंटन किया गया है। इससे सरकार को 10.7 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। CAG ने अपनी रिपोर्ट में 100 से ज्यादा कंपनियों का जिक्र किया था।

इस रिपोर्ट ने सियासी गलियारों में तहलका मचा दिया। मीडिया में इसे देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया जाने लगा। BJP और विपक्ष को सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया !

दरअसल, 2006 से 2009 के बीच कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास था। इसलिए BJP सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कटघरे में खड़ा कर रही थी।

BJP सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली। उन्होंने कहा- ‘ये लूट की सरकार है। 2006 से 2009 के बीच अंधाधुंध कोयला खदानें बांटी गईं। ये सबसे बड़ा घोटाला है। 10 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का घोटाला। प्रधानमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’

सितंबर 2012, में कोयला घोटाले का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट में 194 कोयला खदानों के आवंटन को रद्द करने के लिए एक PIL दायर की गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट CBI जांच की मॉनिटरिंग करने लगा।

मार्च 2013, सुप्रीम कोर्ट ने CBI से कहा कि कोयला घोटाले की जांच से संबंधित डिटेल्स सरकार के साथ शेयर न करें। तब CBI ने कहा था कि वह गोपनीयता बरकरार रखेगी, लेकिन दो महीने बाद ही CBI अपने वादे से पलट गई।

6 मई 2013 को CBI ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दायर किया। इसमें CBI ने कोर्ट में माना कि उसने स्टेटस रिपोर्ट को न सिर्फ कानून मंत्री के साथ साझा किया, बल्कि अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी दस्तावेज के मसौदे में काफी बदलाव कराए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो CBI की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करे वरना अदालत खुद इस मसले को हाथ में लेने पर मजबूर होगी। अदालत ने CBI को ‘पिंजरे में बंद तोता’ तक कह डाला।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाले की जांच कर चुके पुराने अधिकारी रविकांत को वापस लाने का फरमान सुना दिया। रविकांत को कोयला घोटाले की जांच के दौरान सरकार ने CBI से हटाकर दूसरे विभाग में भेज दिया था। दो दिन बाद यानी 10 मई को कानून मंत्री अश्विनी कुमार को इस्तीफा देना पड़ा।

अगस्त 2013, कोयला खदानों के आवंटन से जुड़ीं फाइलें और दस्तावेज गायब होने की खबर सामने आई। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आवंटन से संबंधित लगभग 300 दस्तावेज नहीं मिल रहे। सरकार ने ये भी माना कि पिछले महीने 43 फाइलें गायब हो गई थीं, इनमें से 36 फाइलें ढूंढ ली गईं, लेकिन 7 फाइलें अभी भी गायब हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगाई।

सितंबर 2013, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सरकार कुछ नहीं छिपा रही। अगर किसी ने फाइलें गायब की हैं तो उसे सजा मिलेगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, ‘कोयला घोटाले में ज्यादातर गायब हुई फाइलें 2006 से 2009 के बीच की हैं।’ जेटली ने ऐसा कहकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कटघरे में खड़ा किया, क्योंकि उस दौरान वो ही कोयला मंत्रालय देख रहे थे।

जेटली ने सवाल किया, ‘अगर सबूतों को खत्म करना अपराध है तो इस मामले में FIR क्यों नहीं दर्ज की गई? क्या दोषियों का पता लगाने के लिए कोई जांच हुई?’

लोकसभा में भी कोयला घोटाले की फाइलें गायब होने पर काफी हंगामा हुआ। कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।

27 मार्च 2014, जगह झारखंड का लोहरदगा। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका था। BJP के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘देश के कुछ दल के नेता और कुछ सरकारों के लिए कोयला खदानें भ्रष्टाचार का अवसर बन गई हैं। ये लोग कोयला भी चुरा ले गए। ऐसे नेताओं से आपकी बर्बादी हुई है।’ हालांकि मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया।

2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता गंवा दी और वो महज 44 सीटों पर सिमट गई। BJP के नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने।

जुलाई 2014, सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाले में जांच के लिए अलग से स्पेशल CBI कोर्ट बनाने का फैसला लिया। 24 सितंबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने 214 कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द कर दिया। इसके बाद लोकसभा में कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए नया बिल पेश किया गया।

नवंबर 2014, झारखंड में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका था। प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली में कोयला घोटाले को फिर से मुद्दा बनाया। उन्होंने कहा- अब मैं झारखंड का कोयला और नहीं लुटने दूंगा। हमारी सरकार ने अब ऐसी नीतियां बनाई हैं, जिनसे कोयले की लूट नहीं हो सकेगी।

नवंबर 2014 में ही CBI ने विशेष अदालत को बताया कि उसे मनमोहन सिंह से सवाल करने की परमिशन नहीं मिली थी और उसने परमिशन लेना जरूरी भी नहीं समझा।

17 दिसंबर 2014 को स्पेशल कोर्ट ने CBI को आदेश दिया कि वह मनमोहन सिंह का बयान दर्ज करे। करीब एक महीना बाद यानी 20 जनवरी 2015 को CBI ने मनमोहन सिंह का बयान रिकॉर्ड किया।

 

Rishikesh Road Accident : मशहूर यूटूबर यश प्रजापति की सड़क दुर्घटना में हुई मौत, तेज रफ्तार बाइक होने के कारण हुआ हादसा

Uttarakhand News: उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक सड़क दुर्घटना में यूट्यूबर यश प्रजापति की मौत हो गई, जबकि उसका दोस्त ऋषि कुशवाहा गंभीर रूप से घायल हो गया. हादसा देर रात रामा पैलेस के पास हुआ.

हादसे के बाद गाड़ी के उड़े परचखे

Rishikesh Road Accident: उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक दर्दनाक सड़क हादसे में यूटूबर यश प्रजापति की मौत हो गई. जबकि उसका दोस्त ऋषि कुशवाहा गंभीर रूप से घायल हो गया है. जानकारी के अनुसार, यह हादसा ऋषिकेश के रामा पैलेस के निकट देर रात हुआ, जब यश प्रजापति निवासी कैनाल रोड, श्यामपुर, अपने दोस्त ऋषि कुशवाहा के साथ बाइक पर इंद्रमणि बडोनी चौक की ओर जा रहा था. इसी दौरान उनकी बाइक एक तेज रफ्तार कार से टकरा गई, जिससे बाइक के परखच्चे उड़ गए.

घटना में यश प्रजापति की मौके पर ही मौत हो गई.जबकि गंभीर रूप से घायल ऋषि कुशवाहा को स्थानीय लोगों ने तत्काल सरकारी अस्पताल पहुंचाया.अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद,ऋषि की हालत गंभीर होने पर उसे एम्स, ऋषिकेश रेफर कर दिया गया, जहां फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई थी. लेकिन कुछ देर बाद मौत हो गई. ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने यश प्रजापति के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.

दुर्घटना के कारणों की हो रही गहन जांच

मिली जानकारी के अनुसार बाइक की रफ्तार काफी तेज थी और तेज गति के कारण बाइक पर नियंत्रण खोने से यह हादसा हुआ. पुलिस इस मामले में वाहन चालकों की लापरवाही और दुर्घटना के कारणों की गहन जांच कर रही है. मृतक यश प्रजापति एक यूटूबर था, जो अपनी बाइक राइडिंग के वीडियो यूट्यूब पर साझा करता था. उसके वीडियो को काफी लोग देखना पसंद करते थे, और अपनी राइडिंग स्किल्स से उसने काफी फॉलोअर्स भी बना लिए थे. यश की मौत की खबर से उसके प्रशंसकों और दोस्तों में शोक की लहर है.

सुरक्षा नियमों का पालन करे: पुलिस

पुलिस इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दुर्घटना के समय बाइक की रफ्तार कितनी अधिक थी और क्या यश और ऋषि ने हेलमेट पहना हुआ था या नहीं. सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के बावजूद, ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जो सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी का परिणाम हैं. पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि सड़क पर तेज रफ्तार और लापरवाही से बचें और सुरक्षा नियमों का पालन करें.

यश के शव का होगा पोस्टमार्टम

सोशल मीडिया पर यश के फॉलोअर्स भी इस दुर्घटना से दुखी हैं और उसके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं.यश ने कम समय में अपनी अनोखी राइडिंग स्टाइल से लोकप्रियता हासिल की थी. लेकिन इस हादसे ने उसके जीवन को समय से पहले ही समाप्त कर दिया. ऋषिकेश पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और दुर्घटना के असल कारणों का पता लगाने के प्रयास कर रही है. पुलिस ने बताया कि यश के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा और उसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा.

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