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Kannauj Accident: कन्नौज में भीषण सड़क हादसा, पांच डॉक्टरों की मौत; ड्राइवर को झपकी आने से कार पलटने का अंदेशा

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार कर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इस हादसे में मिनी पीजीआई सैफई में तैनात पांच चिकित्सकों की मौत हो गई। वहीं मौके पर अधिकारी पहुंच चुके हैं शवों को कार से निकाला जा रहा है। यातायात में कोई परेशानी न हो इसको लेकर पुलिस भी तैनात है।
कन्नौज में सड़क दुर्घटना में मिनी पीजीआई सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत

 कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार कर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इस हादसे में मिनी पीजीआई सैफई में तैनात पांच चिकित्सकों की मौत हो गई। वहीं पुलिस का कहना है कि ड्राइवर को झपकी आने से हादसा हुआ होगा।

एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार स्कार्पियो डिवाइडर को तोड़कर दूसरी साइड जाकर पलट गई। हादसे में स्कार्पियो सवार पांच पीजी डॉक्टरों की मौत हो गई और एक जख्मी हो गया। घायल को राजकीय मेडिकल कालेज से सैफई मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया है। पुलिस ने  मर्च्यूरी  में रख दिए हैं। एक शिनाख्त नहीं हो सकी है।

स्कॉर्पियों में छह लोग थे सवार

मुरादाबाद के बुद्ध विहार मझोला योजना नंबर चार, फेस-2, 9बी, 568 निवासी 39 वर्षीय डॉ. जयवीर सिंह पुत्र करण सिंह, आगरा के कमला नगर निवासी 29 वर्षीय डॉ. अनिरुद्ध पुत्र पवन कुमार वर्मा,  भदोही के संत रविदास नगर निवासी 40 वर्षीय डॉ. संतोष कुमार मोर्य पुत्र जीत नारायण मौर्य, कन्नौज के  मोचीपुर, तेरामल्लू निवासी 34 वर्षीय डॉ. अरुण कुमार पुत्र अंगद लाल, बरेली के बाईपास रोड निवासी 35 वर्षीय डॉ. नरदेव पुत्र राम लखन गंगवार समेत छह लोग स्कॉर्पियो से मंगलवार शाम को लखनऊ में दोस्त की शादी में शामिल होने गए थे।

बुधवार तड़के करीब तीन बजे स्कॉर्पियो से वापस सैफई मेडिकल कालेज जा रहे थे। तभी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के 196 किलोमीटर प्वाइंट पर तिर्वा के सिकरोरी गांव के सामने स्कॉर्पियो किसी तरह से अनियंत्रित हो गई। डिवाइडर को तोड़कर दूसरी साइड जाकर सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। हादसे में सभी डॉक्टर जख्मी हो गए। घायलों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

स्वजन को दी गई सूचना

वहां पर पांच डॉक्टरों को मृत घोषित कर दिया गया। डॉ जयवीर की हालत गंभीर होने से सैफई मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया है। प्राचार्य डॉ सीपी पाल ने बताया कि शव मर्च्यूरी में रख दिए गए हैं। पुलिस ने स्वजन और सैफई मेडिकल कालेज प्रशासन को सूचना दे दी है। स्वजन आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

संभल हिंसा के 24 घंटे: पुलिस हिरासत में 21 लोग, इंटरनेट सेवा और स्कूल बंद; रात भर डटे रहे डीआईजी-डीएम और एसपी

Sambhal Violence Latest News संभल हिंसा में पुलिस ने करीब 21 आरोपितों को हिरासत में लिया है। इन्हें वीडियो फुटेज के आधार पर हिरासत में लिया गया है। स्वजन लापता लोगों को तलाश रहे हैं। पुलिस ने संभल में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की है। संभल की सीमाओं पर चेकिंग साथ प्रवेश का निर्देश डीएम ने दिया है। मंडलभर के थानों की पुलिस लगी है।

 

संभल में बवाल के दौरान बाइक में लगा दी आग का फाइल फोटो।

HighLights

  1. डीएम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अंतर्गत लगाईं पाबंदियां
  2. पांच लोगों की हो चुकी है मृत्यु, प्रशासन ने तीन मृत्यु की पुष्टि की है
  3. डीआईजी, डीएम और एसपी ने किया संभल में कैंप

संवाद सहयोगी, जागरण, संभल। जामा मस्जिद की सर्वे के दौरान हुए बवाल के बाद संभल में हाई अलर्ट है। अघोषित कर्फ्यू के साथ-साथ जिले की सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चल रहा है, जिले में कोई भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक या राजनीतिक संगठन का व्यक्ति बगैर अनुमति के प्रवेश नहीं करेगा।

इसके निर्देश जिला मजिस्ट्रेट ने दिए हैं। डीएम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 की निषेधाज्ञा के अनुसार लगाई है। जनपद के सभी थानों के पुलिस बल के अलावा मंडल के कई जनपदों की पुलिस को संभल में तैनात किया गया है।

संभल में रविवार को सुबह से दोपहर तक उग्र हुई भीड़ के द्वारा किए गए पथराव और फायरिंग के साथ पुलिस से उनकी झड़प हुई। इस घटना में प्रशासन के द्वारा तीन लोगों की मृत्यु की पुष्टि पहले ही की जा चुकी है लेकिन देर रात तक यह आंकड़ा पांच तक पहुंच गया है। हालांकि प्रशासन ने दो मौतों की पुष्टि अभी नहीं की है।

पूरी रात पैदल गश्त करती रही पुलिस, घरों से बाहर नहीं निकले लोग

बवाल के बाद पूरी रात पुलिस पैदल गश्त करती रही उच्चाधिकारियों ने गश्त का नेतृत्व किया। जहां-जहां बवाल में आगजनी और पथराव हुआ था, वहां पर विशेष फोकस किया गया और भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है जोकि लगातार संदिग्ध लोगों पर भी नजर रख रही है। हालांकि लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं। उधर सोमवार की सुबह भी बाजार बंद दिखाई दिया। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

सड़कों पर पसरा सन्नाटा, बाजार बंद, डीआईजी ने किया फ्लेग मार्च

सुबह में डीआईजी मुनिराज ने पुलिस बल के साथ सड़कों पर फ्लैग मार्च किया है। इसके अलावा डीएम के द्वारा घोषित किए गए अवकाश के बाद भी स्कूल कालेज के लिए बच्चे नहीं निकल रहे हैं। चहल कदमी बाजार में नहीं दिख रही है। जरूरतमंद लोग ही बाजार में जरूरी सामान लेने के लिए निकल रहे हैं।

अयान की मृत्यु का दावा

बताया जा रहा है कि बिलाल नईम, रोमान के अलावा कैफ की मृत्यु हुई। इसके बाद अयान की मृत्यु का दावा किया गया है। घटना के संबंध में पुलिस के द्वारा पथराव करने वाले आरोपितों के घरों में दबिश दी गई और कुल 21 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिसमें दो महिलाएं शामिल हैं। पुलिस के द्वारा रात्रि में भी छापेमारी कर दबिश देने का अभियान चलाया गया। घरों में उन लोगों की तलाश की गई जिन्हें वीडियो और अन्य साक्ष्य के माध्यम से उग्र भीड़ में बवाल करते हुए चिन्हित किया गया है। हालांकि कितने लोगों को रात्रि में हिरासत में लिया गया है, इसकी पुष्टि अभी पुलिस के द्वारा नहीं की गई है।

पुलिस और प्रशासन के अधिकारी रात में डटे रहे

उधर मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज, डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के अलावा एडीएम और एएसपी पूरी रात संभल में हालात पर नजर रखते रहे। उन्होंने रात्रि में संभल में ही कैंप किया और डीएम सुबह को बहजोई पहुंचे जबकि डीआईजी और एसपी अभी भी संभल में डटे हुए हैं। उधर डीएम के निर्देश के बाद जिले की सभी सीमाओं पर नाकेबंदी शुरू कर दी है। किसी भी बाहरी व्यक्ति या संगठन के पदाधिकारी या राजनीतिक दल के पदाधिकारी को बगैर अनुमति के संभल जिले में प्रवेश नहीं करने देने के निर्देश हैं।

हालांकि सार्वजनिक वाहन और निजी वाहनों के प्रवेश के साथ-साथ चेकिंग को लेकर पुलिस के समक्ष भी चुनौती होगी। उधर बहजोई के बहापुर पट्टी स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर देर रात मृतक नईम और कैफ का पोस्टमार्टम किया गया जबकि बिलाल का पोस्टमार्टम मुरादाबाद में हुआ। रोमान के परिवार वालों ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया।

लापता सदस्यों को कोतवाली में जाकर तलाश रहे लोग

संभल बवाल के प्रकरण में पुलिस के द्वारा कुल 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि कई को रात में हिरासत में लिया है जिसकी पुष्टि अभी नहीं की है। दिन में ही पुलिस के द्वारा हिरासत में लेने के बाद कई परिवार वालों को अपने लोगों की चिंता होने लगी और इधर-उधर तलाश में लगे।

सोमवार की सुबह रही शांतिपूर्ण

जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, इसकी सूचना दिनभर बवाल के चलते परिवार वालों को नहीं मिल पाई और वह सभी संबंधियों के अलावा इधर-उधर अपने परिवार के सदस्यों को तलाशते रहे, हालांकि सोमवार की सुबह में मामला शांतिपूर्ण होने पर लोग अपने-अपने परिवार के सदस्यों को तलाशने के लिए थाने पहुंच रहे हैं, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया या जो देर रात तक घर नहीं पहुंच पाए।

 

UP News: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बवाल-आगजनी, पथराव और फायरिंग में तीन की मौत

संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भारी हंगामा हुआ। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए हवाई फायरिंग की तो दूसरी तरफ से भी फायरिंग की गई। इस घटना में तीन की मौत हुई है। हालांकि पुलिस अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है। डीजीपी ने पूरे मामले में निगाह रखे हुए हैं।

संभल में मौके पर उपद्रवी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फायर करते डीआईजी व अन्य पुलिसकर्मी।

जागरण संवाददाता, संभल। शहर में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार सुबह बवाल हो गया। तड़के पांच बजे डीएम-एसपी के साथ एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव मस्जिद पहुंचे। आसपास के मार्गों की नाकेबंदी कर मस्जिद में नाप शुरू की। इसकी भनक लगने पर भीड़ जुट गई। करीब सात बजे भीड़ की ओर से पथराव होने पर पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।

पुलिस फोर्स ने उग्र लोगों को दौड़ाया। इस बीच वाहनों में भी आग लगा दी गई। आसपास के जिलों से भी फोर्स बुला ली गई है। फायरिंग औऱ पथराव में तीन की मौत हो गई है। मृतकों में नईम गाजी, रुमाल खां और बिलाल अंसारी शामिल हैं। हालांकि, अभी तीन मौत की अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। करीब साढ़े 10 बजे सर्वे टीम लौट गई है। लेकिन, संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई है। डीआइजी मुनिराज जी भी मौके पर पहुंचे।

19 नवंबर को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में मस्जिद के हरि हर मंदिर होने का दावा किया गया था। कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया और वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। उसी दिन शाम को मस्जिद में वीडियोग्राफी कराई गई थी।

शहर की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद दूसरे चरण का सर्वे आज (रविवार) सुबह ही शुरू किया गया था। जैसे ही लोगों को पता लगा मस्जिद की ओर भीड़ पहुंचने लगी सुबह करीब 9:00 बजे भीड़ को हटाने का प्रयास किया गया तो पहले धक्का मुक्की हुई और बाद में भीड़ ने पथराव कर दिया।

भीड़ को भगाने के लिए करनी पड़ी फायरिंग

पुलिस ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को भगाने का प्रयास किया। बताया जाता है की दूसरी ओर से भी फायरिंग की गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे पूरा हुआ और विष्णु जैन को बाहर निकाला गया। एसपी कृष्ण कुमार ने कहा है, कि हंगामा सुनियोजित था और हंगामा करने वालों की पहचान की जा रही है। पुलिसवाले घायल हुए हैं उन्हें इलाज के लिए भेजा है। ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। न्यायालय के आदेश पर दूसरी बार वकील विष्णु शंकर जैन की अगुवाई में टीम सर्वे करने के लिए जामा मस्जिद के अंदर रविवार तड़के पहुंची थी।

पथराव के बाद पड़े पत्थर।

सुबह पहुंचे थे एडवोकेट कमिश्नर

जामा मस्जिद व हरिहर मंदिर प्रकरण के बाद से ही शहर में शांति व सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्था को बढ़ा दिया गया था। इसी मामले में मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और प्रतिवादी पक्ष की काफी लोग लोग मौजूद थे।

पत्थरों के बीच तैनात खड़ा पुलिस का जवान।

डीजीपी ने हालात की जानकारी ली

पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची सर्वेक्षण टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।

एक एजेंसी से बात करते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वेक्षण किया जा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है। पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस पथराव करने वालों की पहचान करेगी और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।

यह सर्वेक्षण वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका के बाद एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था, जिन्होंने दावा किया था कि मस्जिद मूल रूप से एक मंदिर थी। इससे पहले 19 नवंबर को भी इसी तरह का सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्य प्रक्रिया की निगरानी के लिए मौजूद थे। घटना के बाद पुलिस ने संभल में स्थानीय लोगों से मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए वहां पहुंची सर्वेक्षण टीम पर पथराव न करने की अपील की।

मस्जिद के पास तैनात पुलिसबल।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पहुंचे एडवोकेट कमिश्नर

रविवार की सवेरे अचानक एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव अपनी टीम के साथ जामा मस्जिद पर पहुंचे।

संभल में पथराव और फायरिंग के बीच मौजूद जिलाधिकारी

जहां उनके साथ डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भारी संख्या में पुलिस बल व अन्य अधिकारियों के साथ शामिल रहे।

इस दौरान बेरिकेडिंग पर भारी पीएसी व आरआरएफ जवानों को तैनात किया गया था। जोकि उस ओर जाने वाले सभी लोगों को रोक रहे थे।

अचानक से अधिकारियों के जामा मस्जिद पर पहुंचने और भारी संख्या में पुलिस बल होने पर शहर के लोगों में खलबली मच गई थी।

एसपी ने दी घटना की जानकारी

एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि न्यायालय की टीम सर्वे कर रही थी। तभी कुछ लोगों को एक​त्रि​त किया गया। पथराव किया गया। पु​लिस टीम ने हालात को काबू में कर लिया है। सर्वे पूरा कर लिया गया है। सुनियोजित तरीके से ये सब किया गया है। पुलिस की लिखी गाड़ी टारगेट की गई है। एनएसए की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ड्रोन से निगरानी की गई है। कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। उनके पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है। सभी का मेडिकल कराया गया है।

संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किया पथराव

Sambhal Shahi Masjid Survey Protest: हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताये जाने के बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए संभल मस्जिद के सर्वे के आदेश दिया था.

Sambhal Shahi Masjid Survey: उत्तर प्रदेश में संभल जिले की शाही जामा मस्जिद का आज रविवर (24 नवंबर) को फिर सर्वे शुरू हुआ, दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे हो रहा था. इसी दौरान सर्वे का विरोध शुरू हो गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. मस्जिद के बाहर भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया है.

वहीं प्रदर्शनकारियों के इस हंगामे के बाद मस्जिद के सर्वे को रोका गया है और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे हैं. इसके साथ ही भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है. जब मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था तभी मस्जिद के बाहर खड़ी भीड़ ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया.

सर्वे के लिए टीम 7.30 बजे मस्जिद पहुंच गई थी, कुछ देर बाद भीड़ आई और नारेबाजी शुरू हुई. इसके बाद टीम ने उन्हें समझाया और फिर अंदर गए. इसके बाद फिर से भीड़ ने शोर मचाना शुरू कर दिया और पथराव शुरू कर दिया. फिर मस्जिद कमेटी की टीम और पुलिस ने लोगों को समझाते हुए उन्हें हिदायत भी दे दी गई. चंद युवक दो गलियों में आए थे और उन्होंने पथराव शुरू किया. इस समय मस्जिद के बाहर पुलिस तैनात है और स्थिति को नियंत्रण में लेकर फिर से सर्वे शुरू हो गया है.

वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में मस्जिद के मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर करने के बाद, 19 नवंबर को स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में इसी तरह का सर्वेक्षण किया गया. बता दें कि हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताये जाने के बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए संभल मस्जिद के सर्वे के आदेश दिया था.

Stone Pelting in Sambhal: शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम पर संभल में जमकर पत्थरबाजी

 

Stone Pelting in Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम पर लोगों ने पत्थरबाजी की है। जिस तरह से पुलिस और सर्वे करने वाली टीम पर लोगों ने पत्थरबाजी की है, उसके बाद पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह पत्थरबाजी ना करें।

इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमे देखा जा सकता है कि लोग पुलिस के जवानों पर पत्थर फेंक रहे हैं। पत्थरबाजों पर काबू पाने के लिए पुलिस के जवानों ने आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया।

Credit By ani

 

जिस तरह से भारी जमकर लोगों ने यहां पत्थरबाजी की है उसके बाद पुलिसवाले खुद को बचाते हुए नजर आए। पुलिस के जवान हेलमेट और तमाम सुरक्षा गार्ड की मदद से पत्थरबाजों पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो में सुना जा सकता है कि पुलिस अधिकारी जवानों से कहते हैं कि हेलमेट लगाओ।

बता दें कि वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका पर सिविल कोर्ट जज ने सर्वे का आदेश दिया है। विष्णु शंकर ने अपनी याचिका में का है कि मस्जिद असल में मंदिर थी। जिसके बाद टीम यहां सर्वे के लिए पहुंची है।

इससे पहले 19 नवंबर को भी इस तरह का सर्वे किया गया था। यह सर्वे स्थानीय लोगों, मस्जिद प्रबंधन कमेटी के सदस्यों और पुलिस की टीम की मौजूदगी में हुआ था।

 

स्थिति बिगड़ने पर, जिला मजिस्ट्रेट डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई सहित कानून प्रवर्तन अधिकारी और अधिकारी अशांति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचे।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव और उनकी टीम के मस्जिद पहुंचने से दिन भर की हलचल और बढ़ गई। इन प्रयासों के बावजूद, माहौल तनावपूर्ण बना रहा, साइट के चारों ओर पत्थर बिखरे हुए थे।

बता दें कि शुक्रवार की नमाज के दौरान, मुरादाबाद और बरेली संभाग के लगभग आठ जिलों से पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। जामा मस्जिद की ओर जाने वाली सड़कों को बांस की बैरिकेड्स से बंद कर दिया गया था, और आगे की गड़बड़ी को कम करने के उद्देश्य से सार्वजनिक पहुंच को रोकने के लिए पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था !

 

 

 

यूपी में टैक्स फ्री हुई ‘द साबरमती रिपोर्ट’, CM Yogi ने देखी फिल्म; अभिनेता विक्रांत मैसी भी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को द साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखी और इसे उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने की घोषणा की। फिल्म गोधरा कांड पर आधारित है और सत्य घटनाओं को उजागर करती है। सीएम ने फिल्म की टीम को बधाई दी और कहा कि हर भारतीय को यह फिल्म देखनी चाहिए। उन्होंने इसे समाज में फैले षड्यंत्रों और राजनीतिक स्वार्थों को समझने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। फिल्म

सीएम योगी ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहुचर्चित फ़िल्म ‘ द साबरमती रिपोर्ट’ देखी। फिल्म देखने के बाद सीएम योगी ने कहा कि मैं “द साबरमती रिपोर्ट” की पूरी टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने इस वास्तविक सच को देश की जनता के सामने फिल्म के माध्यम से बाहर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी को “द साबरमती रिपोर्ट” फिल्म को देखनी चाहिए और गोधरा का सच के नजदीक जाने का प्रयास करना चाहिए। सीएम योगी ने फिल्म को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

सीएम योगी ने कहा देश के खिलाफ और सरकारों के खिलाफ राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए समाज में वैमनस्यता पैदा करने के लिए देश में जो कृत्य हुए हैं उसे देश की जनता को जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं उन चेहरों को पहचानने के साथ-साथ उनका पर्दाफाश करने की भी आवश्यकता है। सीएम योगी ने कहा कि फिल्म की टीम ने सत्य उजाकर करने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। फिल्म के माध्यम से वास्तविक सच को एक बड़े रूप में देश के सामने लाने का प्रयास किया गया है।

‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म टैक्स फ्री

सीएम योगी ने कहा कि मामला अयोध्या से जुड़ा है, मैं घटना में मारे गए सभी राम भक्तों को श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के साहसिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए लोग इस सत्य को अधिक से अधिक देखें। सीएम योगी राज्य सरकार की ओर से ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

इसके पहले सीएम योगी ने लखनऊ के प्लासियो मॉल के सिनेमाहॉल के ऑडी-07 में पूर्वाह्न 11:30 बजे के शो में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सहित अनेक अनेक जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन के अधिकारियों के साथ फ़िल्म देखी। खास मौके पर फ़िल्म के मुख्य अभिनेता विक्रांत मैसी और फ़िल्म यूनिट से जुड़े लोगों की मौजूदगी रही। इससे पहले, बीते मंगलवार को विक्रांत मैसी ने सीएम योगी से भेंट की थी।

सत्य घटना पर आधारित है फिल्म

बता दें कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक सत्य घटना पर आधारित एक बॉलीवुड ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन रंजन चांडेल द्वारा किया गया है। फिल्म में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा लीड रोल में हैं। यह फिल्म साल 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस की दिल दहला देने वाली घटना से प्रेरित है। एकता कपूर इस फिल्म की निर्माता है। 15 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी तारीफ की है।

UP में बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग? BJP ने किया बड़ा दावा; अखिलेश ने लगाए ये आरोप

UP Upchunav 2024: उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर जारी उपचुनाव के बीच समाजवादी पार्टी (SP) ने मतदाताओं को रोकने का आरोप लगाया तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुर्का पहनी महिलाओं की पहचान की मांग की है

बुर्के पर बवाल

UP Bypolls 2024: उत्तर प्रदेश में उपुचनाव के लिए 9 सीटों पर वोटिंग जारी है. इस बीच समाजवादी पार्टी (SP) ने आरोप लगाया हैं कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में पुलिसकर्मी मतदाताओं को मतदान करने से रोक रहे हैं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया कि बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं. इसके बाद सपा और भाजपा दोनों ने निर्वाचन आयोग (ECI) से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है.

पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरे?

विपक्ष के दावों का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनावों में हार से डरे हुए हैं. शुक्ला ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी ने मतदाताओं पर से भरोसा खो दिया है. इसलिए उन्होंने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बाहरी उपद्रवी तत्वों को इकट्ठा किया है. कई मीडिया खबरों के अनुसार, बुर्का पहने महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं.’ उन्होंने कहा. ‘भाजपा निर्वाचन आयोग और प्रशासन से अपील करती है कि वे सुनिश्चित करें कि मिलान किए बिना मतदान की अनुमति न दी जाए.’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को पहचान पत्र दिखाने चाहिए और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.

अखिलेश यादव ने वोटिंग के बीच उठाए सवाल

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग से वीडियो साक्ष्य के आधार पर तत्काल संज्ञान लेने तथा दंडात्मक कार्रवाई करने और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की अपील की. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग से आग्रह है कि अभी-अभी प्राप्त वीडियो साक्ष्यों के आधार पर तत्काल संज्ञान लेते हुए दंडात्मक कार्रवाई करें और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया भी सुनिश्चित करें. जो भी पुलिस अधिकारी पहचान पत्र और आधार आईडी जांच रहे हैं, वीडियो के आधार पर उनकी पहचान कर उन्हें तुरंत निलंबित किया जाए. पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र जांचने का कोई अधिकार नहीं है.’

अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार सुम्बुल राणा का एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुलिसकर्मियों पर मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करने से रोकने का आरोप लगाया गया है. राणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम गांव-गांव जा रहे हैं, लोगों को परेशान किया जा रहा है और उन्हें वोट नहीं डालने दिया जा रहा है. पुलिस अधिकारी लोगों को परेशान कर रहे हैं, उनसे कह रहे हैं कि वे वोट नहीं दे सकते. वे पहले एक पहचान पत्र मांग रहे है, फिर दूसरा पहचान पत्र मांग रहे हैं. वे सभी पहचान पत्रों की जांच कर रहे हैं, लेकिन फिर भी लोगों को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है.’ राणा ने दावा किया कि इस तरह की शिकायतें नयागांव, नगला बुजुक, संबलहेड़ा और निर्वाचन क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों से आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘हम शिकायतें दर्ज करा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई जांच नहीं की जा रही है.’

 

UP ByPolls: वोटिंग के बीच मीरापुर में बवाल, मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पुलिस टीम पर पथराव; थाना प्रभारी समेत कई चोटिल

Mirapur ByPolls 2024 यूपी उपचुनाव के दौरान मुजफ्फरनगर के मीरापुर में बवाल हो गया। मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पुलिस टीम पर छतों से पथराव किया गया। थाना प्रभारी राजीव शर्मा और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। एसएसपी अभिषेक सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। मतदान स्थल पर भी पुलिस टीम तैनात की गई है। फिलहाल निर्बाध वोटिंग जारी है।

ककरौली में पुलिस टीम पर पथराव, थाना प्रभारी समेत कई चोटिल

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। काकरोली में बस स्टैंड के समीप पुलिस टीम पर छतों से पथराव किया गया। इससे पूर्व किसान इंटर कॉलेज मैं मतदान को पहुंचे लोगों का आरोप था कि उन्हें मतदान से रोका गया। आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज होने के बावजूद वोट डालने नहीं दिया गया।

आक्रोशित लोगों ने बस स्टैंड पर भी इसकी चर्चा की। जिस पर लोगों ने आक्रोश जताया। इसके कुछ देर बाद पुलिस फोर्स बस स्टैंड के समीप से गुजरी तो पथराव किया गया। जिस क्षेत्र से पथराव हुआ है वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। पथराव में सिपाही विक्रांत घायल हुए हैं। उनके हाथ में चोट लगी है।

वहीं थाना प्रभारी राजीव शर्मा और कांस्टेबल शैलेंद्र भाटी को भी मामूली चोट लगी है। घटना के बाद एसएसपी अभिषेक सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से बातचीत की। मतदान स्थल पर भी पुलिस टीम व अधिकारी पहुंचे है। जहां मतदान होता पाया गया।

उन्हाेंने बताया कि दो पक्षों में विवाद हो रहा था। जिसे राेकने का प्रयास किया था। इसी दौरान कुछ लोगों ने पथराव की घटना कारित की है। हुड़दंग मचाने वालों पर बल का प्रयोग किया गया है। शांति व्यवस्था बहाल होने के बाद सुचारू रूप से मतदान कराया जा रहा है।

सपा सांसद ने किया पोस्ट, भाजपा प्रत्याशी ने लगाया आरोप

वहीं सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने अपने अधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने पुलिस-प्रशासन पर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मतदाता को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाया है। उनके विधायक पुत्र पंकज मलिक ने भी ककरौली की घटना को लोकतंत्र की हत्या करना जैसा बताया है।

सपा सांसद ने तुल्हैड़ी, ककरौली, जौली, कैथोड़ा आदि में मतदाताओं को रोकने के आरोप लगाए हैं। उधर, रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने पूर्व सांसद कादिर राणा पर फर्जी मतदान कराने के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि बाहर से कुछ लोगों को मीरापुर क्षेत्र में ठहराया गया है, जिनके द्वारा फर्जी वोट डाली जा रही है। उन्हाेंने चुनाव आयोग समेत जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है।

मीरापुर सीट पर कुल मतदाता 3.23 लाख हैं, जिनमें 1.71 लाख पुरुष और 1.52 लाख महिला मतदाता हैं। सुबह सात बजे इस सीट के सभी 151 मतदान केंद्रों के 328 बूथों पर मतदान आरंभ हुआ। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लाइन लगी हुई थी। इसी के चलते 11 बजे तक कुल 26.18 प्रतिशत मतदान हुआ।

UPPSC Protest:UPPSC के खिलाफ छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, थाली पीटकर कर रहे हैं नारेबाजी

UPPSC Protest: यूपी लोकसेवा आयोग के दफ्तर के बाहर हो रहे छात्रों के प्रदर्शन की वजह से लोगों की आवाजाही बंद है और इससे स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

UPPSC Aspirants Protest: यूपी लोकसेवा आयोग के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन आज शुक्रवार (15 नवंबर) को भी जारी है. छात्रों के आंदोलन का आज पांचवा दिन है, आज भी सैकड़ों की संख्या में प्रतियोगी छात्र आयोग के दफ्तर के बाहर की सड़कों पर जमा हैं. प्रदर्शनकारी छात्र थाली पीटकर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं और आज लगातार पांचवें दिन भी आयोग के दफ्तर के आसपास की सड़कों पर पुलिस बैरिकेडिंग लगी हुई है.

छात्रों के प्रदर्शन की वजह से लोगों की आवाजाही बंद है और इससे स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सीएम योगी की पहल पर आयोग ने कल पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न पर एक दिन और एक शिफ्ट में कराए जाने की मांग मंजूर कर ली थी. इसके अलावा आरओ एआरओ की भर्ती परीक्षा को स्थगित कर दिया था. परीक्षा का पैटर्न तय करने के लिए एक कमेटी गठित किए जाने का ऐलान किया गया था.

कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही फैसला लिए जाने की बात कही गई थी. हालांकि आंदोलन कर रहे छात्रों ने आयोग की इस बात को नहीं माना था. उनका कहना था कि उनकी मांग दोनों परीक्षाओं को पुराने पैटर्न पर ही करने की मांग है. आयोग छात्रों को आपस में लड़ाने का काम कर रहा है, इसलिए मांग पूरी होने तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे. हालांकि आज प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों की संख्या कुछ कम हुई है.

आयोग और सरकार की डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी

प्रदर्शनकारी छात्र आयोग के दफ्तर के बाहर सड़कों पर जमा हैं, आयोग के एलान के बावजूद प्रदर्शनकारी छात्र हटने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि जब तक PCS की तरह RO-ARO की प्रारंभिक परीक्षा को भी पहले की तरह एक ही शिफ्ट में कराए जाने का ऐलान नहीं किया जाता तब तक वह नहीं हटेंगे. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यह आयोग और सरकार की डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी है, हम ना तो हटेंगे ना तो बटेंगे.

‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर बंटी BJP, पंकजा मुंडे के बाद अब पूर्व सीएम ने किया विरोध; कहा- ये नारा ठीक नहीं

बंटेंगे तो कटेंगे का नारा इन दिनों बेहद चर्चा में है और भाजपा की ओर से लगातार इसे प्रचारित किया जा रहा है। हालांकि खुद पार्टी के ही कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया है और इस नारे से दूरी बनाने की कोशिश की है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का भी नाम इस लिस्ट में जुड़ गया है जिन्होंने कहा है कि यह नारा ठीक नहीं है।

अशोक चव्हाण ने कहा कि उन्हें यह नारा ठीक नहीं लगता है।

पीटीआई, नांदेड़। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से दिया गया ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा इन दिनों खासा चर्चा में है। भाजपा के शीर्ष नेताओं से लेकर उसके समर्थकों की जुबान पर यह नारा चढ़ा हुआ है। हालांकि, विपक्ष लगातार नारे का विरोध करता आया है और इसे सांप्रदायिक करार दिया है। वहीं कुछ भाजपा नेताओं की ओर से भी इस नारे का विरोध देखने को मिला है।

भाजपा सांसद और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा ठीक नहीं है और यह अप्रासंगिक है तथा लोग इसे पसंद नहीं करेंगे। इससे पहले पंकजा मुंडे ने भी नारे का विरोध करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में इसकी जरूरत नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में चव्हाण ने कहा कि वह ‘वोट जिहाद-धर्म युद्ध’ के नारे को ज्यादा महत्व नहीं देते, क्योंकि भाजपा और सत्तारूढ़ महायुति की नीति देश और महाराष्ट्र का विकास है।

‘चुनाव के समय दिए जाते हैं नारे’

योगी आदित्यनाथ की ओर से महाराष्ट्र चुनाव से पहले अपनी रैलियों में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा लगाने से जुड़े सवाल के जवाब में अशोक चव्हाण ने कहा, ‘इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है। नारे चुनाव के समय दिए जाते हैं। यह विशेष नारा अच्छा नहीं है और मुझे नहीं लगता कि लोग इसे पसंद करेंगे। व्यक्तिगत रूप से मैं ऐसे नारों के पक्ष में नहीं हूं।’

महायुति के लिए अपने चुनाव अभियान के दौरान नांदेड़ के अर्धपुर में बोलते हुए भाजपा नेता ने कहा, ‘हर राजनीतिक पदाधिकारी को बहुत सोच-विचार के बाद निर्णय लेना होता है। हमें यह भी देखना होगा कि किसी की भावनाएं आहत न हों।’ इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पिछले सप्ताह कहा था कि वोट जिहाद का मुकाबला वोट के धर्म-युद्ध से किया जाना चाहिए।

विकास मेरा एकमात्र एजेंडा: चव्हाण

यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव अभियान “वोट जिहाद-धर्म युद्ध” की कहानी के बीच विकास के मुद्दे से दूर जा रहा है, चव्हाण ने कहा कि महायुति और भाजपा की नीति विकसित भारत और विकसित महाराष्ट्र है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है। कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहने के बाद इस साल फरवरी में भाजपा में शामिल हुए सांसद ने कहा, ‘मैं (वोट जिहाद की बयानबाजी को) ज्यादा महत्व नहीं देता। निजी तौर पर कहूं तो विकास ही मेरा एकमात्र एजेंडा है। इसलिए, पार्टी बदलने के बावजूद लोग मेरे रुख की सराहना करते हैं।’

वहीं, लोकसभा चुनावों में मराठा आरक्षण के मुद्दे ने महायुति की संभावनाओं को प्रभावित किया, इस दावे पर चव्हाण ने कहा कि सरकार ने कोटा मुद्दे के संबंध में निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनावों में मराठा कोटा का प्रभाव अधिक था। लोकसभा चुनावों के बाद शिंदे सरकार ने कई निर्णय लिए, जैसे 10 प्रतिशत आरक्षण; जिनके पास कुनबी प्रमाण पत्र थे, उन्हें आरक्षण दिया गया। लोगों को (कोटे के माध्यम से) नौकरियां भी मिलीं और (कोटा आंदोलन के दौरान लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए) मामले भी वापस लिए गए।’

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