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Syria War Explained: सीरिया के किस हिस्से पर किसका कंट्रोल? क्या विद्रोही असद सरकार को गिरा पाएंगे?

Syria War Explained: सीरिया एक बार फिर से गृहयुद्ध की आग में जलने लगा है और जैसे जैसे विद्रोही बलों की ताकत बढ़ती जा रही है, ना सिर्फ बशर अल असद की सरकार पर खतरे बढ़ गये हैं, बल्कि आशंका इस बात की ज्यादा है, कि एक बार फिर से लाखों लोगों के सिर से छत छिन जाएगा।

हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में विद्रोही सेनाएं अलेप्पो और दक्षिण में हामा की ओर बढ़ रही हैं। ये हमले अचानक किए गये हैं, जिससे सीरिया में 13 साल से चल रहे युद्ध का एक नया दौर शुरू हो गया है। सीरिया की सेना ने शनिवार को देश के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो से “अस्थायी रूप से सेना वापस बुलाने” की घोषणा की और कबूल किया, कि वह जवाबी हमले के लिए फिर से तैयारी कर रही है।

राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेनाओं ने 2016 से ईरान, रूस और हिज्बुल्लाह के समर्थन से अलेप्पो पर नियंत्रण कर रखा था, जब रूसी युद्धक विमानों के क्रूर हवाई अभियान से अल-असद को लगभग दो मिलियन की आबादी वाले शहर पर फिर से कब्जा दिलाने में मदद की थी।

सीरिया में कहां पर किसका कंट्रोल?

सीरिया में जमीन पर नियंत्रण के लिए चार अलग अलग समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है।

1- Syrian government forces: सीरिया की सरकार अपनी सेना, राष्ट्रीय रक्षा बलों, जो सरकार समर्थक अर्धसैनिक समूह है, उसके साथ मिलकर लड़ती है। सीरिया की सरकार देश के ज्यादातर हिस्सों को कंट्रोल करती है, जिनमें हमा, होम्स, दमस्कस, डारिया, डैर अज-जोर शामिल हैं। ये क्षेत्र देश का कुल 70 प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं।

2- Syrian Democratic Forces: यह कुर्द-प्रभुत्व वाला, संयुक्त राज्य अमेरिका समर्थित समूह है, जो पूर्वी सीरिया के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण रखता है। इसके पास सीरिया का एक बड़ा हिस्सा है, जदिनमें कामिशी और रक्का शामिल हैं। सीरिया सरकार के बाद सीरिया में सबसे ज्यादा क्षेत्र पर इसी का नियंत्रण है।

3- HTS and other allied rebel groups: एचटीएस अल-नुसरा फ्रंट का सबसे लेटेस्ट रूप है, जिसने 2016 में अलकायदा से अपने सभी संबंध खत्म करने की घोषणा की थी और कहा था, उसका मकसद दुनिया में जिहाद करना नहीं, बल्कि सीरिया में असद की सरकार को खत्म करना और इस्लामिक शासन को लागू करना है। इसने अभी तक अलेप्पो और इदलिब शहर पर कब्जा कर लिया है। इसने अब हमा की तरफ बढ़ना शुरू कर कर दिया है।

4- Turkish and Turkish-aligned Syrian rebel forces: सीरियन नेशनल आर्मी भी सीरिया में अपना वर्चस्व हासिल करने में जुटी है, जिसे तुर्की का समर्थन हासिल है। ये सीरिया के ताल अबयाद और रास अल-एन पर नियंत्रण रखता है। इसके अलावा इसका अफ्रीन शहर पर भी नियंत्रण है।

 

 

नया जंग कैसे शुरू हुआ?

बुधवार को, जिस दिन इजराइल और लेबनान के बीच युद्ध विराम लागू हुआ, एचटीएस के नेतृत्व में सीरियाई विपक्षी बलों ने उत्तर-पश्चिमी सीरिया के इदलिब प्रांत में अपने बेस से एक आक्रामक अभियान शुरू किया।

विद्रोही समूह का कहना है कि ये हमले हाल ही में सीरियाई सरकार द्वारा इदलिब के शहरों पर किए गए हमलों का बदला लेने के लिए किए गए हैं, जिनमें अरिहा और सरमादा शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों की मौत सहित दर्जनों नागरिक हताहत हुए हैं, और इसका उद्देश्य विद्रोही गढ़ पर भविष्य के हमलों को रोकना है।

यह ऑपरेशन 2020 के इदलिब युद्ध विराम के बाद से क्षेत्र में अल-असद की सेना के खिलाफ पहला बड़ा हमला था, जिसकी मध्यस्थता तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की थी।

बुधवार शाम तक, समूह ने पश्चिमी अलेप्पो प्रांत में आगे बढ़ते हुए, सैन्य स्थलों सहित, सरकार समर्थक बलों से कम से कम 19 कस्बों और गांवों पर कब्जा कर लिया था। सीरियाई शासन ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों पर गोलाबारी करके जवाब दिया, जबकि रूसी वायु सेना ने हवाई हमले किए हैं।

गुरुवार तक विद्रोहियों ने और ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और पूर्वी इदलिब के गांवों से सरकारी बलों को खदेड़ दिया था, फिर M5 राजमार्ग की ओर बढ़ना शुरू कर दिया, जो एक रणनीतिक सड़क है, जो दक्षिण में राजधानी दमिश्क की ओर जाती है, जो लगभग 300 किमी दूर है।

शुक्रवार तक विद्रोही बलों ने दो कार बम विस्फोट करने और शहर के पश्चिमी किनारे पर सरकारी बलों से भिड़ने के बाद अलेप्पो शहर के कुछ हिस्सों में प्रवेश किया था। सीरियाई राज्य टेलीविजन ने कहा, कि रूस सीरिया की सेना को हवाई सहायता प्रदान कर रहा है।

शनिवार तक, ऑनलाइन तस्वीरें और वीडियो प्रसारित होने लगे, जिनमें विद्रोही लड़ाके शहर में आगे बढ़ते हुए अलेप्पो के प्राचीन गढ़ के पास तस्वीरें लेते हुए दिखाई दे रहे थे।

अलेप्पो शहर पर कब्ज़ा करने के बाद विद्रोही दक्षिण की ओर बढ़ गए हैं, लेकिन इस बारे में परस्पर विरोधी रिपोर्टें हैं कि वे केंद्रीय शहर हामा तक पहुंच पाए हैं या नहीं। विपक्ष ने सुरक्षित क्षेत्रों का विस्तार करने और इदलिब में विस्थापित नागरिकों को हाल ही में “मुक्त” क्षेत्रों में अपने घरों में लौटने की अनुमति देने के प्रयास की घोषणा की है।

सीरिया में गृहयुद्ध: अलेप्पो एयरपोर्ट बंद, विद्रोहियों का शहर पर कब्जा, भीषण लड़ाई, क्या हैं ताजा हालात?

 

Syria Civil War: सीरिया, जो सालों से गृहयुद्ध की आग में जल रहा है, वहां एक बार फिर से हालात बिगड़ गये हैं और विद्रोहियों ने अलेप्पो शहर पर कब्जा कर लिया है, जिसके बाद देश में भीषण जंग भड़क गई है।

सीरियाई अधिकारियों ने शहर में विद्रोहियों के हमले के बाद अलेप्पो हवाई अड्डे को बंद कर दिया है और सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। सैन्य सूत्रों ने शनिवार को रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी है। इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में यह हमला पहली बार है, जब विपक्षी लड़ाके लगभग एक दशक पहले अपनी हार के बाद अलेप्पो के केंद्र में फिर से पहुंचे हैं।

सीरिया में अचानक क्यों बिगड़े हालात?

इस हमले को कॉर्डिनेट करने वाले एक ऑपरेशन रूम के मुताबिक, विद्रोहियों ने बुधवार को अचानक आश्चर्यजनक हमला शुरू किया था, जो सरकार के कब्जे वाले शहरों से होते हुए शुक्रवार देर रात तक अलेप्पो में पहुंच गए।

जैश अल-इज़्ज़ा ब्रिगेड के कमांडर मुस्तफा अब्दुल जाबेर ने कहा है, कि गाजा युद्ध की वजह से सीरिया में ईरान का समर्थन कमजोर पड़ गया है, जिसकी वजह से विद्रोहियों को एक बार फिर से अपने संघर्ष को तेज करने का मौकामिल गया है।

वहीं, तुर्की खुफिया विभाग से जुड़े विपक्षी सूत्रों ने बताया है, तुर्की ने हमले के लिए मौन स्वीकृति दी है। हालांकि, तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओन्कू केसेली ने कहा है, कि अंकारा क्षेत्रीय स्थिरता को प्राथमिकता देता है और उसने चेतावनी दी है, कि हाल के हमलों से मौजूदा डी-एस्केलेशन समझौतों को खतरा है।

वहीं, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के एक प्रमुख सहयोगी रूस ने हमले का मुकाबला करने के लिए दमिश्क को अतिरिक्त सैन्य सहायता देने का वादा किया है। दो सैन्य सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया है, कि “नए सैन्य हार्डवेयर 72 घंटों के भीतर आ जाएंगे।” क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने हमले की निंदा की और इसे सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और संवैधानिक व्यवस्था की तत्काल बहाली का आह्वान किया है।

विद्रोही गुटों का ताजा हमला, मार्च 2020 में किए गये बड़े हमले के बाद किया गया सबसे बड़ा हमला है, जब रूस और तुर्की ने शत्रुता को कम करने के लिए एक समझौता किया था। हलांकि, सीरियाई राज्य टेलीविजन ने विद्रोहियों के अलेप्पो शहर में प्रवेश करने की खबरों का खंडन किया है। साथ ही ये भी दावा किया है, कि रूसी हवाई हमलों ने अलेप्पो और इदलिब के ग्रामीण इलाकों में विद्रोहियों को भारी नुकसान पहुंचाने में सरकारी बलों की मदद की है।

नागरिकों को गंभीर नुकसान

नये सिरे से संघर्ष के शुरू होने के बाद ताजा हालात को लेकर यूनाइटेड नेशंस ने गंभीर चिंता जताई है। सीरिया संकट के लिए संयुक्त राष्ट्र के उप क्षेत्रीय मानवीय समन्वयक डेविड कार्डन ने कहा, “पिछले तीन दिनों में लगातार हमलों ने कम से कम 27 नागरिकों की जान ले ली है, जिनमें आठ साल की उम्र के बच्चे भी शामिल हैं।”

सरकारी मीडिया एजेंसी SANA ने बताया है, कि अलेप्पो में विद्रोहियों ने विश्वविद्यालय के छात्रावासों को निशाना बनाया है, जिसमें दो छात्रों सहित चार नागरिक मारे गए हैं। फिलहाल यह साफ नहीं हैं, कि ये मरने वाले, यूनाइटेड नेशंस की तरफ से बताए गये उन 27 लोगों में शामिल हैं या नहीं।

जैसे-जैसे लड़ाई तेज होती जा रही है, इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, कि इससे क्षेत्र में और ज्यादा अस्थिरता पैदा हो सकती है, जो पहले ही वर्षों से युद्ध और विस्थापन झेल रहा है।

दूसरी तरफ, तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु ने बताया है, कि सशस्त्र समूह अलेप्पो शहर के केंद्र में घुस गए हैं, लेकिन उसने कोई और जानकारी नहीं दी।

सीरियाई सेना ने शुक्रवार को कहा, कि उसने शहर पर एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया है।

सेना ने एक बयान में कहा, “हमारे बल सशस्त्र आतंकवादी समूहों द्वारा शुरू किए गए बड़े हमले को नाकाम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वे “कुछ स्थानों पर नियंत्रण वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं।”

लेकिन, इन सबसे बीच यूनाइटेड नेशंस ने कहा है, कि फिर से हालात बिगड़ने की वजह से अभी तक 14 हजार लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है।

कहां तक बिगड़ सकते हैं हालात?

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सौफान सेंटर के वरिष्ठ शोध साथी कॉलिन क्लार्क ने कहा, कि विद्रोही लड़ाकों के उत्तर-पश्चिमी सीरिया से आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, “वे इदलिब और अलेप्पो को कंट्रोल करने तक सीमित रह सकते हैं… मुझे लगता है कि वर्तमान क्षेत्र पर शासन करने में उनका पूरा हाथ है। मैं उनसे इस समय उत्तर-पश्चिमी सीरिया से आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं करूंगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि घटनाक्रम से सीरियाई सरकार के प्रमुख सहयोगी ईरान में चिंता पैदा होने की संभावना है। क्लार्क ने कहा, “ईरानी लोग खुश हैं। सुलेमानी की जो प्रतिरोध की यह धुरी, तथाकथित शिया अर्धचंद्र स्थापित करने की जो भव्य परियोजना थी, वो अब पिछले एक साल में ढह गई है।”

सीरिया में गृहयुद्ध को समझिए

सीरिया का गृह युद्ध तब शुरू हुआ था, जब राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना ने 2011 में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई की थी। पिछले कुछ वर्षों में, संघर्ष एक जटिल युद्ध में बदल गया है, जिसमें अल-असद के सहयोगी रूस, ईरान और लेबनानी सशस्त्र समूह हिज्बुल्लाह सहित विदेशी ताकतें शामिल हो गई हैं।

शुक्रवार को एक बयान के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अपने सीरियाई समकक्ष बासम अल-सब्बाग के साथ फोन पर बातचीत के दौरान “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सीरिया की सरकार, राष्ट्र और सेना के लिए ईरान के लगातार समर्थन पर जोर दिया।”

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने अलेप्पो की स्थिति को “सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन” बताया। उन्होंने “सीरिया की सरकार द्वारा इस जिले में जल्दी से व्यवस्था बहाल करने और संवैधानिक व्यवस्था को बहाल करने” के लिए समर्थन जताया है।