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SDM को थप्पड़ मारने वाला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा गिरफ्तार, पुलिस ने समरावता गांव से हिरासत में लिया

Rajasthan News: राजस्थान के टोंक जिले के समरवता गांव में एक अभूतपूर्व हिंसक घटना हुई। जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के समर्थकों और पुलिस के बीच देर रात जोरदार झड़प हुई। यह घटना उस समय भड़क उठी जब पुलिस ने नरेश मीणा और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज करने का प्रयास किया। इस पर उग्र भीड़ ने पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया और पथराव शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ी और बाद में पुलिसकर्मियों ने एक बूथ के भीतर शरण ली। इस मामले में अब देवली उनियारा से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को समरावता गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है।

निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने जड़ा SDM को थप्पड़ – फोटो : अमर उजाला

एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद से तनाव बढ़ा

इस पूरे विवाद की जड़ एक पूर्व घटना है। जब नरेश मीना ने देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान उप-विभागीय मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था। इस विवादास्पद हरकत के बाद से क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा था और यह झड़प उसी का नतीजा थी। पुलिस के साथ संघर्ष में दस से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। अधिकारी अब भी मौके पर स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन तनावपूर्ण माहौल ने कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पैदा कर दी है।

मुख्यमंत्री ने डीजीपी से रिपोर्ट तलब की, सख्त आदेश जारी

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी यूआर साहू से इस पर तुरंत रिपोर्ट मांगी और हालात से निपटने के लिए सख्त आदेश दिए हैं। इसके अलावा मंत्री कन्हैयालाल चौधरी को इस पूरे घटनाक्रम का आकलन करने और आवश्यक प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की इस त्वरित प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है कि राज्य के उच्च स्तर पर इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है।

गांव के समायोजन की मांग बना विवाद का कारण

यह विवाद मुख्य रूप से कचरावता ग्राम पंचायत के समरवता गांव के ग्रामीणों की उस मांग से जुड़ा है। जिसमें उन्होंने अपने गांव को उनियारा से देवली के बजाय पुनः उनियारा में शामिल करने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का तर्क है कि समरवता देवली से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबकि उनियारा महज 18 किलोमीटर दूर है। जिससे गांव के निवासियों के लिए उनियारा ही अधिक सुविधाजनक है। इसी मुद्दे को लेकर गांव वालों ने मतदान का बहिष्कार किया था। जिसमें नरेश मीणा ने उनका समर्थन किया। उनका दावा था कि प्रशासन लोगों को जबरन मतदान के लिए मजबूर कर रहा है।

जाट महासभा ने जताया आक्रोश, मीणा पर सख्त कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद से जाट महासभा में गहरा आक्रोश है। मालपुरा के महासभा सदस्यों ने टोंक कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन करते हुए एसडीएम पर हमले के लिए नरेश मीणा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और नरेश मीणा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जोरदार अपील की। महासभा की इस भागीदारी से स्पष्ट है कि इस घटना के सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव व्यापक हैं।

क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल, कानून-व्यवस्था पर संकट

समरवता गांव में बढ़ते तनाव ने स्थानीय समुदाय और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच टकराव को और गहरा कर दिया है। जनभावनाओं और प्रशासनिक कार्यवाही के बीच यह विवादित स्थिति टोंक जिले में शासन और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गई है। स्थानीय अधिकारियों का पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य किया जाए और समरवता सहित पूरे इलाके में शांति कायम हो। नरेश मीणा के खिलाफ संभावित कानूनी कार्रवाई और इस घटना के चुनावी प्रक्रिया पर पड़ने वाले प्रभावों पर अब सभी की नजरें टिकी हैं।

 

 

एक थप्पड से राजस्थान में मचा बवाल: इंटरनेट बंद-फोर्स तैनात, आंसू गैस छोड़ना पड़ा

राजस्थान के टोंक में चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार ने एसडीएम को थप्पड़ मारा। बवाल के बाद इंटरनेट बंद, पुलिस बल तैनात। ग्रामीणों ने तहसील बदलाव के विरोध में मतदान का बहिष्कार किया।

टोंक, राजस्थान के टोंक जिले की देवली.उनियारा विधानसभा क्षेत्र में बुधवार शाम से शुरू हुआ बवाल देर रात तक चला। समरावता गांव में हुए इस हिंसक घटनाक्रम में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के समर्थक और पुलिस के बीच झड़प में 15 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस को उग्र भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस को रातभर छापेमारी करनी पड़ी और गुरुवार सुबह तक इलाके में तनाव बना रहा। स्पेशल टास्क फोर्स और कई जिलों से बटालियन बुलाकर देवली में तैनात की गई है। प्रभावित इलाकों में देर रात इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

जब निर्दलीय उम्मीदवार ने एसडीएम को मारा थप्पड़

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब नरेश मीणा ने मतदान के दौरान एक एसडीएम को थप्पड़ मारा। नरेश मीणा का आरोप था कि गांव के लोग मतदान का बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें धमकाकर वोट डालने के लिए मजबूर किया। इसके बाद, जब पोलिंग पार्टियां बूथ से निकलने लगीं, तो नरेश मीणा और उनके समर्थक धरने पर बैठ गए। जब पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में झड़प हो गई। इस झड़प के बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उनके समर्थकों ने उसे छुड़ा लिया और स्थिति और भी बिगड़ गई।

इतना बवाल हुआ कि लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया

समरावता गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था, क्योंकि उन्हें यह शिकायत थी कि गांव को देवली तहसील से नगर फोर्ट तहसील में शामिल कर दिया गया था, जो करीब 100 किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों की मांग थी कि उनका गांव फिर से उनियारा तहसील से जुड़ा रहे, क्योंकि वह उनके लिए ज्यादा सुविधाजनक था। यह विरोध पहले से ही चल रहा था और इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार किया था।

नरेश मीणा ने बताया क्यों उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ मारा…

नरेश मीणा ने इस मामले में आरोप लगाया कि एसडीएम ने जबरन वोट डलवाए और उन्हें और अन्य कर्मचारियों को धमकाया। इसके बाद, नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा और समर्थकों को हिंसक तरीके से विरोध करने के लिए उकसाया। इस घटना के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया और इलाके में गश्त बढ़ा दी।

प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को कर दिया बंद

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया। वहीं, आरएएस एसोसिएशन ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग की है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे पेन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे।कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने कहा कि मतदान के बहिष्कार के मुद्दे को चुनाव बाद सुलझाया जाएगा और समरावता गांव को उनकी मांग के अनुसार उनियारा तहसील में जोड़ने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।