ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस का संयुक्त एयरोस्पेस और रक्षा निगम है। नई दिल्ली में मुख्यालय, यह क्रूज मिसाइलों का निर्माण करता है। इसकी स्थापना भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में की गई थी।

क्यों पड़ा कंपनी नाम ब्रह्मोस
कंपनी का नाम दो नदियों, भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा, के नाम से मिलकर बना है। कंपनी वर्तमान में ब्रह्मोस मिसाइल बनाती है जिसकी मारक क्षमता 800 किमी है और यह 2.8 मैक की गति से यात्रा कर सकती है। कथित तौर पर, निगम एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस-द्वितीय भी विकसित कर रहा है।
ब्रह्मोस भारत द्वारा निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षा उपकरण के रूप में उभरा है। जनवरी 2022 में, भारत और फिलीपींस ने 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत नई दिल्ली को दक्षिण एशियाई राष्ट्र को मिसाइलों की तीन बैटरी, उनके लॉन्चर और संबंधित उपकरण की आपूर्ति करनी थी। इस साल अप्रैल में भारत ने फिलीपींस को हथियार प्रणाली की पहली खेप सौंपी थी।
कौन हैं डॉ. जयतीर्थ राघवेंद्र जोशी?
इससे पहले डॉ. जयतीर्थ राघवेंद्र जोशी रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, डीआरडीओ के परियोजना निदेशक पर रहे। वर्ष 2021 में प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया गया था। डॉ. जोशी को यह सम्मान इंजीनियर्स दिवस समारोह के मौके पर ये पुरस्कार दिया गया। वे उस्मानिया विश्वविद्यालय से बी.टेक और एनआईटी वारंगल से पीएचडी प्राप्त डॉ. जोशी इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया (एफआईई), इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ प्रोडक्शन इंजीनियर्स सहित कई संस्थाओं के फेलो भी रहे हैं।