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Israel-Lebanon Ceasefire: भारत ने इजराइल-हिज्बुल्लाह युद्धविराम का किया स्वागत, जानिए क्या बोली दिल्ली?

 

Israel-Lebanon Ceasefire: भारत ने बुधवार सुबह से शुरू हुए इजराइल और लेबनान के बीच संघर्ष विराम का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है, कि उसने “हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है।”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, कि “हम इजराइल और लेबनान के बीच घोषित किए गए संघर्ष विराम का स्वागत करते हैं। हमने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है। हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी।”

वहीं, युद्ध विराम के बारे में बोलते हुए, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, कि युद्धविराम कितने दिनों तक चलेगा, ये लेबनान में क्या होता है, इसपर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, “हम समझौते को लागू करेंगे और किसी भी उल्लंघन का जोरदार तरीके से जवाब देंगे। हम जीत तक एकजुट रहेंगे।”

लेबनान में युद्ध, हमास की तरफ से 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर किए गये हमले के ठीक एक दिन बाद शुरू हुआ था, जब हिज्बुल्लाह ने गाजा पट्टी पर इजराइल की जवाबी कार्रवाई के बाद उत्तरी इजराइल में रॉकेट दागना शुरू कर दिया। लेबनानी समूह ने कहा था, कि वह फिलिस्तीनी समूह हमास के समर्थन में तब तक हमले करता रहेगा, जब तक इजराइल गाजा पट्टी में हमले करना बंद नहीं करेगा।

इजराइली प्रधानमंत्री ने युद्ध विराम समझौते के लिए तीन कारण गिनाए हैं:-

1- पहला कारण ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करना था, लेकिन वह इसका विस्तार नहीं करना चाहते हैं।

2- उनका दूसरा सुझाव था कि सेना को युद्ध विराम दिया जाए और स्टॉक को फिर से भरा जाए। उन्होंने कहा, कि “मैं खुले तौर पर कहता हूं, यह कोई रहस्य नहीं है कि हथियारों और युद्ध सामग्री की डिलीवरी में बड़ी देरी हुई है। ये देरी जल्द ही हल हो जाएगी। हमें एडवांस हथियारों की आपूर्ति मिलेगी, जो हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखेगी और हमें अपना मिशन पूरा करने के लिए ज्यादा स्ट्राइक फोर्स देगी।”

3- उन्होंने कहा कि युद्ध विराम का तीसरा कारण, मोर्चों को अलग करना और हमास को अलग-थलग करना है। उन्होंने कहा, कि “युद्ध के दूसरे दिन से ही हमास, हिज्बुल्लाह पर भरोसा कर रहा था कि वह उसके साथ लड़ेगा। हिज्बुल्लाह के युद्ध से बाहर होने के बाद हमास अकेला हो गया है। हम हमास पर अपना दबाव बढ़ाएंगे और इससे हमें अपने बंधकों को रिहा करने के पवित्र मिशन में मदद मिलेगी।”

C-390 विमान खरीदकर ब्राजील को LCA Tejas और Akash मिसाइल बेच पाएगा भारत? अरबों डॉलर की डील पर नजर

India-Brazil Defence News: डिफेंस इंडस्ट्री में खास मुकाम बनाने की चाहत लिए भारतीय डिफेंस डेलिगेशन ब्राजील का दौरा करने वाला है, जिसको लेकर रिपोर्ट है, कि ब्राजील से परिवहन विमान C-390 खरीदने और लड़ाकू जेट LCA Tejas बेचने को लेकर अहम चर्चा होने की उम्मीद है।

ब्राजील की विमान निर्माता कंपनी एम्ब्रेयर भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) को अपना सी-390 मिलेनियम मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बेचकर भारत के साथ बहुत बड़ी डील करना चाह रहा है और यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी खबरें हैं कि ब्राजील अपनी वायु सेना के लिए भारत में बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस खरीदने पर विचार कर रहा है।

दोनों देश डिफेंस सेक्टर में बड़ी छलांग लगा रहे हैं। जिंदल डिफेंस के साथ ब्राजील की टॉरस आर्मस का सहयोग, बढ़ते डिफेंस रिलेशन का एक बड़ा उदाहरण है। दोनों कंपनियों ने 51:49 इक्विटी अनुपात के साथ छोटे हथियारों की अलग अलग रेंज के निर्माण के लिए सहयोग किया है। उत्तर भारत में हिसार सुविधा में बनने वाले छोटे हथियार का ब्रांड नाम “जे डी टॉरस” होगा।

भारत और ब्राजील में होगी अहम डिफेंस डील?

भारतीय डिफेंस डेलिगेशन साओ जोस डॉस कैम्पोस में डिफेंस इंडस्ट्री को लेकर ब्राजील-भारत वार्ता (DID) के लिए 8 और 9 दिसंबर को ब्राजील की यात्रा करेगा। इस वार्ता में एम्ब्रेयर, ब्राजील के रक्षा मंत्रालय और ब्राजील सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिसके दौरान अरबों डॉलर के समझौते हो सकते हैं।

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने रियो में हाल ही में खत्म हुए G-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी चर्चा में डिफेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी और एयरोस्पेस सहित कई रणनीतिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने की ब्राजील की इच्छा व्यक्त की।

उनके एजेंडे में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के रखरखाव के लिए सहयोग की संभावना तलाशना शामिल होगा।

ब्राजील, लैटिन अमेरिकी देशों के लिए हथियार प्रणालियों के निर्माण के लिए भारत के साथ संयुक्त उत्पादन केंद्र स्थापित करने के लिए दिलचस्पी रखता है। छोटे हथियारों के बाद, यह अपने सी-390 को भारतीय वायुसेना के मध्यम परिवहन विमान (MTA) के लिए टेंडर पेश कर रहा है, ताकि भारतीय वायुसेना के पुराने हो चुके An-32 के बेड़े की जगह ले सके।

क्या ब्राजील से C-390 विमान खरीदेगा भारत?

मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है, कि भारत डिफेंस सर्किल में स्थानीय सह-उत्पादन के साथ सी-390 खरीदने का सौदा विचाराधीन है। बदले में, सरकार-से-सरकार समझौते में, ब्राजील, भारत में डिजाइन और निर्मित तेजस लड़ाकू विमान के लेटेस्ट वेरिएंट का ग्राहक बन सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिकस तेजस का एक नौसैनिक वेरिएंट भी है, जो ब्राजील की नौसेना की विमानन शाखा का हिस्सा बन सकता है, जो इसके A-4K/KU Skyhawks की जगह ले सकता है। वर्तमान में ब्राजील में मौजूद एकमात्र भारतीय कंपनी यूपी-आधारित एमकेयू कंपनी है। एमकेयू कुछ वर्षों से ब्राजील में है और उसने संघीय पुलिस, सैन्य पुलिस और सेना के साथ डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल किए हैं।

इसके अलावा, ब्राजील विशेष रूप से उन देशों का स्कॉर्पीन क्लब बनाना चाहता है, जो पनडुब्बियों का उत्पादन और संचालन करते हैं, ताकि टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान किया जा सके। भारत भी स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का संचालन करता है, लिहाजा ब्राजील में पनडुब्बियों के रखरखाव के लिए माज़गॉन डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) के लिए एक समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

ब्राजील अपनी पहली परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बी, अल्वारो अल्बर्टो विकसित कर रहा है। ब्राजील और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में बनाई गई पनडुब्बी के 2029 में लॉन्च होने की उम्मीद है। और यह पनडुब्बी ब्रह्मोस-एनजी सिस्टम से लैस हो सकती है।

ब्राजील के नए ग्रिपेन विमान के लिए ब्रह्मोस-एनजी एक जबरदस्त विकल्प हो सकता है, जो इसे एक एडवांस स्ट्राइक क्षमता प्रदान करता है जो इसकी आधुनिक वायु सेना के लिए परेफेक्ट साबित होगा।

2024 की शुरुआत में ब्राजील के डिफेंस प्रोडक्ट्स के सचिव मेजर-ब्रिगेडियर रुई चागास मेस्किटा ने कहा था, कि “जब हम भारत को देखते हैं, तो हम एक साथ काम करना चाहते हैं ताकि हम संयुक्त रूप से तैयार उत्पादों को भी विकसित कर सकें और लैटिन अमेरिकी बाजार में इन आम तौर पर विकसित उत्पादों को बेचने के लिए ब्राजील को एक केंद्र के रूप में उपयोग कर सकें।”

लैटिन अमेरिका के रक्षा बाजार का आकार 2024 में 1.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है और 2029 तक 1.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, लिहाजा भारत की नजर इस बाजार पर है।

इंडियन एयरफोर्स के लिए C-390

ब्राजील, इंडियन एयरफोर्स को अपना मिडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट कैरियर बेचना चाहता है और इसके लिए उसे टेंडर को आगे बढ़ाया है। ब्राजील की फर्म एम्ब्रेयर डिफेंस एंड सिक्योरिटी और भारतीय कंपनी महिंद्रा ने भारत में C-390 मिलेनियम मल्टी-मिशन विमान बनाने के लिए हाथ मिलाया है। भारतीय वायुसेना, भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत 40-80 विमानों को अपने बेड़े में शामिल करना चाहती है।

अगर ये सौदा होता है, तो इसमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और भारत में भी इस विमान का निर्माण लाइन बनाना शामिल हो सकता है, क्योंकि मौजूदा समय में भारत जो भी डिफेंस डील करता है, उसमें भारत में निर्माण की शर्त सबसे अहम होती है।

C-390 मिलेनियम एक मल्टी-मिशन, ट्विन-इंजन, जेट-संचालित, सामरिक परिवहन विमान है। यह 2019 में ब्राजीलियाई वायु सेना में शामिल हुआ था। और एम्ब्रेयर को उम्मीद है, कि एमटीए डील भारत में नागरिक विमानों के संयुक्त निर्माण के लिए रास्ता खोलेंगी।

ब्राजील के वायु सेना प्रमुख ने कहा है, कि C-390 पांच साल से ब्राजीलियन वायुसेना के साथ ऑपरेशन में है और इसने 15,000 घंटे उड़ान भरी है। उन्होंने कहा, कि “C-130 (अपनी मजबूती के लिए मशहूर अमेरिकी विमान) की तुलना में C-390 ज्यादा तेज है और कम से कम उतना ही भार उठा सकता है। हम इसे भारत को ऑफर कर रहे हैं और महिंद्रा के साथ एमओयू पहले ही हो चुका है। अब तक इसकी सर्विसेबिलिटी का स्तर 97 प्रतिशत से ज्यादा है।”

ब्राजील खरीदेगा आकाश मिसाइल

भारतीय “आयरन-डोम” माने जाने वाली आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) ब्राजील से ऑर्डर हासिल करने की रेस में है। भले ही चीन अपने स्काई ड्रैगन 50 को ब्राजील को बेचने की ख्वाहिश रखता है, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि ब्राजील के शीर्ष अधिकारी आकाश मिसाइलों के लिए सरकार-से-सरकार सौदे पर जोर दे रहे हैं।

ब्राजील के सैन्य प्रमुख जनरल टॉमस मिगुएल माइन रिबेरो पाइवा ने आकाश एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम हासिल करने के लिए भारत के साथ “सरकार-से-सरकार” समझौते का सुझाव दिया है।

कई डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है, कि भारत के लिए सौदा आसान है, क्योंकि भारत तभी ब्राजीलियन विमान खरीदेगा, जब ब्राजील भारत से फाइटर जेट और मिसाइल का सौदा करेगा, अन्यथा भारत के पास कई ऑप्शन हैं।

आकाश सिस्टम, 4 से 25 किलोमीटर की दूरी के बीच उड़ने वाले हेलीकॉप्टरों, लड़ाकू विमानों और यूएवी को प्रभावी ढंग से निशाना बना सकती है। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक है और लक्ष्य का पता लगाने से लेकर मार गिराने तक, इसका रिस्पांस टाइम काफी कम है। यह एक ही फायरिंग यूनिट का उपयोग करके कमांड गाइडेंस द्वारा 25 किलोमीटर की दूरी पर एक साथ चार हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है।

 

Constitution Day 2024: संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा-‘राष्ट्रीय एकता का मार्गदर्शक’

 

Constitution Day 2024: भारत ने आज अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनाई गई। जिसे संविधान दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर के नेताओं ने संविधान की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए इसे लोकतंत्र की आधारशिला बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अन्य प्रमुख नेताओं ने संविधान को भारतीय लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता का मार्गदर्शक दस्तावेज बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित की संविधान की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर भारतीय नागरिकों के प्रति गर्व व्यक्त करते हुए इसे लोकतंत्र के विकास में एक मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने संविधान के सिद्धांतों और आदर्शों को भारत के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को समृद्ध करने वाला मार्गदर्शक बताया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर संसद भवन में आयोजित विशेष समारोह में हिस्सा लिया और भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 जारी की।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने व्यक्त किए विचार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने संविधान के आदर्शों पर चलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इसे राष्ट्रीय एकता, न्याय और समानता का प्रतीक बताया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने और उनके पालन की सामूहिक प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे भारत के सामाजिक और लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने वाला आधार बताया है।

केंद्रीय नेताओं ने संविधान की प्रासंगिकता पर दिया जोर

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भारत की विविधता में संविधान के स्थायी प्रभाव पर चर्चा करते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का उल्लेख किया। इसे उन्होंने संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों का सटीक उदाहरण बताया। नितिन गडकरी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और अन्य राष्ट्र निर्माताओं को श्रद्धांजलि देते हुए संविधान को भारत में लोकतंत्र की आत्मा बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से संविधान के मूल्यों को आत्मसात करने और एक समतावादी समाज की दिशा में काम करने का आह्वान किया।

राज्य के नेताओं ने भी व्यक्त की श्रद्धांजलि

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने संविधान की समावेशिता और न्यायपूर्ण समाज को बढ़ावा देने की क्षमता की सराहना की। उन्होंने इसे भारत की एकता और प्रगति का प्रतीक बताया।

केसी वेणुगोपाल ने बताया गतिशील दस्तावेज

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने संविधान को एक गतिशील दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल भारत के उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है। बल्कि न्याय, समानता और समावेशिता को बढ़ावा देता है।

संविधान दिवस, आदर्शों और उपलब्धियों का उत्सव

संविधान दिवस का यह उत्सव भारतीय संविधान की लोकतांत्रिक आत्मा और इसके आदर्शों को जीवंत रखने का संदेश देता है। यह दिन न्याय, समानता और स्वतंत्रता के प्रति देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। भारतीय संविधान न केवल शासन का मार्गदर्शक है। बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा और पहचान को भी दर्शाता है।

संविधान दिवस 2024 का यह अवसर भारत की लोकतांत्रिक यात्रा और सामाजिक न्याय के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। नेताओं और नागरिकों ने मिलकर इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ को श्रद्धांजलि दी। जो भारत के प्रगति पथ का मार्गदर्शन करता रहा है। यह समारोह संविधान के आदर्शों के प्रति देश के नए संकल्प का प्रतीक बनकर उभरा है।

 

‘एक है तो सेफ है’ के नारे से गूंजा संसद, लोकसभा में ऐसे हुआ PM मोदी का जोरदार स्वागत, Video

Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा में हाथ जोड़कर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सत्ता पक्ष के सांसदों ने पीएम मोदी का स्वागत “मोदी, मोदी” और “एक है तो सुरक्षित है” के नारों से किया। महाराष्ट्र में अपने प्रचार अभियान के दौरान पीएम मोदी द्वारा पेश किए गए इस नारे ने भाजपा की हालिया चुनावी सफलता में अहम भूमिका निभाई है।

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जब प्रधानमंत्री मोदी संसद के निचले सदन में हाथ जोड़कर पहुंचे और अपनी सीट पर बैठे, तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने उनका स्वागत “मोदी, मोदी” और “एक है तो सेफ है” के नारों के साथ किया। नारे के बीच तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा संसद गूंज उठा।

देखिए लोकसभा में पीएम मोदी के स्वागत का Video

 

‘एक है तो सेफ है’ नारे का असर

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गढ़ा गया नारा “एक है तो सेफ है” महाराष्ट्र में भाजपा की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई है। महायुति गठबंधन का हिस्सा रही पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटें जीतीं। हिंदुत्व के नाम पर जातिगत विभाजन को दूर करने के लिए महाराष्ट्र में अपने प्रचार के दौरान पीएम मोदी द्वारा दिया गया नारा हाल ही में हुए चुनावों में भाजपा के लिए पासा पलट गया।

पीएम मोदी ने की कांग्रेस की आलोचना

शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसदीय चर्चा में बाधा डालने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मतदाताओं द्वारा बार-बार खारिज किए जाने वाले लोग अनियंत्रित व्यवहार के माध्यम से संसद को बाधित करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिक ऐसी हरकतों को नोटिस करते हैं और मौका मिलने पर उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। इस गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी शामिल है। इसके विपरीत, कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी केवल 46 सीटें ही हासिल कर पाई और सत्ता पर काबिज होने में विफल रही।

अकेले भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि महायुति गठबंधन में शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। इसके विपरीत, एमवीए में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 10 सीटें जीतीं, कांग्रेस को 16 और उद्धव बालासाहेब ठाकरे के शिवसेना गुट को 20 सीटें मिलीं।

Parliament Winter Session: ‘जिन्हें जनता ने 80 बार नकारा, वो संसद का काम रोकते हैं,’ PM मोदी का विपक्ष पर वार

संसद का सत्र सोमवार यानी आज से शुरू हो गया है। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने संसद परिसद से देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा जिन्हें जनता 80 बार नकार चुकी है वो संसद का काम रोकते हैं। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को कंट्रोल करने की कोशिश की है।
Parliament Winter Session 2024: PM मोदी का विपक्ष पर वार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। कांग्रेस मणिपुर हिंसा, संभल में हिंसा और दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण पर चर्चा करने पर अड़ा हुआ है। ऐसे में सदन में हंगामा होना तय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंचे गए हैं। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने संसद परिसद से देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘जिन्हें जनता 80 बार नकार चुकी है, वो संसद का काम रोकते हैं। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को कंट्रोल करने की कोशिश की है। ‘

मुट्ठी भर लोग करते हुड़दंगबाजी- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी से सदन को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है।उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि को रोकने से सफल होता नहीं। लेकिन उनकी ऐसी हरकतें देखकर जनता उन्हें नकार देती है। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों को 80-90 बार जनता नकार चुकी है।

उन्होंने आगे ये भी कहा, आज विश्व भारत की तरफ बहुत आशा भरी नजर से देख रहा है। इसलिए हमें संसद के समय का उपयोग वैश्विक स्तर पर भी भारत के बढ़े हुए सम्मान बल प्रदान करने में करना चाहिए।

 

विपक्ष लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे हुड़दंगियों को जनता सजा देती है। इन्हें जनता देख रही है। ऐसे लोग लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते। कुछ लोग न काम करते हैं न करने देते हैं। विपक्ष जनता जनार्दन की भावना का सम्मान करे।

यहां जानें संसद सत्र से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स

  • कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने अडानी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।
  • भारतीय सेना के थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेन्द्र द्विवेदी संसद पहुंचे।
  • वक्‍फ बोर्ड बिल पर विपक्ष ने रखी बड़ी मांग, कहा- जेपीसी की समय सीमा को बढ़ाया जाए।
  • लोकसभा की कार्रवाई 12 बजे तक स्‍थगित

 

पीएम मोदी ने कहा: देश का महामंत्र बन चुका है-एक हैं तो सेफ हैं…

PM Narendra Modi speech: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि, झारखंड चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शनिवार की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र की जीत का जश्न मनाने बीजेपी मुख्यालय पहुंचे। यहां उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह आदि नेताओं ने स्वागत किया।

जय भवानी का नारा से किया शुरूआत

महाराष्ट्र चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे तो उन्हें पता होगा कि वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का नारा लगता है। उन्होंने कहा कि हम यहां एक और ऐतिहासिक विजय का उत्सव मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है। विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की पराजय हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मजबूत किया है। मैं देशभर के बीजेपी के, एनडीए के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन सबका अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं एकनाथ शिंदे जी, परम मित्र देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार की भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

झारखंड में और मेहनत अब करेंगे

पीएम मोदी ने कहा कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाइयों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। बीजेपी का एक-एक कार्यकर्ता इसमें मदद करेगा। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जनता ने आज साबित कर दिया है कि तुष्टिकरण नहीं चलेगा।

50 साल की सबसे बड़ी जीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी भी प्रीपोल अलायंस के लिए यह सबसे बड़ी जीत है। यह लगातार तीसरी बार है जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। यह लगातार तीसरी बार है जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। यह निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। यह भाजपा के गवर्नेंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी है। यह दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा और एनडीए पर भरोसा करता है। साथ ही एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठां राज्य है जिसने बीजेपी को लगातार तीन बार जनादेश दिया है। इसके पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी एनडीए को तीन बार से ज्यादा बार जनादेश मिला है। आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया। यह जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है और हम इस विश्वास को बनाए रखने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे। मैं आज महाराष्ट्र की जनता जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना, यह महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दर्शाता है। कुछ लोगों ने बीच में धोखा देकर अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की लेकिन महाराष्ट्र ने नकार दिया है उन लोगों को और सजा भी दे दी है।

महाराष्ट्र ने कांग्रेस को खारिज कर दिया

पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा के बाद महाराष्ट्र ने सबसे बड़ा संदेश दिया कि एक हैं तो सेफ है। आज देश का महामंत्र बज चुका है। कांग्रेस और उसका इकोसिस्टम ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर बोलकर, एससी-एसटी-ओबीसी को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। लेकिन उनकी साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा कि एक हैं तो सेफ हैं। जाति-धर्म और भाषा, क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों सबक सिखाया है।

कांग्रेस के एजेंडा और चाल को महाराष्ट्र ने नकार दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस को मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला लेकिन इन लोगों ने कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी भाषा को क्लासिकल भाषा का दर्जा देने का काम किया। उन्होंने कहा कि इंडी वाले देश के बदले मिजाज को समझ नहीं पा रहे हैं। यह सच्चाई स्वीकार नहीं करना चाहते। देश का वोटर अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर नेशन फर्स्ट की भावना वाला है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं उनको वोटर देखना नहीं चाहता। देश का वोटर दूसरे राज्यों का भी आंकलन करता है। वह देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े प्रॉमिस करता है उनका परफार्मेंस करती है। महाराष्ट्र ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना में कैसा परफार्मेंस कर रहे हैं। पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे दूसरे राज्यों में किए गए उनका हाल क्या है। यही वजह है कि कांग्रेस को महाराष्ट्र ने खारिज कर दिया। कांग्रेस ने लोगों को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री तक उतारे लेकिन इनकी चाल सफल नहीं हो सकी। इनके खतरनाक चाल सफल हुआ न ही इनका एजेंडा सफल हुआ। महाराष्ट्र ने यह संदेश दिया है कि पूरे देश में एक ही संविधान चलेगा, वह संविधान है बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल 370 का दीवार बनाने का काम किया। महाराष्ट्र ने उनको नकार कर साफ संदेश दे दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई ताकत उसे वापस नहीं कर सकेगी।

Justin Trudeau: PM मोदी पर लांछन लगाकर जस्टिन ट्रूडो घर में ही घिरे, अपने ही अधिकारियों को कहा ‘क्रिमिनल’

Justin Trudeau News: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को अपने ही खुफिया अधिकारियों पर निशाना साधा और मीडिया को जानकारी लीक करने के लिए उन्हें “अपराधी” कहा है। जस्टिन ट्रूडो ने अपने अधिकारियों को उस वक्त ‘क्रिमिनल’ कहा, जब प्रधानमंत्री मोदी पर गंभीर आरोप लगाए गये थे।

शुक्रवार को ब्रैम्पटन में मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने खुफिया अधिकारियों पर बरसते हुए कहा, कि उन्होंने पहले ही विदेशी हस्तक्षेप की राष्ट्रीय जांच शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा, कि “दुर्भाग्य से हमने देखा है, कि मीडिया को शीर्ष-गुप्त जानकारी लीक करने वाले ‘अपराधी’ लगातार उन कहानियों को गलत साबित कर रहे हैं। इसलिए हमने विदेशी हस्तक्षेप की राष्ट्रीय जांच की, जिसने इस बात पर प्रकाश डाला है, कि मीडिया आउटलेट को जानकारी लीक करने वाले अपराधी, अपराधी होने के अलावा अविश्वसनीय भी हैं।”

ट्रूडो ने अपने ही खुफिया अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी क्यों जताई?

ट्रूडो का यह बयान उस मीडिया रिपोर्ट के एक दिन बाद आया है, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से जोड़ा गया है, जिसमें सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कथित साजिश भी शामिल है, जिसे कनाडाई सरकार ने “अटकलबाजी और गलत” करार दिया गया है।

एक अनाम वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी के हवाले से, द ग्लोब एंड मेल अखबार ने मंगलवार को बताया था, कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है, कि प्रधानमंत्री मोदी निज्जर की हत्या और अन्य हिंसक साजिशों के बारे में जानते थे। अधिकारी ने कहा, कि कनाडाई और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने हत्या के ऑपरेशन को गृह मंत्री अमित शाह से जोड़ा है। अधिकारी ने कहा कि डोभाल और जयशंकर भी इस बात की जानकारी में थे।

हालांकि, कनाडा के प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार नैथली जी ड्रोइन ने इन दावों को खारिज कर दिया, जबकि एक दिन पहले ही भारत ने इस रिपोर्ट को “बदनाम करने का अभियान” करार दिया था।

 

कनाडा पुलिस ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया

प्रिवी काउंसिल ऑफिस द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में, ड्रोइन ने कहा, “14 अक्टूबर को, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और निरंतर खतरे के कारण, RCMP और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधि के सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया।”

हालांकि, उन्होंने कहा, “कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने वाले सबूतों के बारे में कुछ नहीं कहा है, न ही उसे इसकी जानकारी है। इसके विपरीत कोई भी सुझाव, अटकलें और गलत, दोनों है।”

14 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के कमिश्नर माइक डुहेम ने व्यापक हिंसा, हत्याओं और भारत सरकार के “एजेंटों” से जुड़ी सार्वजनिक सुरक्षा के खतरे की चेतावनी दी थी।

डुहेम के कॉन्फ्रेंस के कुछ घंटों बाद, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संवाददाताओं से कहा, “मेरा मानना ​​है कि भारत ने अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल करके कनाडाई लोगों पर हमला करने, उन्हें अपने घर में असुरक्षित महसूस कराने और इससे भी अधिक, हिंसा और यहां तक ​​कि हत्या की घटनाओं को अंजाम देने के लिए एक बड़ी गलती की है।

उन्होंने कहा, कि यह “अस्वीकार्य है।”

26 अक्टूबर को कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने आरोप लगाया था, कि भारतीय गृह मंत्री शाह ने कनाडा के अंदर सिख अलगाववादियों को निशाना बनाकर हिंसा, धमकी और खुफिया जानकारी जुटाने का अभियान चलाने का आदेश दिया है।

भारत ने रिपोर्ट को “हास्यास्पद” बताया

बुधवार को नई दिल्ली में, ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, कि इस तरह के “हास्यास्पद बयानों” को उसी अवमानना ​​के साथ खारिज किया जाना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं और “इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं”।

खालिस्तानी अलगाववादियों को कनाडा के कथित समर्थन और निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप के कारण भारत-कनाडा संबंधों में गहरी खटास बनी हुई है, जिसकी पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिछले महीने भारत-कनाडा संबंधों में और गिरावट तब आई, जब कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और कुछ अन्य राजनयिकों को हत्या से जोड़ा था, जिसपर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

महाराष्ट्र की जीत को बताया ऐतिहासिक, झारखंड में इंडी गठबंधन को दी बधाई; चुनाव नतीजों पर आया पीएम मोदी का रिएक्शन

Election Results महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों पर पीएम मोदी ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए इसे सुशासन और विकास की जीत बताई है। वहीं हेमंत सोरेन और जेएमएम गठबंधन को झारखंड में विजय के लिए बधाई दी है। पीएम ने कहा कि एनडीए के जनहितैषी प्रयासों की गूंज हर जगह सुनाई दे रही है।

पीएम ने कहा कि एनडीए के जनहितैषी प्रयासों की गूंज हर जगह सुनाई दे रही है। (File Image)

HighLights

  1. पीएम ने महाराष्ट्र की जीत को बताया विकास और सुशासन की जीत।
  2. कहा- महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा महायुति गठबंधन।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति की प्रचंड जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह विकास और सुशासन की जीत है। वहीं झारखंड में जीत पर पीएम ने हेमंत सोरेन और JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन को बधाई दी है।

पीएम ने महाराष्ट्र के नतीजों पर एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘विकास की जीत! सुशासन की जीत! एकजुट होकर हम और भी ऊंचे उठेंगे। एनडीए को ऐतिहासिक जनादेश देने के लिए महाराष्ट्र के मेरे भाई-बहनों, खासकर राज्य के युवाओं और महिलाओं का हार्दिक आभार। यह स्नेह और गर्मजोशी अद्वितीय है। मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा। जय महाराष्ट्र।’

झारखंड में जेएमएम गठबंधन को दी बधाई

वहीं पीएम मोदी ने झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कहा, ‘मैं झारखंड के लोगों को हमारे प्रति उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। हम लोगों के मुद्दों को उठाने और राज्य के लिए काम करने में हमेशा सबसे आगे रहेंगे। मैं राज्य में उनके प्रदर्शन के लिए JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन को भी बधाई देता हूं।’

करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुझे एनडीए के हर कार्यकर्ता पर गर्व है, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया। उन्होंने कड़ी मेहनत की, लोगों के बीच गए और हमारे सुशासन के एजेंडे पर विस्तार से बात की।’

यह जीत हर महाराष्ट्रवासी की जीत: शाह

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की जीत पर कह है कि प्रचंड जनादेश ने झूठ के सहारे संविधान के नकली हितैषी बनने वालों की दुकान पर ताला लगाने का काम किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘जय महाराष्ट्र। इस ऐतिहासिक जनादेश के लिए महाराष्ट्र की जनता का कोटि-कोटि वंदन। छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबासाहेब आंबेडकर जी, ज्योतिबा फुले जी और वीर सावरकर जी की पुण्यभूमि महाराष्ट्र ने विकास के साथ-साथ संस्कृति और राष्ट्र को सर्वोपरि रखने वाले महायुति गठबंधन को इतना प्रचंड जनादेश देकर भ्रम और झूठ के सहारे संविधान के नकली हितैषी बनने वालों की दुकान पर ताला लगाने का काम किया है। यह जीत हर एक महाराष्ट्रवासी की जीत है।’

झारखंड की जनता का व्यक्त किया आभार

वहीं अमित शाह ने झारखंड में भाजपा को सबसे अधिक मत प्रतिशत का आशीर्वाद देने के लिए प्रदेश वासियों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह झारखंड भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

गृह मंत्री ने लिखा, ‘भाजपा के लिए जनजातीय समाज की आकांक्षाओं की पूर्ति और उनकी अस्मिता की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। NDA की केंद्र सरकार झारखंड वासियों की उन्नति, प्रगति और जनजातीय विरासतों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और मोदी जी के नेतृत्व में हम निरंतर इस दिशा में कार्य करते रहेंगे। भाजपा झारखंड में एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।’

भारत ने लगाई फटकार तो कनाडा के बदले सुर, अब ट्रूडो बोले- पीएम मोदी पर लगे आरोपों का हमारे पास कोई सबूत नहीं

Canada india Conflict कनाडा सरकार के सुर अब बदल गए हैं और आज ही कनाडा सरकार ने एक बयान जारी कर पीएम मोदी और अन्य भारतीय अधिकारियों पर लगे आरोपों को खुद ही निराधार बताया है। कनाडा सरकार ने कहा कि हमारे पास प्रधानमंत्री मोदी जयशंकर और एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने के लिए कोई सबूत नहीं है।

Canada india Conflict कनाडा पीएम की अकल आई ठिकाने।

एएनआई, नई दिल्ली। Canada india Conflict भारत की कड़ी फटकार के बाद अब कनाडा सरकार के सुर बदल गए हैं। आज कनाडा सरकार ने सिख आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर मामले में एक बयान जारी कर पीएम मोदी और अन्य भारतीय अधिकारियों पर लगे आरोपों को खुद ही निराधार बताया है।

पीएम मोदी और जयशंकर पर लगे आरोपों को नकारा

बयान में कहा गया है कि 14 अक्टूबर को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और निरंतर खतरे के कारण, RCMP और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधि के सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया।

हालांकि, कनाडा सरकार के पास प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर और एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने के लिए कोई सबूत नहीं है और न ही उसे इसके बारे में पता है। सरकार ने कहा कि ये केवल अटकलें हैं।

पहले क्या बोला था कनाडा?

कनाडा की एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री को सिख आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या की कथित साजिश के बारे में पता था। एक अनाम अधिकारी के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।

हालांकि, भारत ने इस रिपोर्ट को बदनाम करने वाला अभियान करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की।

भारत सरकार ने क्या दिया जवाब?

भारत ने इस रिपोर्ट का कड़ा विरोध जताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस तरह के आरोप हास्यास्पद हैं और उनका सही से जवाब देना जरूर है। उन्होंने कहा, इस तरह का बदनाम करने वाला अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाता है। जायसवाल कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल में छपी रिपोर्ट के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।

कनाडा में निज्जर की हुई थी हत्या

बता दें कि जून 2023 में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, अभी तक इस बात से पर्दा नहीं उठ पाया है कि ये हत्या किसने की है।

कनाडा सरकार ने आरोप लगाया था भारत सरकार के अधिकारियों का इस हत्या में हाथ है। बता दें कि निज्जर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करता था। भारत ने कई बार निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की थी, लेकिन कनाडा ने न सिर्फ शरण दी, बल्कि नागरिकता भी दी।

‘लोकतंत्र हमारे DNA, दृष्टि, आचार और व्यवहार में है’, गयाना में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गयाना दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने यहां गुरुवार 21 नवंबर को संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखा दिया है कि लोकतंत्र हमारे DNA में है, दृष्टि में है, आचार और व्यवहार में है।’

पीएम नरेंद्र मोदी ने गयाना में बोलते हुए कहा, ‘भारत और गयाना का रिश्ता बहुत गहरा है, यह मिट्टी, पसीने और परिश्रम का रिश्ता है। करीब 180 साल पहले एक भारतीय गयाना की धरती पर आया था और उसके बाद से खुशी और गम दोनों ही स्थितियों में भारत और गयाना का रिश्ता आत्मीयता से भरा रहा है।’

पीएम ने कहा कि 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं जहां ताम-झाम हो चकाचौंध हो। लेकिन, मुझे गयाना की विरासत और इतिहास को जानना था समझना था। आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे जिन्हें मुझसे हुई मुलाकात याद होगी। मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं।

इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 200-250 वर्षों में भारत और गुयाना ने एक जैसी गुलामी देखी है, एक जैसा संघर्ष देखा है। आजादी की लड़ाई में कितने ही लोगों ने यहां-वहां अपनी जान कुर्बान की। आज दोनों देश दुनिया में लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं। इसलिए, गुयाना की संसद में, मैं भारत के 140 करोड़ लोगों की तरफ से आप सभी का अभिनंदन कर रहा हूं।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सामने जिस तरह की स्थिति है, उसमें आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है ‘लोकतंत्र पहले और मानवता पहले’-‘लोकतंत्र पहले’ का विचार हमें सबको साथ लेकर चलना और सबके विकास के साथ आगे बढ़ना सिखाता है। ‘मानवता पहले’ का विचार हमारे निर्णयों की दिशा तय करता है।

जब ‘मानवता पहले’ के विचार के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं, तो परिणाम मानवता के हित में होते हैं। समावेशी समाज के निर्माण के लिए लोकतंत्र से बड़ा कोई दूसरा माध्यम नहीं है…दोनों देशों ने मिलकर दिखा दिया है कि लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखा दिया है कि लोकतंत्र हमारे DNA में है, दृष्टि में है, आचार और व्यवहार में है।

कहा कि हम कभी विस्तारवाद की सोच के साथ आगे नहीं बढ़े हैं। हम हमेशा संसाधनों पर कब्ज़ा करने की सोच से दूर रहे हैं। मेरा मानना ​​है कि चाहे अंतरिक्ष हो या समुद्र, यह सार्वभौमिक सहयोग का विषय होना चाहिए, सार्वभौमिक संघर्ष का नहीं। दुनिया के लिए भी यह संघर्ष का समय नहीं है, यह संघर्ष पैदा करने वाली स्थितियों को पहचानने और उन्हें दूर करने का समय है।

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