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हिंसक विरोध प्रदर्शन, मौतें, इंटरनेट बंद: इमरान खान के समर्थक इस्लामाबाद में कैसे अराजकता फैला रहे हैं?

Pakistan Protest: इस्लामाबाद में अराजकता फैला हुआ है और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक देश की राजधानी में उत्पात मचा रहे हैं। अभी तक कम से कम 7 लोग मारे गये हैं, जिनमें चार पुलिसवाले हैं। दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं।

इमरान खान के समर्थक उनके ‘अंतिम आह्वान’ की घोषणा के बाद इस्लामाबाद में उनकी रिहाई की मांग के साथ जुटे हैं और उनकी पत्नी बुशरा बीबी इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सदस्य, अन्य नेता और पाकिस्तान भर से इमरान खान के हजारों समर्थक रविवार से ही राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं।

वे खान की जेल से रिहाई की मांग कर रहे हैं और साथ ही शहबाज शरीफ की सरकार के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं। इमरान समर्थकों का दावा है, कि चुनाव में धांधली हुई है।

लेकिन पाकिस्तान में क्या हो रहा है?

सीएनएन के अनुसार, मंगलवार सुबह इस्लामाबाद में जीरो पॉइंट पर प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इंडिया टुडे के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने डी-चौक की ओर अपना मार्च फिर से शुरू कर दिया है। डी-चौक, जिसे अक्सर डेमोक्रेसी चौक या गाजा चौक के नाम से जाना जाता है, इस्लामाबाद में कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों के पास स्थिति एक सार्वजनिक चौक है।

अल जजीरा के अनुसार, इमरान खान के समर्थक डी-चौक से 10 किलोमीटर से भी कम दूरी पर हैं। पाकिस्तान रेंजर्स को रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में तैनात किया गया है, जबकि पुलिस दंगा रोधी गियर में तैयार है।

अधिकारियों ने पानी की बौछारें फेंकने वाले टैंकर मशीने भी तैनात की हैं।

अल जजीरा के कमाल हैदर ने स्थिति को “बेहद तनावपूर्ण” बताया।

हैदर ने कहा, “प्रदर्शनकारी अब शहर के भीतर हैं। यह बहुत चिंता की बात है, क्योंकि ऐसी खबरें हैं कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को कुचलने वाली है।”

हैदर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसी भी स्थिति में डी-चौक तक पहुंचना चाहते हैं, भले ही इस कोशिश में उनकी जान ही क्यों ना चली जाए।

उन्होंने कहा, “यही वह जगह है, जहां वे सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे। इसलिए, वास्तव में तनाव बहुत ज़्यादा है।”

 

 

सीएनएन ने पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों के हवाले से बताया, कि पांच लोगों की मौत हो गई है, जिनमें चार सुरक्षा अधिकारी और एक नागरिक शामिल हैं।

कई स्रोतों ने कहा कि एक कार से उन्हें बेरहमी से कुचला गया था।

डॉन के मुताबिक, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने “शहीद हुए चार रेंजर्स कर्मियों को श्रद्धांजलि” दी है।

पाकिस्तानी आंतरिक मंत्रालय ने हमलों के लिए “शत्रुओं” को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन उनकी पहचान नहीं बताई, कहा कि चार सैनिक मारे गए हैं।

बयान में कहा गया, “हम शहीदों के परिवारों के साथ खड़े हैं और हमेशा उनके साथ रहेंगे।”

प्रांतीय पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने कहा, कि अकेले पंजाब प्रांत में एक पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, कम से कम 119 अन्य घायल हो गए और इस्लामाबाद के बाहर और अन्य जगहों पर हुई झड़पों में 22 पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने कहा, कि दो अधिकारियों की हालत गंभीर है।

इमरान खान की पार्टी ने कहा है, कि उसके कई कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं।

‘इमरान खान के लिए अंतिम लड़ाई’

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, कि “यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन नहीं है। यह चरमपंथ है।” उन्होंने इस रक्तपात की निंदा करते हुए कहा, कि इसका उद्देश्य “बुरी राजनीतिक मंशा” को पूरा करना है।

डॉन ने शरीफ के हवाले से कहा कि पीटीआई एक “अराजकतावादी समूह है जो रक्तपात चाहता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “नापाक राजनीतिक एजेंडे के लिए रक्तपात अस्वीकार्य और अत्यधिक निंदनीय है।”

इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी और उनके प्रमुख सहयोगी अली अमीन गंदापुर, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने मंगलवार को सुबह राजधानी में एक मार्च का नेतृत्व किया है। खान के समर्थकों का कहना है, कि ये लड़ाई आखिरी दम तक चलेगी।

शहबाज सरकार ने इस्लामाबाद में प्रमुख सड़कों और गलियों को ब्लॉक करने के लिए शिपिंग कंटेनरों का इस्तेमाल किया है, जिसमें पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को दंगा रोधी गियर में गश्त के लिए तैनात किया गया है।

 

 

अधिकारियों और चश्मदीदों ने बताया है, कि प्रदर्शनकारियों को दूर रखने के लिए पूर्वी प्रांत में शहरों और टर्मिनलों के बीच सभी सार्वजनिक परिवहन को भी बंद कर दिया गया था। प्रांतीय सूचना मंत्री उज्मा बुखारी ने कहा, कि इमरान खान के लगभग 80 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है।

रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने स्थानीय जियो न्यूज टीवी को बताया, कि सरकार ने स्थिति को शांत करने के लिए इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के नेताओं से बातचीत करने की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह एक ईमानदार प्रयास था, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।”

नकवी ने कहा, कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों का सामना करने में “अत्यधिक संयम” दिखाया, जिनमें से कुछ ने उनके अनुसार गोलियां चलाईं, जबकि पुलिस ने केवल रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे हैं।

उन्होंने कहा, “गोली का जवाब गोली से देना आसान है।”

नकवी ने सीएनएन से कहा, “रेंजर्स गोली चला सकते हैं और पांच मिनट के बाद वहां कोई प्रदर्शनकारी नहीं होगा। यहां पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार ने इमरान खान की पार्टी को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में खुले मैदान में धरना देने की अनुमति दी है।

उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं ने यह प्रस्ताव खान के सामने जेल में रखा, लेकिन “हमें अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।” नकवी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को संसद के बाहर पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी, कि अगर वे नहीं माने तो सरकार “चरम” कदम उठाने के लिए मजबूर होगी, जिसमें कर्फ्यू लगाना या सेना को बुलाना शामिल हो सकता है।

उन्होंने कहा, “हम उन्हें अपनी लाल रेखा पार नहीं करने देंगे।”

 

 

देखते ही गोली मारने के आदेश

लेकिन, इमरान खान की पार्टी ने सरकार पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अत्यधिक हिंसा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।

इमरान खान के एक सहयोगी शौकत यूसुफजई ने जियो न्यूज को बताया, “वे लाइव गोलियां भी चला रहे हैं।”

रॉयटर्स टीवी और स्थानीय टीवी फुटेज में पुलिस को इमरान खान के समर्थकों पर आंसू गैस के गोले दागते हुए दिखाया गया, जो उन पर पत्थर और ईंटें फेंक रहे थे।

वीडियो में इस्लामाबाद के बाहर मुख्य मार्च के दौरान वाहनों और पेड़ों को आग लगाते हुए दिखाया गया है, क्योंकि कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को शिपमेंट कंटेनरों को धक्का देकर हटाते और आगे बढ़ते हुए देखा गया है।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वीडियो में इमरान खान को गैस मास्क और सुरक्षात्मक चश्मे पहने हुए दिखाया गया है।

सीएनएन ने वरिष्ठ पीटीआई नेता कामरान बंगश के हवाले से कहा, कि वे “दृढ़ निश्चयी हैं और हम इस्लामाबाद पहुंचेंगे।”

बंगश ने कहा, “हम एक-एक करके सभी बाधाओं को पार करेंगे।”

डॉन ने रेडियो पाकिस्तान के हवाले से बताया, कि मंगलवार को “उपद्रवियों से निपटने” के लिए पाकिस्तानी सेना को इस्लामाबाद बुलाया गया था।

रेडियो पाकिस्तान ने कहा, “अनुच्छेद 245 के तहत, पाकिस्तानी सेना को बुलाया गया है और उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश जारी किए गए हैं।”

रेडियो ने कहा, कि “उपद्रवियों और अराजकता फैलाने वालों को देखते ही गोली मारने के स्पष्ट आदेश भी जारी किए गए हैं।” ब्लूमबर्ग ने बताया कि सुरक्षा कारणों से इस्लामाबाद में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है। राजधानी के कुछ इलाकों में मोबाइल फोन सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

पाकिस्तान बना ‘कंटेनरिस्तान’, जेल से पाकिस्तान का राजनीतिक एजेंडा कैसे चला रहे हैं इमरान खान?

Imran Khan Pakistan Protest: इमरान खान के समर्थक लगातार इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी राजधानी में दाखिल हो चुके हैं और हजारों रास्ते में हैं, लिहाजा शहबाज शरीफ की सरकार ने इस्लामाबाद में एक तरह से लॉकडाउन लगा दिया है।

और यह सब इमरान खान की वजह से है। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री के हजारों समर्थक जेल से उनकी रिहाई की मांग को लेकर राजधानी की ओर कदम से कदम मिलाकर मार्च कर रहे हैं। इमरान खान की पार्टी PTI ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दर्जनों ऐसे वीडियो पोस्ट किए हैं, जिसमें इमराम समर्थकों को राजधानी की तरफ मार्च करते हुए देखा जा रहा है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन रविवार को शुरू हुआ और ये तेजी से बढ़ रहा है। इमरान खान की पार्टी उस वक्त प्रदर्शन कर रही है, जब बेलारूस के राष्ट्रपति 78 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्लामाबाद पहुंचे हैं, लिहाजा इमरान समर्थकों का प्रदर्शन, सरकार के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। इससे पहले इमरान समर्थकों ने एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भी प्रदर्शन करने के लिए इस्लामाबाद मार्च करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में सरकार के साथ उनका समझौता हो गया और वो बाद में रैली करने के लिए तैयार हो गये और अब उनका प्रदर्शन चल रहा है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा है, कि ‘प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली बुशरा बीबी, जो इमरान खान की पत्नी हैं, उन्हें ताकत का अहसास हो रहा है और वो खून के गंध की खूशबू सूंघ सकती हैं।’

 

 

इमरान खान के समर्थकों की मांगें क्या हैं?

इमरान खान पिछले साल अगस्त से जेल में हैं और 2022 में संसद द्वारा सत्ता से बाहर किए जाने के बाद से उन पर भ्रष्टाचार से लेकर हिंसा भड़काने तक के सौ से ज्यादा मामले दर्ज किए गये हैं।

डॉन के मुताबिक, इमरान खान ने 13 नवंबर को अपने समर्थकों से “अंतिम आह्वान” विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया था। खान ने अपने समर्थकों से “चोरी किए गए जनादेश, अन्यायपूर्ण गिरफ्तारियों” और जिसे उन्होंने तानाशाही शासन कहा, उसके खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की। पीटीआई की मांगों में इमरान खान सहित उसके सभी नेताओं की रिहाई और मौजूदा सरकार का इस्तीफा शामिल है, क्योंकि उसका कहना है, कि इस साल चुनाव में धांधली हुई है। बीबीसी के अनुसार, विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व उनकी पत्नी बुशरा बीबी कर रही हैं।

बुशरा बीबी को जनवरी में इमरान खान के साथ जेल भेजा गया था, लेकिन अक्टूबर के अंत में उन्हें जमानत दे दी गई।

पाकिस्तान की राजधानी में रविवार को विरोध प्रदर्शनों से पहले सुरक्षा के लिहाज से नाकेबंदी कर दी गई थी।

सरकार ने इस्लामाबाद की ओर जाने वाले राजमार्गों को ब्लॉक कर दिया है, जिसके माध्यम से इमरान खान के समर्थक, उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में, शहर की ओर बढ़ने और संसद के पास इकट्ठा होने की कोशिश कर रहे हैं।

इस्लामाबाद जाने वाली करीब करीब सभी रास्तों को शिपिंग कंटेनरों का उपयोग करके ब्लॉक कर दिया गया है और पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों की बड़ी टुकड़ियां दंगा-रोधी गियर में तैनात की गई हैं।

पाकिस्तान में मोबाइल फोन सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स बंद कर दिए गये हैं। देश में एक्स (ट्विटर) पहले से ही बंद है।

डॉन के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों और देश भर से आए पीटीआई के काफिले के मार्ग को बाधित कर दिया गया है, जो राजधानी तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इस्लामाबाद पुलिस ने एक बयान में कहा कि कानूनी प्रावधानों के तहत किसी भी तरह के जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

वैश्विक इंटरनेट निगरानी संस्था नेटब्लॉक्स ने एक्स पर कहा, कि लाइव मेट्रिक्स से पता चला है कि विरोध प्रदर्शनों से पहले व्हाट्सएप मैसेजिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इमरान खान के एक प्रमुख सहयोगी अली अमीन गंदापुर, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री हैं और उनसे इस्लामाबाद में सबसे बड़े काफिले का नेतृत्व करने की उम्मीद है, उन्होंने लोगों से शहर के रेड जोन के प्रवेश द्वार के पास इकट्ठा होने का आह्वान किया, जिसे “डी चौक” के रूप में जाना जाता है।

इस्लामाबाद के रेड जोन में देश की संसद भवन, महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठान, साथ ही दूतावास और विदेशी संस्थानों के कार्यालय हैं।

शनिवार को एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “इमरान खान ने हमसे कहा है कि जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक हम वहीं रहें।”

बुशरा बीबी ने रविवार को इस्लामाबाद जाते समय रास्ते में ब्रेक ले रहे कुछ समर्थकों को चेतावनी दी।

बीबीसी के अनुसार, बीबी ने भीड़ से कहा, “अपने वाहनों में ही रहें और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए तेजी से आगे बढ़ें। हम इस तरह समय बर्बाद कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “हम इमरान खान को वापस लाने के लिए यहां हैं और हम उनके बिना वापस नहीं जाएंगे। अपने वाहनों में बैठ जाएं ताकि हम जल्दी पहुंच सकें।” आउटलेट के अनुसार, पुलिस ने उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आंसू गैस छोड़ी, जबकि प्रदर्शनकारियों ने उन पर प्रोजेक्टाइल दागे।

काफिला शहर के करीब पहुंच रहा है।

 

 

पीटीआई नेता शौकत यूसुफजई ने डॉन को बताया कि काफिले अपने विशाल आकार के कारण धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने “बड़ी रैली” को देखते हुए वापस ले लिया।

यूसुफजई ने दोहराया कि केपी सीएम गंदापुर का इरादा डी-चौक तक “शांतिपूर्ण तरीके से लेकिन किसी भी कीमत पर” पहुंचने का है। उन्होंने कहा कि जुलूस बुरहान, अटक के पास मोटरवे पर है।

पीटीआई नेता सनम जावेद खान ने सोमवार दोपहर कहा, कि उनका काफिला हसनअब्दल में था।

उन्होंने दावा किया कि बुशरा, गंदापुर, बाबर सलीम स्वाति और उमर अयूब खान काफिले में मौजूद थे।

सोमवार को एक विद्रोही बीबी ने प्रदर्शनकारियों से बात की।

उन्होंने कहा, “जब तक खान हमारे पास नहीं आते, हम यह मार्च खत्म नहीं करेंगे। मैं अपनी आखिरी सांस तक खड़ी रहूंगी और आपको मेरा साथ देना होगा। यह सिर्फ मेरे पति के बारे में नहीं है, बल्कि इस देश और इसके नेता के बारे में है।”

वहीं, पीटीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष गौहर अली खान और सांसद अली मुहम्मद खान सहित कई नेताओं ने सोमवार को इमरान खान से मुलाकात की।

हालांकि, इस्लामाबाद के निवासी खुश नहीं हैं।

इस्लामाबाद के निवासी 35 वर्षीय मुहम्मद आसिफ ने बंद बाजार के सामने कहा, “ये लगातार विरोध प्रदर्शन अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रहे हैं और अस्थिरता पैदा कर रहे हैं… हम चाहते हैं कि राजनीतिक नेतृत्व एक साथ बैठकर इन मामलों को सुलझाए।”

बीबीसी के अनुसार, शहर को एक नया उपनाम दिया गया है – “कंटेनरिस्तान।”

एक निवासी ने कहा, “यह थका देने वाला है। हर दिन कुछ नया होता है, लेकिन कंटेनर हमेशा वहीं रहते हैं।”

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इमरान खान के समर्थक अमेरिका और कनाडा सहित विदेशों में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

 

 

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

इंडिया टुडे से बात करते हुए सुशांत सरीन ने कहा, कि इमरान खान पहले ही जीत चुके हैं – चाहे विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप कुछ भी हो। सरीन ने कहा, कि विरोध प्रदर्शनों ने पहले से ही कमजोर सरकार को और अस्थिर कर दिया है। सरीन ने कहा, कि इमरान खान की स्थायी लोकप्रियता ने पाकिस्तान के कई पर्यवेक्षकों के साथ-साथ राजनीतिक और सैन्य प्रतिष्ठान को भी चौंका दिया है।

उन्होंने कहा, कि इमरान खान ने सेना, न्यायपालिका, मीडिया और पंजाबी उच्च मध्यम वर्ग के बीच भी राय विभाजित कर दी है। सरीन ने कहा, कि नई दिल्ली संभवतः इस्लामाबाद के प्रति अपने मौजूदा रुख को जारी रखेगी।

उन्होंने कहा, कि इस जुड़ाव के परिणामस्वरूप भारत को कुछ लाभ होने की उम्मीद है।

वहीं, कुछ और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के लिए और भी बुरा होने की उम्मीद है।

वाशिंगटन में विल्सन सेंटर थिंक टैंक में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने बीबीसी से कहा, “सबसे अच्छी स्थिति में यह एक खतरनाक डिस्ट्रेक्शन है। लेकिन सबसे बुरी स्थिति में, यह कुछ ऐसा हो सकता है जो देश को और भी अस्थिर कर दे। इससे पाकिस्तान की आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना और भी मुश्किल हो जाता है।”

कुछ लोग पाकिस्तान पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में चिंतित हैं। लाहौर स्थित राजनीतिक टिप्पणीकार और पत्रकार मेहमल सरफराज ने बीबीसी से कहा, “जब राजनीतिक दल लड़ते हैं, तो तीसरी ताकत फायदा उठाती है। जब तक राजनीतिक दल एक-दूसरे से बात नहीं करेंगे, तब तक यह हाइब्रिड शासन मजबूत होता रहेगा।”

सफराज ने कहा, कि “इसके बाद हाइब्रिड अधिक स्थायी हो सकता है।” उन्होंने कहा, “खतरा यह है कि लोकतंत्र और कमजोर होता जा रहा है और हाइब्रिड (सेना) की ताकत बढ़ती जा रही है।”

 

‘वो खून का गंध सूंघ सकती है’, इमरान की पत्नी पर बरसी शहबाज सरकार, समर्थकों को ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश

Pakistan Protest: पाकिस्तान की राजनीति में भारी बवाल शुरु हो गया है और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थक देश की राजधानी इस्लामाबाद में घुस गये हैं और भारी प्रदर्शन के बीच अभी तक चार पुलिसकर्मियों के साथ 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को कम से कम चार सुरक्षाकर्मियों और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है और जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने राजधानी में भारी बवाल किया है। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया है।

इमरान खान की पार्टी उस वक्त प्रदर्शन कर रही है, जब बेलारूस के राष्ट्रपति तीन दिनों की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे हैं। उनके साथ 70 से ज्यादा प्रतिनिधियों का प्रतिनिधिमंडल है और ऐसे वक्त में राजधानी में फैली अशांति, शहबाज सरकार के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर रही है।

पाकिस्तान में भारी बवाल

वहीं, भारी प्रदर्शन के बीच देश की सेना ने बाद में अराजकता फैलाने वालों को ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश जारी कर दिए हैं। इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने सोमवार देर रात राजधानी इस्लामाबाद में प्रवेश किया, जिसके बाद झड़पें शुरू हो गईं। प्रदर्शनकारियों ने देशव्यापी आंदोलन को रोकने के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के प्रयासों को नाकाम कर दिया।

इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में विरोध मार्च रविवार को शुरू हुआ और सोमवार शाम तक इस्लामाबाद पहुंच गया। मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा और प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में कई रणनीतिक इमारतों के करीब डी-चौक तक अपना मार्च फिर से शुरू कर दिया है।

पाकिस्तानी अंग्रेजी दैनिक द नेशन के मुताबिक, चार पैराट्रूपर्स “शहीद” हो गए हैं और सेना को अनुच्छेद 245 के तहत तैनात किया गया है और उसे “देखते ही गोली मारने” का अधिकार दिया गया है।

 

 

प्रदर्शनकारियों पर कैमिकल्स की बारिश

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे वीडियोज में इमरान खान के समर्थकों को गैस मास्क और सुरक्षात्मक चश्मे पहने हुए दिखाया गया है, ताकि भारी सुरक्षा तैनाती के बीच मार्च निकाला जा सके, जिससे इस्लामाबाद और अन्य शहरों के बीच यात्रा करना लगभग असंभव हो गया। पंजाब प्रांत में प्रमुख ग्रैंड ट्रंक रोड हाईवे के साथ-साथ इलाकों से एम्बुलेंस और कारों को वापस लौटते देखा गया, जहां शिपिंग कंटेनरों का इस्तेमाल सड़कों को ब्लॉक करने के लिए किया गया है।

पीटीआई ने घायल प्रदर्शनकारियों के कई वीडियो और तस्वीरें साझा कीं हैं और मंगलवार को एक पोस्ट को फिर से शेयर किया, जिसमें दावा किया गया था कि “सरकार विमानों से प्रदर्शनकारियों पर रसायन बरसा रही है।”

वहीं, डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार रात को जब प्रदर्शनकारियों के बिखरे हुए समूह राजधानी के बाहरी इलाकों में पहुंचने लगे, तो सरकार और पीटीआई ने बातचीत के लिए स्पष्ट रूप से एक ‘पर्दे का रास्ता’ खोल दिया है।

 

 

देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने प्रदर्शनकारी पार्टी के साथ बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा, कि सरकार ने इस्लामाबाद के बाहरी इलाके संगजानी में इमरान समर्थकों को प्रदर्शन करने के लिए कहा है। वहीं, पीटीआई नेताओं ने सोमवार देर रात विशेष रूप से आयोजित बैठक में इमरान खान से दूसरी बार मुलाकात की, जहां उन्होंने कथित तौर पर जेल में बंद पार्टी संस्थापक के सामने सरकार के प्रस्ताव रखे। बैठक का नतीजा फिलहाल साफ नहीं हो पाया, क्योंकि पीटीआई प्रतिनिधिमंडल मीडिया से बात किए बिना ही चला गया।

हालांकि, नकवी ने कहा कि वे पार्टी की ओर से जवाब का इंतजार कर रहे हैं और पत्रकारों से, जो जवाब पाने पर अड़े थे, कहा कि वे नतीजे का इंतजार करें। डॉन के मुताबिक, सोमवार को सूत्रों ने दावा किया, कि पीटीआई और सरकार के नेताओं ने बातचीत की थी, जिसमें एक ऐसा स्थान तय करने के लिए बातचीत की गई, जहां पीटीआई समर्थकों को शांति के साथ इस्लामाबाद में प्रदर्शन करने की अनुमति दी जा सके।

 

‘वह खून की गंध सूंघ सकती हैं’

वहीं, जियो न्यूज के मुताबिक, सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बीच बातचीत की खबरों के बीच रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है, कि बातचीत “अनिश्चितता के साथ” खत्म हुई है, क्योंकि बुशरा बीबी (इमरान खान की पत्नी), जो कारवां का नेतृत्व कर रही हैं, वो “खून की गंध महसूस कर रही हैं और समझौता करने के मूड में नहीं हैं”।

पीएमएल-एन नेता ने जियो न्यूज के कार्यक्रम ‘आज शाहजेब खानजादा के साथ’ में बोलते हुए कहा, “वह [बुशरा] जानती हैं कि वह डी-चौक के करीब हैं और एक नेता बन गई हैं और वो इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं।”

उन्होंने कहा, कि सरकार के पास इस्लामाबाद में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ “बल प्रयोग” करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, “वे (पीटीआई) मानते हैं कि उनके पास एक फायदा है और वे (इस्लामाबाद) में मार्च करते रहेंगे।”

आसिफ ने कहा, कि किसी भी कीमत पर राजधानी की रक्षा करना जरूरी है, खासकर तब, जब कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति, बेलारूस के राष्ट्रपति, देश का दौरा कर रहे हों। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने य भी कहा, कि पूर्व प्रथम महिला को नेता बनने का “जीवन का सबसे बड़ा मौका” मिला है और “वह इस लाभ का लाभ उठाएंगी”। बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दोहराया कि महिला, बुशरा बीबी, “समझौता करने के मूड में नहीं हैं” और “ताकत उनके हाथ में है और वह इसे महसूस कर सकती हैं”।