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Pakistan: पाकिस्तान में भयानक हुई सांप्रदायिक हिंसा की आग, शिया-सुन्नियों की लड़ाई में 47 लोगों की मौत

Pakistan News: आतंकवादी हमलों की वजह से पहले ही लहूलुहान हो चुके पाकिस्तान में पिछले दो दिनों से सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़की हुई है और पिछले 48 घंटों में दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं और अभी तक भी लोगों के सिर से खून नहीं उतरा है।

पुलिस ने बताया है, कि पिछले 24 घंटों में उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 32 लोग मारे गए हैं और 30 अन्य घायल हो गए। वहीं, पिछले 48 घंटे में मरने वालों की संख्या 47 हो गई है।

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम जिले में अलीजई और बागान जनजातियों के बीच झड़पें गुरुवार को यात्री वैन के काफिले पर हुए हमले के बाद हुईं, जिसमें 47 लोगों की हत्या कर दी थी। बालिशखेल, खार काली, कुंज अलीजई और मकबल में भी गोलीबारी जारी है। जनजातियां भारी और स्वचालित हथियारों से एक-दूसरे को निशाना बना रही हैं।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हिंसक झड़प शिया और सुन्नियों के बीच हो रही है। कल सुन्नियों ने शियाओं के ऊपर हमला किया था और आज शियाओं ने बदला लिया है। इस लड़ाई में घरों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं, कई गांवों से लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ भाग निकले हैं।

कोचिंग सेंटर चलाने वाले मुहम्मद हयात हसन ने पुष्टि की है, कि बिगड़ते हालात के कारण शनिवार को जिले के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।

गुरुवार को बागान, मंदुरी और ओछत में 50 से ज्यादा यात्री वाहनों पर गोलीबारी की गई थी। पुलिस ने बताया, कि गोलीबारी में छह वाहन सीधे तौर पर क्षतिग्रस्त हो गए, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित 47 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया है, कि ये वाहन खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पाराचिनार से पेशावर जा रहे थे। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पीड़ित शिया समुदाय के थे।

पाकिस्तान में शिया और शिया मुसलमान

सुन्नी बहुल पाकिस्तान की 24 करोड़ की आबादी में शिया मुसलमान लगभग 15 प्रतिशत हैं, जिसका इतिहास दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक दुश्मनी का रहा है। हालांकि वे देश में काफी हद तक शांतिपूर्ण तरीके से एक साथ रहते हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में दशकों से तनाव बना हुआ है, खासकर कुर्रम के कुछ हिस्सों में, जहां शियाओं का वर्चस्व है।

इस साल जुलाई में भी भूमि विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प में करीब 50 लोग मारे गए थे, जब कुर्रम में सुन्नी और शियाओं के बीच झड़पें हुई थीं। पाकिस्तान वर्तमान में उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में हिंसा से निपटने के लिए खुफिया-आधारित अभियान चला रहा है, जहां आतंकवादी और अलगाववादी अक्सर पुलिस, सैनिकों और नागरिकों को निशाना बनाते हैं। इन क्षेत्रों में अधिकांश हिंसा के लिए पाकिस्तानी तालिबान और प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी को दोषी ठहराया गया है।

इमरान खान की पत्नी बुशरा के बयान पर पाकिस्तान में बवाल, सऊदी अरब से जुड़े बयान पर बवाल, पूर्व पीएम फिर घिरे

इमरान खान की पत्नी, बुशरा बीबी, ने पूर्व प्रधान मंत्री की मुश्किलों के बारे में अपनी टिप्पणियों से विवाद खड़ा कर दिया है, उन्हें सऊदी अरब की यात्रा से जोड़कर एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में टिप्पणियों की पाकिस्तान के कई नेताओं ने आलोचना की है। बता दें कि वीडियो में, बुशरा बीबी ने दावा किया कि खान की समस्याएं 2018 में मदीना की उनकी यात्रा के बाद शुरू हुईं, जहां उन्हें जूते के बिना अपने विमान से उतरते हुए देखा गया था।

वीडियो को लेकर बुशरा बीबी ने सुझाव दिया कि इस घटना के कारण तत्कालीन सेना प्रमुख बाजवा को खान के कार्यों पर सवाल उठाने के लिए फोन किया गया था। इस्लामाबाद में एक विरोध प्रदर्शन से पहले खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के लिए समर्थन जुटाने के लिए वीडियो का इरादा था।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

टिप्पणियों को सऊदी अरब की अप्रत्यक्ष आलोचना के रूप में माना गया है, जो पाकिस्तान का एक प्रमुख सहयोगी है। प्रधान मंत्री शरीफ ने टिप्पणियों की राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक होने की निंदा की और सऊदी अरब के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्र से मित्र देशों के खिलाफ किसी भी प्रचार का मुकाबला करने का आग्रह किया।

जनरल बाजवा ने बुशरा बीबी के दावों को झूठा बताकर खारिज कर दिया, सवाल किया कि एक मित्र राष्ट्र पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में कैसे हस्तक्षेप कर सकता है। उन्होंने मार्च 2022 में इस्लामाबाद में इस्लामी सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान सऊदी अरब के समर्थन को मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के प्रमाण के रूप में उजागर किया।

रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने भी बुशरा बीबी के बयान की आलोचना की, सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंधों को दोहराया। उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने दोनों देशों के बीच संबंधों को आपसी सम्मान पर आधारित बताया और घरेलू लाभ के लिए विदेश नीति को राजनीतिकरण करने के किसी भी प्रयास की निंदा की।

पीटीआई नेतृत्व बुशरा बीबी की टिप्पणियों से हैरान है, कुछ सदस्यों ने पार्टी के गति पर उनके संभावित प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जबकि खान चल रहे मामलों में जमानत हासिल कर सकते हैं, उनकी पत्नी की टिप्पणियां मामले को जटिल बना सकती हैं।

पीटीआई के अंदर, एक तरह की अव्यवस्था है, कुछ सदस्यों को लगता है कि पार्टी में दिशा और नेतृत्व का अभाव है। पीटीआई कार्यकर्ता और गायक सलमान अहमद ने X पर बुशरा बीबी की आलोचना करते हुए उन्हें खान के लिए शर्म का स्रोत बताया।

दरअसल, ये विवाद ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान सऊदी अरब और चीन से 5 अरब डॉलर के बाहरी वित्तपोषण अंतर को दूर करने के लिए वित्तीय सहायता मांग रहा है। देश ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को सऊदी अरब से देर से तेल भुगतान की अपनी उम्मीदों का आश्वासन दिया।

Hafiz Saeed: पाकिस्तान का 10 मिलियन डॉलर का इनामी आतंकी, मुंबई हमले का मास्टरमाइंड कभी आ पाएगा भारत?

Hafiz Saeed: हाफिज सईद, जिस पर अमेरिका और भारत ने 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है, वो अभी भी पाकिस्तान के सबसे खतरनाक कट्टरपंथियों में से एक है। पाकिस्तान में आए दिन जो बम धमाके होते रहते हैं, उस जिहादी मानसिकता को सींचने में हाफिज सईद जैसे कट्टरपंथियों का सबसे बड़ा हाथ है।

भारत इस हफ्ते 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की 16वीं बरसी मना रहा है और उस भीषण आतंकवादी हमले को अंजाम देने में सबसे बड़ी भूमिका हाफिज सईद ने ही निभाई थी, लेकिन हैरानी की बात ये है, कि पाकिस्तान ने उसे आज भी भारत के हवाले नहीं किया है। आइये, फिर से जानने की कोशिश करते हैं, कि क्या भारत के सबसे बड़े गुनहगार को इंसाफ के कटघरे में लाया जा सकेगा?

लश्कर-ए-तैयबा का चीफ है हाफिज सईद

हाफिज सईद ने 1990 के दशक में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकवादी समूह की स्थापना की और जब उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया, तो उसने 2002 में एक बहुत पुराने संगठन, जमात-उद-दावा (JuD) को अपनी आतंकी हरकतों को आगे बढ़ाने के लिए फिर से जिंदा कर लिया। हाफिज सईद का कहना है, कि JuD एक इस्लामी कल्याण संगठन है, लेकिन अमेरिका का कहना है, कि यह LeT का मुखौटा है।

2012 में वाशिंगटन ने उसकी जानकारी देने वाले के लिए 10 मिलियन डॉलर के इनाम की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद भी वो सालों तक आजाद रहा और पाकिस्तान ने उसे सलाखों के पीछे तभी डाला, जब उसे लगने लगा, कि अब अमेरिकी खैरात मिलना उसे बंद हो जाएगा। पाकिस्तान ने उसे तब नजरबंद किया, जब डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान उसे लगा, कि अमेरिका उसके खिलाफ सख्त एक्शन ले सकता है और उसके बाद ही बाद में जाकर हाफिज सईद को आतंकवाद की फंडिंग के आरोपों में 78 सालों की सजा सुनाई गई।

लेकिन, आपको ये जानकर हैरानी होगी, कि मुंबई आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान में उसके खिलाफ एक भी मुकदमा दर्ज नहीं है।

2014 में एक इंटरव्यू में हाफिज सईद ने बीबीसी से कहा था, कि उसका मुंबई हमलों से कोई लेना-देना नहीं है, उसने अपने खिलाफ सबूतों को भारत का एक प्रोपेगेंडा बताया था।

उसने कहा था, कि “पाकिस्तान के लोग मुझे जानते हैं और वे मुझसे प्यार करते हैं। किसी ने भी इस इनाम को पाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश नहीं की। मेरी भूमिका बहुत स्पष्ट है, और अल्लाह मेरी रक्षा कर रहे हैं।”

हाफिज सईद पर कोई चार्ज नहीं

दिल्ली ने सईद और उसके संगठन पर अपने क्षेत्र में कई आतंकवादी हमले करने का आरोप लगाया है लेकिन आज तक पाकिस्तान ने यही कहा है, कि उसे गिरफ्तार करने और उस पर मुकदमा चलाने के लिए कोई सबूत नहीं है। 2001 में भारतीय संसद पर हमला करने के आरोप में लश्कर-ए-तैयबा पर आरोप लगने के बाद उसे तीन महीने तक हिरासत में रखा गया था। अगस्त 2006 में उसे ऐसी गतिविधियों के लिए हिरासत में लिया गया था, जिसके बारे में सरकार ने कहा था, कि वह अन्य सरकारों के साथ उसके संबंधों के लिए “हानिकारक” है, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया।

हाफिज सईद को लेकर पाकिस्तान हमेशा से गेम खेलता रहा है। 2008 में मुंबई हमलों के बाद उसे घर में ही नजरबंद कर दिया गया था। और जब उसके ऊपर अमेरिका का भारी जबाव पड़ा, तो पाकिस्तानी सरकार ने बाद में कुछ मौकों पर कबूल किया, कि मुंबई पर हमले की साजिश का “कुछ हिस्सा” उसकी धरती पर हुआ था, और इसमें लश्कर-ए-तैयबा शामिल था।

हमलों के सिलसिले में पाकिस्तान में कई गिरफ्तारियां की गईं, लेकिन मोस्ट वांडेट आतंकवादी सईद के खिलाफ कोई आपराधिक आरोप नहीं लगाया गया।

पाकिस्तानी सेना ने हाफिज सईद को पाला

हाफिज सईद को लेकर पाकिस्तान अब कहता है, कि वो जेल में सजा काट रहा है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है, कि असल में उसे पाकिस्तान की सेना ने छिपाकर रखा हुआ है। पाकिस्तान की ओर से इस समूह के खिलाफ की गई कार्रवाई भी पूरी तरह से अनिश्चित रही है, जो जाहिर तौर पर, जो भी कार्रवाई की गई, वो बाहरी दबाव में की गई।

अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठनों की सूची में डालने के बाद जनवरी 2002 में इसने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसी तरह, संयुक्त राष्ट्र द्वारा विवादास्पद चैरिटी पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अमेरिका ने दिसंबर 2008 में जमात-उद-दावा को राष्ट्रीय निगरानी सूची में डाल दिया था।

लश्कर-ए-तैयबा जमात-उद-दावा वल-इरशाद की एक शाखा थी, जो 1985 में अफगानिस्तान में जिहाद (पवित्र युद्ध) के लिए हाफिज सईद की तरफ से बनाया गया एक प्रचार, प्रकाशन और प्रचार नेटवर्क था।

अब्दुल्ला उज्जम, जो एक फिलिस्तीनी मौलवी और कट्टरपंथी था, उसने अफगानिस्तान में जिहाद के शुरुआती बीज बोए थे, उसने हाफिज सईद के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा का निर्माण किया था और इस दोनों ने मिलकर उस पूरे क्षेत्र में सैकड़ों-हजारों बच्चों और युवाओं को जिहादी बनाया और उसी का नतीजा है, कि आज पूरा पाकिस्तान आतंकवाद की भट्टी में जल रहा है।

9/11 के बाद बदलते रहे नाम

9/11 के बाद लश्कर-ए-तैयबा पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ गया था और भारत ने 2003, 2005 और 2008 में मुंबई और दिल्ली में हुए हमलों के लिए इस समूह को दोषी ठहराया था। दिसंबर 2000 में दिल्ली के लाल किले और एक साल बाद भारतीय संसद पर हुए हमले में भी हाफिज सईद मास्टरमाइंड था।

जनवरी 2002 में लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगने से कुछ दिन पहले, हाफिज सईद ने समूह के मूल संगठन, जमात-उद-दावा वल-इरशाद को पुनर्जीवित किया था और इसके नाम में संशोधन किया था। और ये लगातार अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा। मात-उद-दावा ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों के लिए लड़ाकों की भर्ती जारी रखी।

हालांकि, अब हाफिज सईद को लेकर पाकिस्तान दावा करता है, कि वो जेल में बंद है और उसे सजा मिल चुकी है, लेकिन उसे सजा भारत में किए गये आतंकी हमलों के लिए नहीं मिली है। भारत में अभी भी सवाल उठ रहे हैं, कि क्या कभी हाफिज सईद को उसके किए गुनाह के लिए सजा मिल पाएगी?

गधे पर लादकर ले जा रहा अपने ही सैनिकों के शव, पाकिस्‍तान की शर्मनाक हरकत का Video वायरल

Pakistani Army Video: आतंकियों को पनाह देने, दूसरों की जमीन हड़पने के लिए तो पाकिस्‍तान पूरी दुनिया में आलोचना झेलता ही है. इस बार पाकिस्‍तान ने अपने ही सैनिकों के साथ जो घटिया हरकत की है, उसने पूरी दुनिया में इसकी थू-थू करवा दी है.

Pakistani Soldiers Dead Body: देश की रक्षा के लिए अपनी जान देने वाले सैनिकों को देश सम्‍मान के साथ अंतिम विदाई देता है. लेकिन पाकिस्‍तान ने तो इस मामले में भी ऐसी घिनौनी हरकत की है कि इसका वीडियो देखकर लोग पाकिस्‍तान की जमकर ओलाचना कर रहे हैं. आतंकवादियों से लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों को पाकिस्तान सम्‍मानजनक विदाई देना तो दूर उनके शवों को सही तरीके से ले भी नहीं जा पा रहा है. पाकिस्‍तान का प्रशासन शहीद सैनिकों के शव को गधों पर ढो कर ले जा रहा है. यह मामला खैबर पख्तूनख्वा का है.

बलूचिस्‍तान और खैबर पख्तूनख्वा में मारे गए 100 से ज्‍यादा सैनिक

पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा इलाके में पिछले एक महीने में पाकिस्तान सेना के 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं. ये सैनिक आतंकवादियों से लड़ते हुए मारे गए और पाकिस्तानी सेना इन तमाम आंकड़ों को छुपाने की कोशिश कर रही है. इस बार भी पाकिस्‍तानी सेना ऐसा ही कर रही थी लेकिन इस चक्‍कर में इसकी जमकर थू-थू हो गई.

हाल ही की घटना में जब आतंकवादियों ने पाकिस्तान सेना के 2 दर्जन से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया और पुलिस स्टेशन में घुसकर 7 पुलिसकर्मियों का अपहरण भी कर लिया. तब इस घटना में मारे गए सैनिकों को छिपाने के लिए पाकिस्तानी प्रशासन ने घटनास्थल से जल्द से जल्द मरे हुए सैनिकों के शव हटाने की कोशिश की.

छिपाने के लिए गधे पर लादे सैनिकों के शव

जल्‍दबाजी करते हुए प्रशासन ने सैनिकों के मृतक शरीर को गधों पर लादा और जंगल के रास्‍ते ले जाने लगी. लेकिन पाकिस्तानी प्रशासन की यह करतूत सेना की एक दूसरी टुकड़ी ने पकड़ ली और सैनिकों ने इसका वीडियो भी बना लिया. इतना ही नहीं उनकी आपस में बहस भी हुई और बातचीत में सेना के कमांडरों को जमकर गालियां दी गईं.

 

पाकिस्‍तानी आर्मी में वायरल हुआ वीडियो

यह वीडियो सेना द्वारा ही बनाया गया था और जल्‍द ही पाकिस्तानी सेना में वायरल भी हो गया. इससे आर्मी के अधिकारी से लेकर नीचे तक गुस्‍सा भड़क गया. तब सैन्य प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को तत्काल इस मामले में कदम उठाने को कहा. साथ ही हाई लेवल बैठक बुलाई गई.

…तो क्‍या परिवारों को घुमाने में लगे थे हेलीकॉप्‍टर

सेना में सुगबुगाहट है कि भारी भरकम रक्षा बजट होने के बाद भी सैनिकों को ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर की जगह गधों का प्रयोग क्यों किया गया. दबे शब्‍दों में यह भी कहा जा रहा है कि क्‍या हेलीकॉप्टर बड़े अधिकारियों के परिवारों को कहीं घुमाने ले गए थे. इसके अलावा मुख्यमंत्री मरियम नवाज भी हेलीकॉप्टर से कहीं गई थी, जिसके चलते सैनिकों को ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं हो सका और गधों का प्रयोग करना पड़ा.

बता दें कि गधों पर लाद कर ले जाते वीडियो सामने आने पर पाकिस्तानी सेना में बड़े कमांडरों के खिलाफ गुस्से को देखते हुए पाकिस्तान की संघीय शीर्ष समिति ने बलूचिस्तान में सभी सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ सैन्य अभियान को मंजूरी दी है.

Pakistan Attack: पाकिस्तान सेना की चौकी पर आत्मघाती हमला, 17 सैनिकों की मौत

Pakistan Suicide Attack पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को बताया कि उत्तर-पश्चिम में एक चौकी पर इस्लामी आतंकवादियों द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में 17 सैनिक मारे गए। सेना की मीडिया शाखा ने एक बयान में बताया कि आतंकवादियों ने उत्तरी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चौकी की परिधि की दीवार में विस्फोटकों से लदे वाहन को टक्कर मार दी इस घटना में 17 सैनिकों की मौत हो गई।

Pakistan Attack: पाकिस्तान सेना की चौकी पर आत्मघाती हमला, 17 सैनिकों की मौत

रॉयटर्स, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बुधवार को एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ। आतंकवादियों ने बुधवार को दोपहर 2 बजे के उत्तर-पश्चिम में एक चौकी को निशाना बनाया। आतंकवादियों द्वारा किए गए इस आत्मघाती हमले में 17 सैनिकों की मौत हो गई है।

पाकिस्तानी सेना ने की हमले की पुष्टि

पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आतंकवादियों ने उत्तरी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चौकी में विस्फोटकों से लदे वाहन को अंदर घुसा दिया। इसके बाद एक बड़ा धमाका हुआ। इस हमले में 17 सैनिकों की मौत हो गई है और कुछ अन्य घायल हैं।

आतंकियों में दहशत

पाकिस्तान सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इलाके में आतंकियों को खत्म करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इससे आतंकियों में दहशत है, इसी के चलते उन्होंने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया। अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

 

छह आतंकवादी मारे गए

पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत छह आतंकवादी मारे गए हैं। हालांकि, सेना ने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि हमले के पीछे कौन था, लेकिन एक इस्लामी आतंकवादी समूह हाफिज गुल बहादुर ने इसकी जिम्मेदारी ली है।

पहले भी हुए पाक सेना की चौकी पर हमले

बता दें कि इससे पहले शनिवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कलात जिले में एक सुरक्षा चौकी पर हुए घातक हमले में सुरक्षाकर्मियों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हो गए थे।

बीएलए ने ली थी चौकी पर हमले की जिम्मेदारी

हमले के बाद प्रांत के विभिन्न हिस्सों में इंटरनेट सेवा बाधित होने की जानकारी मिली है। अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने प्रांत के कुछ भागों में मोबाइल इंटरनेट सेवा अस्थाई रूप से निलंबित किए जाने की पुष्टि की है।

जातीय अलगाववादी विद्रोह से जूझ रहा पाकिस्तान

बता दें कि पाकिस्तान अपने बीहड़ उत्तर-पश्चिम में आतंकवादी हमलों के फिर से उभरने के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम में बढ़ते जातीय अलगाववादी विद्रोह से जूझ रहा है।

चीनी बेल्ट एंड रोड परियोजनाओं का केंद्र

बुधवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी विद्रोहियों के खिलाफ एक नए सैन्य अभियान की घोषणा की। यह प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की सीमा से लगा हुआ है और प्रमुख चीनी बेल्ट एंड रोड परियोजनाओं का केंद्र है।

पाकिस्तान में हिंदू श्रद्धालु की गोली मारकर हत्या, प्रकाश पर्व के मौके पर जा रहा था श्री ननकाना साहिब

श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर शामिल होने श्री ननकाना साहिब जा रहे एक हिंदू श्रद्धालु की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना पाकिस्तान के शहर लाहौर की है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मृतक सिंध प्रांत का रहने वाला था। लूटपाट का विरोध करने पर लुटेरों ने उसे गोली मारी। गुरुवार को उसने अस्पताल में दम तोड़ा है।

Pakistan News: श्री ननकाना साहिब की फोटो।

पीटीआई, लाहौर। पाकिस्तान के लाहौर में एक हिंदू श्रद्धालु की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक हिंदू श्रद्धालु श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर शामिल होने श्री ननकाना साहिब जा रहा था। रास्ते में लुटेरों ने गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

लुटेरों ने लाखों की नकदी लूटी

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना शहर के रहने वाले राजेश कुमार अपने दोस्त और एक रिश्तेदार के साथ कार से लाहौर से ननकाना साहिब जा रहे थे। रास्ते में लाहौर से करीब 60 किलोमीटर दूर मनानवाला-ननकाना साहिब रोड पर तीन लुटेरों ने उन्हें रोका। पुलिस के मुताबिक लुटेरों ने तीनों से साढ़े चार लाख पाकिस्तानी रुपये लूटे। कार चालक से भी 10 हजार पाकिस्तानी रुपये छीने। मगर इस दौरान राजेश कुमार ने लुटेरों को विरोध कर दिया। बदले में लुटेरों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।

अस्पताल में राजेश ने तोड़ा दम

गोली लगने के बाद राजेश कुमार को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्होंने गुरुवार को दम तोड़ दिया। रिश्तेदार की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर उनकी जन्मस्थली गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत से भी 2,500 से अधिक सिख श्रद्धालु प्रकाश पर्व में शामिल होने पाकिस्तान पहुंचे हैं।

 

Imsha Rehman: पाकिस्तानी टिकटॉकर इम्शा रहमान का अश्लील वीडियो वायरल, बंद किया अकाउंट

Imsha Rehman Viral Video: पाकिस्तान की मशहूर युवा टिकटॉकर इम्शा रहमान को अपना प्राइवेट वीडियो लीक होने के बाद सोशल मीडिया अकाउंट बंद करना पड़ा है. उन्होंंने एक इमोशनल नोट लिखने के बाद इंस्टाग्राम और टिकटॉक अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया है.

Imsha Rehman

पाकिस्तान की मशहूर टिकटॉक स्टार इम्शा रहमान ने प्राइवेट वीडियो लीक होने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिए हैं. युवा टिकटॉकर कथित तौर पर डेटा चोरी का शिकार हो गई, जिसकी वजह से उनके निजी पल के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.

लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टिकटॉक स्टार इम्शा का एक वीडियो वॉट्सऐप, एक्स और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह अपने एक दोस्त के साथ आपत्तिजनक हालत नजर आ रही हैं. इस वीडियो को लेकर पाकिस्तान की युवा टिकटॉकर इम्शा को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिससे परेशान होकर उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिए.

यह दूसरी बार है जब किसी पाकिस्तानी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के प्राइवेट वीडियो ऑनलाइन लीक हुए हैं. इससे पहले टिकटॉक स्टार मिनाहिल मलिक के प्राइवेट वीडियोज लीक हुए थे. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये वीडियो कैसे लीक हुए. किसी भी हैकर ने अभी तक इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है.

सोशल मीडिया पर लगातार हेट कमेंट्स को देखते हुए इम्शा ने इंस्टाग्राम और टिकटॉक अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया. उन्होंने इस मामले पर किसी तरह की बयानबाजी नहीं की है. हालांकि, यह वीडियो असली है या किसी ने डीपफेक तकनीक का उपयोग किया है, इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है.

22 साल की इम्शा उत्तर पाकिस्तान से हैं. वह अपनी ब्यूटी टिप्स, लाइफस्टाइल और फैशन कंटेंट के लिए मशहूर हैं. वह टिकटॉक के अलावा इंस्टाग्राम पर भी काफी एक्टिव थीं, लेकिन प्राइवेट वीडियो लीक मामले के कारण उन्होंने कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना ली है.

इससे पहले पाकिस्तानी टिकटॉकर मिनाहिल मलिक ने अपने प्राइवेट वीडियो के लीक होने के बाद लोगों की कड़ी आलोचनाओं पर खुलकर बात की थी. उन्होंने अकाउंट डिएक्टिवेट करने से पहले इंस्टाग्राम पर लिखा था, ‘यह मेरे लिए आसान नहीं है, पर मैं अब ऊब चुकी हूं. अलविदा कहना मुश्किल है. आपसे यही कहना है कि प्यार फैलाएं. आप लोगों को बहुत मिस करूंगी. खयाल रखें.’

Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी छिन जाने से पाकिस्तान को कितने पैसों का हो सकता है नुकसान? जानिए !

Pakistan, Champions Trophy 2025: पीसीबी ने आईसीसी से टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान में एक टीम भेजने से भारत के इनकार को स्पष्ट करने के लिए कहा है. पाकिस्तानी मीडिया ने मंगलवार को बताया कि पीसीबी भारत के दौरे से इनकार करने के लिए सुरक्षा कारणों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होगा

Champions Trophy hosting drama Pakistan

Champions Trophy 2025:चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy in Pakistan) की मेजबानी को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. भारत ने पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया है जिससे अब आईसीसी (ICC) टूर्नामेंट को दूसरे देश में कराने के बारे में फैसला ले सकता है. वैसे, आईसीसी ने हाइब्रिड मॉडल को लेकर भी विचार किया है लेकिन पाकिस्तान ने इसे मानने से इंकार कर दिया है. ऐसे में अब चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान से छीन भी सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यकीनन पाकिस्तान को बड़ा नुकसान होने वाला है.

क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया जाता है या किसी अन्य देश में स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो पीसीबी को आईसीसी से बैन का भी सामना करना पड़ सकता है. , जिसमें आईसीसी के पर्याप्त फंडिंग में कटौती भी शामिल होगी, अगर वह वापस लेता है.

इतना ही नहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी को स्थानांतरित या स्थगित करने का मतलब होगा मेजबानी शुल्क के रूप में संभावित रूप से 65 मिलियन अमरीकी डालर का नुकसान, जो पीसीबी के लिए काफी ज्यादा धन है. रिपोर्ट में आगे ये भी है कि यह नुकसान और भी अधिक हो सकता है, क्योंकि पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तीन निर्धारित वेन्यू – कराची, रावलपिंडी और लाहौर में बुनियादी ढांचे को ठीक करने के लिए काफी निवेश किए हैं. ऐसे में यदि चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी छिनती है तो पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है .

दूसरी ओर पीसीबी ने आईसीसी से टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान में एक टीम भेजने से भारत के इनकार को स्पष्ट करने के लिए कहा है. पाकिस्तानी मीडिया ने मंगलवार को बताया कि पीसीबी भारत के दौरे से इनकार करने के लिए सुरक्षा कारणों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होगा, क्योंकि न्यूजीलैंड ने पिछले दो साल में तीन बार पाकिस्तान का दौरा किया है, इंग्लैंड ने दो बार और ऑस्ट्रेलिया ने उसी अवधि में एक बार दौरा किया है.

पाकिस्तान की सच्ची आजादी के लिए मैं… इमरान खान का जेल से शहबाज शरीफ को मैसेज, बता दिया कुछ बड़ा होने वाला है

Pakistan News: इमरान खान ने पाकिस्तान के अदियाला जेल में पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा बोला है जिससे पाकिस्तान में हलचल पैदा हो गई है. इमरान खान ने आदियाला जेल

 

इमरान खान ने एक पाकिस्तान की सच्ची अजादी की बात कर हलचल पैदा कर दी है.                         (फाइल फोटो)से पाकिस्तान की सच्ची आजादी की बात की है.)

नई दिल्ली: पाकिस्तान में इन दिनों आर्थिक संकट के साथ-साथ राजनीतिक संकट भी है. भले ही प्रधानमंत्री को चुनाव के तहत चुना गया हो लेकिन उन्हें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में रहकर भी चुनौती दे रहे हैं. शहबाज शरीफ की इससे पहले वाली सरकार ने इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर जेल भेज दिया था. उसके बाद शहबाज शरीफ फिर सत्ता में आए. इमरान खान ने एक बार फिर अदियाला जेल से पाकिस्तान की सच्ची आजादी की बात कर दी है और नए जंग का ऐलान कर दिया है. इसके बाद पाकिस्तान में हलचल में पैदा हो गई है.

इमरान खान ने पाकिस्तान के अदियाला जेल में पत्रकारों से बात की. इस बातचीत को लेकर उन्होंने X पर भी पोस्ट किया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा ‘स्वाबी में जलसा (राजनीतिक रैली) के दौरान हमारी कार्ययोजना की घोषणा की गई थी. इस बार, हमारा विरोध जारी रहेगा, और हमारे लोग तब तक अपने घरों को वापस नहीं जाएंगे जब तक कि संविधान, लोकतंत्र और न्यायिक स्वतंत्रता बहाल नहीं हो जाती, और हमारे निर्दोष कार्यकर्ताओं और नेताओं को रिहा नहीं कर दिया जाता.’

इमरान खान बना रहे हैं बड़ा प्लान

पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने आगे कहा ‘अगले कुछ दिनों में मैं व्यक्तिगत रूप से विरोध मार्च की तारीख की घोषणा करूंगा, जिसके लिए हम पूरी तरह से तैयार रहेंगे. मैं पाकिस्तान की सच्ची आजादी के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हूं. पीटीआई के पदाधिकारी, सांसद, आयोजक, टिकट-धारक, कार्यकर्ता और समर्थक तैयारियों को अंतिम रूप दें और जमीनी स्तर पर लामबंदी के प्रयास शुरू करें.’

इमरान के देश छोड़ने की भी बात चर्चा में

इससे पहले इमरान खान ने नवाज शरीफ पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तरह देश से कभी नहीं भागेंगे. उन्होंने उन दावों को खारिज कर दिया कि वह देश के बाहर शरण मांग रहे हैं. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा था कि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी अपने सर्वोच्च नेता को रिहा कराने और उन्हें विदेश भेजने के लिए विदेशी ताकतों से आग्रह कर रही है. इसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया.

अटकलों पर बोलते हुए इमरान खान ने खान ने एक्स पर एक बयान जारी कर कहा कि वह किसी भी कीमत पर देश नहीं छोड़ेंगे. गुरुवार को उनके एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा गया, “मैं देश से कभी नहीं भागूंगा मेरा नाम नो-फ्लाई लिस्ट में हमेशा के लिए डाल दो- मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. पहले (पूर्व प्रधानमंत्री) नवाज शरीफ देश छोड़कर चले गए; अब उनकी बेटी (पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम शरीफ) भी चली गई हैं.”वहीं खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर, जो पीटीआई के सदस्य भी हैं, ने कहा कि पार्टी खान की रिहाई के लिए “करो या मरो” आंदोलन के लिए तैयार है. खान अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में हैं.