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सीरिया में गृहयुद्ध: अलेप्पो एयरपोर्ट बंद, विद्रोहियों का शहर पर कब्जा, भीषण लड़ाई, क्या हैं ताजा हालात?

 

Syria Civil War: सीरिया, जो सालों से गृहयुद्ध की आग में जल रहा है, वहां एक बार फिर से हालात बिगड़ गये हैं और विद्रोहियों ने अलेप्पो शहर पर कब्जा कर लिया है, जिसके बाद देश में भीषण जंग भड़क गई है।

सीरियाई अधिकारियों ने शहर में विद्रोहियों के हमले के बाद अलेप्पो हवाई अड्डे को बंद कर दिया है और सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। सैन्य सूत्रों ने शनिवार को रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी है। इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में यह हमला पहली बार है, जब विपक्षी लड़ाके लगभग एक दशक पहले अपनी हार के बाद अलेप्पो के केंद्र में फिर से पहुंचे हैं।

सीरिया में अचानक क्यों बिगड़े हालात?

इस हमले को कॉर्डिनेट करने वाले एक ऑपरेशन रूम के मुताबिक, विद्रोहियों ने बुधवार को अचानक आश्चर्यजनक हमला शुरू किया था, जो सरकार के कब्जे वाले शहरों से होते हुए शुक्रवार देर रात तक अलेप्पो में पहुंच गए।

जैश अल-इज़्ज़ा ब्रिगेड के कमांडर मुस्तफा अब्दुल जाबेर ने कहा है, कि गाजा युद्ध की वजह से सीरिया में ईरान का समर्थन कमजोर पड़ गया है, जिसकी वजह से विद्रोहियों को एक बार फिर से अपने संघर्ष को तेज करने का मौकामिल गया है।

वहीं, तुर्की खुफिया विभाग से जुड़े विपक्षी सूत्रों ने बताया है, तुर्की ने हमले के लिए मौन स्वीकृति दी है। हालांकि, तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओन्कू केसेली ने कहा है, कि अंकारा क्षेत्रीय स्थिरता को प्राथमिकता देता है और उसने चेतावनी दी है, कि हाल के हमलों से मौजूदा डी-एस्केलेशन समझौतों को खतरा है।

वहीं, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के एक प्रमुख सहयोगी रूस ने हमले का मुकाबला करने के लिए दमिश्क को अतिरिक्त सैन्य सहायता देने का वादा किया है। दो सैन्य सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया है, कि “नए सैन्य हार्डवेयर 72 घंटों के भीतर आ जाएंगे।” क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने हमले की निंदा की और इसे सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और संवैधानिक व्यवस्था की तत्काल बहाली का आह्वान किया है।

विद्रोही गुटों का ताजा हमला, मार्च 2020 में किए गये बड़े हमले के बाद किया गया सबसे बड़ा हमला है, जब रूस और तुर्की ने शत्रुता को कम करने के लिए एक समझौता किया था। हलांकि, सीरियाई राज्य टेलीविजन ने विद्रोहियों के अलेप्पो शहर में प्रवेश करने की खबरों का खंडन किया है। साथ ही ये भी दावा किया है, कि रूसी हवाई हमलों ने अलेप्पो और इदलिब के ग्रामीण इलाकों में विद्रोहियों को भारी नुकसान पहुंचाने में सरकारी बलों की मदद की है।

नागरिकों को गंभीर नुकसान

नये सिरे से संघर्ष के शुरू होने के बाद ताजा हालात को लेकर यूनाइटेड नेशंस ने गंभीर चिंता जताई है। सीरिया संकट के लिए संयुक्त राष्ट्र के उप क्षेत्रीय मानवीय समन्वयक डेविड कार्डन ने कहा, “पिछले तीन दिनों में लगातार हमलों ने कम से कम 27 नागरिकों की जान ले ली है, जिनमें आठ साल की उम्र के बच्चे भी शामिल हैं।”

सरकारी मीडिया एजेंसी SANA ने बताया है, कि अलेप्पो में विद्रोहियों ने विश्वविद्यालय के छात्रावासों को निशाना बनाया है, जिसमें दो छात्रों सहित चार नागरिक मारे गए हैं। फिलहाल यह साफ नहीं हैं, कि ये मरने वाले, यूनाइटेड नेशंस की तरफ से बताए गये उन 27 लोगों में शामिल हैं या नहीं।

जैसे-जैसे लड़ाई तेज होती जा रही है, इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, कि इससे क्षेत्र में और ज्यादा अस्थिरता पैदा हो सकती है, जो पहले ही वर्षों से युद्ध और विस्थापन झेल रहा है।

दूसरी तरफ, तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु ने बताया है, कि सशस्त्र समूह अलेप्पो शहर के केंद्र में घुस गए हैं, लेकिन उसने कोई और जानकारी नहीं दी।

सीरियाई सेना ने शुक्रवार को कहा, कि उसने शहर पर एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया है।

सेना ने एक बयान में कहा, “हमारे बल सशस्त्र आतंकवादी समूहों द्वारा शुरू किए गए बड़े हमले को नाकाम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वे “कुछ स्थानों पर नियंत्रण वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं।”

लेकिन, इन सबसे बीच यूनाइटेड नेशंस ने कहा है, कि फिर से हालात बिगड़ने की वजह से अभी तक 14 हजार लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है।

कहां तक बिगड़ सकते हैं हालात?

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सौफान सेंटर के वरिष्ठ शोध साथी कॉलिन क्लार्क ने कहा, कि विद्रोही लड़ाकों के उत्तर-पश्चिमी सीरिया से आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, “वे इदलिब और अलेप्पो को कंट्रोल करने तक सीमित रह सकते हैं… मुझे लगता है कि वर्तमान क्षेत्र पर शासन करने में उनका पूरा हाथ है। मैं उनसे इस समय उत्तर-पश्चिमी सीरिया से आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं करूंगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि घटनाक्रम से सीरियाई सरकार के प्रमुख सहयोगी ईरान में चिंता पैदा होने की संभावना है। क्लार्क ने कहा, “ईरानी लोग खुश हैं। सुलेमानी की जो प्रतिरोध की यह धुरी, तथाकथित शिया अर्धचंद्र स्थापित करने की जो भव्य परियोजना थी, वो अब पिछले एक साल में ढह गई है।”

सीरिया में गृहयुद्ध को समझिए

सीरिया का गृह युद्ध तब शुरू हुआ था, जब राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना ने 2011 में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई की थी। पिछले कुछ वर्षों में, संघर्ष एक जटिल युद्ध में बदल गया है, जिसमें अल-असद के सहयोगी रूस, ईरान और लेबनानी सशस्त्र समूह हिज्बुल्लाह सहित विदेशी ताकतें शामिल हो गई हैं।

शुक्रवार को एक बयान के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अपने सीरियाई समकक्ष बासम अल-सब्बाग के साथ फोन पर बातचीत के दौरान “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सीरिया की सरकार, राष्ट्र और सेना के लिए ईरान के लगातार समर्थन पर जोर दिया।”

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने अलेप्पो की स्थिति को “सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन” बताया। उन्होंने “सीरिया की सरकार द्वारा इस जिले में जल्दी से व्यवस्था बहाल करने और संवैधानिक व्यवस्था को बहाल करने” के लिए समर्थन जताया है।

Syrian Crisis: सरकार और विद्रोही समूहों के बीच बड़ा संघर्ष, हवाई हमलों में 18 की मौत, जानें विवाद की वजह

 North-Western Syria Violence:उत्तर-पश्चिमी सीरिया में विद्रोही गुटों और सरकारी बलों के बीच हिंसा ने एक बार फिर क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। इस संघर्ष ने न केवल सैकड़ों लोगों की जान खतरे में डाल दी है, बल्कि हजारों नागरिकों को अपने घर छोड़ने पर भी मजबूर कर दिया है।

सीरियाई विपक्षी गुटों ने 27 नवंबर सुबह सरकार नियंत्रित क्षेत्रों पर एक बड़ा हमला शुरू किया। यह हमला विशेष रूप से हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में हुआ, जो उत्तर-पश्चिमी सीरिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता है।

 

इस हमले में अलेप्पो और इदलिब प्रांतों के कई गांव और सैन्य ठिकाने निशाना बने। विपक्षी गुटों का दावा है कि उन्होंने 15 से अधिक गांवों पर कब्जा कर लिया है और कई सैनिकों को बंधक बना लिया है। दूसरी ओर, सीरियाई और रूसी सेना ने जवाबी हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।

नागरिकों पर संकट
इस बढ़ती हिंसा ने आम नागरिकों पर गहरा असर डाला है। अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति (IRC) के अनुसार, कम से कम 7,000 परिवार विस्थापित हो चुके हैं। स्कूल और स्वास्थ्य सेवाएँ बंद हो गई हैं, जिससे क्षेत्र में मानवीय संकट और भी गंभीर हो गया है।

क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य
यह संघर्ष उस समय हो रहा है, जब क्षेत्रीय ताकतें पहले से ही तनाव में हैं। रूस और ईरान सीरियाई सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि तुर्की विभिन्न विपक्षी गुटों की मदद करता है। इजराइल ने भी हाल के महीनों में सीरिया में ईरान और हिज़्बुल्लाह से जुड़े ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं।

 

तुर्की ने इस आक्रमण पर बारीकी से नजर बनाए रखी है। तुर्की अधिकारियों का कहना है कि यह हमला डी-एस्केलेशन समझौते के उल्लंघन का नतीजा है। तुर्की ने पहले इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार और रूसी बलों की ओर से लगातार हो रही बमबारी के चलते ये प्रयास असफल रहे।

क्या है संघर्ष की जड़?
2019 में तुर्की, रूस, और ईरान के बीच हुए समझौते का उद्देश्य इदलिब प्रांत में संघर्ष को स्थिर करना था। यह क्षेत्र विद्रोही गुटों का अंतिम गढ़ है, जो लंबे समय से सरकार के हमलों का सामना कर रहा है।

एचटीएस, जिसे पहले अल-कायदा से जोड़ा जाता था, अब खुद को एक स्वतंत्र संगठन के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है। यह समूह वर्तमान में इस संघर्ष में मुख्य भूमिका निभा रहा है।

 

कैसी रहेगी आगे की स्थिति?
सीरिया में जारी इस संघर्ष से यह साफ हो गया है कि शांति और स्थिरता अभी दूर है। हिंसा के बढ़ते इस दौर ने आम नागरिकों के जीवन को सबसे अधिक प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संकट को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।