Mumbai Attacks Mastermind In Pakistan: 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड लखवी ना सिर्फ भारत में प्रतिबंधित आतंकी है बल्कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र भी लखवी को आतंकी घोषित कर चुका है.
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड आतंकवादी जकी उर रहमान लखवी
Mumbai Attacks Mastermind In Pakistan: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी पर एक तरफ पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने ये झूठ फैला रहा है की लखवी 2021 से पाकिस्तान की जेल में बंद है तो दूसरी तरफ एबीपी न्यूज के हाथ एक्सक्लूसिव वीडियो लगी है, जिसमें यह आतंकवादी अबु वासी के नाम से पाकिस्तान में ना सिर्फ खुलेआम घूम रहा है बल्कि फिटनेस चैलेंज में भाग ले रहा है.
कुल 3 मिनट 9 सेकंड की इस वीडियो में जकी उर रहमान लखवी एक इवेंट में पश अप कर कर रहा है, डम्बल उठा रहा है और कार्यक्रम का होस्ट लखवी की पहचान लोगों से अबु वासी के रूप में करवाते हुए बता रहा है कि उसने कभी नहीं देखा कि एक 63 साल का व्यक्ति इतना फिट और फुर्तीला हो सकता है.
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र भी लखवी को आतंकी घोषित कर चुका
26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड लखवी ना सिर्फ भारत में प्रतिबंधित आतंकी है बल्कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र भी लखवी को आतंकी घोषित कर चुका है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख सुधारने और FATF की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान ने पूरी दुनिया के सामने साल 2021 में जकी उर रहमान लखवी को 15 साल की कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन एबीपी न्यूज की पड़ताल में ये सजा महज एक दिखावा साबित हुई.
कुछ ही महीनों में पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी खेली जाएगी
खुफिया सूत्रों की मानें तो लखवी रावलपिंडी और लाहौर में आराम से रह रहा है और यह उसे अबु वासी के नाम देना पाकिस्तानी सेना का पैंतरा था, जो वीडियो के आने से ध्वस्त हो गया है. अब सवाल यह उठता है कि कुछ ही महीनों में पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी खेली जानी है. ऐसे में पाकिस्तान, जहां आतंकी इस तरह से खुले घूम रहे हैं, वहां क्या सच में कोई टीम सुरक्षित रह भी सकती है.
एक नई थ्योरी में वैज्ञानिकों को दावा है कि हमारा चंद्रमा किसी ग्रह के टकराने से नहीं बना था. बल्कि यह बाहर से आया था और पृथ्वी ने इस अपने पास खींच लिया था जिससे यह हमेशा के लिए हमारे पास रहने लगा है. इसके लिए
चंद्रमा कैसे पृथ्वी का उपग्रह बना इस पर वैज्ञानिकों ने बिलकुल ही नई और अलग थ्योरी दी है. (फाइल फोटो)
चंद्रमा हमारे सौरमंडल में और पृथ्वी के पास कहां से और कैसे आया? इस बारे में दशकों से हमारे वैज्ञानिकों की एक प्रचलित थ्योरी है. उनके मुताबिक करोड़ों साल पहले पृथ्वी से एक ग्रह टकराया था जिसे उन्होंने थिया नाम दिया है. इस टकराव से बिखरे चूरे मिल कर धीरे धीरे एक पिंड में बदल गए थे जिसे हम आज अपना चंद्रमा कहते हैं. समय समय पर इस थ्योरी के पक्ष में वैज्ञानिकों के कई प्रमाण भी मिलते रहे हैं. पर नई स्टडी ने विज्ञान जगत में हलचल मचा दी है क्योंकि यह पुरानी थ्योरी के कुछ अलग ही दावा कर रही है. इस सिद्धांत ने प्रस्ताव दिया है कि यह किसी टकराव से नहीं बल्कि एक खास बाइनरी-एक्सचेंज प्रक्रिया के तहत पृथ्वी ने अपना ये अनूठा उपग्रह हासिल किया है.
बाइनरी सिस्टम
पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस नए सिद्धांत को पेश किया है. इसमें उन्होंने बताया है कि चंद्रमा मूल रूप से चट्टानों के पिंडों का द्विज जोड़े का हिस्सा था जो स्पेस में एक दूसरे के चक्कर लगा रहे थे. जब ये सिस्टम पृथ्वी के पास के गुजरा, तब हमारे ग्रह के गुरुत्व बल ने इनमें से एक पिंड को अपनी कक्षा में खींच लिया होगा. जबकि दूसरा पिंड अंतरिक्ष में ही दूर कहीं चला गया होगा.
एक नहीं दो सिद्धांत!
इस थ्योरी को प्रोफेसर डैरेन विलियम्स और उनकी टीम ने पेश किया है. उनका कहना है, “कोई नहीं जानता कि चंद्रमा कैसे बना होगा. पिछले चार दशकों से हमारे पास एक संभावना था, अब हमारे पास दो हैं.” नई थ्योरी उन सवालों के जवाब भी देती है जो पुरानी थ्योरी नहीं दे पा रही थी.
चार दशकों से यह माना जा रहा था कि पृथ्वी के एक ग्रह के टकराने से चंद्रमा का निर्माण हुआ था. (प्रतीकात्मक )
पहली संभावना कैसे अपनाई गई?
1984 में हवाई में हुई कोना कॉन्फ्रेंस में वैज्ञानिकों में आपस में चंद्रमा की पैदाइश पर सहमति बनी थी. वे इस नतीजे पर नासा के अपोलो अभियानों के लिए चंद्रमा की मिट्टी की नमूनों के विश्लेषण के आधार पर पहुंचे थे. उन्होंने पाया था कि चंद्रमा की मिट्टी की संरचना पृथ्वी की संरचना से काफी हद तक मेल खाती है. इस आधार पर वे इस नतीजे पर पहुंचे कि हो सकता है कि शुरुआती पृथ्वी के एक खलोलीय पिंड से टकराव के बाद चंद्रमा बना होगा.
क्यों मशहूर हुई पुरानी थ्योरी?
यह थ्योरी इम्पैक्ट थ्योरी से नाम से मशहूर हुई, और इसे व्यापक समर्थन भी मिला क्योंकि यह चंद्रमा की ज्ञात संरचना से काफी तालमेल बैठाती नजर आ रही थी. लेकिन इसमें सारी बातें शामिल नहीं थी. शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर चंद्रमा किसी पिंड के चूरों से मिल कर बना होता तो उसे पृथ्वी के और नजदीक हो कर उसका चक्कर लगाना चाहिए था.
पुरानी थ्योरी यह नहीं बता पा रही थी कि चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के भूमध्य रेखा से झुकी क्यों है.
चंद्रमा की कक्षा का झुकाव
चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी की भूमध्य रेखा के तल के मुकाबले 7 डिग्री झुकी हुई है. यह भी इम्पैक्ट थ्योरी के साथ विरोधाभास पैदा करता है. इस विसंगति की व्याख्तया करने के लिए शोधकर्ताओं ने बाइनरी एक्सजेंच कैप्चर की अवधारणा की ओर रुख किया. इसमें उन्होंने प्रस्ताव दिया कि पृथ्वी ने पास से गुजर रहे एक पथरीले पिंड को खींच कर अपनी कक्षा में ला कर उसे अपना उपग्रह बना लिया होगा.
नेप्च्यून के साथ भी हुआ था ऐसा
प्रोफेसर विलियम ने नेप्च्यून के सबसे बड़ा चंद्रमा ट्राइटिन की मिसाल दी. अभी माना जाता है कि ट्राइटन भी काइपर बेल्ट से नेप्च्यून की ओर से आया था और उसका उपग्रह बन गया था. नेप्च्यून ग्रह के पार मौजूद काइपर बेल्ट में बहुत सारे पथरीले पिंड हैं जिनमें से हर दस में से एक बाइनरी सिस्टम का हिस्सा हैं. हमारे चंद्रमा की तरह ट्राइटन की भी कक्षा नेप्च्यून की भूमध्य रेखा से 67 डिग्री ज्यादा झुकी है.
और भी संकेत
गणितीय मॉडल भी यही सुझाव देते हैं कि इस तरह की घटना हमारे चंद्रमा के साथ भी हुआ होगा. प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने गणना की कि पृथ्वी अपने कुल भार का एक से 10 फीसदी भार वाले पिंड को अपनी कक्षा में खींच सकती है और 1.2 फीसदी वाले भार का चंद्रमा इस दायरे में आता है. इसके लिए लिए यह बाइनरी सिस्टम 128750 किमी की दूरी के भीतर और 10800 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरना चाहिए.
इस थ्योरी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यह चंद्रमा की कक्षा के झुकाव की व्याख्या करती है साथ ही वह उन तत्व की मौजूदगी की व्याख्या भी करती है जो चंद्रमा पर तो हैं, पर पृथ्वी पर नहीं है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के बाइनरी सिस्टम सौरमंडल के शुरुआत में ज्यादा हुआ करते थे.
Assadusuuin owais महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं.
Assadusuuin owais
Assadusuuin owais महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. इस बीच उनके भड़काऊ भाषणों के लिए चेतावनी देते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने सोलापुर में ओवैसी की एक जनसभा के बीचों बीच अचानक मंच पर नोटिस थमा दिया तो वहां मौजूद लोग हक्का बक्का रह गए. पुलिस के नोटिस को पढ़ते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी स्पीच में किया ’15 मिनट’ का जिक्र कर दिया. क्या है पूरा मामला? आइए बताते हैं.
मंच पर पुलिस ने थमाया नोटिस
बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ती तरह ओवैसी भी अपनी पार्टी का झंडा पूरे तामझाम के साथ लहरा रहे हैं. महाराष्ट्र में 10 साल पहले ही AIMIM का खाता खुल गया था. ऐसे में इस बात कुछ बड़ा प्रदर्शन करने का दावा कर रहे असदुद्दीन ओवैसी अपने भाषणों से मुसलमानों को एकजुट कर रहे हैं. ओवैली कल सोलापुर में थे. लेकिन वहां भरे मंच पर पुलिस ने उन्हें नोटिस थमा दिया. दरअसल बुधवार को सोलापुर मध्य विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार फारूक शाब्दी की प्रचार रैली में शामिल होने के लिए असदुद्दीन ओवैसी सोलापुर आए हुए थे. इस दौरान महाराष्ट्र पुलिस के जवान द्वारा ओवैसी को मंच पर ही पुलिस ने नोटिस दे दिया.
नोटिस में क्या लिखा?
आपको बताते चलें कि पुलिस के नोटिस में ओवैसी को अपने भाषण में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने और भड़काऊ भाषण ना देने की हिदायत दी गई थी. पुलिस ने बीएनएस की धारा 168 के तहत यह नोटिस असदुद्दीन ओवैसी को थमाया. बीएनएस की धारा 168 के मुताबिक प्रत्येक पुलिस अधिकारी किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है और अपना पूरी क्षमता से वह ऐसा कर सकता है. इससे पहले ओवैसी ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगाबाद के नाम बदलने को लेकर और महायुति और महाविकास अघाड़ी पर निशाना साधा था.
Swami Rambhadracharya On Reservation: जयपुर में स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण हो, अपने आप जाति प्रथा समाप्त हो जाएगी. कोई SC-ST-OBC नहीं, सब हिंदू एक हैं.
स्वामी रामभद्राचार्य, फाइल फोटो
Reservation News: राजस्थान के जयपुर (Jaipur) के विद्याधर नगर स्टेडियम में श्री बालाजी गौशाला संस्थान और विद्याधर नगर स्टेडियम आयोजन समिति की ओर से आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन बुधवार को कथावाचक रामभद्राचार्य महाराज ने राम-भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज छोटी-छोटी जातियों में हमारे राजनेता समाज को बांट रहे हैं. मैंने कहा है कि सरकारों में अगर दम हो तो जाति के आधार पर आरक्षण बंद किया जाए.
उन्होंने आगे कहा, “आर्थिक आधार पर आरक्षण हो, अपने आप जाति प्रथा समाप्त हो जाएगी. कोई एससी, एसटी और ओबीसी नहीं सब हिंदू एक हैं, सब भारतीय एक हैं. आर्थिक आधार पर आरक्षण कर दो. देख लेना थोड़े दिनों के बाद यही होगा. तब यह जाति वाला गृह युद्ध अपने आप समाप्त हो जाएगा.”
प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए- रामभद्राचार्य
रामभद्राचार्य महाराज ने आगे कहा, “अरे हमने सवर्ण में जन्म लेकर पाप किए हैं क्या? लेकिन, सवर्ण का बालक शत प्रतिशत पाकर जूता सिलाई करे. वहीं एससी का बालक चार प्रतिशत पाकर कलेक्टर बन जाए, ऐसे ये देश कैसे चलेगा. प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए. अभी नहीं तो थोड़े दिनों में ऐसा ही होगा. तब यह जाति वाला गृह युद्ध अपने आप समाप्त हो जाएगा.”
उन्होंने कहा, “हमारे यहां हिंदुओं में कोई अस्पृश्य नहीं है, कोई अछूत नहीं है. चारों वर्ण भगवान की रचना है. ब्राह्मण भगवान का मुख है. क्षत्रिय भगवान की भुजा है. वैश्य भगवान की पलथी है. शूद्र भगवान का चरण है, तो आप बताओं शूद्र अपवित्र कैसे हो गया. हम किसी को प्रणाम करते हैं तो हम अपना माथा चरण पर लगाते हैं. हमारी सरकारें बोलती हैं पूज्य चरण, कोई पूज्य मुख नहीं बोलता है.”
रामभद्राचार्य ने कहा, “मैं सीधा प्रश्न करता हूं कर्मकांडियों से जब भगवान की चरण से निकलकर गंगा जी सबसे पवित्र नदी बन गई, तो ऐसे भगवान के चरण से प्रकट होकर शूद्र अछूत कैसे हो गया. वेदों को न पढ़ने के कारण सब बातें गलत कहीं गई. हमारे आद्र रामानंदाचार्य जी ने 25 लाख हिंदूओं का एक साथ परिवर्तन किया था. मैं वर्तमान चतुर्थ रामानंदाचार्य हूं. मैं आचार्य चरण को वचन देता हूं, हम ऐसा कुछ प्रयत्न करेंगे, जिससे भारत में 80 प्रतिशत हिंदू हो जाएंगे, तब सब कुछ ठीक हो जाएगा.”
मणिपुर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए थे। ताजा हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को मणिपुर भेजा है। इन कंपनियों में दो हजार कर्मी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार सीएपीएफ की जिन 20 कंपनियों को मणिपुर में तैनाती का आदेश दिया गया है उनमें 15 सीआरपीएफ की और पांच बीएसएफ की हैं।
केंद्र सरकार ने मणिपुर में 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को भेजा (फाइल फोटो)
एजेंसी, नई दिल्ली। मणिपुर में ताजा हमलों और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर केंद्र ने करीब 2,000 कर्मियों वाली 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को राज्य में भेजा है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात को इन इकाइयों को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल तैनाती के आदेश जारी किए।
मुठभेड़ में मारे गए 10 उग्रवादी
गौरतलब है कि सोमवार को सीआरपीएफ के साथ भीषण मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए। यह मुठभेड़ तब हुई जब वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के जाकुरधोर में बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और उससे सटे सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। भीषण मुठभेड़ के बाद बल ने अत्याधुनिक हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया था।
CRPF की 15 और BSF की पांच कंपनियां
सूत्रों के अनुसार, सीएपीएफ की जिन 20 कंपनियों को मणिपुर में तैनाती का आदेश दिया गया है, उनमें 15 सीआरपीएफ की और पांच बीएसएफ की हैं। राज्य में पिछले साल मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से सीएपीएफ की 198 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर के जिरिबाम में नए सिरे से हिंसा भड़कने के बाद पिछले सप्ताह से तनाव की स्थिति बनी हुई है।
इंफाल घाटी में पूर्ण बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित
जिरीबाम जिले में उद्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और बच्चों के अपहरण के विरोध में 13 नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा बुलाए गए पूर्ण बंद के कारण बुधवार को इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। बंद के कारण इंफाल घाटी के पांच जिलों इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहे और सरकारी कार्यालयों में न के बराबर उपस्थिति दर्ज की गई।
बता दें कि जिरीबाम जिले में सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हथियारबंद उग्रवादियों ने जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और पास में स्थित बोरोबेकरा थाने पर हमला किया था। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ के बाद तीन महिलाओं समेत 6 लापता हैं।
Meerut Weather update उत्तर प्रदेश में नवंबर के दूसरे सप्ताह में ही कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। बुधवार सुबह घने कोहरे ने मुजफ्फरनगर मेरठ और बिजनौर को अपनी चपेट में ले लिया। कोहरे के कारण दृश्यता काफी कम हो गई है और वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम में बदलाव की संभावना जताई है।
Weather Update: घने कोहरे में दृश्यता रही बेहद कम।
जागरण संवाददाता, मेरठ/बिजनौर/मुजफ्फरनगर/शामली।
Up Weather updateनवंबर के दूसरे सप्ताह में बुधवार प्रातः कोहरा छा गया। शहर से लेकर देहात तक मानो सब कुछ कोहरे की चादर में लिपट गया। सीजन का पहला कोहरा देखकर घर से निकले लोगों वाहनों की हेडलाइट और पार्किंग लाइट ऑन करनी पड़ी। सड़क पर दृश्यता बहुत कम रही। कोहरे के पीछे पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होना बताया गया है।
मौसम विज्ञानियों ने पहले ही कोहरे का अंदेशा जताया था। हवा में प्रदूषित कणों का घनत्व भी खतरनाक श्रेणी में पहुंच सकता है। हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव और हवा की गति भी कम रही। बुधवार सुबह आर्द्रता का अधिकतम प्रतिशत सिटी डॉट आइएमडी वेबसाइट के अनुसार 98 प्रतिशत रहा।
कोहरे की चादर से लिपटा शामली, लाइट जलाकर गुजरे वाहन
शामली में बुधवार को कोहरे ने जिले को अपने आगोश में ले लिया। कोहरे के कारण जहां वाहन चालकों को परेशानी हुई और हाईवे पर वाहनों की लाइन देखी गई। तो वही बढ़ी ठंड से भी लोग कपड़ों को लपेटकर बचाव करते दिखे। पिछले कई दिनों से लगातार ठंड बढ़ती जा रही है। जिसके चलते तापमान में भी गिरावट दिख रही है। हालांकि यह ठंड सुबह व शाम में ज्यादा दिख रही है।
बुधवार को सुबह सवेरे से ही शामली में घना कोहरा छाया छाया रहा। नेशनल हाईवे पानीपत खटीमा मार्ग, दिल्ली यमुनोत्री मार्ग, मेरठ करनाल हाईवे सहित ग्रामीण सड़कों पर भी वाहन चालक लाइट जलाकर गुजरते रहे। वहीं दूसरी ओर स्मॉग का असर भी देखा गया। मंगलवर शाम से भी स्मॉग से आंखों में जलन और सांस लेने में लोगों को तकलीफ रही। सबसे ज्यादा मुश्किल बुजुर्ग ओर बच्चों के साथ ही अस्थमा, ह्रदय रोगियों में देखने को मिली। मंगलवार को स्मॉग 225 था।
घना कोहरा और तेज हवा ने बदला मौसम, बढ़ी सर्दी
बुधवार की सुबह मुजफ्फरनगर में मौसम का मिजाज बदल गया। सीजन का पहला घना कोरा छाए रहने के साथ ही तेज हवा भी चली। इसकी वजह से सर्दी ने दस्तक दे दी है। बीते कई दिन से वायुमंडल में स्मॉग बना हुआ था। मंगलवार को सुबह से रात तक स्मॉग की चादर छाई रही।
वहीं बुधवार की सुबह अलग ही नजारा सामने था। सुबह नौ बजे तक भी सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पाए थे। चारों तरफ घना कोहरा छाया रहा। इसके साथ ही तेज हवा भी चलती रही। इसके कारण तापमान में भी गिरावट आई है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जिसमें बुधवार को लगभग दो डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आई है। सर्दी का अहसास बढ़ने की वजह से लोगों ने गर्म कपड़े भी पहनने आरंभ कर दिए हैं।
छाया घना कोहरा, तापमान ने लगाया गोता
बिजनौर में सुबह शाम की ठंड और दोपहर में हल्की गर्मी के बीच बुधवार को एकदम से मौसम ने करवट बदली है। सुबह के समय छाए घने कोहरे और हवा के झोंकों ने मौसम ठंडा कर दिया। घने कोहरे की वजह से वाहनों की रफ्तार बहुत कम रही।
नवम्बर में मौसम धीरे धीरे करवट बदल रहा है। सुबह शाम को तो ठंडक का अहसास हो रहा है लेकिन दोपहर में हल्की गर्मी रहती है। एसी तो काफी पहले बंद हो चुके हैं लेकिन पंखे अब भी दिन रात चल रहे हैं। अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है जबकि अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से अधिक ही जा रहा है। एक दो बार सुबह के समय हल्का कोहरा आया लेकिन तुरंत ही छंट गया।
बुधवार को बहुत घना कोहरा छाया रहा और सड़कों पर दृश्यता बहुत कम रही। हवा के ठंडे झोंके भी चलते रहे। मौसम बहुत ठंडा रहा। सुबह लगभग सात बजे न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस रहा। कोहरे और हवा ने एकदम से मौसम बदल दिया और सुबह के समय ही लोगों और बच्चों के शरीर पर गर्म कपड़े दिखाई दिए। एकदम से कोहरा छंटने की कोई संभावना भी दिखाई नहीं दे रही थी।
Ration Card Rules For LPG Cylinder: अब इस राज्य में राशन कार्ड धारकों को सिर्फ 450 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जाएगा. सरकार ने बदल दिए हैं नियम. जानें कैसे मिलेगा फायदा.
राशन कार्ड पर सस्ते गैस सिलेंडर
Ration Card Rules For LPG Cylinder: भारत सरकार देश के लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है. सरकार की योजना का लाभ देश के अलग-अलग तबकों के लोगों को मिलता है. सरकार ज्यादातर योजनाएं देश के गरीब जरूरतमंद लोगों के हितों को ध्यान में रखकर लाती है. आज आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो दो वक्त के खाने तक का इंतजाम नहीं कर पाते हैं.
सरकार इन लोगों को कम कीमत पर राशन मुहैया करवाती है. इसके लिए भारत के अलग-अलग राज्यों की राज्य सरकारें राशन कार्ड जारी करती है. राशन कार्ड धारकों को सिर्फ कम कीमत पर राशन की सुविधा ही नहीं मिलती. बल्कि सरकार की ओर से और भी फायदे दिए जाते हैं. अब इस राज्य में राशन कार्ड धारकों को सिर्फ 450 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जाएगा. सरकार ने बदल दिए हैं नियम.
राजस्थान में राशन कार्ड धारकों को सस्ते सिलेंडर
राशन कार्ड धारकों को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट यानी एनएफएसए के तहत कम कीमत पर राशन दिया जाता है. लेकिन अब एनएफएसए के तहत राशन कार्ड धारकों को सरकार की ओर से कम बेहद कम कीमत पर गैस सिलेंडर मुहैया करवाएगी. सरकार अब राशन कार्ड धारकों को सिर्फ 450 रुपये में गैस सिलेंडर देगी.
राजस्थान सरकार की ओर से पहले सिर्फ उज्ज्वला योजना के तहत लाभ ले रहे लाभार्थियों को ही 450 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जाता था. लेकिन अब राज्य में सरकार राशन कार्ड धारकों को भी यह लाभ दे रही है. लेकिन इसके लिए राशन कार्ड धारकों को अपना राशन कार्ड एलपीजी आईडी से लिंक करवाना होगा. तभी उन्हें यह लाभ लेने का मौका मिल पाएगा.
68 लाख परिवारों को पहुंचेगा फायदा
राजस्थान में फिलहाल 1,07,35000 से ज्यादा परिवार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट की लिस्ट में शामिल है. इनमें से 37 लाख परिवारों को बीपीएल और उज्ज्वला योजना के तहत पहले ही लाभ दिया जा रहा है. तो अब ऐसे में बचे हुए 68 लाख परिवारों को फायदा मिलेगा.
राशन कार्ड की ई केवाईसी जरूरी
सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड धारकों को ई केवाईसी की प्रक्रिया भी पूरी करवानी जरूरी है. यानी उन्हें राशन कार्ड में न सिर्फ एलपीजी आईडी सीडिंग करवानी होगी. बल्कि अपना आधार कार्ड भी फिर से लिंक करवाना होगा. तभी उन्हें योजना का लाभ मिल पाएगा.
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी ने सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है. इस पर आप सांसद संजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी.
(आप सांसद संजय सिंह, फाइल फोटो)
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को सीएम चेहरा घोषित करने से महाविकास अघाड़ी का फायदा होगा. एबीपी माझा से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी को तोड़ा गया, शरद पवार के विधायकों तोड़ा गया और सरकार बनने के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार किया. इन बातों को लेकर महाराष्ट्र की जनता में नाराजगी है. बता दें कि महाविकास अघाड़ी ने सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है. चुनाव बाद इसका फैसला होगा.
राज ठाकरे कहते हैं कि बीजेपी का सीएम होगा, इस पर उन्होंने कहा, “एक सीट वो बेटे के लिए मांग रहे थे लेकिन नहीं दिया. मुझे नहीं लगता कि राज ठाकरे बीजेपी का सहयोग या समर्थन करने जा रहे हैं. अलग-अलग समय पर वो अलग-अलग स्टैंड लेते रहते हैं. अभी थोड़े बहुत वोट मनसे काट सकती है, थोड़े बहुत वोट शिंदे काट सकते हैं, इस पर भी रोक लग जाएगी अगर उद्धव ठाकरे को चेहरा बनाया जाता है.”
संजय सिंह ने कहा, “एकनाथ शिंदे की सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति में भी घोटाला कर लिया. महाराष्ट्र की दो लाख करोड़ की योजना को उठाकर दूसरे राज्य में ले गए. इन मुद्दों को उद्धव ठाकरे जनता के बीच में अच्छे से रख रहे हैं.”
आप सांसद ने कहा कि लोग महायुति को हराने के लिए तैयार हैं और महाविकास अघाड़ी को प्रचंड बहुमत से जिताने को तैयार हैं. उन्होंने दावा किया कि जिस तरह का माहौल लोकसभा चुनाव के नतीजों में देखने को मिला वैसा ही माहौल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भी है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि विधानसभा के अंदर ही घोखेबाजी हुई थी.
संजय सिंह ने बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए कहा, “आपने बाइक चोर सुना होगा, कार चोर सुना होगा, बीजेपी ने तो पार्टी चोरी का काम किया. जिन लोगों पर आरोप लगाते थे कि इनका संबंध इकबाल मिर्ची से है, दाऊद इब्राहिम से है, अजित पवार पर आरोप लगाते थे कि 70 हजार करोड़ का घोटाला किया, अब सारे लोग अच्छे हो गए?”
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन दोनों राज्यों के चुनाव में एक नारा सबसे ज्यादा चर्चा में है और वो है ‘बंटेंगे तो करेंगे.’ ये नारा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है, जिसका समर्थन अब पीएम मोदी भी अपनी रैलियों में कर रहे हैं. लेकिन विपक्ष इसपर हमलावर है.
योगी आदित्यनाथ, सीएम, यूपी
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन दोनों राज्यों के चुनाव में एक नारा सबसे ज्यादा चर्चा में है और वो है ‘बंटेंगे तो कटेंगे. ये नारा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है, जिसका समर्थन अब पीएम मोदी भी अपनी रैलियों में कर रहे है. लेकिन विपक्ष इसपर हमलावर है. खासकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी हर चुनावी रैली में योगी के इस नारे को संविधान के खिलाफ बता रहे हैं और बीजेपी पर निशाना साथ रहे है. लेकिन अब योगी आदित्यनाथ ने भी खड़गे पर बड़ा पलटवार किया है।
योगी ने खड़गे पर किया पलटवार
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा, ‘खड़गे का गांव भी जलाया गया था. उनकी माताजी, चाची और बहन को निजाम के रजाकारों द्वारा जलाया गया था लेकिन खड़गे सच्चाई को नहीं बोलना चाहते. क्योंकि उनकी लगता है कि निजाम पर आरोप लगाउंगा तो वोट खिसक जाएगा. रजाकारों ने हिन्दुओं का कत्लेआम किया था. सच्चाई खरगे जी स्वीकार नहीं करना चाहते वोट के लिए परिवार के बलिदान को भूल गए.’ ये बातें योगीआदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के अचलपुर में एक रैली के दौरान कहीं.
योगी पर निशाना साध रहे हैं खड़गे
झारखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर निशाना साधा था. उन्होंने इस नारे को आतंकी की भाषा बताया है. झारखंड के पांकी में एक जनसभा को संबोधित कर कांग्रेस अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के नारे बंटेंगे तो करेंगे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाई एक काम करो, दो-दो काम क्यों करते हो. जो साधु-संत होता है वो तो सभी का होता है. बांटों, काटों में क्यों जा रहे हो. ये लोगों को बोल रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे. ये साधु काम है? नागपंथ का काम है? उन्होंने ये भी कहा कि बंटेंगे तो कटेंगे आतंकी कह सकता है आप नहीं, आप एक मठ के व्यवस्थापक हो.
बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होनी है, जबकि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा. दोनों राज्यों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.
Indian Army: भारतीय सेना के जवान हमारी और देश की रक्षा के लिए किस परिस्थिति में रहते हैं इसका शायद अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि भारतीय सेना के जवान सरहदों को सुरक्षित रखने के लिए 17800 फीट की ऊंचाई पर 12000kg की गन तैनात कर रहे हैं.
Indian Army in Ladakh: आज हम आपके सामने एक ऐसा उदाहरण पेश करेंगे जिससे आपको समझ आ जाएगा कि आखिर सारी दुनिया भारतीय सेना का लोहा क्यों मानती है. कोई भी मौसम हो और कैसी भी परिस्थिति हो लेकिन भारतीय सेना देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड हो, पसीना-पसीना कर देने वाली गर्मी हो या फिर आसमान से बरसते बर्फ के गोलों का मौसम हो, भारतीय सेना के जवान सीना तानकर सरहदों की हिफाज़त में लगे रहते हैं. ठंड का मौसम शुरू होने वाला है ऐसे में भारतीय सेना ने लद्दाख में अपनी पोजीशन संभाल ली है. साथ ही एक वीडियो भी जारी किया है जो काफी हैरान कर देने वाला है.
17800 फीट ऊंचाई पर बनाया बंकर:
भारतीय सेना ने देश की सरहदों को सुरक्षित करने के लिए अपने हथियारों को हजारों फीट ऊंपर चढ़ा लिया है. हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि सेना के जवान लद्दाख में 17,800 फीट की ऊंचाई पर हथियार चढ़ा रहे हैं. सेना ने लद्दाख सेक्टर में इस ऊंचाई तक 12000 किलोग्राम की तोप को चढ़ाते हुए देखा जा सकता है. लगभग 18000 फीट की ऊंचाई पर बंकर बनाया है जहां जवान कड़कड़ाती ठंड में मौजूद रहेंगे ताकि देश के सरहदों पर कोई भी नापाक इरादों के साथ देख सके. सामान्य रूप से इतनी ऊंचाई पर सांस लेना भी मुश्किल होता है लेकिन हमारे जवान वहां मौजूद रहेंगे और हमारी रक्षा करते रहेंगे.
सेना ने कैसे चढ़ाई 12000Kg की मशीन?
यह वीडियो फायर फ्यूरी कॉर्प्स के ऑफिशियल X हेंडल से जारी किया गया है. जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह सेना के जवान रस्सियों की मदद से भारी-भरकम हथियार 17800 फीट की ऊंचाई पर चढ़ा रहे हैं. साथ ही यह भी देखा जा सकता है कि यह काम कितना मुश्किल है लेकिन सेना के जवान अपने जज्बे और बहादुरी के दम पर इस काम को आसानी से कर लेते हैं. वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है,’दुनिया के सबसे कठिन इलाकों और चरम मौसम की स्थिति में तैनात भारतीय सेना के वीर सैनिकों को सलाम. उनका धैर्य और दृढ़ संकल्प चुनौतियों को, असंभव को संभव बनाने वाली जीत में बदल देता है. जहां दूसरे लोग जीवित रहने के लिए संघर्ष करते हैं, वहीं वे अपनी अटूट भावना से पहाड़ों को हिलाकर आगे बढ़ते हैं.’
-40 डिग्री होता है तापमान:
यह इलाका बेहद मुश्किल, ऊबड़-खाबड़ और बहुत ज्यादा सर्दी वाला है. भारतीय सेना के जवान के यहां -40 डिग्री सेल्सियस, खतरनाक हवा के बीच रहना पड़ता है. यहां रहने वाले जवानों को ना सिर्फ शारीरिक मजबूती की जरूरत होती बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत लचीलापन चाहिए होता है. चुनौतियों से निपटने के लिए, सेना ने अपने सैनिकों को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध के सामान से लैस कर दिया है, जिसमें इंसुलेटेड जैकेट, जूते और स्लीपिंग बैग शामिल हैं. सेना ने मुश्किल हालात में फौजियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए स्नोमोबाइल, स्नो ट्रैक्टर और मोबाइल शेल्टर में भी भारी निवेश किया है. ठंड के मौसम के लिए विशेष गियर के अलावा, सैनिकों को ऊंचाई और क्षेत्र की अत्यधिक शारीरिक मांगों के अनुकूल होने के लिए महीनों तक मुश्किल ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है.
जवानों को करवाई जाती है ट्रेनिंग:
प्रशिक्षण में उच्च ऊंचाई वाले युद्ध की रणनीति, पहाड़ी इलाकों में तेजी से चलना और शून्य से नीचे के तापमान में जीवित रहने के प्रेक्टिस करवाई जाती है. उन्नत हथियार और तकनीक भी भारत की रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. हाल ही में सेना के जवानों को विमान भेदी तोपों से लैस दिखाया गया है, जो आधुनिक युद्ध में बढ़ती चिंता का विषय बन चुके ड्रोन समेत हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए सेना की तत्परता को दर्शाता है. सेना एलएसी पर होने वाली गतिविधियों पर वास्तविक समय की खुफिया जानकारी बनाए रखने के लिए ड्रोन, थर्मल इमेजिंग सिस्टम और सैटेलाइट इमेजरी जैसे निगरानी उपकरणों का भी उपयोग करती है. बर्फ से ढकी चोटियों और चट्टानी चोटियों वाला यह क्षेत्र न केवल पारंपरिक युद्ध के लिए कठिन है, बल्कि चीन के साथ सीमा पर प्रमुख क्षेत्रों को नियंत्रित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है.