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China में स्पोर्ट्स सेंटर के बाहर कार ने लोगों को रौंदा, 35 की मौके पर मौत

चीन के झुहाई शहर में सोमवार रात एक कार दुर्घटना में 35 लोगों की मौत हो गई और 43 से ज्यादा लोग घायल हो गए। झुहाई वर्तमान में चीन के प्रतिष्ठित एयरशो की मेजबानी कर रहा है। हालांकि घटना का विवरण अभी तक जारी नहीं किया गया है। हालांकि समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने इस दुर्घटना की पुष्टि की। पुलिस ने बताया कि 62 वर्षीय ड्राइवर को हिरासत में लिया गया।

चीनी शहर में ड्राइवर ने भीड़ को टक्कर मारी, 35 लोगों की मौत (Photo Agency)

एजेंसी, बीजिंग। चीन के दक्षिणी शहर झुहाई में सोमवार शाम को स्पोर्ट्स सेंटर के बाहर लोगों के समूह को कार ने टक्कर मार दी, जिससे 35 लोगों की मौत हो गई और 43 अन्य घायल हो गए। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन के झुहाई शहर में कार की टक्कर में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास करने का वादा किया है।

आरोपी गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि झुहाई शहर में एक ड्राइवर द्वारा भीड़ को टक्कर मारने के बाद 35 लोगों की मौत हो गई और 43 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को बताया कि 62 वर्षीय चालक को हिरासत में लिया गया है। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह हमला था या दुर्घटना। किसी कारण का उल्लेख नहीं किया गया और पुलिस ने कहा कि जांच जारी है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

शिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने कानून के अनुसार अपराधी को सजा देने की भी मांग की। हालांकि, आधिकारिक मीडिया में इस घटना की रिपोर्ट को व्यापक रूप से सेंसर किया गया है, लेकिन एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो में सड़क पर पड़े शवों और मदद के लिए चिल्लाते लोगों का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

चीन में बढ़ रही हिंसा

राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने घायलों के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया और अपराधी को कड़ी सजा देने की मांग की। चीनी सरकार ने मामले से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक टीम भेजी है। चीन में कड़ी सुरक्षा और सख्त कानूनों के कारण हिंसक अपराध कम हैं। हालांकि, बड़े शहरों में चाकू से हमलों की बढ़ती रिपोर्टों ने सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा के बारे में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।

अक्टूबर में बीजिंग में चाकू से किए गए हमले में शहर के शीर्ष प्राथमिक विद्यालयों में से एक के बाहर पांच लोग घायल हो गए थे। एक महीने पहले शेन्जेन में अपने स्कूल के बाहर एक जापानी छात्र की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। झुहाई इस सप्ताह चीन के सबसे बड़े वार्षिक एयर शो की मेजबानी कर रहा है, जहां पहली बार एक नया स्टील्थ जेट फाइटर प्रदर्शित किया जाएगा।

Jharkhand Election 2024: ‘मौजूदा मुल्क के हालात को…’, झारखंड में जमीयत उलेमा के आदेश पर भड़के BJP सांसद निशिकांत दुबे

Jharkhand Election 2024: झारखंड में पहले चरण के मतदान से पहले लोहरदगा जमीयत उलेमा ने एक आदेश जारी कर इंडिया गठबंधन को वोट देने की बात कही है. इस पर बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने निशाना साधा है.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (फाइल फोटो)

Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024: झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के पहले चरण के लिए बुधवार (13 नवंबर) को वोट डाले जाएंगे. इससे पहले प्रदेश में राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच लोहरदगा जिले में जमीयत उलेमा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि वो अपना वोट “इंडिया” गठबंधन के प्रत्याशी को ही दें. वहीं अब इस आदेश पर बीजेपी ने हमला बोला है.

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर जमीयत उलेमा के आदेश पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “क्या यह देश मुसलमानों के कानून से चलेगा? यह फतवा भारत की एकता और अखण्डता पर प्रहार है.

जमीयत उलेमा के आदेश में क्या?

बता दें जमीयत उलेमा के आदेश में कहा गया है कि, “मौजूदा मुल्क के हालात को देखते हुए और मरकजी हुकूमत का मुसलमानों के तालुक से जो रवैया है. साथ ही जिस तरह मुसलमानों को एनआरसी, यूनिफॉर्म सिविल कोड, वक्फ बोर्ड कानून लाकर और घुसपैठियों के बहाने डराया-धमकाया जा रहा है.”

आदेश में आगे कहा गया कि “ऐसे में इस सिलसिले में ‘जमीयत उलेमा झारखंड” से राय मशवरा करने के बाद ‘जमीयत उलेमा जिला लोहरदगा’ मुसलमानों से अपील करती है कि वक्त का तकाजा है कि मुसलमान एक होकर इंडिया गठबंधन को अपना वोट दे और दिलाएं.”

कल होगी पहले चरण की वोटिंग

झारखंड में पहले चरण के चुनाव को लेकर सोमवार (11 नवंबर) को प्रचार का शोर थम गया. पहले फेज में राज्य में 43 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इन सीटों पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. इन सीटों पर कुल 15,344 बूथ बनाए गए हैं, जहां चुनाव मैदान में खड़े कुल 683 प्रत्याशी की किस्मत का फैसला कुल 1 करोड़ 37 लाख 10 हजार 717 वोटर करेंगे. पहले चरण में कुल वोटरों में 68 लाख 73 हजार 455 पुरुष, 68 लाख 36 हजार 959 महिला और 303 थर्ड जेंडर शामिल हैं.

TRAI की बड़ी कार्रवाई! ब्लॉक किए 1.77 करोड़ Sim Cards, इस वजह से उठाया कदम

टेलीकॉम विभाग के मुताबिक, हर दिन लगभग 1.35 करोड़ फर्जी कॉल्स रोक दी जा रही हैं. इसके अलावा, विभाग ने फर्जी कॉल करने वाले 1.77 करोड़ मोबाइल नंबर बंद कर दिए हैं.

TRAI ने ब्लॉक किए 1.77 करोड़ Sim Cards

सरकारी टेलीकॉम विभाग ने फर्जी कॉल्स को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है. हाल ही में विभाग ने 1.77 करोड़ मोबाइल नंबर बंद कर दिए. इनका इस्तेमाल फर्जी कॉल करने के लिए किया जा रहा था. देश के 122 करोड़ से ज्यादा टेलीकॉम यूजर्स की सुरक्षा के लिए टेलीकॉम विभाग ने TRAI के साथ मिलकर ये कदम उठाया है. दोनों ने मिलकर फर्जी कॉल्स के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. TRAI ने पिछले महीने ही एक नई नीति बनाई है, जिससे अब ऑपरेटर खुद ही मार्केटिंग और फर्जी कॉलों को रोक सकते हैं. इससे अब वाइटलिस्टिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी.

टेलीकॉम विभाग के मुताबिक, हर दिन लगभग 1.35 करोड़ फर्जी कॉल्स रोक दी जा रही हैं. इसके अलावा, विभाग ने फर्जी कॉल करने वाले 1.77 करोड़ मोबाइल नंबर बंद कर दिए हैं. लोगों की शिकायत पर विभाग ने कार्रवाई की है और पांच दिनों के भीतर लगभग 7 करोड़ कॉल्स को रोक दिया है. विभाग ने कहा है कि ये उनके अभियान की शुरुआत है.

फर्जी कॉल्स पर लगेगी लगाम

बता दें कि ये पहली बार नहीं हुआ है जब लीकॉम विभाग ने फर्जी कॉल करने वालों को रोका है; पहले भी उन्होंने लाखों सिम कार्ड बंद किए थे. फर्जी कॉल्स को रोकने के लिए विभाग कड़े कदम उठा रहा है. वहीं, अब से, कॉलर्स को सिर्फ व्हाइटलिस्टेड टेलीमार्केटिंग कॉल ही मिलेंगी.

11 लाख अकाउंट को किया गया फ्रीज

हाल ही में संचार मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि बैंकों और पेमेंट वॉलेट की ओर से करीब 11 लाख अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है. सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी सिम कार्ड्स को ब्लॉक किए जाएंगे. दूरसंचार विभाग (डीओटी) के साथ काम करने वाले चार दूरसंचार सेवा ऑपरेटर (TSP) ने 45 लाख नकली इंटरनेशनल कॉल को दूरसंचार नेटवर्क तक पहुंचने से रोक दिया था.

‘कुंभ में कुछ ऐसा कर देंगे… ‘जगद्गुरु रामभद्राचार्य के पास है पाकिस्तान को मिटाने का प्लान?

Jaipur News: जयपुर में श्रीरामकथा के दौरान जगतगुरु रामभद्राचार्य ने गांधी परिवार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये गांधी परिवार का राष्ट्र नहीं हैं ये राष्ट्र संतों और 140 करोड़ भारत वासियों का है.

जगतगुरु रामभद्राचार्य

Rajasthan News: जयपुर में चल रही श्रीराम कथा में जगतगुरु रामभद्राचार्य ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र का चिंतन एक संत करता है परिवार वाला व्यक्ति कभी राष्ट्र का चिंतन नहीं कर सकता. इस राष्ट्र को किसी परिवार विशेष की जकड़न से हमें मुक्त करना ही है ये गांधी परिवार का राष्ट्र नहीं हैं ये राष्ट्र हमारा संतों का है 140 करोड़ भारतवासियों का है. कश्मीर में धारा 370 ये क्या इनके बाद आने वाले सात पीढियां भी नहीं ला सकेंगी.

जगतगुरु ने आगे कहा कि अब हम ऐसा यज्ञ कर रहे है जैसा विश्वामित्र जी ने किया था,वही यज्ञ जिसमें दशरथ जी, विश्वामित्र से राम, लक्ष्मण को मांगे थे,हम आपसे (देशवासियों) से राम-लक्ष्मण नहीं मांग रहे वो मेरे पास हैं, हम सभी भारतवासियों का मन चाहते है,भारतवासी मन से यजमान बनकर इस बार कुंभ में ऐसा कुछ कर दें कि पाकिस्तान द्वारा हथिया लिया गया कश्मीर भी मुझे मिल जाए और ऐसी लीला हनुमान जी कर दें कि विश्व के नक्शे से पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जाए.

अक्सर अपने बयानों से चर्चाओं में रहते हैं जगतगुरु

बता दें कि जगदगुरु रामभद्राचार्य अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चाओं में रहते हैं. रामभद्राचार्य की गिनती देश के चार प्रमुख जगदगुरुओं में होती है. इससे पहले रविवार को जयपुर में कथा के दौरान उन्होंने कहा था कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का हम वापस ले चुके हैं अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि की बारी है, जबतक मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को उसका हक नहीं मिलता तब तक वे किसी कृष्ण मंदिर में नहीं जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने ज्योति पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर भी निशाना साधा. जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि उनके बयान से मुझे काफी गहरा दुख पहुंचा है. वे खुद को शंकराचार्य कहते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि वे शंकराचार्य भी नहीं है क्योंकि उनका मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन हैकुंभ में कुछ ऐसा कर देंगे…

 

‘सच्चा हिंदू संतों का अपमान नहीं करता’, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने आतंकी से की CM योगी की तुलना तो भड़के प्रमोद कृष्णम

झारखंड की एक चुनावी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा था कि एक सच्चा योगी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. इस भाषा का इस्तेमाल आतंकवादी करते हैं. योगी एक मठ के प्रमुख हैं, भगवा वस्त्र पहनते हैं, लेकिन ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ में विश्वास करते हैं. जो लोग वास्तव में एकजुट देश चाहते हैं, उन्हें इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.

पूर्व कांग्रेस नेता और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर की गई टिप्पणी को लेकर निशाना साधा. उन्होंने खड़गे की आलोचना करते हुए कहा कि सच्चा हिंदू संत महात्माओं का अपमान नहीं कर सकता. दरअसल, खड़गे ने नागपुर में एक चुनावी रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर उनके ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे के लिए निशाना साधते हुए कहा था कि ये विभाजनकारी बयान है.

इसके एक दिन बाद झारखंड की एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, “एक सच्चा योगी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. इस भाषा का इस्तेमाल आतंकवादी करते हैं. योगी एक मठ के प्रमुख हैं, भगवा वस्त्र पहनते हैं, लेकिन ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ में विश्वास करते हैं. जो लोग वास्तव में एकजुट देश चाहते हैं, उन्हें इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.”

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कृष्णम ने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम से तो लगता है कि वो हिंदू हैं लेकिन काम से नहीं लगता कि वो हिंदू हैं. उन्हें बताना चाहिए कि वो हिंदू हैं या नहीं. क्योंकि कोई भी हिंदू संत महात्माओं का अपमान नहीं कर सकता. जिस तरह से खड़गे जी बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि उन्हें सनातन से बैर है. और मुझे नहीं लगता कि जो सनातन से बैर रखता है उसे भारत में राजनीति में करने का अधिकार है.”

उन्होंने आगे कहा, “जो सनातन के खिलाफ है वो भारत के खिलाफ है और जो भारत के खिलाफ है वो ही सनातन के खिलाफ है. खड़गे जी इतने वर्षिठ नेता हैं. हिंदू संतों का अपमान, सनातन का अपमान, भगवा का अपमान… ये उन्हें शोभा नहीं देता. ये ऋषि प्रधान देश है. भारत के ऋषि-मुनि संतों ने इस देश के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई है. योगी आदित्यनाथ एक नेता हैं लेकिन एक साधू हैं, एक संत हैं. उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करना खड़गे जी को शोभा नहीं देता. ये दुर्भाग्य के विपक्ष का.”

कौन हैं मार्को रुबियो: ट्रंप ने जिन्हें बनाएंगे अमेरिका का नया विदेश मंत्री, माने जाते हैं भारत के समर्थक और चीन के विरोधी  

Who is Marco Rubio:डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो को अमेरिका के विदेश मंत्री पद केकौन हैं मार्को रुबियो: ट्रंप ने जिन्हें बनाएंगे अमेरिका का नया विदेश मंत्री, माने जाते हैं भारत के समर्थक और चीन के विरोधी   लिए नॉमिनेट किया है। रुबियो अमेरिका-भारत संबंधों के मुखर समर्थक और चीन के सख्त आलोचक माने जाते हैं। यह नियुक्ति संभवतः ट्रंप की विदेश नीति में एक नई दिशा का संकेत हो सकती है, जिसमें वे अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने और चीन जैसे विरोधियों को आक्रामक प्रतिक्रिया देने पर जोर दे सकते हैं। रुबियो के चयन से विदेश नीति के क्षेत्र में ट्रंप के अगले कदमों की दिशा स्पष्ट होती है।

भारत-अमेरिका संबंधों में रुबियो की भूमिका

रुबियो ने भारत को हमेशा से ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साथी माना है। वे व्यापार और रक्षा क्षेत्रों में अमेरिका-भारत सहयोग को मजबूत करने के पक्षधर हैं। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने कांग्रेस में लगातार मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की रणनीतिक अहमियत को रेखांकित किया है। यह रिश्ता न केवल दोनों देशों के आर्थिक हितों को बढ़ाता है, बल्कि दोनों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को भी बल देता है। ट्रंप प्रशासन में रुबियो का चयन भारत के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।

चीन पर अपनाते रहे हैं सख्त रुख

चीन को लेकर रुबियो का रुख हमेशा आक्रामक रहा है। सीनेट में वे चीन की नीतियों और मानवाधिकारों के हनन के मुखर आलोचक हैं। रुबियो ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) पर आर्थिक दबाव डालने की वकालत की है और दक्षिण चीन सागर में उसकी आक्रामक नीतियों की भी निंदा की है। अगर वे विदेश मंत्री बनते हैं, तो उनकी यह सख्ती और भी बढ़ सकती है। चीन के प्रति उनके सख्त रुख से भारत सहित अन्य देशों के साथ अमेरिकी संबंध और मजबूत हो सकते हैं।

NATO के मजबूत समर्थक माने जाते हैं

रुबियो का विदेश नीति का अनुभव यूरोप के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने में मददगार होगा। रुबियो हमेशा NATO के कट्टर समर्थक रहे हैं। मार्को ने कई बार यूरोपीय सहयोगियों के साथ रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देने की वकालत की है। ट्रंप ने हालांकि पहले NATO की आलोचना की थी, लेकिन रुबियो का समर्थन इस गठबंधन को और भी मजबूत कर सकता है। रुबियो का मानना है कि NATO अमेरिकी सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

मिडिल ईस्ट में हमास पर सख्त रुख

मिडिल ईस्ट की बात करें तो रुबियो ने इजरायल के प्रति अपना समर्थन जताया है और हमास जैसे संगठनों पर हमला बोला है। रुबियो का मानना है कि ऐसे संगठन मिडिल ईस्ट की स्थिरता के लिए खतरा हैं। मार्को रुबियो ने इजरायल को हर संभव सुरक्षा सहायता देने और हमास की हिंसा का मजबूती से जवाब देने की अपील की है। उनकी नीतियां GOP (Republican Party) के पारंपरिक आइडियोलॉजी के मुताबिक है, जो इजरायल की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर देती हैं।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर क्या है रुबियो का विजन

रूस और यूक्रेन के संघर्ष पर रुबियो का दृष्टिकोण स्पष्ट और सुलझा हुआ है। हाल ही में उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है, हालांकि उन्होंने रूस के पक्ष में कोई बात नहीं की। लेकिन रुबियो ने अमेरिका की ओर से यूक्रेन को दिए जा रहे सहायता पैकेज पर सवाल उठाए हैं और अपनी नीतियों में वास्तविकता के आधार पर समाधान करने की बात कही है।

दिल्ली का ‘कचरा मॉडल’ 10 लाख लोगों के फेफड़े खराब कर रहा, ओखला प्लांट पर NYT रिपोर्ट की 5 बड़ी बातें

Okhla Delhi Waste To Energy Plant: दिल्ली के ओखला में मौजूद एक ‘वेस्ट टू एनर्जी’ (कचरे से बिजली) प्लांट आसपास की करीब 10 लाख आबादी के लिए खतरा पैदा कर रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.

Delhi Okhla Waste to Energy Plant: साउथ ईस्ट दिल्ली में ओखला के आसपास रहने वाले घातक रसायनों के धुएं में सांस ले रहे हैं. यहां की लगभग 10 लाख आबादी को पास में स्थित कचरे से बिजली बनाने वाले प्लांट (WTE Plant) के चलते स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह दावा द न्यूयॉर्क टाइम्स में शनिवार को छपी रिपोर्ट में किया गया है. इसके मुताबिक, प्लांट के आसपास की आबादी कैडमियम, लेड, आर्सेनिक और अन्य घातक पदार्थों के दुष्‍प्रभावों से जूझ रही है. प्लांट से निकलने वाली राख में भी घातक तत्व होते हैं, वह भी पास ही डंप कर दी जाती है

1 सुरक्षित सीमा से कहीं ज्यादा मात्रा में केमिकल: रिपोर्ट के मुताबिक, बदरपुर के पास की हवा और राख के सैंपल्स में जहरीली धातुएं मिली हैं. यहां के वातावरण में कैडमियम की मात्रा सेफ लिमिट से 19 गुना अधिक, मैंगनीज 11 गुना अधिक, आर्सेनिक 10 गुना अधिक, लेड 4 गुना अधिक और कोबाल्ट 3 गुना अधिक पाया गया. प्लांट से कानूनी सीमा से 10 गुना अधिक मात्रा में डाइऑक्सिन निकल रहे हैं. इलाके में गर्भपातों और सांस की परेशानियां बढ़ गई हैं. त्वचा पर छाले और काले बलगम की शिकायतें भी आम हैं.

2 हवा और मिट्टी के नमूनों की जांच से पता चला: कचरे से बिजली बनाने वाला यह प्लांट 2012 में स्थापित किया गया था. प्लांट की मिल्कियत JITF इंफ्रालॉजिस्टिक्स के पास है. यह प्लांट दिल्ली में कचरे के पहाड़ों को खत्म करने के मकसद से शुरू किया गया था. यहां हर दिन लगभग 2,000 टन कचरे का इस्तेमाल कर करीब 23 मेगावाट बिजली पैदा की जाती है. अपनी रिपोर्ट के लिए, NYT ने 2019 से 2023 के बीच प्लांट के आसपास से हवा और मिट्टी के सैंपल लिए. फिर आईआईटी-दिल्ली के एक्सपर्ट्स को साथ लेकर सैंपल टेस्ट कराए गए. नतीजों को जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एनालाइज किया है.

3 कौन-कौन से इलाके प्रभावित: प्लांट के आसपास रहने वाले लोग बेहद खराब हवा में सांस लेते हैं. जसोला विहार, सुखदेव विहार, हाजी कॉलोनी और जामिया नगर जैसे इलाकों में पूरे साल हवा प्रदूषित नजर आती है. यहां की आबादी में सांस लेने में परेशानी, आंखों में खुजली और सिरदर्द जैसी दिक्कतें आम हैं.

4 ‘नियम ताक पर रखकर चल रहे ऐसे प्लांट’: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट में म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट यूनिट के प्रोग्राम डायरेक्टर, अतिन बिस्वास ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि भारत में WTE प्लांट कई सिद्धांतों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं. बिजली बनाने के लिए, या तो गीला कचरा या फिर सूखा कचरा ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये प्लांट जलाने के लिए मिश्रित कचरा जमा करते हैं.

5 निकलने वाले जहर से कितना नुकसान: मिश्रित कचरा जलाने से जहरीले कण निकलते हैं जिनमें कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड शामिल है. उन्होंने कहा, ‘ये कण सांस की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं और अस्थमा जैसी फेफड़ों की पुरानी समस्याओं को भी जन्म दे सकते हैं. जो लोग प्लांट के नजदीक रहते हैं, उनके स्वास्थ्य को खतरा बहुत अधिक होता

है.’

Pramod Krishnam: ‘बस नाम के हिंदू हैं कांग्रेस अध्यक्ष’, खरगे ने आतंकी से की CM योगी की तुलना तो भड़के आचार्य प्रमोद कृष्णम

Pramod Krishnam Targeted Mallikarjun Kharge: मल्लिकार्जुन खरगे पर भड़कते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वो जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वो सनातनियों से चिढ़ गए हैं.

आचार्य प्रमोद कृष्णम (फाइल फोटो)

Acharya Pramod Krishnam Attack On Mallikarjun Kharge:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की तुलना आतंकवादियों से की, जिसको लेकर घमासान छिड़ गया है. मामले पर कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे सिर्फ नाम के हिंदू हैं, उनके कर्म तो हिंदुओं वाले बिल्कुल नहीं लगते.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “मल्लिकार्जुन खरगे अपने नाम से हिंदू लगते हैं लेकिन उनके कामों से ऐसा नहीं लगता कि वे हिंदू हैं. उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि वे कौन हैं, हिंदू हैं या नहीं. कोई भी हिंदू संत-महात्माओं का अपमान नहीं कर सकता. जिस तरह से वे बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वे सनातन से चिढ़ गए हैं. मुझे नहीं लगता कि सनातन से चिढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत में राजनीति करने का अधिकार है.”

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ टिप्पणी करना शोभा नहीं देता’

उन्होंने आगे कहा, “जो सनातन के खिलाफ है, वह भारत के खिलाफ है. जो भारत के खिलाफ है, वह सनातन के खिलाफ है. वे इतने वरिष्ठ नेता हैं, हिंदू संतों, सनातन और भगवा का अपमान यह उन्हें शोभा नहीं देता. यह ‘ऋषि प्रधान’ देश है. हिंदू संतों का अपमान नहीं करेंगे. योगी आदित्यनाथ पर इस तरह की ओछी टिप्पणी करना मल्लिकार्जुन खरगे को शोभा नहीं देता.”

खरगे पर बीजेपी भी भड़की

कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “यह कांग्रेस का असली दर्शन और डीएनए है, जो हिंदू विरोधी और सनातन विरोधी है. इसलिए कांग्रेस अब कह रही है कि गेरूआ और भगवा, साधु के कपड़े पहनने वालों को राजनीति में नहीं आना चाहिए, लेकिन क्या वे मौलाना और मौलवी के बारे में कभी ऐसा कहेंगे?”

उन्होंने आगे कहा, “यह वही कांग्रेस है जो ‘भगवा आतंकवाद’, ‘हिंदू आतंकवाद’ के बारे में बोलती थी. वे अन्य धर्मों के बारे में ऐसी बातें कभी नहीं कहेंगे; यह दर्शाता है कि कांग्रेस ने अपने वोट बैंक के लिए हिंदू आस्था को चोट पहुंचाई. वे ‘बटोगे तो कटोगे’ को सांप्रदायिक और वोट जिहाद को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं.”

क्या कहा था खरगे ने?

झारखंड के रांची में चुनावी रैली में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “एक सच्चा योगी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. इस भाषा का इस्तेमाल आतंकवादी करते हैं. योगी मठ के प्रमुख हैं, भगवा वस्त्र पहनते हैं, लेकिन उनका मानना है कि मुख में राम बगल में छुरी है.” उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजीव गांधी के एक हत्यारे को माफ कर दिया था, जबकि पार्टी नेता प्रियंका गांधी ने हत्यारे को गले लगा लिया था. उन्होंने कहा, “यह करुणा है.”

AIUMB की मांगों पर नितेश राणे की 2 टूक, कहा-‘ये हमारा देश है, पाकिस्तान-तालिबान नहीं; इनको जेल …’

बीजेपी नेता नितेश राणे ने आगे कहा कि इस तरह मांग हमारे देश में हिंदू देश में ये कर रहे हो तो इनको तो एक मिनट देश में नहीं रखना चाहिए इनको जेल में डाल देना चाहिए

BJP नेता नितीश राणा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सियासी पार्टियां अपनी रोटियां सेकने में लगी हुई हैं। महाराष्ट्र की ऑल इंडिया उलमा बोर्ड (AIUMB) ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समर्थन देने के लिए सूबे के मुस्लिमों को 10 फीसदी आरक्षण, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध और वक्फ बोर्ड बिल में संशोधन विधेयक के विरोध सहित 17 मांगें रखी हैं। अब भारतीय जनता पार्टी के नेता नितेश राणे ने उलेमा बोर्ड की इन मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। नितेश राणे ने कहा कि उलेमा बोर्ड के लोग पाकिस्तान और अफगानिस्तान चले जाए, उलेमा बोर्ड के लोग को जेल मे डाला जाये। हमारा देश हिंदू देश हैं।

बीजेपी नेता नितेश राणे ने आगे कहा कि इस तरह मांग हमारे देश में हिंदू देश में ये कर रहे हो तो इनको तो एक मिनट देश में नहीं रखना चाहिए इनको जेल में डाल देना चाहिए। ये लोग ऐसी हिम्मत हमारे देश में कैसे कर सकते हैं? यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान या तालिबान नहीं है कि मुसलमानों के बारे में इतनी सारी वह मांग करेंगे। ये लोग ऐसी मांग का जो सपना देख रहे होंगे उसके लिए उन्हें हमारा देश छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए, नहीं तो 23 नवंबर के बाद हम उनका जीना मुश्किल कर देंगे। उलेमा बोर्ड के लोगों की इतनी औकात नहीं है कि वह किसी हिंदुत्व वादी कार्यकर्ता को अरेस्ट कर सके। हमारा देश हिंदू राष्ट्र है। कोई भी हिंदुत्व वादी कार्यकर्ता के ऊपर यह लोग गंदी नजर से देखेंगे तो उनका जीना मुश्किल हो जायेगा।

लाउडस्पीकरों को लेकर बोला था ‘ये उनके अब्बा का पाकिस्तान नहीं’

इसके पहले भी नितेश राणे ने मस्जिदों पर लाउडस्पीकर को लेकर जोरदार हमला बोला था। राणे ने कहा था, ‘मस्जिदों पर जो लाउडस्पीकर लगे हैं, वे सभी अवैध हैं। वे हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हैं। अगर नवरात्रि या गणेश चतुर्थी जैसे हमारे त्योहारों के दौरान हिंदुओं को रात 10 बजे के बाद संगीत बजाने की अनुमति नहीं है, तो मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों पर भी यही नियम लागू होना चाहिए, जिन्हें अक्सर दिन में पांच बार बजाया जाता है। ये उनके अब्बा का पाकिस्तान नहीं है। वे यहां आकर लाउडस्पीकर नहीं बजा सकते।

कब और किसने की थी AIUMB की स्थापना?AIUMB की मांगों पर नितेश राणे की 2 टूक, कहा-‘ये हमारा देश है, पाकिस्तान-तालिबान नहीं;

उलेमा बोर्ड या ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड (AIUMB) को सुन्नी मुसलमानों की एक संस्था है जिसका नाम है अखिल भारतीय उलेमा एवं मशाइख बोर्ड (AIUMB)साल 1989 में इस बोर्ड की स्थापना की गई थी। इस संस्था का लक्ष्य था कि ये समाज में सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लेकर चलेगा। इस संस्था का लक्ष्य ये भी था कि ये देश में शांति और सद्भाव को बनाए रखेगी। इस संस्था का मुख्य कार्यालय देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है। इस संस्थान की स्थापना मोहम्मद अशरफ किछौछवी नाम के शख्स ने की थी।

आखिर क्यों की गई AIUMB की स्थापना?

महाराष्ट्र चुनाव में अचानक से सुर्खियों में आए वाली संस्था अखिल भारतीय उलेमा एवं मशाइख बोर्ड (AIUMB) की स्थापना क्यों की गई। ये सवाल हर किसी के दिमाग में कौंध रहा है। जब इसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर देखा गया तो इसमें बताया गया है कि इस संस्थान की स्थापना इस्लाम के शांति के संदेश को लोकप्रियता दिलाने के लिए और देश में समुदाय और मानवता को शांति देने के उद्देश्य के लिए की गई है। वेबसाइट में आगे बताया गया है कि AIUMB पूरी दुनिया में सुन्नी सूफी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने का प्रयास कर रहा है। वेबसाइट में आगे बताया गया है कि इसमें दरगाहें, मस्जिद खानकवाह और आध्यात्मिकता के ऐसे श्रोतों के बारे जानकारी दी गई है कि यहां भगवान की पूजा के साथ-साथ शांति सौहार्द और भाईचारे के उद्देश्य के लक्ष्य को पूरा करने का के लिए की गई है।