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Maharashtra Politics: क्या केंद्र में मंत्री बनेंगे एकनाथ शिंदे? शिवसेना नेता ने डिप्टी CM पर भी साफ की तस्वीर

Maharashtra Politics महायुति में सीएम पर बात बनने के बाद अब मंत्रालयों को लेकर पेच फंसता दिख रहा है। महायुति के तीनों बड़े नेताओं देवेंद्र फडणवीस एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने बीते दिन अमित शाह से मुलाकात की लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकल पाया। इस बीच शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शिंदे की आगे की रणनीति के बार में बताया है।
Maharashtra Politics शिंदे के डिप्टी सीएम बनने को लेकर साफ हुई तस्वीर।

HighLights

  1. संजय शिरसाट बोले- डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे शिंदे।
  2. कोई दूसरा शिवसेना नेता बन सकता है डिप्टी सीएम।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Politics महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। महायुति में सीएम पर बात बनने के बाद अब मंत्रालयों को लेकर पेच फंसता दिख रहा है। महायुति के तीनों बड़े नेताओं देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने बीते दिन अमित शाह से मुलाकात की, लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकल पाया।

इस बीच शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शिंदे की आगे की रणनीति के बार में बताया है।

डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे शिंदे

शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी जगह कोई और शिवसेना नेता डिप्टी सीएम बन सकता है।

क्या केंद्र में जाएंगे शिंदे?

ये कयास लगाए जा रहे हैं कि एकनाथ शिंदे केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते हैं। हालांकि, शिरसाट ने साफ कर दिया है कि शिंदे केंद्र में नहीं जाएंगे और महाराष्ट्र की जनता की ही सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि वो कोई अहम मंत्रालय संभाल सकते हैं।

शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे का उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना नहीं है। यह उस व्यक्ति के लिए शोभा नहीं देता जो पहले मुख्यमंत्री रह चुका हो। उन्होंने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना उपमुख्यमंत्री पद के लिए किसी अन्य नेता को नामित करेगी।

अमित शाह से बैठक के बाद क्या बोले शिंदे?

बीते दिन एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने महाराष्ट्र के सीएम पद पर फैसले के लिए अमित शाह से मुलाकात की। हालांकि, इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया। बैठक के बाद शिंदे ने कहा कि सब कुछ सकारात्मक रहा और वो पीएम मोदी के हर फैसले को मानेंगे।

भाजपा क्या बोली?

अमित शाह के साथ महायुति नेताओं की बैठक पर भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले चर्चा होती है, जिसमें समाधान खोजने की दिशा में बातचीत होती है।

सरकार गठन और सीएम चेहरे पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महायुति और महाराष्ट्र से होगा। मुख्यमंत्री महाराष्ट्र को आगे ले जाएंगे और छत्रपति शिवाजी महाराज के संकल्प को पूरा करेंगे।

 

इमरान खान के समर्थक को 25 फुट ऊंचे कंटेनर से दिया धक्का, Viral हुआ Video

Pakistan Row: पाकिस्तान में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक व्यक्ति को 25 फीट ऊंचे कंटेनर से धक्का देकर नीचे गिराया जा रहा है। इस घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और क्रूरता के आरोप लगाए जा रहे हैं।

कथित तौर पर इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से जुड़े इस व्यक्ति को कथित तौर पर तीन मंजिला इमारत की छत से “बेरहमी से धक्का” दिया गया।

 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान वर्तमान में आतंकवाद विरोधी आरोपों में जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ़्तारी के कारण पूरे देश में व्यापक अशांति और विरोध प्रदर्शन हुए हैं। सरकार पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ अत्यधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है, रिपोर्टों से पता चलता है कि धरना शुरू होने के बाद से 600 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

विरोध प्रदर्शन और सरकार की प्रतिक्रिया

पीटीआई पार्टी का दावा है कि सरकार की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य असहमति को दबाना है। उनका तर्क है कि प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई अनुचित है और उन्होंने “सरकारी क्रूरता” को समाप्त करने का आह्वान किया है। पाकिस्तानी सरकार अपने कदमों का बचाव करते हुए इसे “आतंकवाद” के खिलाफ़ ज़रूरी कदम बताती है।

राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव

पाकिस्तान में राजनीतिक परिदृश्य तनावपूर्ण बना हुआ है क्योंकि खान के समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं। इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है, मानवाधिकार संगठनों ने प्रदर्शनकारियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर चिंता व्यक्त की है। इन प्रदर्शनों पर सरकार की प्रतिक्रिया का पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिरता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

 

खान का नेतृत्व से लेकर कारावास तक का सफ़र पाकिस्तान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। आतंकवाद विरोधी आरोपों से संबंधित आरोपों में 2023 में उनकी गिरफ़्तारी के बाद से, उनके समर्थक उनके पीछे एकजुट हो गए हैं और इन आरोपों के पीछे की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। चल रहे विरोध प्रदर्शन देश के भीतर गहरे तनाव को उजागर करते हैं।

 

Sambhal News: संभल की शाही जामा मस्‍जि‍द की सर्वे र‍िपोर्ट आज नहीं हुई पेश, चंदौसी कोर्ट में अब सुनवाई कब?

 

संभल की शाही जामा मस्जिद की सर्वे र‍िपोर्ट शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी। अब मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी। बता दें संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर का दावा पेश करने के बाद मस्जिद में कराए जा रहे दूसरे चरण के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।

जामासंभल की शाही जामा मस्जिद की सर्वे

 संवाददाता, चंदौसी। संभल की शाही जामा मस्जिद की सर्वे र‍िपोर्ट शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी। अब मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी। बताया जा रहा है क‍ि ह‍िंसा की वजह से अभी तक र‍िपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है।

शाही जामा मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शकील अहमद वसीम ने कहा, “हम मस्जिद की ओर से अदालत में पेश हुए और अनुरोध किया कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां हमें दी जाएं और अदालत ने वही आदेश दिया। सर्वे रिपोर्ट आज जमा नहीं की गई। सर्वे टीम ने रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है। अब कोई अन्य सर्वे (मस्जिद का) नहीं होगा।”

बता दें, संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर का दावा पेश करने के बाद मस्जिद में कराए जा रहे दूसरे चरण के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत और कई पुलिस व प्रशासन के लोगों के घायल होने पर हालत बिड़ गए थे। स्थिति बेहद तनाव पूण हो गई थी।

जुमे की नमाज को लेकर पुल‍िस सतर्क, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर को लेकर चल रहे प्रकरण के बाद संभल में तनावपूर्ण शांति का माहौल तो है, लेकिन जुमे की नमाज को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है, यहां पर पहले से ही 15 कंपनी पीएसीएल की तैनात है और कई अपर पुलिस अधीक्षक के अलावा सैकड़ों की संख्या में पुलिस के अधिकारी तैनात है।

संभल की सुरक्षा के लिए 55 सेक्टर में बांटा गया है, जहां प्रत्येक सेक्टर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती जिला प्रशासन के द्वारा की गई है। जिनके साथ पुलिस के अधिकारी भी शामिल है। कुल 300 प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां सीसीटीवी और वीडियो कैमरा से निगरानी रखी जा रही है। ड्रोन कैमरा से भी लगातार निगरानी रखी जा रही है।

जामा मस्‍ज‍िद के प्रवेश द्वार पर लगाए गए मेटल ड‍िटेक्‍टर

जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार पर तीन स्थानों पर मेटल डिटेक्टर लगाकर लोगों को आईडी के साथ प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही जिस स्थान पर हिंसा हुई थी, वहां भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। बाहरी व्यक्तियों को वहां पर प्रवेश नहीं देने दिया जा रहा है। कई अधिकारियों की मौजूदगी में लगातार फ्लैग मार्च चल रहा है।

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी चंदौसी में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के बाद संभल पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने चौधरी सराय चौराहे से लेकर चंदौसी चौराहे और फिर कोतवाली के आसपास की सुरक्षा का जायजा लिया है। इसके अलावा जमा मस्जिद के सदर और अन्य मौलाना के द्वारा नगर के लोगों से अपील की गई है कि वह वहां नमाज अदा करें, जिनके पास में मस्जिद है।

 

Bangladesh: पहले चिन्मय प्रभु से किया किनारा, अब ISKCON दे रहा सफाई; हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी पर नए बयान में क्या कहा?

Bangladesh ISKCON on Hindu priest हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से ही हिंदू वहां सड़कों पर उतर विरोध कर रहे हैं। विरोध के दौरान कई हिंदुओं के साथ पुलिस ने बर्बरता भी की। इस बीच अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (इस्कॉन) का नया बयान सामने आया है जहां वो सफाई देता दिख रहा है और उनका साथ देने की बात कही है।

Bangladesh ISKCON on Hindu priest चिन्मय प्रभु पर इस्कॉन का नया बयान आया। (फाइल फोटो)

HighLights

  1. इस्कॉन ने पहले कहा था कि उसका चिन्मय प्रभु से कोई वास्ता नहीं है।
  2. चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश में हो रहे विरोध प्रदर्शन।

एजेंसी, ढाका। Bangladesh ISKCON on Hindu priest बांगलादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से ही हिंदू वहां सड़कों पर उतर विरोध कर रहे हैं। विरोध के दौरान कई हिंदुओं के साथ पुलिस ने बर्बरता भी की। इस बीच अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (इस्कॉन) का नया बयान सामने आया है, जहां वो सफाई देता दिख रहा है।

पहले किया किनारा, अब जताई एकजुटता

इस्कॉन ने पहले हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास (चिन्मय प्रभु) से किनारा कर लिया था। अब इस्कॉन ने नया बयान जारी कर हिंदू पुजारी के साथ एकजुटता व्यक्त की, जिन्हें बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये इस्कॉन (बांग्लादेश) द्वारा हिंदू पुजारी से खुद को अलग करने के बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि चिन्मय दास धार्मिक संस्था का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

चिन्मय दास को संगठन के सभी पदों से हटाया

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि अनुशासन भंग करने के कारण हिंदू पुजारी चिन्मय दास को संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया है। हालांकि, एक नए बयान में इस्कॉन ने पूर्व सदस्य के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया।

अब क्या बोला इस्कॉन?

इस्कॉन ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि उसने स्पष्ट किया कि चिन्मय कृष्ण दास प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन उसने खुद को उनसे दूर करने का प्रयास नहीं किया। समूह ने कहा, “इस्कॉन ने हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की रक्षा के लिए शांतिपूर्वक आह्वान करने वाले चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों और स्वतंत्रता का समर्थन करने से खुद को दूर नहीं किया है और न ही करेगा।”

बयान में आगे कहा गया कि हमने केवल वही स्पष्ट किया है, जो हमने पिछले कई महीनों में कहा था कि वह बांग्लादेश में आधिकारिक रूप से इस्कॉन का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

दरअसल, इस्कॉन ने चिन्मय कृष्ण दास से खुद को उस समय अलग कर लिया था जब इस्कॉन पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी और उसे कट्टरपंथी संगठन करार दिया गया था। इस संबंध में इस्कॉन के खिलाफ एक वकील द्वारा कानूनी याचिका दायर की गई थी।

याचिका के बाद, इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि अनुशासन के उल्लंघन के कारण चिन्मय दास को संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया था। चारु चंद्र दास ने आगे कहा कि इस्कॉन का हाल ही में गिरफ्तार किए गए चिन्मय कृष्ण दास की गतिविधियों में कोई संलिप्तता नहीं थी। हालांकि, बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया।

इस कारण चिन्मय दास हुए थे गिरफ्तार

इस सप्ताह चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करने वाले एक स्टैंड पर झंडा फहराने के देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

Weather: बर्फबारी ने बढ़ाई ठंड, दिल्ली, यूपी-बिहार में घना कोहरा, तमिलनाडु में तूफान Fengal की चेतावनी

पहाड़ों पर बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर दिख रहा है। दिल्ली यूपी पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है। इस वजह से अगले कुछ दिन दिल्ली-एनसीआर यूपी- बिहार में घने कोहरे का अलर्ट है। वहीं तमिलनाडु में एक दो दिन में चक्रवात फेंगल कहर बरपा सकता है। भारतीय नौसेना सहित एनडीआरएफ तैनात कर दी गई है।

उत्तरी भारत में घना कोहरा छाया हुआ है। वहीं ‘फेंगल’ चक्रवात को ले​कर नौसेना अलर्ट है। फोटो- पीटीआई

HighLights

  1. दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिन कोहरे का प्रकोप देखने को मिलेगा
  2. दिल्ली, यूपी, पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड बढ़ने लगी है
  3. दिल्ली में बृहस्पतिवार की सुबह सीजन की सबसे ठंडी रही

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। पहाड़ों पर बर्फबारी होने से अब मैदानी इलाकों पर असर दिखने लगा है। दिल्ली, यूपी, पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड बढ़ने लगी है। इसकी के साथ मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिन कोहरे का प्रकोप देखने को मिलेगा।

वहीं, कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी का दौर चल रहा है। कश्मीर के कई इलाकों में गुरुवार को भी बर्फबारी हुई है। मैदानी इलाकों में पड़ रही ठंड का पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का सीधा कनेक्शन हैं। दरअसल पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं ने दिल्ली, हरियाणा, यूपी के कई शहरों का तापमान गिरा दिया है। अगले तीन में मौसम तेजी से बदलेगा।

दिल्ली में बृहस्पतिवार की सुबह सीजन की सबसे ठंडी रही

मौसमी उतार चढ़ाव के बीच शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बरकरार रही। दिल्ली का एक्यूआई 400 से नीचे ही रहा। किसी भी इलाके हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज नहीं हुई। एनसीआर के शहरों में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। दूसरी तरफ दिल्ली में बृहस्पतिवार की सुबह सीजन की सबसे ठंडी रही।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार बृहस्पतिवार को दिल्ली का एक्यूआई 325 रहा। एक दिन पहले बुधवार को यह 303 रिकार्ड हुआ था। यानी 24 घंटे के भीतर इसमें 22 अंकों का इजाफा देखने को मिला। स्विस ऐप आईक्यू एयर पर यह 315 रिकॉर्ड हुआ। वहीं दिल्ली के 39 में से 31 मॉनिटरिंग स्टेशनों की हवा ‘बहुत खराब’, सात की ‘खराब’ और एक बवाना की ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई।

गुरुवार का तापमान इस सीजन का अभी तक का सबसे कम

दूसरी तरफ बृहस्पतिवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह इस सीजन का अभी तक का सबसे कम है। इससे पहले हाल ही में 10.2 डिग्री दर्ज किया गया था। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.0 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 97 से 35 दर्ज हुआ।

बंगाल की खाड़ी में बन रहा भयंकर चक्रवात

बंगाल की खाड़ी में उठ रहे फेंगल चक्रवात के अगले एक-दो दिन में गहराने की आशंका के चलते भारतीय नौसेना इससे निपटने को तैयार है। तमिलनाडु के तट पर इस चक्रवात के आने से होने वाले असर को भांपते हुए भारतीय नौसेना मुख्यालय के साथ पूर्वी कमांड और तमिलनाडु एवं पुडुचेरी नौसेना इलाके ने एक व्यापक आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय कर दिया है।

इसके अंतर्गत आपदा में राहत, मानवीय सहायता और खोज एवं बचाव कार्य किए जाने की प्रक्रिया शामिल है। इसकी तैयारी के रूप में नौसेना प्रदेश एवं नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर सभी संभावित स्थानों पर मदद पहुंचाने के लिए जरूरी चीजें-सेवाएं जुटा रही है।

इनमें वाहनों में भोजन, पेयजल, दवाओं के साथ आपदा में राहत और मानवीय सहायता से संबंधित चीजों को लादने के साथ तेज प्रतिक्रिया के लिए बाढ़ राहत टीमों की तैनाती शामिल है। वहीं, गोताखोर टीमों को आपातकालीन बचाव कार्य के लिए तैयार रखा गया है।

Syrian Crisis: सरकार और विद्रोही समूहों के बीच बड़ा संघर्ष, हवाई हमलों में 18 की मौत, जानें विवाद की वजह

 North-Western Syria Violence:उत्तर-पश्चिमी सीरिया में विद्रोही गुटों और सरकारी बलों के बीच हिंसा ने एक बार फिर क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। इस संघर्ष ने न केवल सैकड़ों लोगों की जान खतरे में डाल दी है, बल्कि हजारों नागरिकों को अपने घर छोड़ने पर भी मजबूर कर दिया है।

सीरियाई विपक्षी गुटों ने 27 नवंबर सुबह सरकार नियंत्रित क्षेत्रों पर एक बड़ा हमला शुरू किया। यह हमला विशेष रूप से हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में हुआ, जो उत्तर-पश्चिमी सीरिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता है।

 

इस हमले में अलेप्पो और इदलिब प्रांतों के कई गांव और सैन्य ठिकाने निशाना बने। विपक्षी गुटों का दावा है कि उन्होंने 15 से अधिक गांवों पर कब्जा कर लिया है और कई सैनिकों को बंधक बना लिया है। दूसरी ओर, सीरियाई और रूसी सेना ने जवाबी हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।

नागरिकों पर संकट
इस बढ़ती हिंसा ने आम नागरिकों पर गहरा असर डाला है। अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति (IRC) के अनुसार, कम से कम 7,000 परिवार विस्थापित हो चुके हैं। स्कूल और स्वास्थ्य सेवाएँ बंद हो गई हैं, जिससे क्षेत्र में मानवीय संकट और भी गंभीर हो गया है।

क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य
यह संघर्ष उस समय हो रहा है, जब क्षेत्रीय ताकतें पहले से ही तनाव में हैं। रूस और ईरान सीरियाई सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि तुर्की विभिन्न विपक्षी गुटों की मदद करता है। इजराइल ने भी हाल के महीनों में सीरिया में ईरान और हिज़्बुल्लाह से जुड़े ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं।

 

तुर्की ने इस आक्रमण पर बारीकी से नजर बनाए रखी है। तुर्की अधिकारियों का कहना है कि यह हमला डी-एस्केलेशन समझौते के उल्लंघन का नतीजा है। तुर्की ने पहले इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार और रूसी बलों की ओर से लगातार हो रही बमबारी के चलते ये प्रयास असफल रहे।

क्या है संघर्ष की जड़?
2019 में तुर्की, रूस, और ईरान के बीच हुए समझौते का उद्देश्य इदलिब प्रांत में संघर्ष को स्थिर करना था। यह क्षेत्र विद्रोही गुटों का अंतिम गढ़ है, जो लंबे समय से सरकार के हमलों का सामना कर रहा है।

एचटीएस, जिसे पहले अल-कायदा से जोड़ा जाता था, अब खुद को एक स्वतंत्र संगठन के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है। यह समूह वर्तमान में इस संघर्ष में मुख्य भूमिका निभा रहा है।

 

कैसी रहेगी आगे की स्थिति?
सीरिया में जारी इस संघर्ष से यह साफ हो गया है कि शांति और स्थिरता अभी दूर है। हिंसा के बढ़ते इस दौर ने आम नागरिकों के जीवन को सबसे अधिक प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संकट को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

US News: ट्रंप कैबिनेट में शामिल कई लोगों को मिलीं बम की धमकियां, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

अमेरिकी में डोनाल्ड ट्रंप के कैबिनेट और प्रशासन के कई लोगों को बम धमाके कर निशाना बनाने की धमकी मिली है। सरकार की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने एक बयान में कहा कि धमकियां मंगलवार रात और बुधवार सुबह दी गईं। धमकियां मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं।

ट्रंप कैबिनेट में शामिल कई लोगों को मिलीं बम की धमकियां (फोटो-एक्स)

 रॉयटर, वाशिंगटन। अमेरिकी में डोनाल्ड ट्रंप के कैबिनेट और प्रशासन के कई लोगों को बम धमाके कर निशाना बनाने की धमकी मिली है। सरकार की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने एक बयान में कहा कि धमकियां मंगलवार रात और बुधवार सुबह दी गईं।

सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

धमकियां मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं।

न्यूयार्क से अमेरिकी प्रतिनिधि एलिस स्टेफनिक ने एक बयान में कहा कि उनका पारिवारिक घर निशाने पर था। उन्होंने कहा कि वह अपने पति और तीन साल के बेटे के साथ वाशिंगटन से साराटोगा काउंटी जा रही थीं। इसी समय उन्हें इस खतरे की सूचना मिली।

ट्रंप प्रशासन में शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान का नेतृत्व करेंगे भारतवंशी जय भट्टाचार्य.

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतवंशी जय भट्टाचार्य को देश के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान और वित्तपोषण संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ का निदेशक चुना है। भट्टाचार्य ट्रंप द्वारा इस शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए नामित होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। इससे पहले ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए एलन मस्क के साथ भारतवंशी विवेक रामास्वामी का चुनाव किया था।

ट्रंप ने कहा कि मैं राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक के रूप में सेवा करने के लिए जय भट्टाचार्य को नामित करते हुए रोमांचित महसूस कर रहा हूं। भट्टाचार्य राष्ट्र के चिकित्सा अनुसंधान को निर्देशित करने और महत्वपूर्ण खोज करने के लिए राबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर काम करेंगे। भट्टाचार्य स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर और नेशनल ब्यूरो आफ इकोनामिक्स रिसर्च में शोध सहयोगी हैं।

ट्रंप ने जिम ओ नील को स्वास्थ्य और मानव सेवा के उप सचिव के रूप में नामित किया है। राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की अध्यक्षता के लिए केविन हैसेट को चुना है, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक नीति निर्धारित करने में मदद करती है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के रूप में काम करने के लिए अटार्नी जेमिसन ग्रीर को चुना गया है। विंस हेली को घरेलू नीति परिषद का निदेशक बनाने का निर्णय लिया गया है।

ट्रंप टीम ने व्हाइट हाउस के साथ परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर किया

सूत्रों के अनुसार, यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की योजना प्रस्तुत करने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कीथ केलाग को संघर्ष खत्म करने के लिए यूक्रेन के विशेष दूत के रूप में नियुक्त करने पर भी विचार कर रहे हैं। इस बीच, ट्रंप टीम ने व्हाइट हाउस के साथ परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर किया है। यह एमओयू 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने से पहले ट्रंप की टीम को संघीय एजेंसियों के साथ सीधे समन्वय करने और दस्तावेजों तक पहुंचने की अनुमति देगा।

ट्रंप के आते ही खालिदा जिया वीजा बनवाने पहुंचीं अमेरिकी दूतावास; चीन में वर्षों से जेल में बंद तीन अमेरिकी रिहा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया बुधवार को यहां अमेरिकी दूतावास पहुंचीं और अपने वीजा आवेदन की प्रक्रिया पूरी की। डेली स्टार अखबार के अनुसार बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से जुड़े लोगों ने बताया कि 79 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को विशेष उपचार के लिए विदेश भेजने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं। खालिदा अगले महीने ब्रिटेन जा सकती हैं और वहां से अमेरिका या जर्मनी जा सकती हैं।
ट्रंप के आते ही खालिदा जिया वीजा बनवाने पहुंचीं अमेरिकी दूतावास (फोटो- रॉयटर)

 पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया बुधवार को यहां अमेरिकी दूतावास पहुंचीं और अपने वीजा आवेदन की प्रक्रिया पूरी की। वह ऐसे समय वीजा बनवा रही हैं, जब इस महीने के प्रारंभ में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई। ट्रंप अगले वर्ष 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही  खालिदा

डेली स्टार अखबार के अनुसार, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े लोगों ने बताया कि 79 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को विशेष उपचार के लिए विदेश भेजने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं। खालिदा अगले महीने ब्रिटेन जा सकती हैं और वहां से अमेरिका या जर्मनी जा सकती हैं। वह लिवर, किडनी, हृदय, फेफड़ों और आंखों से संबंधित कई समस्याओं से जूझ रही हैं।

बीएनपी प्रमुख खालिदा को बुधवार को ही भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी राहत मिली। हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। ढाका की एक अदालत ने 2018 में जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें सात वर्ष जेल की सजा सुनाई थी।

चीन में वर्षों से जेल में बंद तीन अमेरिकी रिहा

चीन में वर्षों से कैद किए गए तीन अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया गया है। व्हाइट हाउस ने बुधवार को बाइडन प्रशासन के अंतिम महीनों में बीजिंग के साथ राजनयिक समझौते की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी। रिहा किए गए लोगों में मार्क स्विडन, काई ली और जान लेउंग शामिल हैं। अमेरिकी सरकार ने इन सभी को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया घोषित किया था।

स्विडन को ड्रग संबंधी आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि ली और लेउंग को जासूसी के आरोप में कैद किया गया था। व्हाइट हाउस ने कहा कि जल्द ही वे वापस लौटेंगे और अपने परिवारों से मिलेंगे। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने पिछले कई वर्षों में हुई कई बैठकों में चीन के साथ अपने मामले उठाए हैं। इस महीने की शुरुआत में पेरू में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बातचीत के दौरान कई मुद्दे उठाए थे।

अमेरिकी एयरबेस के ऊपर रहस्यमयी ड्रोन देखे गए

अमेरिकी वायुसेना ने एक बयान में बताया कि इंग्लैंड में मौजूद चार एयरबेस के ऊपर छोटे मानवरहित विमानों (ड्रोन) को लगातार मंडराते देखा गया है। इन एयरबेस का नाम सफोक स्थित आरएएफ लेकेनहेथ और आरएएफ माइल्डेनहाल, नारफोक स्थित आरएएफ फेल्टवेल और ग्लूकेस्टरशायर स्थित आरएएफ फेयरफोर्ड है।

पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट्रिक राइडर ने कहा कि अब तक इन एयरबेस के प्रमुखों ने यह सुनिश्चित किया है कि इन घुसपैठों ने इनमें रहने वाले लोगों, निर्माण या संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।

 

‘चीन के कर्जे में दबकर बिगड़ती जा रही कई देशों की स्थिति’, इटली से जयशंकर की दो टूक

जी-7 ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के चार देशों भारत जापान इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने भी इस बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि समूचे हिंद प्रशांत क्षेत्र में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं और यहां सहयोग की व्यापक संभावनाएं भी बन रही हैं। जयशंकर ने इसके अलावा भावी सहयोग के छह प्रमुख जरूरतें भी बताई।

जयशंकर की इटली में बैठक (फाइल फोटो)

HighLights

  1. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों के पालन को बताया जरूरी
  2. जी-7 समूह के विदेश मंत्रियों के साथ भारत, इंडोनेशिया, जापान व दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक

 नई दिल्ली। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये को लेकर पूरी दुनिया में चिंता है। इस चिंता ही वजह है कि दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के संगठन जी-7 ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के चार प्रमुख देशों भारत, जापान, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों के साथ विशेष बैठक की, जिसमें भावी सहयोग की संभावनाओं पर विमर्श किया गया।

इस बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि समूचे हिंद प्रशांत क्षेत्र में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं और यहां सहयोग की व्यापक संभावनाएं भी बन रही हैं। क्वाड (भारत, अमरिका, जापान व ऑस्ट्रेलिया का संगठन) को व्यवहारिक बताते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक, सामुद्रिक और कारोबारी क्षेत्र में और अन्य दूसरे देशों के साथ गहरे सहयोग की जरूरत बताई। उन्होंने भावी सहयोग के छह प्रमुख जरूरतें बताई।

जयशंकर ने सामुद्रिक, सेमीकंडक्टर और आपूर्ति चेन में ज्यादा सहयोग को पहली जरूरत के तौर पर गिनाया। दूसरी जरूरत उन्होंने खराब उधारी और अवहनीय कर्ज से बचने को बताया। यहां उन्होंने चीन का नाम तो सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन यह बात स्पष्ट है कि इस क्षेत्र के कई देश चीन व कुछ वैश्विक संस्थानों के कर्ज में डूब चुके हैं और उनकी स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही है।

तीसरी जरूरत के तौर पर जयशंकर ने गवर्नेंस, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक स्त्रोतों के दोहन के क्षेत्र में इन क्षेत्र के देशों की क्षमता बढ़ाने की है। चौथी, वैश्विक स्तर पर अच्छे कार्यों के लिए साझा तौर पर काम हो और सभी देशों को शामिल किया जाए। अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन हो ताकि एक दूसरे के हितों की रक्षा हो। इसके बाद उन्होंने अंतिम जरूरत के तौर पर हिंद प्रशांत को लेकर नीति बनाने वाले देशों के पास कई तरह के विकल्प को गिनाया।

पिछली बैठक में भी हुई चर्चा

सनद रहे कि सितंबर, 2024 में भी क्वाड देशों के शीर्ष नेताओं की अमेरिका में हुई बैठक में पहली बार समुद्री सुरक्षा सहयोग को व्यापक करने पर विचार किया गया था। इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी कानून सम्मत वैश्विक व्यवस्था और सभी देशों की संप्रभुता का आदार करने पर जोर दिया था।

चीन नहीं करता अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का पालन

दरअसल, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का पालन नहीं करता है और यहीं वजह है कि भारत व क्वाड वैश्विक कानून के पालन पर जोर देते हैं। उधर, इस क्षेत्र में चीन के साथ फिलीपींस व दूसरे देशों की स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। वैसे हिंद प्रशांत क्षेत्र को ध्यान में रख कर ही अमेरिका भारत के साथ अपने रणनीतिक रिश्तों को मजबूत कर रहा है, लेकिन वह दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ अलग से भी रिश्तों को धार दे रहा है। कल की बैठक में जयशंकर ने भी यह स्पष्ट किया है कि भारत भी दूसरे देशों के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति को केंद्र में रखते हुए रिश्तों को व्यापक बना रहा है।

Ajmer Dargah: अब अजमेर दरगाह शरीफ का होगा सर्वे! अदालत ने स्वीकार की हिंदू पक्ष की याचिका

हिंदू सेना ने अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया है। हिंदू सेना ने अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। अब दरगाह में सर्वे का रास्ता सा हो गया है। याचिका में मंगलवार को अदालत में एक किताब पेश की गई थी। किताब में अजमेर शरीफ दरगाह की जगह पर हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया था।

अजमेर दरगाह शरीफ का क्या होगा सर्वे (फाइल फोटो)

Ajmer Sharif Dargah: यूपी के संभल में स्थित जामा मस्जिद के बाद अब राजस्थान के अजमेर में दरगाह शरीफ में सर्वे का रास्ता साफ हो गया है। निचली अदालत ने हिंदू पक्ष की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है। याचिका हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थी।

बताया जा रहा है कि हिंदू पक्ष ने याचिका के साथ ही सबूत भी पेश किया गया है। याचिका में उस जगह पर पूजा करने की अनुमति मांगी गई है। साथ ही पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वे किए जाने की भी मांग की गई है।

अदालत में पेश की गई खास किताब

बता दें कि इससे पहले मामले में मंगलवार को भी सुनवाई हुई थी। अदालत ने 27 नवंबर की तारीख तय की थी। दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछली सुनवाई के दौरान सबूत के तौर पर एक खास किताब पेश की गई। किताब में दावा किया गया कि वहां एक हिंदू मंदिर था।

हिंदू पक्ष का दावा

  • दरगाह की जमीन पर पहले भगवान शिव का मंदिर था।
  • मंदिर में पूजा और जलाभिषेक होता था।
  • याचिका में अजमेर निवासी हर विलास शारदा द्वारा वर्ष 1911 में लिखी पुस्तक का हवाला
  • पुस्तक में दरगाह के स्थान पर मंदिर का जिक्र
  • दरगाह परिसर में मौजूद 75 फीट लंबे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश
  • तहखाने में गर्भगृह होने का प्रमाण
इससे पहले, हिंदू सेना की तरफ से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका पेश की गई थी। हालांकि, न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने ये कहकर सुनवाई से इनकार कर दिया था कि यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है। इसके बाद जिला अदालत में याचिका पेश की गई।
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