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Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा को देखते हुए यहां की राजधानी इंफाल (पूर्व और पश्चिम), विष्णुपुर, थाउबल और काकचिंग जैसे जिलों में 16 नवंबर को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था.

Manipur Violence: सीएपीएफ की 50 और टुकड़ियां, कई जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद…, जानिए मणिपुर हिंसा से जुड़ा हर लेटेस्ट अपडेट

Manipur Violence Latest News: मणिपुर फिर से हिंसा की आग में जल रहा है. यहां उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के मुठभेड़ के बाद जिरीबाम में 6 लोगों के अपहरण और उनकी लाश मिलने के बाद से भीड़ हिंसक हो गई है. कई मंत्रियों के घरों पर हमले हो चुके हैं. प्रदर्शनकारियों ने सीएम के घर पर भी हमला करने की कोशिश की थी.

कुकी उग्रवादियों की ओर से क ही परिवार के 6 लोगों की नृशंस हत्या के बाद नाराज मैतेई समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए हैं. लगातार हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुकी समुदाय 11 नवंबर की मुठभेड़ को फर्जी बता रहा है. इन लोगों का कहना है कि वह उनके शवों का अंतिम संस्कार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही करेंगे. कुकी समुदाय का कहना है कि उन्हें शक है कि सुरक्षाबलों ने उन्हें पकड़कर मारा है.

अभी हालात क्या हैं?

मणिपुर के मौजूदा हालात एक बार फिर पहले जैसे हैं. राज्य के कई इलाके हिंसा की चपेट में हैं. एक तरफ कुकी समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर हिंसा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मैतेई समुदाय एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर है. मौजूदा हालात को देखते हुए मणिपुर में 19 नवंबर को तमाम स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इंटरनेट सेवा पहले से ही बंद है.

नई चुनौती क्या है?

कुकी समुदाय से जुड़े लोग इस हिंसा में मारे गए लोगों के लिए इंसाफ मांग रहे हैं. चुराचांदपुर में सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन भी किया. कुकी संगठनों ने तो यह भी दावा किया है कि मरने वाले उग्रवादी नहीं बल्कि गांव के वालंटियर थे. वहीं कुकी-जो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठन इंडीजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने बताया है कि केंद्रीय पुलिस बल के साथ गोलीबारी में मारे गए 10 कुकी युवकों का अंतिम संस्कार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके परिजनों को सौंपे जाने तक नहीं किया जाएगा. दूसरी तरफ मैतेई समुदाय भी सड़कों पर है और वह उन कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने पर बड़े प्रदर्शन की धमकी दे रहा है जिन्होंने एक ही परिवार के 6 लोगों का अपहऱण और बाद में हत्या कर दी.

गृह मंत्री ने क्याक्या कहा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (18 नवंबर 2024) को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा की. सूत्रों ने बताया कि शाह ने शीर्ष अधिकारियों को जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया.अमित शाह ने कहा कि राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का भी जायजा लिया और अधिकारियों को वहां जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है.

मणिपुर को कैसे किया जा रहा कंट्रोल?

मणिपुर में स्थिति को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने सीएपीएफ की 50 और कंपनियां भेजने का फैसला किया है. इस तरह अब राज्य में सीएपीएफ की 268 कंपनियां तैनात हो जाएंगी. इनमें पांच हजार जवानों की संख्या और बढ़ जाएगी। इस तरह, राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में जवानों की तैनाती की संख्या 26,800 हो जेगी. इन 50 कंपनियों में सबसे बड़ी संख्या सीआरपीएफ की कंपनियों की होगी, जबकि बाकी कंपनियां बीएसएफ और अन्य सुरक्षाबलों की होंगी. जो अतिरिक्त 50 कंपनी यहां जाएगी उनमें अतिरिक्त 6500 अर्धसैनिक बल होंगे. यहां पहले से ही 40,000 केंद्रीय बल मौजूद हैं.

सरकार की कोशिशें क्या क्या हैं?

मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार अलग-अलग कोशिशें कर रही हैं. राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित सात जिलों में अगले दो दिन तक इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने यहां सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनी भेजने का फैसला किया है. लोगों से भी शांति की अपील की जा रही है.

मणिपुर हिंसा के चलते केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जीरोबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों में सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जीरीबाम, लीमखोंग और मोईरांग पुलिस थाना के अंतर्गत आते इलाकों में AFSPA लगाया था. मणिपुर की राजधानी इंफाल (पूर्व और पश्चिम), विष्णुपुर, थाउबल और काकचिंग जैसे जिलों में 16 नवंबर को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया था.

हमले के निशाने पर कौन कौन नेता हैं?

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके दामाद समेत 6 में से तीन विधायकों के घर में तोड़फोड़ भी की गई. उनकी संपत्तियों को भी जलाया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुस्साए लोगों ने निंगथौखोंग में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम के भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंड्राकपम के कांग्रेस विधायक टी लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी थी.

ताजा घटनाएं कब हुई हैं कहां हुईं कौन मारे गए हैं?

मणिपुर की ताजा हिंसा जिरीबाम में पिछले मंगलवार को अगवा किए गए एक ही परिवार की तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव शनिवार को असम-मणिपुर सीमा पर बरामद होने के बाद शुरू हुई है. आरोप है कि कुकी उग्रवादियों ने इनका अपहरण कर लिया था.

Manipur Violence: मणिपुर राज्य फिर से हिंसा की चपेट में है. यहां पर राजधानी इम्फाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है. यहां पर 6 जिलों में इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

भीड़ ने CM के दामाद समेत कई विधायकों के घर फूंके, 7 जिलों में इंटरनेट बंद, कर्फ्यू भी लगा… मणिपुर में फिर क्यों सुलगी हिंसा?

Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा का दौर लौट आया है. गुस्साए लोगों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमला कर दिया. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े. न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह उस समय खबर में नहीं थे. वो अपने ऑफिस में थे और पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

राज्य सरकार ने हाल में ही इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया है. यहां तीन लोगों की हत्या के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के मद्देजनर छह जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर कर दी हैं. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला किया था, जिसके बाद ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे.

मंत्रियों के आवास पर किया हमला 

जानकारी के अनुसार, इंफाल पश्चिम जिले के लांफेल सनकेथेल में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के आवास पर भी भीड़ ने हमला कर दिया था. वहीं, भीड़ ने उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल. सुसिन्द्रो सिंह के घर को भी निशाना बनाया है.

CM के दामाद के घर के बाहर किया विरोध

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके इमो के आवास के बाहर भी प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने इन हत्याओं पर उचित कार्रवाई करने की मांग की थी. इसके अलावा  प्रदर्शनकारियों ने 24 घंटे के भीतर दोषियों को गिरफ्तार को करने को कहा था.

इसके अलावा  प्रदर्शनकारियों ने केशमथोंग निर्वाचन क्षेत्र के टिड्डिम रोड में निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत सिंह के आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने विधायक के स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के ऑफिस पर भी हमला किया.

जानें क्यों भड़क उठी हिंसा 

गौरतलब है कि जिरीबाम जिले के छह लापता लोगों में से तीन व्यक्तियों के शव शुक्रवार रात मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास पाए गए हैं. इसमें एक महिला और दो बच्चों के अज्ञात शवों को कल रात असम के सिलचर लाया गया है.  पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पहचान के लिए फोटो एकत्र किए गए हैं.

इस बीच, पुलिस ने कहा कि संदिग्ध उग्रवादियों की बिष्णुपुर जिले के इरेंगबाम मानिंग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ संक्षिप्त मुठभेड़ हुई. उन्होंने कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.

अफ्स्पा को फिर से लागू किया गया 

गृह मंत्रालय ने 14 नवंबर को इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई व लामसांग, इंफाल पूर्व में लामलाई, बिष्णुपुर में मोइरांग, कांगपोकपी में लीमाखोंग और जिरीबाम जिले में जिरीबाम के अंतर्गत आने वाले इलाकों में अफ्स्पा को फिर से लागू कर दिया. वहीं, मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह थानाक्षेत्रों में आने वाले इलाकों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफ्स्पा) की समीक्षा कर उसे हटाने का अनुरोध किया है.