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Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा को देखते हुए यहां की राजधानी इंफाल (पूर्व और पश्चिम), विष्णुपुर, थाउबल और काकचिंग जैसे जिलों में 16 नवंबर को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था.

Manipur Violence: सीएपीएफ की 50 और टुकड़ियां, कई जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद…, जानिए मणिपुर हिंसा से जुड़ा हर लेटेस्ट अपडेट

Manipur Violence Latest News: मणिपुर फिर से हिंसा की आग में जल रहा है. यहां उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के मुठभेड़ के बाद जिरीबाम में 6 लोगों के अपहरण और उनकी लाश मिलने के बाद से भीड़ हिंसक हो गई है. कई मंत्रियों के घरों पर हमले हो चुके हैं. प्रदर्शनकारियों ने सीएम के घर पर भी हमला करने की कोशिश की थी.

कुकी उग्रवादियों की ओर से क ही परिवार के 6 लोगों की नृशंस हत्या के बाद नाराज मैतेई समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए हैं. लगातार हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुकी समुदाय 11 नवंबर की मुठभेड़ को फर्जी बता रहा है. इन लोगों का कहना है कि वह उनके शवों का अंतिम संस्कार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही करेंगे. कुकी समुदाय का कहना है कि उन्हें शक है कि सुरक्षाबलों ने उन्हें पकड़कर मारा है.

अभी हालात क्या हैं?

मणिपुर के मौजूदा हालात एक बार फिर पहले जैसे हैं. राज्य के कई इलाके हिंसा की चपेट में हैं. एक तरफ कुकी समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर हिंसा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मैतेई समुदाय एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर है. मौजूदा हालात को देखते हुए मणिपुर में 19 नवंबर को तमाम स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इंटरनेट सेवा पहले से ही बंद है.

नई चुनौती क्या है?

कुकी समुदाय से जुड़े लोग इस हिंसा में मारे गए लोगों के लिए इंसाफ मांग रहे हैं. चुराचांदपुर में सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन भी किया. कुकी संगठनों ने तो यह भी दावा किया है कि मरने वाले उग्रवादी नहीं बल्कि गांव के वालंटियर थे. वहीं कुकी-जो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठन इंडीजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने बताया है कि केंद्रीय पुलिस बल के साथ गोलीबारी में मारे गए 10 कुकी युवकों का अंतिम संस्कार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके परिजनों को सौंपे जाने तक नहीं किया जाएगा. दूसरी तरफ मैतेई समुदाय भी सड़कों पर है और वह उन कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने पर बड़े प्रदर्शन की धमकी दे रहा है जिन्होंने एक ही परिवार के 6 लोगों का अपहऱण और बाद में हत्या कर दी.

गृह मंत्री ने क्याक्या कहा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (18 नवंबर 2024) को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा की. सूत्रों ने बताया कि शाह ने शीर्ष अधिकारियों को जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया.अमित शाह ने कहा कि राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का भी जायजा लिया और अधिकारियों को वहां जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है.

मणिपुर को कैसे किया जा रहा कंट्रोल?

मणिपुर में स्थिति को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने सीएपीएफ की 50 और कंपनियां भेजने का फैसला किया है. इस तरह अब राज्य में सीएपीएफ की 268 कंपनियां तैनात हो जाएंगी. इनमें पांच हजार जवानों की संख्या और बढ़ जाएगी। इस तरह, राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में जवानों की तैनाती की संख्या 26,800 हो जेगी. इन 50 कंपनियों में सबसे बड़ी संख्या सीआरपीएफ की कंपनियों की होगी, जबकि बाकी कंपनियां बीएसएफ और अन्य सुरक्षाबलों की होंगी. जो अतिरिक्त 50 कंपनी यहां जाएगी उनमें अतिरिक्त 6500 अर्धसैनिक बल होंगे. यहां पहले से ही 40,000 केंद्रीय बल मौजूद हैं.

सरकार की कोशिशें क्या क्या हैं?

मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार अलग-अलग कोशिशें कर रही हैं. राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित सात जिलों में अगले दो दिन तक इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने यहां सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनी भेजने का फैसला किया है. लोगों से भी शांति की अपील की जा रही है.

मणिपुर हिंसा के चलते केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जीरोबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों में सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जीरीबाम, लीमखोंग और मोईरांग पुलिस थाना के अंतर्गत आते इलाकों में AFSPA लगाया था. मणिपुर की राजधानी इंफाल (पूर्व और पश्चिम), विष्णुपुर, थाउबल और काकचिंग जैसे जिलों में 16 नवंबर को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया था.

हमले के निशाने पर कौन कौन नेता हैं?

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके दामाद समेत 6 में से तीन विधायकों के घर में तोड़फोड़ भी की गई. उनकी संपत्तियों को भी जलाया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुस्साए लोगों ने निंगथौखोंग में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम के भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंड्राकपम के कांग्रेस विधायक टी लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी थी.

ताजा घटनाएं कब हुई हैं कहां हुईं कौन मारे गए हैं?

मणिपुर की ताजा हिंसा जिरीबाम में पिछले मंगलवार को अगवा किए गए एक ही परिवार की तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव शनिवार को असम-मणिपुर सीमा पर बरामद होने के बाद शुरू हुई है. आरोप है कि कुकी उग्रवादियों ने इनका अपहरण कर लिया था.

मणिपुर हिंसा पर बड़ी बैठक, महाराष्ट्र में चुनावी रैली रद कर दिल्ली लौटे अमित शाह; NPP ने सरकार से समर्थन लिया वापस

मणिपुर हिंसा पर रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी बैठक की। सोमवार को भी मणिपुर के हालात पर बैठकों का दौर जारी रहेगा। इस बीच एनपीपी ने मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में समर्थन वापस लेने का एलान किया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह भी मणिपुर पहुंच चुके हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। ( फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा और तनाव को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियों को रद कर दिल्ली वापस आ गए। बाद में शाह ने गृह मंत्रालय व सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मणिपुर के हालात की समीक्षा की और ताजा हिंसा को रोकने व तनाव को करने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। उधर, मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर एनपीपी ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।

सोमवार को भी शाह करेंगे बैठक

पिछले चार दिनों में केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में अफस्पा (‌आर्म्स फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट) लगाने के साथ ही सुरक्षा बलों के हिंसा रोकने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश जारी किया है। शाह सोमवार को भी मणिपुर को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। ध्यान देने की बात है कि आतंकियों द्वारा निर्दोष लोगों की हत्या के बाद उत्तेजित भीड़ ने शनिवार की रात को मणिपुर के वरिष्ठ मंत्री समेत भाजपा के तीन व कांग्रेस के एक विधायक के घरों में आग लगा दी थी।

सीएम के पैतृक घर पर हमले की कोशिश

लोगों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के पैतृक घर पर हमला करने की कोशिश भी की, जिसे सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया। इसके पहले दिन में भीड़ ने तीन मंत्रियों समेत छह विधायकों के घरों पर हमला किया था। मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में लागू कर्फ्यू के बीच हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। स्थिति गंभीरता को देखते हुए अमित शाह ने चुनावी रैलियां रद कर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक का फैसला किया।

एनपीपी के कुल सात विधायक

नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने रविवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पार्टी ने दावा किया कि एन बीरेन सिंह सरकार राज्य में संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है। मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। इनमें एनपीपी के सात विधायक हैं।

जेपी नड्डा को लिखा पत्र

एनपीपी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा और कहा कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और खराब हुई है। कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश के लोग बेहद पीड़ा से गुजर रहे हैं। हमें लगता है कि बीरेन सिंह सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल है। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार से तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।

 

भाजपा विधायक के घर पर तोड़फोड़

रविवार शाम को मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में भाजपा विधायक कोंगखम रोबिंद्रो के पैतृक घर पर भी भीड़ ने तोड़फोड़ की। भीड़ ने रोबिंद्रो के मायंग इंफाल स्थित पैतृक घर पर धावा बोला और उनसे मिलने की मांग की। मगर उस वक्त विधायक आवास पर नहीं थे। उनके पिता ने कहा कि आपका संदेश बेटे को बता देंगे।

Manipur Violence: मणिपुर राज्य फिर से हिंसा की चपेट में है. यहां पर राजधानी इम्फाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है. यहां पर 6 जिलों में इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

भीड़ ने CM के दामाद समेत कई विधायकों के घर फूंके, 7 जिलों में इंटरनेट बंद, कर्फ्यू भी लगा… मणिपुर में फिर क्यों सुलगी हिंसा?

Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा का दौर लौट आया है. गुस्साए लोगों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमला कर दिया. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े. न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह उस समय खबर में नहीं थे. वो अपने ऑफिस में थे और पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

राज्य सरकार ने हाल में ही इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया है. यहां तीन लोगों की हत्या के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के मद्देजनर छह जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर कर दी हैं. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला किया था, जिसके बाद ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे.

मंत्रियों के आवास पर किया हमला 

जानकारी के अनुसार, इंफाल पश्चिम जिले के लांफेल सनकेथेल में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के आवास पर भी भीड़ ने हमला कर दिया था. वहीं, भीड़ ने उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल. सुसिन्द्रो सिंह के घर को भी निशाना बनाया है.

CM के दामाद के घर के बाहर किया विरोध

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके इमो के आवास के बाहर भी प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने इन हत्याओं पर उचित कार्रवाई करने की मांग की थी. इसके अलावा  प्रदर्शनकारियों ने 24 घंटे के भीतर दोषियों को गिरफ्तार को करने को कहा था.

इसके अलावा  प्रदर्शनकारियों ने केशमथोंग निर्वाचन क्षेत्र के टिड्डिम रोड में निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत सिंह के आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने विधायक के स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के ऑफिस पर भी हमला किया.

जानें क्यों भड़क उठी हिंसा 

गौरतलब है कि जिरीबाम जिले के छह लापता लोगों में से तीन व्यक्तियों के शव शुक्रवार रात मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास पाए गए हैं. इसमें एक महिला और दो बच्चों के अज्ञात शवों को कल रात असम के सिलचर लाया गया है.  पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पहचान के लिए फोटो एकत्र किए गए हैं.

इस बीच, पुलिस ने कहा कि संदिग्ध उग्रवादियों की बिष्णुपुर जिले के इरेंगबाम मानिंग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ संक्षिप्त मुठभेड़ हुई. उन्होंने कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.

अफ्स्पा को फिर से लागू किया गया 

गृह मंत्रालय ने 14 नवंबर को इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई व लामसांग, इंफाल पूर्व में लामलाई, बिष्णुपुर में मोइरांग, कांगपोकपी में लीमाखोंग और जिरीबाम जिले में जिरीबाम के अंतर्गत आने वाले इलाकों में अफ्स्पा को फिर से लागू कर दिया. वहीं, मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह थानाक्षेत्रों में आने वाले इलाकों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफ्स्पा) की समीक्षा कर उसे हटाने का अनुरोध किया है.

मणिपुर: जिरीबाम में तीन शव मिलने के बाद बवाल, भीड़ ने मंत्रियों-विधायकों के आवास पर बोला धावा; कर्फ्यू लागू

Manipur मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक बार फिर हिंसा भड़कने के बाद जिले में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों के आवासों पर धावा बोला। उन्होंने जिरीबाम जिले में तीन लोगों की हत्या के लिए न्याय की मांग की। गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ भी की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

जिरीबाम जिले में तीन लोगों की हत्या के बाद तनाव फिर फैल गया है। (सांकेतिक तस्वीर)

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में हिंसा एक बार फिर से तेज हो गई है। इंफाल में शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों के आवासों पर धावा बोला और जिरीबाम जिले में तीन लोगों की हत्या के लिए न्याय की मांग की।

विधायकों के घरों पर भीड़ के हमले के बाद इंफाल पश्चिम प्रशासन ने जिले में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है। इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट टी किरणकुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शनिवार शाम 4.30 बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि भीड़ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के लम्फेल सनाकेथेल इलाके में स्थित आवास पर धावा बोल दिया।

‘तो इस्तीफा देंगे मंत्री’

लम्फेल सनाकेथेल विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि डेविड ने संवाददाताओं से कहा, ‘सपम ने हमें आश्वासन दिया कि तीन लोगों की हत्या से संबंधित मुद्दों पर कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी और अगर सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करने में विफल रहती है तो मंत्री अपना इस्तीफा दे देंगे।’ एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिंड्रो सिंह के घर पर भी धावा बोला।

भाजपा विधायक के आवास के बाहर नारेबाजी

इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद इलाके में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक आरके इमो के आवास के सामने एकत्र होकर नारे लगाए। इमो मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं। उन्होंने तीन लोगों की हत्या पर सरकार से उचित प्रतिक्रिया की मांग की और अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि केशामथोंग निर्वाचन क्षेत्र के निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह से मिलने उनके टिडिम रोड स्थित आवास पर आए प्रदर्शनकारियों ने उनके स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय भवन को निशाना बनाया। उन्होंने दावा किया कि भीड़ ने कार्यालय भवन के सामने कुछ अस्थायी संरचनाओं को नष्ट कर दिया।

तीन लोगों के शव मिलने के बाद फैला तनाव 

शुक्रवार रात को मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास तीन शव मिले, जिनके बारे में संदेह है कि वे जिरीबाम जिले के लापता छह लोगों के हैं। एक महिला और दो बच्चों के शव जिरीबाम जिले के बोरोबेक्रा से लगभग 16 किलोमीटर दूर पाए गए, यह स्थान उस स्थान के करीब है जहां सोमवार को छह लोग लापता हो गए थे।

मणिपुर में उग्रवादियों के एनकाउंटर के बाद बिगड़े हालात, केंद्र ने संभाला मोर्चा; तुरंत भेजे दो हजार जवान

मणिपुर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए थे। ताजा हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को मणिपुर भेजा है। इन कंपनियों में दो हजार कर्मी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार सीएपीएफ की जिन 20 कंपनियों को मणिपुर में तैनाती का आदेश दिया गया है उनमें 15 सीआरपीएफ की और पांच बीएसएफ की हैं।

केंद्र सरकार ने मणिपुर में 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को भेजा (फाइल फोटो)

एजेंसी, नई दिल्ली। मणिपुर में ताजा हमलों और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर केंद्र ने करीब 2,000 कर्मियों वाली 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को राज्य में भेजा है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात को इन इकाइयों को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल तैनाती के आदेश जारी किए।

मुठभेड़ में मारे गए 10 उग्रवादी

गौरतलब है कि सोमवार को सीआरपीएफ के साथ भीषण मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए। यह मुठभेड़ तब हुई जब वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के जाकुरधोर में बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और उससे सटे सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। भीषण मुठभेड़ के बाद बल ने अत्याधुनिक हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया था।

CRPF की 15 और BSF की पांच कंपनियां

सूत्रों के अनुसार, सीएपीएफ की जिन 20 कंपनियों को मणिपुर में तैनाती का आदेश दिया गया है, उनमें 15 सीआरपीएफ की और पांच बीएसएफ की हैं। राज्य में पिछले साल मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से सीएपीएफ की 198 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर के जिरिबाम में नए सिरे से हिंसा भड़कने के बाद पिछले सप्ताह से तनाव की स्थिति बनी हुई है।

इंफाल घाटी में पूर्ण बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित

जिरीबाम जिले में उद्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और बच्चों के अपहरण के विरोध में 13 नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा बुलाए गए पूर्ण बंद के कारण बुधवार को इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। बंद के कारण इंफाल घाटी के पांच जिलों इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहे और सरकारी कार्यालयों में न के बराबर उपस्थिति दर्ज की गई।

बता दें कि जिरीबाम जिले में सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हथियारबंद उग्रवादियों ने जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और पास में स्थित बोरोबेकरा थाने पर हमला किया था। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ के बाद तीन महिलाओं समेत 6 लापता हैं।