Maharashtra Politics महायुति में सीएम पर बात बनने के बाद अब मंत्रालयों को लेकर पेच फंसता दिख रहा है। महायुति के तीनों बड़े नेताओं देवेंद्र फडणवीस एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने बीते दिन अमित शाह से मुलाकात की लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकल पाया। इस बीच शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शिंदे की आगे की रणनीति के बार में बताया है।
Maharashtra Politics शिंदे के डिप्टी सीएम बनने को लेकर साफ हुई तस्वीर।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Politics महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। महायुति में सीएम पर बात बनने के बाद अब मंत्रालयों को लेकर पेच फंसता दिख रहा है। महायुति के तीनों बड़े नेताओं देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने बीते दिन अमित शाह से मुलाकात की, लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकल पाया।
इस बीच शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शिंदे की आगे की रणनीति के बार में बताया है।
डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे शिंदे
शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी जगह कोई और शिवसेना नेता डिप्टी सीएम बन सकता है।
क्या केंद्र में जाएंगे शिंदे?
ये कयास लगाए जा रहे हैं कि एकनाथ शिंदे केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते हैं। हालांकि, शिरसाट ने साफ कर दिया है कि शिंदे केंद्र में नहीं जाएंगे और महाराष्ट्र की जनता की ही सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि वो कोई अहम मंत्रालय संभाल सकते हैं।
शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे का उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना नहीं है। यह उस व्यक्ति के लिए शोभा नहीं देता जो पहले मुख्यमंत्री रह चुका हो। उन्होंने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना उपमुख्यमंत्री पद के लिए किसी अन्य नेता को नामित करेगी।
अमित शाह से बैठक के बाद क्या बोले शिंदे?
बीते दिन एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने महाराष्ट्र के सीएम पद पर फैसले के लिए अमित शाह से मुलाकात की। हालांकि, इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया। बैठक के बाद शिंदे ने कहा कि सब कुछ सकारात्मक रहा और वो पीएम मोदी के हर फैसले को मानेंगे।
भाजपा क्या बोली?
अमित शाह के साथ महायुति नेताओं की बैठक पर भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले चर्चा होती है, जिसमें समाधान खोजने की दिशा में बातचीत होती है।
सरकार गठन और सीएम चेहरे पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महायुति और महाराष्ट्र से होगा। मुख्यमंत्री महाराष्ट्र को आगे ले जाएंगे और छत्रपति शिवाजी महाराज के संकल्प को पूरा करेंगे।
Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा में हाथ जोड़कर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सत्ता पक्ष के सांसदों ने पीएम मोदी का स्वागत “मोदी, मोदी” और “एक है तो सुरक्षित है” के नारों से किया। महाराष्ट्र में अपने प्रचार अभियान के दौरान पीएम मोदी द्वारा पेश किए गए इस नारे ने भाजपा की हालिया चुनावी सफलता में अहम भूमिका निभाई है।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जब प्रधानमंत्री मोदी संसद के निचले सदन में हाथ जोड़कर पहुंचे और अपनी सीट पर बैठे, तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने उनका स्वागत “मोदी, मोदी” और “एक है तो सेफ है” के नारों के साथ किया। नारे के बीच तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा संसद गूंज उठा।
देखिए लोकसभा में पीएम मोदी के स्वागत का Video
‘एक है तो सेफ है’ नारे का असर
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गढ़ा गया नारा “एक है तो सेफ है” महाराष्ट्र में भाजपा की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई है। महायुति गठबंधन का हिस्सा रही पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटें जीतीं। हिंदुत्व के नाम पर जातिगत विभाजन को दूर करने के लिए महाराष्ट्र में अपने प्रचार के दौरान पीएम मोदी द्वारा दिया गया नारा हाल ही में हुए चुनावों में भाजपा के लिए पासा पलट गया।
पीएम मोदी ने की कांग्रेस की आलोचना
शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसदीय चर्चा में बाधा डालने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मतदाताओं द्वारा बार-बार खारिज किए जाने वाले लोग अनियंत्रित व्यवहार के माध्यम से संसद को बाधित करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिक ऐसी हरकतों को नोटिस करते हैं और मौका मिलने पर उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। इस गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी शामिल है। इसके विपरीत, कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी केवल 46 सीटें ही हासिल कर पाई और सत्ता पर काबिज होने में विफल रही।
अकेले भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि महायुति गठबंधन में शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। इसके विपरीत, एमवीए में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 10 सीटें जीतीं, कांग्रेस को 16 और उद्धव बालासाहेब ठाकरे के शिवसेना गुट को 20 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस को निशाने पर लिया। पीएम ने बीजेपी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने लगातार देश में तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया। वक्फ बोर्ड के गठन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का एक बड़ा उदाहरण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय से महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और महाराष्ट्र की जनता को बधाई दी। वहीं पीएम ने झारखंड में जेएमएम की जीत के लिए हेमंत सोरने के भी बधाई दी। पीएम ने मंच से कांग्रेस को निशाने पर लिया और देश में ‘तुष्टिकरण’ के बीज बोने का आरोप लगाया।
पीएम ने अपने संबोधन में देख में तुष्टीकरण की राजनीत कांग्रेस हमेशा से करती रही है। पीएम ने कहा, “कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं की। इसका उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग आश्चर्यचकित होंगे। स्थिति यह थी कि 2014 में सरकार छोड़ने से पहले ये लोग सौंप चुके थे।” दिल्ली और आसपास के इलाकों की कई संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंपी गईं। बाबा साहब अंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान में वक्फ कानून के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने “असली धर्मनिरपेक्षता” को मौत की सजा देने की कोशिश की।
केंद्रे के एजेंडे में वक्फ संशोधन
25 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 सरकार के एजेंडे में है। इस विधेयक की जांच संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा की जा रही है। विधेयक में अवैध रूप से कब्ज़ा की गई संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और कानूनी तंत्र की शुरुआत करके व्यापक सुधार लाने का प्रयास किया गया है। जेपीसी सबसे व्यापक सुधार के लक्ष्य के लिए सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों से इनपुट इकट्ठा करने के लिए बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है।
Swara Bhaskars Husband Fahad Ahmad vs Sana Malik Battle for Anushakti Nagar Seat महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की मतगणना जारी है। अणुशक्ति नगर सीट पर स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद (एनसीपी-शरद पवार) और नवाब मलिक की बेटी सना मलिक (एनसीपी-अजित पवार) के बीच टक्कर है। नवाब मलिक के गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर बेटी सना मलिक जीत गईं।
अणुशक्ति नगर में मलिक परिवार का दबदबा कायम रहेगा या स्वरा भास्कर के पति फहाद को चुनेगी जनता?
डिजिटल डेस्क, मुंबई। Swara Bhaskars Husband Fahad Ahmad vs Sana Malik Battle: महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी है। पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हुई और फिर ईवीएम खुलीं। महाराष्ट्र की अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद एनसीपी (शरद पवार) के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे थे, जोकि अपनी एनसीपी (अजित पवार) की प्रत्याशी और नवाब मलिक की बेटी सना मलिक से हार गए।
पति फहाद अहमद के हारते ही अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने ईवीएम पर ठीकरा फोड़ना दिया। स्वरा भास्कर ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए लिखा, ”पूरा दिन वोटिंग के बावजूद EVM मशीन 99 फीसदी चार्ज कैसे हो सकती है? चुनाव आयोग जवाब दे। अणुशक्ति नगर विधानसभा में जैसे ही 99 फीसदी चार्ज मशीनें खुलीं, उसके बाद भाजपा के सहयोगी दल एनसीपी को वोट मिलने लगे, आखिर यह कैसे?”
महाराष्ट्र में विधानसभा की सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। आज नतीजों का एलान किया जाएगा। मतगणना शुरू हो गई है। राज्य की हाईप्रोफाइल सीटों में शामिल अणुशक्ति नगर सीट पर देश भर के लोगों की नजर बनी हुई है। अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद एनसीपी (शरद पवार) के चुनाव लड़े। फहाद के सामने अजित पवार ने एनसीपी के कद्दावर नेता नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को टिकट दिया था।
मतगणना जारी: स्वरा के पति आगे
अणुशक्ति नगर सीट पर सभी 19 राउंट की गिनती पूरी हो चुकी है। सना मलिक जीत गईं और स्वरा भास्कर के पति 3378 वोटों से हार गए। शुरुआती रुझानों में फहाद आगे थे। फिर सना मलिक फहाद को पछाड़ते हुए आगे निकल गईं। ऐसा दो-तीन बार हुआ। आखिरी राउंड में सना मलिक 3378 वोटों से जीतीं हैं।
बता दें कि इस चुनाव में अणुशक्ति नगर सीट पर 54 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, जोकि पिछली बार के विधानसभा चुनाव से कम है। 2019 के विधानसभा में यहां 55.27 प्रतिशत मतदान हुआ था।
राजनीतिक लिहाज से अहम है ये सीट
अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट को नवाब मलिक का गढ़ माना जाता है। वह कई बार यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप जेल में गए। रिहाई के बाद वह एनसीपी अजित पवार गुट में शामिल हो गए। शुरुआत में अजित पवार नवाब मलिक को टिकट दे रहे थे, लेकिन एनसीपी-अजित की सहयोगी पार्टी भाजपा के विरोध के बाद उन्होंने नवाब मलिक की बेटी को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा।
सपा छोड़ एनसीपी-शरद पवार में शामिल हुए फहाद
स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद पहले समाजवादी पार्टी में थे। आईएनडीआईए में सपा को ज्यादा सीटे नहीं मिलीं तो फहाद एनसीपी-शरद पवार के टिकट पर अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट चुनावी मैदान में उतरे। इसके बाद यह सीट सुर्खियों में आ गई। यह सीट चुनाव प्रचार के दौरान बयानबाजी के लिए भी चर्चा में रही।
जहां स्वरा के पति फहाद ने सना मलिक पर परिवारवाद का आरोप लगाया। कहा कि सना नवाब मलिक की बेटी हैं, बस यही उनकी उपलब्धि है और इसीलिए उन्हें टिकट मिल गया। वहीं सना मलिक ने पलटवार करते हुए कहा था कि किसी नेता की बेटी होना बेहतर है किसी एक्ट्रेस का पति होने से।
Maharashtra Assembly Election 2024 Result and 7 Key Factors Behind Mahayutis Victory महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति (भाजपा-शिवसेना-शिंदे-एनसीपी-अजित पवार) ने प्रचंड बहुमत मिला है। वहीं महाविकास अघाड़ी महज 55 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रचंड बहुमत के पीछे वे कौन-कौन-से फैक्टर हैं जिन्होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया है। यहां
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति की बंपर जीत के सात फैक्टर।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। अब तक हुई मतगणना के मुताबिक, जहां महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं महाविकास अघाड़ी 55 सीटों पर ही सिमट गया है। इसी के साथ यह तय हो गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी(अजित पवार) के गठबंधन वाली यानी महायुति की सरकार बन रही है। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के घर बधाइयां देने वालों का तांता लगने लग गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब तक के रुझानों में महायुति गठबंधन बंपर बढ़त बनाए हुए हैं। रुझान ही नतीजे बनते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सबके मन में सवाल ये है कि जब भाजपा के खिलाफ विरोधी लहर थी, बीजेपी पर शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के आरोप, मराठा आंदोलन से लोग नाराज फिर भी इन सब झंझावतों से निपटने में महायुति कैसे सफल हुआ?
महायुति की जीत के वे कौन-से फैक्टर हैं, जिसने महाविकास अघाड़ी का सूपड़ा साफ कर दिया है। आइए हम बताते हैं आपको…
1. लड़की बहिन योजना और टोल न वसूलना
भाजपा नेतृत्व महायुति सरकार ने की लड़की बहिन योजना लागू करना सही फैसला साबित हुआ। इससे पहले मध्यप्रदेश में प्रचंड जीत का श्रेय भी वहां लागू लाडली बहना योजना को दिया गया। महाराष्ट्र की जनता ने माना कि सीएम एकनाथ शिंदे के चलते उनके बैंक खाते में हर महीने धनराशि आ रहे हैं। अगर शिंदे दोबारा सीएम बनते हैं तो ये रुपये आते रहेंगे और बढ़ भी सकते हैं।
लड़की बहिन योजना का असर यह हुआ कि एमवीए के कोर वोटर्स के घरों की महिलाओं ने भी महायुति को वोट दिए, क्योंकि उनके बैंक अकाउंट में सीधे पैसा आ रहा था। चुनाव से पहले महायुति सरकार ने राज्य के कई टोल प्लाजाओं को टोल फ्री कर पुरुष मतदाताओं को अपने पक्ष में किया।
2. शिंदे को सीएम बनाकर साधा बड़ा निशाना
पॉलिटिकल एक्सर्ट्स का मानना है कि भाजपा का एकनाथ शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाना और लगातार बनाए रखना, एक ऐसी चाल साबित हुई, जिसने एमवीए को चारों खानों को चित कर दिया। दरअसल, शिंदे मराठा क्षत्रप हैं। उनको सीएम बना भाजपा की मराठा प्राइड को भुनाने की रणनीति कारगर साबित हुई।
इतना ही नहीं, भाजपा समय-समय पर यह भी मैसेज दिया कि शिंदे फिर से सीएम बन सकते हैं। जरांगेर पाटील के मराठा आंदोलन के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन खुश थी, लेकिन भाजपा ने शिंदे पर दांव लगा, एमवीए को शिकस्त दे दी। शिवसेना (उद्धव) को कमजोर करने में शिंदे में अहम भूमिका निभाई। मराठी जनता ने शिंदे को ही मराठा सम्मान का प्रतीक माना और ठाकरे परिवार को बाहरी।
3. भाजपा-शिवसेना का DNA एक
महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष खड़ा करने के उद्देश्य से साल 1989 में भाजपा और शिवसेना का पहली बार गठबंधन हुआ था। दोनों के बीच गठबंधन का मुख्य आधार हिंदुत्व की विचारधारा थी, जो दोनों दलों को एक साथ लेकर आई। हालांकि, समय-समय पर इस रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते रहे, लेकिन दोनों का कोर वोटर भी एक ही था।
साल 2019 में उद्धव ठाकरे भाजपा से नाता तोड़ एमवीए में शामिल हो गए, जिससे शिवसेना के कोर वोटर में नाराजगी भी थी। इस चुनाव में जहां मतदाताओं ने भाजपा नेतृत्व महायुति को जिताया है, वहीं असली शिवसेना की मुहर भी शिवसेना-शिंदे पर लगा दी है।
4. राज्य में बंटर बांट नहीं चाहते मतदाता
महाविकास अघाड़ी गठबंधन में बेशक कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल हों, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए ने आईएनडीआई गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा।
उदाहरण के तौर पर स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद सपा में थे, लेकिन सीट बंटवारे के दौरान सपा के हिस्से कम सीटें आई थी। ऐसे में एनसीपी (शरद पवार गुट) ने अपने टिकट पर फहाद अहमद को अणुशक्ति नगर से चुनाव मैदान में उतारा।
कई और पार्टियों को भी किसी को दो तो किसी को तीन सीटें दीं, जिससे मतदाताओं को मैसेज गया कि अगर एमवीए जीतता है तो राज्य में सीएम पद और मंत्रिमंडल को रार मच सकती है। इस कारण भी मतदाताओं ने महायुति को चुना।
5. भाजपा की नई रणनीति, स्थानीय को महत्व
भाजपा ने शुरुआत से ही अपनी रणनीति में स्थानीय राजनीति को महत्व दिया। हाल ही हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी से बहुत ज्यादा प्रचार नहीं कराया। भाजपा ने यही रणनीति महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी अपनाई। स्थानीय नेताओं को चुनाव प्रचार में आगे किया। यहां सबसे ज्यादा रैलियां और सभाएं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से कराई गईं।
6. हिंदू-मुस्लिम दोनों को साधने में मिली सफलता
भाजपा नेतृत्व गठबंधन महायुति ने हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ‘बंटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों का सहारा लिया। वहीं दूसरी ओर एनसीपी (अजित पवार) के मुस्लिम प्रत्याशी को समर्थन देकर यह भी मैसेज दे दिया कि वे मुसलमानों के विरोधी नहीं हैं।
दूसरा दांव चुनाव से ठीक पहले शिंदे सरकार ने मदरसों के शिक्षकों की सैलरी बढ़ाकर चला। इसके चलते महायुति को हिंदू और मुस्लिम दोनों का भर-भर कर वोट मिला।
7. भाजपा को मिला संघ का साथ
विपक्ष मानकर चल रहा था कि अब भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रिश्ते पहले से नहीं रहे हैं। इसके इतर भाजपा ने आरएसएस से आई दूरियों को खत्म किया। संघ ने भी चुनाव में भाजपा का पुरजोर साथ दिया।
संघ के कार्यकर्ता भाजपा का संदेश घर-घर लेकर गए और जनता से महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा नेतृत्व महायुति गठबंधन को वोट देने की अपील की।
संघ कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोकसभा सीट लेकर इस बार वोटिंग करें। लोगों को देश में भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, पत्थरबाजी और दंगे आदि की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी जागरूक किया।
महाराष्ट्र में आज विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। मतदान के एक दिन पहले बिटकॉइन घोटाला चर्चा में है। सुप्रिया सुले पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने नाना पटोले के साथ चुनावों के लिए धन जुटाने हेतु बिटकॉइन घोटाले की आय का उपयोग किया है। बीजेपी ने आरोप के बाद एक ऑडियो क्लिप जारी किया जिसके बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया है।
अजित पवार का दावा, ‘क्लिप में सुप्रिया सुले की आवाज’ (फोटो- जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Maharashtra Assembly Polls: महाराष्ट्र में आज विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। राज्य में मतदान के ठीक एक दिन पहले दो बड़े मुद्दों की खास चर्चा रही। पहला मुद्दा ‘कैश फॉर वोट’ से जुड़ा है। वहीं, दूसरा मुद्दा ‘बिटकॉइन घोटाले’ से जुड़ा है। बहुजन महाविकास अघाड़ी ने मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पर ‘कैश फॉर वोट’ का आरोप लगाया था।
वहीं, मंगलवार रात पूर्व आईपीएस अधिकारी रवीन्द्रनाथ पाटिल ने एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले पर चुनावों के लिए धन जुटाने हेतु बिटकॉइन घोटाले की आय का उपयोग करने का आरोप लगा। इस आरोप को बीजेपी ने भुनाने की पूरी कोशिश की।
हालांकि, सुप्रिया सुले ने बुधवार को आरोपों को सिरे से नकारते हुए निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मैंने मानहानि का केस और आपराधिक मामला दर्ज कराया है। मैं कहीं भी, कभी भी, किसी भी मंच पर उनके (सुधांशु त्रिवेदी) पांच सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं। ये आरोप पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत हैं।
दरअसल, एक ऑडियो क्लिप इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि इस क्लिप में सुनाई दे रही आवाज सुप्रिया सुले और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की है। हालांकि, जागरण इस क्लिप की पुष्टी नहीं करता है।
आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये दोनों नेता बिटकॉइन घोटाले में शामिल हैं और उससे होने वाली कमाई का प्रयोग चुनाव प्रचार के दौरान किया जा रहा था। इस विवाद के बीच सुप्रिया सुले के चचेरे भाई अजित पवार का बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि इस ऑडियो क्लिप में जो आवाज सुनाई दे रही है वह सुप्रिया सुले की ही है।
अजित पवार का दावा- मैं आवाज पहचानता हूं
बिटकॉइन विवाद के बीच सुप्रिया सुले के चचेरे भाई और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बड़ा दावा किया और कहा कि ऑडियो क्लिप में जो टोन है, उससे मैं आवाज़ पहचान सकता हूँ। उनमें से एक मेरी बहन की आवाज है और दूसरी वह है जिसके साथ मैंने काफ़ी काम किया है। मामले की जांच की जाएगी और सच्चाई सामने आएगी।
वहीं, अजित पवार की टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रिया सुले ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया। सुप्रिया सुले ने कहा,”वह अजीत पवार हैं; वह कुछ भी कह सकते हैं। ‘राम कृष्ण हरि!”
#WATCH | Baramati: On Ajit Pawar’s statement regarding allegations against her and Nana Patole, NCP-SCP MP Supriya Sule says “He is Ajit Pawar, he can say anything. ‘Ram Krishna Hari’…” https://t.co/45nndipyEypic.twitter.com/Zyc4GOPfRc
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता सुप्रिया सुले ने लिखा,” मैं सुधांशु त्रिवेदी द्वारा मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन करती हूं। यह सब अटकलें और भ्रम है और मैं किसी भी भाजपा प्रतिनिधि के साथ उनके द्वारा चुने गए समय और तिथि पर सार्वजनिक मंच पर बहस करने के लिए तैयार हूं।”
बिटकॉइन विवाद पर क्या बोले देवेंद्र फडणवीस?
वोट डालने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बिटकॉइन क्लिप और कैश फॉर वोट विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा जहां तक विनोद तावड़े का सवाल है, मैंने कल भी साफ कर दिया था कि न तो उन्होंने कोई पैसा बांटा और न ही उनके पास कोई पैसा मिला। जानबूझकर विवाद को हवा देने की कोशिश की गई, एक इकोसिस्टम का इस्तेमाल किया गया।
वहीं, सुप्रिया सुले और नाना पटोले पर लगे आरोपों का सवाल है, जिस तरह से एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाए हैं और कुछ क्लिप जारी किए हैं, मुझे लगता है कि यह बहुत गंभीर मामला है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। सच्चाई सामने आना जरूरी है। आरोप बहुत गंभीर हैं, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और लोगों के सामने एक निष्पक्ष रिपोर्ट आनी चाहिए, ऐसा मुझे लगता है। आवाज सुप्रिया सुले जैसी ही लग रही है, लेकिन पूरी निष्पक्षता के साथ, सब कुछ साफ होना चाहिए।
बिटकॉइन विवाद पर नाना पटोले ने क्या कहा?
बिटकॉइन विवाद पर नाना पटोले ने कहा है कि बीजेपी ने चुनाव से एक शाम पहले ओछी हरकत की है। ऑडियो क्लिप में मौजूद आवाज मेरी नहीं है, मैं तो किसान हूं। मुझे बिटकॉइन समझ नहीं आता है। हम भाजपा नेताओं पर मानहानि का केस करेंगे। मैं तो किसान हूं, मुझे भाजपा को बदनाम नहीं करना चाहिए था। बीजेपी से कुछ उम्मीद नहीं कर सकते हैं। बता दें कि भाजपा ने नाना पटोले और सुप्रिया सुले पर बिटकॉइन लेन-देन में शामिल रहने का आरोप लगाया है।
पूरा मामला समझिए
उल्लेखनीय है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी रवीन्द्रनाथ पाटिल ने आरोप लगाया कि सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने 2018 के क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले से बिटकॉइन का दुरुपयोग किया और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए इसका इस्तेमाल किया।
इस आरोप के तुरंत बाद बीजेपी ने उस मुद्दे को पकड़ लिया। बीजेपी ने मंगलवार रात को एक पीसी की और कथित वॉयस नोट जारी किए, जिसमें दावा किया गया कि सुप्रिया सुले और नाना पटोले चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने की साजिश में शामिल हैं। इस पीसी के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यह भी दावा किया कि इस घटनाक्रम ने विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की पोल खोल दी है।
शरद पवार को हिंदुओं के बारे में बोलने में शर्म आती है?’, उलेमा बोर्ड की मांग पर भड़के किरीट सोमैया
Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र चुनाव से पहले ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने की बात कही है, लेकिन उन्होंने अपनी शर्तों की एक लिस्ट भी पकड़ा दी है. इसमें RSS को बैन करने की मांग है, जिसके बाद से प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. इस पर अब बीजेपी नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ने पलटवार किया है.
भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने कहा, “क्या शरद पवार को हिंदुओं के बारे में बोलने में शर्म आती है या उन्हें डर लगता है? कोई मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी जैसा कोई बयान नहीं देता कि अगर कोई हिंदू बीजेपी के खिलाफ वोट करता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार करें और उसका नाम अब्दुल रहमान रखें. हिंदुत्व में ऐसी भाषा नहीं होती है.”
शरद पवार पर भड़के किरीट सोमैया उन्होंने कहा, “शरद पवार ने ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड और मराठी मुस्लिम सेवा संघ को समर्थन दिया है. उलमा बोर्ड की बातें एमवीए और शरद पवार ने मान्य की. जिसमें 10 फीसदी आरक्षण करना है, आरएसएस के ऊपर प्रतिबंध लगाना है. ऐसे में शरद पवार ने वोट जिहाद जैसी बातें फैलाईं. राहुल गांधी, सलमान खुर्शीद का परिवार वोट जिहाद फैलाता है, उन्हें शर्म आनी चाहिए.”
शरद पवार और उलेमा बोर्ड ने क्या कहा?
बता दे एनसीपी एसपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर वोट जिहाद को लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा, वह अपने सहयोगियों के साथ ‘वोट जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करके धार्मिक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
जबकि, सात नवंबर को एनसीपी (एसपी) के मुखिया शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को चिट्ठी लिखकर उलेमा बोर्ड ने कहा, अगर MVA उसकी मांगे मानता है तो वह एमवीए के उम्मीदवारों का प्रचार भी करेंगे. बोर्ड ने 17 शर्तें भी रखी हैं, जिनमें मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देने, RSS पर बैन लगाने जैसी मांगें रखी हैं.
Maharashtra Election: अजित पवार ने कहा-हम सभी विधायकों के सिग्नेचर लेकर बैठे थे. लेकिन ऐन वक्त पर कुछ ऐसा हुआ कि हम बीजेपी की सरकार में शामिल नहीं हो पाए.
सभा को संबोधित करते अजित पवार
महाराष्ट्र चुनाव से पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने बड़ा खुलासा किया है. बताया कि जिस वक्त बीजेपी और एकनाथ शिंदे मिलकर सरकार बना रहे थे, उस वक्त हम भी पूरी तरह तैयार थे. हम सरकार बनाने वाले थे. सारे विधायकों के सिग्नेचर कराए लिए गए थे, लेकिन ऐन वक्त पर कुछ ऐसा हुआ कि हम सरकार में शामिल नहीं हो पाए. अजित पवार ने ये भी बताया कि क्यों उन्हें अलग होने की जरूरत पड़ी.
नासिक में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, उस वक्त कुछ राजनीतिक स्थिति बनी थी. तब एकनाथ शिंदे ने एक भूमिका निभाई और फिर सरकार में चले गए. एकनाथराव और देवेन्द्र फडणवीस ने मिलकर सरकार बनाई. उसी समय हमारे सभी एनसीपी विधायकों ने भी निर्णय लिया था. हमने सिग्नेचर भी कर दिए थे. दिलीप बुनकर, नरहरि जिरवाल, माणिकराव कोकाटे, सरोज अहिरे और छगन भुजबल और नितिन पवार समेत सभी विधायकों के सिग्नेचर हमारे पास थे, लेकिन तभी कुछ ऐसी घटनाएं घटीं कि संभव नहीं हो पाया.
तो शरद पवार को पता था?
अजित पवार का यह दावा काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि उनके दावे की मानें तो शरद पवार को इसके बारे में जानकारी थी. क्योंकि इसके काफी दिनों बाद एनसीपी में विभाजन हुआ. और अजित पवार अभी जिन लोगों के नाम ले रहे हैं, वे सारे लोग शरद पवार का साथ छोड़कर अजित पवार के साथ चले गए थे. इससे ये भी साफ है कि एनसीपी में काफी पहले से बीजेपी के साथ जाने को लेकर खिचड़ी पक रही थी. शायद शरद पवार उसे समय से भांप नहीं पाए.
शरद गुट पर सीधा हमला
कुछ दिनों पहले शरद गुट के नेताओं ने आरोप लगाया था कि लड़की बहिन योजना से महाराष्ट्र दीवालिया हो जाएगा. इस पर जवाब देते हुए अजित पवार ने कहा, मैं पैसे का मोल समझता हूं. यह पैसा गरीबों को दिया जा रहा है. उसकी जाति नहीं देखी जाती. सिर्फ गरीब बहनों को इसका लाभ दे रहे हैं. वे इतने वक्त तक सत्ता में रहे, क्या किया. सवा रुपया दक्षिणा तक नहीं देते थे. अब हम सीधे बहनों के खाते में पैसे दे रहे हैं. कोई बिचौलिया नहीं है. टिकटों के बंटवारे पर अजित पवार ने कहा, साढ़े बारह प्रतिशत सीटें पिछड़े वर्ग को दी गईं. 10 फीसदी सीटें मुस्लिम समुदाय को दी गईं. हम सबको साथ लेकर चलते हैं, भेदभाव नहीं करते. साहू फुले अंबेडकर की विचारधारा पर चल रहे हैं. वो लोग इसे समझ नहीं पाएंगे.
Election: उद्धव ठाकरे ने कहा कि 2014 पहले BJP ने ही मेरा साथ छोड़ा. 2019 में उन्होंने मुझे फिर फंसाया. वह कहीं भी जा सकते हैं, लेकिन मैं नहीं जा सकता. उन्होंने मुझे फंसाया, इसलिए मैंने उन्हें छोड़ा.
उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे पर भी किया हमला
Maharashtra Assembly Election 2024 Latest News: शिवसेना (उद्धव बाला ठाकरे/UBT) गुट के मुखिया उद्धाव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अपनी राजनीति, बीजेपी और भविष्य में बीजेपी के साथ जाने की संभावनाओं पर अपना रुख साफ किया है. उद्धव ठाकरे का कहना है कि वह किसी भी स्थिति में बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.
उद्धव ठाकरे ने आजतक से बातचीत में कहा कि बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं है. मैं उनके साथ क्यों जाऊंगा. उन्होंने मेरी पार्टी तोड़ी, मेरी पार्टी को खत्म करने की कोशिश की, मेरे परिवार को बदनाम कर रहे हैं, मेरे बेटे को बदनाम कर रहे हैं. मुझे नकली संतान कहा, तो क्या नकली संतान के साथ मोदी जी हाथ मिलाएंगे. इन लोगों ने मेरी माता जी और पिता जी का अपमान किया है. खैर मैं मोदी जी की बातों पर कुछ बात नहीं करता. उनको तो भगवान ने भेजा है.
BJP ने पहले मेरा साथ छोड़ा’
महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधन में राजनीतिक दलों के इधर से उधर पाला बदलने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं एक ही जगह पर हूं. मैं कहीं नहीं गया. बीजेपी ने 2014 में मेरा साथ पहले छोड़ा था. उस वक्त भी मैं हिंदू था, 2019 में उन्होंने मुझे फंसाया. वह कहीं भी जा सकते हैं, मैं नहीं जा सकता. मैं वहीं पर हूं. उन्होंने मुझे फंसाया, इसलिए मैंने उनको छोड़ दिया.”
‘बीजेपी करती है सत्ता जिहाद’
पीएम मोदी की ओर से वोट जिहाद का आरोप लगाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी वाले खुद सत्ता जिहाद करते हैं. वह जो करते हैं वह पावर जिहाद है, कुर्सी जिहाद है. आज वो लोग जो कुछ भी हैं वह मेरे पिता जी का ही बनाया हुआ है. उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी के धोखे के बाद मैं सीएम बना तो मुझे गद्दारी करके क्यों हटवाया. मेरे पिता जी ने इन्हें सब कुछ दिया, अगर उनका बेटा सीएम बना तो क्या दिक्कत, क्या इन्हीं के परिवार का सबकुछ बन सकता है. वह मेरे पिता जी का नाम लेकर वोट मांग रहे हैं.”
बताई अमित ठाकरे को समर्थन न देने की वजह
जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि आदित्य ठाकरे जब पहली बार चुनाव में उतरे थे तो राज ठाकरे ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था, लेकिन इस बार जब उनके बेटे अमित ठाकरे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं तो आपने इस तरह की पहल नहीं की. इस सवाल के जवाब में उद्धव ने कहा, “मैंने इस पर काफी सोचा कि उनकी (राज ठाकरे) राजनीतिक भूमिका क्या है. पिछले चुनाव में उन्होंने मोदी का समर्थन किया था. अब कह रहे हैं कि देवेंद्र फड़णवीस सीएम बनेंगे. जो महाराष्ट्र को लूट रहे हैं वह उन्हीं को सीएम बनाने की बात कह रहे हैं, तो भैया माफ करो… इसलिए मैं ऐसे लोगों का साथ नहीं दूंगा जो महाराष्ट्र को लूटने वालों का साथ दे रहे हैं.”
Assadusuuin owais महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं.
Assadusuuin owais
Assadusuuin owais महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. इस बीच उनके भड़काऊ भाषणों के लिए चेतावनी देते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने सोलापुर में ओवैसी की एक जनसभा के बीचों बीच अचानक मंच पर नोटिस थमा दिया तो वहां मौजूद लोग हक्का बक्का रह गए. पुलिस के नोटिस को पढ़ते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी स्पीच में किया ’15 मिनट’ का जिक्र कर दिया. क्या है पूरा मामला? आइए बताते हैं.
मंच पर पुलिस ने थमाया नोटिस
बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ती तरह ओवैसी भी अपनी पार्टी का झंडा पूरे तामझाम के साथ लहरा रहे हैं. महाराष्ट्र में 10 साल पहले ही AIMIM का खाता खुल गया था. ऐसे में इस बात कुछ बड़ा प्रदर्शन करने का दावा कर रहे असदुद्दीन ओवैसी अपने भाषणों से मुसलमानों को एकजुट कर रहे हैं. ओवैली कल सोलापुर में थे. लेकिन वहां भरे मंच पर पुलिस ने उन्हें नोटिस थमा दिया. दरअसल बुधवार को सोलापुर मध्य विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार फारूक शाब्दी की प्रचार रैली में शामिल होने के लिए असदुद्दीन ओवैसी सोलापुर आए हुए थे. इस दौरान महाराष्ट्र पुलिस के जवान द्वारा ओवैसी को मंच पर ही पुलिस ने नोटिस दे दिया.
नोटिस में क्या लिखा?
आपको बताते चलें कि पुलिस के नोटिस में ओवैसी को अपने भाषण में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने और भड़काऊ भाषण ना देने की हिदायत दी गई थी. पुलिस ने बीएनएस की धारा 168 के तहत यह नोटिस असदुद्दीन ओवैसी को थमाया. बीएनएस की धारा 168 के मुताबिक प्रत्येक पुलिस अधिकारी किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है और अपना पूरी क्षमता से वह ऐसा कर सकता है. इससे पहले ओवैसी ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगाबाद के नाम बदलने को लेकर और महायुति और महाविकास अघाड़ी पर निशाना साधा था.