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Maharashtra Election Result 2024: महायुति की जीत के वे सात फैक्‍टर, जिन्‍होंने MVA का किया सूपड़ा साफ

Maharashtra Assembly Election 2024 Result and 7 Key Factors Behind Mahayutis Victory महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति (भाजपा-शिवसेना-शिंदे-एनसीपी-अजित पवार) ने प्रचंड बहुमत मिला है। वहीं महाविकास अघाड़ी महज 55 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रचंड बहुमत के पीछे वे कौन-कौन-से फैक्‍टर हैं जिन्‍होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया है। यहां 

 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति की बंपर जीत के सात फैक्‍टर।

डिजिटल डेस्‍क, मुंबई। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। अब तक हुई मतगणना के मुताबिक, जहां महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं महाविकास अघाड़ी 55 सीटों पर ही सिमट गया है। इसी के साथ यह तय हो गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी(अजित पवार) के गठबंधन वाली यानी महायुति की सरकार बन रही है। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के घर बधाइयां देने वालों का तांता लगने लग गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब तक के रुझानों में महायुति गठबंधन बंपर बढ़त बनाए हुए हैं। रुझान ही नतीजे बनते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सबके मन  में सवाल ये है कि जब भाजपा के खिलाफ विरोधी लहर थी, बीजेपी पर शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के आरोप, मराठा आंदोलन से लोग नाराज फिर भी इन सब झंझावतों से निपटने में महायुति कैसे सफल हुआ?

महायुति की जीत के वे कौन-से फैक्‍टर हैं, जिसने महाविकास अघाड़ी का सूपड़ा साफ कर दिया है। आइए हम बताते हैं आपको…

1. लड़की बहिन योजना और टोल न वसूलना

भाजपा नेतृत्‍व महायुति सरकार ने की लड़की बहिन योजना लागू करना सही फैसला साबित हुआ। इससे पहले मध्‍यप्रदेश में प्रचंड जीत का श्रेय भी वहां लागू लाडली बहना योजना को दिया गया। महाराष्‍ट्र की जनता ने माना कि सीएम एकनाथ शिंदे के चलते उनके बैंक खाते में हर महीने धनराशि आ रहे हैं। अगर शिंदे दोबारा सीएम बनते हैं तो ये रुपये आते रहेंगे और बढ़ भी सकते हैं।

लड़की बहिन योजना का असर यह हुआ कि एमवीए के कोर वोटर्स के घरों की महिलाओं ने भी महायुति को वोट दिए, क्‍योंकि उनके बैंक अकाउंट में सीधे पैसा आ रहा था। चुनाव से पहले महायुति सरकार ने राज्‍य के कई टोल प्‍लाजाओं को टोल फ्री कर पुरुष मतदाताओं को अपने पक्ष में किया।

2. शिंदे को सीएम बनाकर साधा बड़ा निशाना

पॉलिटिकल एक्‍सर्ट्स का मानना है कि भाजपा का एकनाथ शिंदे को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाना और लगातार बनाए रखना, एक ऐसी चाल साबित हुई, जिसने एमवीए को चारों खानों को चित कर दिया। दरअसल, शिंदे मराठा क्षत्रप हैं। उनको सीएम बना भाजपा की मराठा प्राइड को भुनाने की रणनीति कारगर साबित हुई।

इतना ही नहीं, भाजपा समय-समय पर यह भी मैसेज दिया कि शिंदे फिर से सीएम बन सकते हैं। जरांगेर पाटील के मराठा आंदोलन के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन खुश  थी, लेकिन भाजपा ने शिंदे पर दांव लगा, एमवीए को शिकस्त दे दी। शिवसेना (उद्धव) को कमजोर करने में शिंदे में अहम भूमिका निभाई। मराठी जनता ने शिंदे को ही मराठा सम्मान का प्रतीक माना और ठाकरे परिवार को बाहरी।

3. भाजपा-शिवसेना का DNA एक

महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष खड़ा करने के उद्देश्य से साल 1989 में भाजपा और शिवसेना का पहली बार गठबंधन हुआ था। दोनों के बीच गठबंधन का मुख्य आधार हिंदुत्व की विचारधारा थी, जो दोनों दलों को एक साथ लेकर आई। हालांकि, समय-समय पर इस रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते रहे, लेकिन दोनों का कोर वोटर भी एक ही था।

साल 2019 में उद्धव ठाकरे भाजपा से नाता तोड़ एमवीए में शामिल हो गए, जिससे शिवसेना के कोर वोटर में नाराजगी भी थी। इस चुनाव में जहां मतदाताओं ने भाजपा नेतृत्व महायुति को जिताया है, वहीं असली शिवसेना की मुहर भी शिवसेना-शिंदे पर लगा दी है।

4. राज्‍य में बंटर बांट नहीं चाहते मतदाता

महाविकास अघाड़ी गठबंधन में बेशक कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल हों, लेकिन महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए ने आईएनडीआई गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा।

उदाहरण के तौर पर स्‍वरा भास्कर के पति फहाद अहमद सपा में थे, लेकिन सीट बंटवारे के दौरान सपा के हिस्‍से कम सीटें आई थी। ऐसे में एनसीपी (शरद पवार गुट) ने अपने टिकट पर फहाद अहमद को अणुशक्ति नगर से चुनाव मैदान में उतारा।

कई और पार्टियों को भी किसी को दो तो किसी को तीन सीटें दीं, जिससे मतदाताओं को मैसेज गया कि अगर एमवीए जीतता है तो राज्‍य में सीएम पद और मंत्रिमंडल को रार मच सकती है। इस कारण भी मतदाताओं ने महायुति को चुना।

5. भाजपा की नई रणनीति, स्‍थानीय को महत्‍व

भाजपा ने शुरुआत से ही अपनी रणनीति में स्‍थानीय राजनीति को महत्‍व दिया। हाल ही हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी से बहुत ज्‍यादा प्रचार नहीं कराया। भाजपा ने यही रणनीति महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में भी अपनाई। स्‍थानीय नेताओं को चुनाव प्रचार में आगे किया। यहां सबसे ज्‍यादा रैलियां और सभाएं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से कराई गईं।

6. हिंदू-मुस्लिम दोनों को साधने में मिली सफलता

भाजपा नेतृत्‍व गठबंधन महायुति ने हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ‘बंटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों का सहारा लिया। वहीं दूसरी ओर एनसीपी (अजित पवार) के मुस्लिम प्रत्‍याशी को समर्थन देकर यह भी मैसेज दे दिया कि वे मुसलमानों के विरोधी नहीं हैं।

दूसरा दांव चुनाव से ठीक पहले शिंदे सरकार ने मदरसों के शिक्षकों की सैलरी बढ़ाकर चला। इसके चलते महायुति को हिंदू और मुस्लिम दोनों का भर-भर कर वोट मिला।

7. भाजपा को मिला संघ का साथ

विपक्ष मानकर चल रहा था कि अब भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रिश्‍ते पहले से नहीं रहे हैं। इसके इतर भाजपा ने आरएसएस से आई दूरियों को खत्‍म किया। संघ ने भी चुनाव में भाजपा का पुरजोर साथ दिया।

संघ के कार्यकर्ता भाजपा का संदेश घर-घर लेकर गए और जनता से महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा नेतृत्‍व महायुति गठबंधन को वोट देने की अपील की।

संघ कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोकसभा सीट लेकर इस बार वोटिंग करें। लोगों को देश में भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, पत्थरबाजी और दंगे आदि की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी जागरूक किया।

महायुति में अब CM फेस पर खींचतान, शिंदे बोले- ज्यादा सीट का मतलब सीएम नहीं; फडणवीस का भी आया बयान

Maharashtra Election Result महाराष्ट्र में महायुति की बंपर जीत होती दिख रही है। विधानसभा की कुल 288 सीटों में से भाजपा गठबंधन 219 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं भाजपा अकेले 124 सीटों पर आगे है तो शिंदे की शिवसेना 55 सीटों पर आगे हैं। अब बड़ी जीत के बीच सीएम पद को लेकर महायुति में खींचतान शुरू हो गई है।

 

Maharashtra Election Result महाराष्ट्र में महायुति की लहर।

HighLights

  1. महाराष्ट्र में महायुति को मिला बंपर बहुमत।
  2. अकेली भाजपा 125 सीटों पर चल रही आगे।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Election Result  महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन की बंपर जीत हुई है। विधानसभा की कुल 288 सीटों में से भाजपा गठबंधन 219 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं, भाजपा अकेले 124 सीटों पर आगे है तो शिंदे की शिवसेना 55 सीटों पर आगे हैं।

अब बड़ी जीत के बीच सीएम पद को लेकर महायुति में खींचतान शुरू हो गई है।

शिंदे बोले- ज्यादा सीट लाने से कुछ नहीं होता

एकनाथ शिंदे ने चुनावी परिणाम पर रिएक्शन दिया है। शिंदे ने कहा कि अगर चुनाव में कोई ज्यादा सीट ले आता है तो वो सीएम फेस नहीं होता है। शिंदे के बयान से साफ हो गया है कि उन्होंने सीएम पद पर दावा ठोक दिया है।

फडणवीस बोले- मिलकर चुनेंगे सीएम

दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन की उम्मीद से बड़ी जीत हुई है। उन्होंने कहा कि सीएम पद का फैसला मिलकर किया जाएगा।

ये है समीकरण

सीएम फेस की रेस में देवेंद्र फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा 145 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वो 127 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा का जीत का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा है। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना 81 सीटों पर लड़कर 53 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा की बंपर जीत में फडणवीस को प्रमुख चेहरा माना जा रहा है।

एकनाथ शिंदे को भी सीएम बनने की रेस में पीछे नहीं माना जा सकता है। दरअसल, शिंदे ने ऐसे समय में भाजपा का साथ दिया था, जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी। शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर उद्धव ठाकरे को सबसे बड़ा झटका दिया था। इसी कारण भाजपा उन्हें इनाम दे सकती है।

Maharashtra Election Result: क्या फडणवीस बनेंगे CM या शिंदे के सिर ही रहेगा ताज? सरकार बनाने की ओर महायुति

Maharashtra Election Result 2024 महायुति महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 223 पर आगे चल रही है। वहीं एमवीए को बड़ी हार मिलती दिख रही है। इस बीच चुनावी नतीजों के बाद सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि महाराष्ट्र की सत्ता कौन संभालेगा। क्या एकनाथ शिंदे ही सीएम बनेंगे या देवेंद्र फडणवीस के सिर ये ताज सजने वाला है।

Maharashtra Election Result 2024 देवेंद्र फडणवीस और शिंदे में से कौन मारेगा बाजी।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Election Result 2024 महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में भाजपा नीत महायुति गठबंधन की बंपर जीत होती दिख रही है। महायुति महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 223 पर आगे चल रही है। वहीं, एमवीए को बड़ी हार मिलती दिख रही है।

इस बीच चुनावी नतीजों के बाद सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि महाराष्ट्र की सत्ता कौन संभालेगा। क्या एकनाथ शिंदे ही सीएम बनेंगे या देवेंद्र फडणवीस के सिर ये ताज सजेगा।

फडणवीस का पलड़ा भारी

सीएम की रेस में देवेंद्र फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा 145 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वो 127 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा का जीत का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा है। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना 81 सीटों पर लड़कर 53 सीटों पर आगे चल रही है।

जीत के अंतर को देखते हुए फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है, क्योंकि वो भाजपा के सबसे बड़े चेहरे हैं।

शिंदे को भी मिल सकता है इनाम

भाजपा ने पिछली बार फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाकर चौंकाया था, हालांकि देवेंद्र खुद सरकार में शामिल नहीं होना चाहते थे, लेकिन आलाकमान के दबाव के बाद उन्होंने अपना फैसला पलटा था।

वहीं, एकनाथ शिंदे को भी सीएम बनने की रेस में पीछे नहीं माना जा सकता है। दरअसल, शिंदे ने ऐसे समय में भाजपा का साथ दिया था, जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी। शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर उद्धव ठाकरे को सबसे बड़ा झटका दिया था। इसी कारण भाजपा उन्हें इनाम दे सकती है।

वहीं, महायुति की एकता को बनाए रखने के लिए भी भाजपा शिंदे को ही दौबारा सीएम बना सकती है। भाजपा नहीं चाहती कि कोई बगावत करे।

CM पद पर फडणवीस का बयान, बोले- उम्मीद से बड़ी जीत

महाराष्ट्र में बड़ी जीत की ओर बढ़ रही महायुति को लेकर फडणवीस का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि ये उम्मीद से बड़ी जीत है। हम अब मिलकर अगले सीएम का फैसला करेंगे। वहीं, देवेंद्र फडणवीस के करीबी नेता प्रवीन दरेकर ने कहा है कि अगले मुख्यमंत्री ही देवेंद्र फडणवीस हो सकते हैं।

विपक्ष के लिए ‘यही रात अंतिम, यही रात भारी’, महाराष्ट्र में ‘Cash For Vote’ पर आया BJP का रिएक्शन

महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से ठीक एक दिन पहले नेताओं द्वारा मतदाताओं को पैसे बंटाने का मामला सामने आया है। महाविकास अघाड़ी दल द्वारा महायुति गठबंधन के नेताओं पर ये आरोप लगाए हैं। इसके बाद बीजेपी ने रिएक्शन दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विपक्ष के लिए यही रात अंतिम यही रात भारी वाली स्थिति है।

महाराष्ट्र में ‘Cash For Vote’ पर आया BJP का रिएक्शन (फाइल फोटो)

Maharashtra Vidhan Sabha Election: महाराष्ट्र में कल विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। इससे पहले राज्य में सियासत गरमा गई है। दरअसल, राज्य में होने वाले चुनाव से ठीक एक दिन पहले नेताओं द्वारा मतदाताओं को पैसे बंटाने का मामला सामने आया है। महाविकास अघाड़ी दल द्वारा महायुति गठबंधन के नेताओं पर पैसे बांटने का आरोप लगाया गया है। वसई विरार में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप लगा है। हालांकि, बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। इस पूरे मामले में अब बीजेपी का रिएक्शन सामने आया है।

बीजेपी का आया रिएक्शन

भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “महाराष्ट्र में एमवीए द्वारा अंतिम प्रयास के रूप में एक निराधार आरोप लगाया गया है। विनोद तावड़े हमारे राष्ट्रीय सचिव हैं और पार्टी के कई कार्यों को देख रहे हैं। नालासोपारा निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार ने उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए कहा था। वह पास से गुजर रहे थे, इसलिए उन्होंने सहमति व्यक्त की। इस तरह की बैठकें पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदान प्रक्रिया के बारे में निर्देश देने के लिए की जाती हैं। हम जोर देते हैं कि होटल और आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी की जाँच की जाए। 5 करोड़ रुपये जेब में नहीं लाए जा सकते। अगर कोई इसे ले जा रहा होगा तो यह दिखाई देगा। उन्हें सबूत दिखाना चाहिए और निराधार आरोप नहीं लगाने चाहिए।”

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, महाराष्ट्र में होने वाले मतदान से पहले महाविकास अघाड़ी दल द्वारा महायुति गठबंधन के नेताओं पर पैसे बांटने का आरोप लगाया गया है। वसई विरार में (BJP) के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े (Vinod Tawde) पर पैसे बांटने के आरोप लगे हैं। विनोद तावड़े के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई है। आचार संहिता उल्लंघन मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

विनोद तावड़े ने दी सफाई

अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को विनोद तावड़े ने बेबुनियाद बताया और कहा कि नालासोपारा के विधायकों की बैठक चल रही थी। मैं उन्हें मतदान के दिन के लिए आदर्श आचार संहिता के बारे में बताने गया था, वोटिंग मशीनों को कैसे सील किया जाएगा और अगर कोई आपत्ति दर्ज की जाती है तो क्या करना है। पार्टी (बहुजन विकास अघाड़ी) के कार्यकर्ता अप्पा ठाकुर और क्षितिज को लगा कि हम पैसे बांट रहे हैं। चुनाव आयोग और पुलिस को जांच करनी चाहिए, उन्हें सीसीटीवी फुटेज मिलनी चाहिए। मैं 40 साल से पार्टी में हूं। अप्पा ठाकुर और क्षितिज मुझे जानते हैं और पूरी पार्टी मुझे जानती है। फिर भी, मेरा मानना है कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।

वहीं, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अगर विपक्ष के पास ऐसे कोई सबूत हैं तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। अमित मालवीय ने इस घटना को साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा,’चुनाव से 24 घंटे पहले नेता अपने बूथ का मैनेजमेंट देखते हैं।

 

Asaduddin Owaisi in Solapur: क्या है असदुद्दीन ओवैसी के ’15 मिनट’ वाले बयान का मतलब? जिसने महाराष्ट्र में चुनावी माहौल को किया गर्म

असदुद्दीन ओवैसी और देवेंद्र फडणवीस के बीच चल रही जुबानी जंग ने महाराष्ट्र चुनाव को और भी अधिक गर्म कर दिया है, जिसमें ओवैसी का ’15 मिनट’ का तंज, और फडणवीस का औरंगजेब वाला बयान शामिल है.

Asaduddin Owaisi in Solapur: महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के प्रचार के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर 2012 के विवादित “15 मिनट” वाले बयान का जिक्र किया. ओवैसी ने इस बयान का संदर्भ डिप्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चल रही जुबानी जंग में तंज के तौर पर लिया. यह बयान उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के उस बयान की याद दिलाता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 15 मिनट के लिए पुलिस को हटा दो तो हम दिखा देंगे कौन ताकतवर है.

15 मिनट’ बयान का नया संदर्भ

ओवैसी ने पुलिस के नोटिस और अपने भाषण के वक्त को जोड़ते हुए चुटकी ली. उन्होंने मंच से 9:45 का समय दिखाते हुए कहा, “अभी 15 मिनट बाकी हैं,” ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उनका बयान चुनाव प्रचार के बचे हुए समय से जुड़ा है. इसके साथ ही ओवैसी ने मराठी में दिए गए नोटिस की तस्वीर ली और नोटिस पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या पुलिस को केवल हमसे ही मोहब्बत है?”

 

महाराष्ट्र में AIMIM का चुनावी अभियान

AIMIM महाराष्ट्र विधानसभा की 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र में अपने उम्मीदवारों का प्रचार करने में जुटे हुए हैं. ओवैसी ने दावा किया कि AIMIM राज्य में एक सेक्युलर सरकार का समर्थन करेगी और मुख्यमंत्री पद के लिए एक धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवार का समर्थन करेगी.

 

फडणवीस का जवाबी हमला

असदुद्दीन ओवैसी के बयान के बाद फडणवीस ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन कर रहे हैं और उन्हें महाराष्ट्र में कोई काम नहीं है. फडणवीस ने ओवैसी को चुनौती देते हुए कहा, “तू उधर ही रह, क्योंकि यहां तेरा कोई काम नहीं है.”

 

विवादित बयान का इतिहास

2012 में असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था, “हिंदुस्तान में हम 25 करोड़ हैं और तुम 100 करोड़. अगर 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दी जाए तो हम दिखा देंगे कि कौन ताकतवर है.” इस बयान पर अकबरुद्दीन के खिलाफ केस दर्ज हुआ था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था, हालांकि बाद में उन्हें संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने बरी कर दिया था.

शिंदे से पहले हम BJP के साथ सरकार बनाने वाले थे लेकिन…चुनाव से पहले अज‍ित पवार का बड़ा खुलासा

Maharashtra Election: अजित पवार ने कहा-हम सभी विधायकों के सिग्‍नेचर लेकर बैठे थे. लेकिन ऐन वक्‍त पर कुछ ऐसा हुआ क‍ि हम बीजेपी की सरकार में शामिल नहीं हो पाए.

सभा को संबोध‍ित करते अज‍ित पवार

महाराष्‍ट्र चुनाव से पहले एनसीपी नेता अज‍ित पवार ने बड़ा खुलासा किया है. बताया क‍ि ज‍िस वक्‍त बीजेपी और एकनाथ शिंदे मिलकर सरकार बना रहे थे, उस वक्‍त हम भी पूरी तरह तैयार थे. हम सरकार बनाने वाले थे. सारे व‍िधायकों के सिग्‍नेचर कराए ल‍िए गए थे, लेकिन ऐन वक्‍त पर कुछ ऐसा हुआ क‍ि हम सरकार में शामिल नहीं हो पाए. अज‍ित पवार ने ये भी बताया क‍ि क्‍यों उन्‍हें अलग होने की जरूरत पड़ी.

नास‍िक में एक चुनावी सभा को संबोध‍ित करते हुए अजित पवार ने कहा, उस वक्‍त कुछ राजनीतिक स्थिति बनी थी. तब एकनाथ शिंदे ने एक भूमिका निभाई और फिर सरकार में चले गए. एकनाथराव और देवेन्द्र फडणवीस ने मिलकर सरकार बनाई. उसी समय हमारे सभी एनसीपी विधायकों ने भी निर्णय लिया था. हमने सिग्‍नेचर भी कर द‍िए थे. दिलीप बुनकर, नरहरि जिरवाल, माणिकराव कोकाटे, सरोज अहिरे और छगन भुजबल और नितिन पवार समेत सभी व‍िधायकों के सिग्‍नेचर हमारे पास थे, लेकिन तभी कुछ ऐसी घटनाएं घटीं क‍ि संभव नहीं हो पाया.

तो शरद पवार को पता था?

अज‍ित पवार का यह दावा काफी महत्‍वपूर्ण है. क्‍योंक‍ि उनके दावे की मानें तो शरद पवार को इसके बारे में जानकारी थी. क्‍योंक‍ि इसके काफी द‍िनों बाद एनसीपी में व‍िभाजन हुआ. और अज‍ित पवार अभी ज‍िन लोगों के नाम ले रहे हैं, वे सारे लोग शरद पवार का साथ छोड़कर अज‍ित पवार के साथ चले गए थे. इससे ये भी साफ है क‍ि एनसीपी में काफी पहले से बीजेपी के साथ जाने को लेकर ख‍िचड़ी पक रही थी. शायद शरद पवार उसे समय से भांप नहीं पाए.

शरद गुट पर सीधा हमला

कुछ द‍िनों पहले शरद गुट के नेताओं ने आरोप लगाया था क‍ि लड़की बहिन योजना से महाराष्‍ट्र दीवाल‍िया हो जाएगा. इस पर जवाब देते हुए अज‍ित पवार ने कहा, मैं पैसे का मोल समझता हूं. यह पैसा गरीबों को दिया जा रहा है. उसकी जात‍ि नहीं देखी जाती. सिर्फ गरीब बहनों को इसका लाभ दे रहे हैं. वे इतने वक्‍त तक सत्‍ता में रहे, क्‍या क‍िया. सवा रुपया दक्ष‍िणा तक नहीं देते थे. अब हम सीधे बहनों के खाते में पैसे दे रहे हैं. कोई बिचौल‍िया नहीं है. टिकटों के बंटवारे पर अज‍ित पवार ने कहा, साढ़े बारह प्रतिशत सीटें पिछड़े वर्ग को दी गईं. 10 फीसदी सीटें मुस्लिम समुदाय को दी गईं. हम सबको साथ लेकर चलते हैं, भेदभाव नहीं करते. साहू फुले अंबेडकर की विचारधारा पर चल रहे हैं. वो लोग इसे समझ नहीं पाएंगे.

 

 

 

 

Maharashtra Election 2024: ‘…तो BJP के साथ जाएंगे’, Uddhav Thackeray ने BJP के साथ फिर से हाथ मिलाने को लेकर क्या कहा जो वायरल हुआ

Election: उद्धव ठाकरे ने कहा कि 2014 पहले BJP ने ही मेरा साथ छोड़ा. 2019 में उन्होंने मुझे फिर फंसाया. वह कहीं भी जा सकते हैं, लेकिन मैं नहीं जा सकता. उन्होंने मुझे फंसाया, इसलिए मैंने उन्हें छोड़ा.

उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे पर भी किया हमला

Maharashtra Assembly Election 2024 Latest News: शिवसेना (उद्धव बाला ठाकरे/UBT) गुट के मुखिया उद्धाव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अपनी राजनीति, बीजेपी और भविष्य में बीजेपी के साथ जाने की संभावनाओं पर अपना रुख साफ किया है. उद्धव ठाकरे का कहना है कि वह किसी भी स्थिति में बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.

उद्धव ठाकरे ने आजतक से बातचीत में कहा कि बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं है. मैं उनके साथ क्यों जाऊंगा. उन्होंने मेरी पार्टी तोड़ी, मेरी पार्टी को खत्म करने की कोशिश की, मेरे परिवार को बदनाम कर रहे हैं, मेरे बेटे को बदनाम कर रहे हैं. मुझे नकली संतान कहा, तो क्या नकली संतान के साथ मोदी जी हाथ मिलाएंगे. इन लोगों ने मेरी माता जी और पिता जी का अपमान किया है. खैर मैं मोदी जी की बातों पर कुछ बात नहीं करता. उनको तो भगवान ने भेजा है.

BJP ने पहले मेरा साथ छोड़ा’

महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधन में राजनीतिक दलों के इधर से उधर पाला बदलने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं एक ही जगह पर हूं. मैं कहीं नहीं गया. बीजेपी ने 2014 में मेरा साथ पहले छोड़ा था. उस वक्त भी मैं हिंदू था, 2019 में उन्होंने मुझे फंसाया. वह कहीं भी जा सकते हैं, मैं नहीं जा सकता. मैं वहीं पर हूं. उन्होंने मुझे फंसाया, इसलिए मैंने उनको छोड़ दिया.”

‘बीजेपी करती है सत्ता जिहाद’

पीएम मोदी की ओर से वोट जिहाद का आरोप लगाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी वाले खुद सत्ता जिहाद करते हैं. वह जो करते हैं वह पावर जिहाद है, कुर्सी जिहाद है. आज वो लोग जो कुछ भी हैं वह मेरे पिता जी का ही बनाया हुआ है. उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी के धोखे के बाद मैं सीएम बना तो मुझे गद्दारी करके क्यों हटवाया. मेरे पिता जी ने इन्हें सब कुछ दिया, अगर उनका बेटा सीएम बना तो क्या दिक्कत, क्या इन्हीं के परिवार का सबकुछ बन सकता है. वह मेरे पिता जी का नाम लेकर वोट मांग रहे हैं.”

बताई अमित ठाकरे को समर्थन न देने की वजह

जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि आदित्य ठाकरे जब पहली बार चुनाव में उतरे थे तो राज ठाकरे ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था, लेकिन इस बार जब उनके बेटे अमित ठाकरे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं तो आपने इस तरह की पहल नहीं की. इस सवाल के जवाब में उद्धव ने कहा, “मैंने इस पर काफी सोचा कि उनकी (राज ठाकरे) राजनीतिक भूमिका क्या है. पिछले चुनाव में उन्होंने मोदी का समर्थन किया था. अब कह रहे हैं कि देवेंद्र फड़णवीस सीएम बनेंगे. जो महाराष्ट्र को लूट रहे हैं वह उन्हीं को सीएम बनाने की बात कह रहे हैं, तो भैया माफ करो… इसलिए मैं ऐसे लोगों का साथ नहीं दूंगा जो महाराष्ट्र को लूटने वालों का साथ दे रहे हैं.”

 

 

चुनावी जनसभा में समां बांध रहे थे AIMIM चीफ ओवैसी, पब्लिक बजा रही थी ताली; अचानक पुलिस ने थमा दिया नोटिस

Assadusuuin owais महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं.

Assadusuuin owais

Assadusuuin owais महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. इस बीच उनके भड़काऊ भाषणों के लिए चेतावनी देते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने सोलापुर में ओवैसी की एक जनसभा के बीचों बीच अचानक मंच पर नोटिस थमा दिया तो वहां मौजूद लोग हक्का बक्का रह गए. पुलिस के नोटिस को पढ़ते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी स्पीच में किया ’15 मिनट’ का जिक्र कर दिया. क्या है पूरा मामला? आइए बताते हैं.

मंच पर पुलिस ने थमाया नोटिस

बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ती तरह ओवैसी भी अपनी पार्टी का झंडा पूरे तामझाम के साथ लहरा रहे हैं. महाराष्ट्र में 10 साल पहले ही AIMIM का खाता खुल गया था. ऐसे में इस बात कुछ बड़ा प्रदर्शन करने का दावा कर रहे असदुद्दीन ओवैसी अपने भाषणों से मुसलमानों को एकजुट कर रहे हैं. ओवैली कल सोलापुर में थे. लेकिन वहां भरे मंच पर पुलिस ने उन्हें नोटिस थमा दिया. दरअसल बुधवार को सोलापुर मध्य विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार फारूक शाब्दी की प्रचार रैली में शामिल होने के लिए असदुद्दीन ओवैसी सोलापुर आए हुए थे. इस दौरान महाराष्ट्र पुलिस के जवान द्वारा ओवैसी को मंच पर ही पुलिस ने नोटिस दे दिया.

नोटिस में क्या लिखा?

आपको बताते चलें कि पुलिस के नोटिस में ओवैसी को अपने भाषण में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने और भड़काऊ भाषण ना देने की हिदायत दी गई थी. पुलिस ने बीएनएस की धारा 168 के तहत यह नोटिस असदुद्दीन ओवैसी को थमाया. बीएनएस की धारा 168 के मुताबिक प्रत्येक पुलिस अधिकारी किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है और अपना पूरी क्षमता से वह ऐसा कर सकता है. इससे पहले ओवैसी ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगाबाद के नाम बदलने को लेकर और महायुति और महाविकास अघाड़ी पर निशाना साधा था.

 

‘महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन की सरकार बनते ही गिर जाएगी मोदी सरकार’, किसकी भविष्यवाणी ने बढ़ा दी बीजेपी की टेंशन

Maharashtra Assembly Elections: नाना पटोले ने कहा कि हिंदू तो अब जागा है, कल तक सोया था. बीजेपी लोगों को गुमराह कर रही है. अब चाहे वह गाना गाए या डांस करे, लेकिन हिंदू जाग गया है.

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले. (फाइल फोटो)

Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष है. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि अब तक हिंदू सो रहा था, लेकिन अब जाग गया है. क्योंकि भाजपा की असलियत उसे पता चल गई है. नाना पटोले ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की गठबंधन की सरकार बनेगी और दिल्ली में केंद्र सरकार गिर जाएगी.

इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू के दौरान नाना पटोले से जब यह सवाल किया गया की महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस सभाओं में जाकर गाना गा रहे हैं और हिंदुओं को जगाने का काम कर रहे हैं. इस पर नाना पटोले ने कहा कि हिंदू तो अब जागा है, कल तक सोया था. उन्हें भाजपा की असलियत पता चल चुकी है कि वह लोगों को गुमराह कर रहे हैं फिर चाहे बीजेपी गाना गाए या डांस करें, लेकिन हिंदू तो जाग गया है.

‘MVA की सरकार आते ही देश में क्या होगा सबको पता है’

नाना पटोले से यह पूछा गया कि उन्होंने कहा था कि अगर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार आ जाती है तो दिल्ली में केंद्र सरकार भी गिर जाएगी ऐसा कैसे हो सकता है? इसके जवाब में नाना पटोले ने कहा, “आप नीतीश कुमार जी को भी जानते हैं और चंद्रबाबू नायडू को भी जानते हैं. यह तो कोई नए खिलाड़ी तो है नहीं. उनकी आदतें देश की जनता को पता है और मुझे भी थोड़ी बहुत पता है. महाराष्ट्र में बहुमत की सत्ता परिवर्तन जब होगी, महा विकास अघाड़ी की सरकार आएगी तो देश की राजनीति में क्या होने वाला है सबको पता है.”

उद्धव ठाकरे को लेकर कही ये बात

नाना पटोले से जब यह पूछा गया कि उद्धव ठाकरे को जब सीएम पद नहीं मिल रहा था तो उन्होंने 30 साल का रिश्ता तोड़ दिया था. इस बात पर नाना पाटोले ने कहा, “बंद कमरे की बात ना आपको पता है ना मुझे पता है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे का कहना है कि मेरा वादा तोड़ा गया इसलिए मैंने ऐसा किया, लेकिन अभी तो कोई वादा हुआ ही नहीं है. सबसे पहले यही धर्म है कि महाराष्ट्र को बचाना है.

‘75 से 80 सीट जीतेगी कांग्रेस’

अंत में नाना पटोले ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में 160 से पौने 200 सीटों तक महा विकास अघाड़ी की मेजोरिटी देखने को मिलेगी. तो वहीं 75 से 80 सीट कांग्रेस जीत सकती है.

Maharashtra Chunav 2024: उद्धव ठाकरे की तलाशी पर महाराष्ट्र की सियासत में उबाल, अब रोका गया नितिन गडकरी का हेलीकॉप्टर

Maharashtra Assembly Election 2024: शिवसेना नेता (UBT) के मुखिया उद्धव ठाकरे का हेलीकॉप्टर और बैग चेक करने पर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए तो चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक नेताओं के वाहनों की जांच, जिसमें उनके बैग भी शामिल हैं, मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार की जा रही है.

महाराष्ट्र में हेलीकॉप्टर चेकिंग पर सियासत

Maharashtra Election News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने बड़े-बड़े नेता पहुंच रहे हैं. एक दिन में कई चुनावी रैलियां निपटाने के लिए बड़े नेता हेलीकॉप्टर की सवारी करते हैं. चुनाव आयोग बीच-बीच में राजनीतिक नेताओं की गाड़‍ियां चेक करता रहता है. हालांकि, महाराष्ट्र में चुनाव आयोग की यह कार्रवाई विपक्ष को नागवार गुजर रही है. शिवसेना (UBT) ने चिंता जताई कि उसके प्रमुख उद्धव ठाकरे की सार्वजनिक बैठकों में जाते समय तलाशी ली जाती है. पार्टी ने दो दिन के भीतर उद्धव की दो बार तलाशी लिए जाने पर आपत्ति जाहिर की.

हालांकि, चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि यह उसके SOP का हिस्सा है. EC अधिकारियों ने मंगलवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के हेलीकॉप्टर की भी चेकिंग की. उन्होंने भीतर रखे कई बैग्स को खोल-खोलकर देखा.

लातूर में नितिन गडकरी के हेलीकॉप्टर की चेकिंग

गडकरी मंगलवार को लातूर में बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे. एक वीडियो में नितिन गडकरी के हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद चुनाव अधिकारी हेलीकॉप्टर पर चढ़ते और वहां रखे कई बैगों की जांच करते नजर आए. इससे पहले, EC के सूत्रों ने उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर और बैग चेक किए जाने को ‘लेवल प्लेइंग फील्ड’ के SOP का हिस्सा बताया था.

उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर की दोबारा चेकिंग से सियासत गरमाई

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मंगलवार को लातूर के औसा में प्रचार करने पहुंचे थे. उद्धव ठाकरे का हेलीकॉप्टर जैसे ही लैंड किया, चुनाव आयोग की टीम वहां पहुंच गई और हेलीकॉप्टर की चेकिंग की गई. वहीं, सोमवार को भी उद्धव के हेलीकॉप्टर और उसमें रखी चीजों की चेकिंग हुई थी. इसके बाद से प्रदेश की सियासत गरमा गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया था कि क्या चुनाव अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के बैग की भी जांच करेंगे

भड़के पार्टी के नेता

शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने IANS से कहा कि ‘चुनाव आयोग जो बेईमानी कर रहा है इसका जवाब उन्हें देना पड़ेगा. अगर उद्धव ठाकरे की हेलीकॉप्टर की जांच होनी चाहिए तो पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर की भी जांच होनी चाहिए. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भी हेलीकॉप्टर की जांच होनी चाहिए, सभी नेताओं की हेलीकॉप्टरों की जांच होनी चाहिए.

पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘महाराष्ट्र, झारखंड इससे पहले हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में उन्होंने हमारे सामान, हेलीकॉप्टर, प्राइवेट जेट और कार सबकी जांच की, वो हमारे घर तक पहुंचे, हमको इससे कोई तकलीफ नहीं है, अगर आप यह काम निष्पक्ष तरीके से कर रहे हों.

राउत ने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र चुनाव में जिस क्षेत्र में एकनाथ शिंदे, अजीत पवार रहे, वहां पर 25-25 करोड़ रुपए तक पहुंच गए. मैंने पहले भी बताया था कि लोकसभा चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर से 20 बैग उतरे.’ उन्होंने सवाल किया कि ‘आप हमारा सामान चेक कीजिए, लेकिन देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजीत पवार नरेंद्र मोदी और अमित शाह के हेलीकॉप्टर और उनकी गाड़ियों के काफिले को रोककर जांच करते हो क्या?’

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

ठाकरे के बैग की जांच पर सवाल उठने के बाद, निर्वाचन आयोग (ECI) के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत, विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के विमानों और हेलीकॉप्टर की जांच की जाती है. सूत्रों ने कहा कि पिछले चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विमान और हेलीकॉप्टर की जांच की गई थी. (एजेंसी इनपुट्स)

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