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भतीजे अजित के आगे घट गई चाचा शरद पवार की ‘पावर’, पश्चिम महाराष्ट्र की जनता ने ऐसे कर दिया खेला

Maharashtra Election Result 2024 महाराष्ट्र की सियासत को पांच अलग अलग क्षेत्रों में बांटा जा सकता है। इनमें विदर्भ मराठवाड़ा पश्चिमी महाराष्ट्र कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र शामिल हैं। यहां महायुति ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। पश्चिमी महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार से ज्यादा भरोसा अजित पवार पर दिखाया। इस बार अजित गुट को 11 सीटें मिलीं। पढ़ें पश्चिम महाराष्ट्र में कैसा रहा चुनावी समीकरण?

 

Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित गुट ने 41 सीटें जीती |

HighLights

  1. चुनाव में महायुति को 235 सीटें मिली हैं।
  2. पश्चिम महाराष्ट्र में अजित पवार गुट को 11 सीटें आई।
  3. कोंकण क्षेत्र में भाजपा को 31 सीटें मिली।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Maharashtra Election Result। महाराष्ट्र में एक बार फिर ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार बनने जा रही है। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मिलकर ‘महाविकास अघाड़ी’ को करारी शिकस्त दे दी। इन तीनों नेताओं में मुख्यमंत्री जो भी बने, लेकिन तीनों ने मिलकर महाराष्ट्र की राजनीति की नई तस्वीर लिखी है।

288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति को 235 सीटें मिली हैं। भाजपा को सबसे ज्यादा 132 सीटें मिली हैं। भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना को 57 सीटें मिली हैं। वहीं, अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी 46 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा।

महाराष्ट्र की सियासी समीकरण पांच क्षेत्रों में बंटी हुई है। इसमें विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र शामिल हैं। इन सभी पांच क्षेत्र में महायुत गठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया।

घट गई पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार की पावर

पश्चिम महाराष्ट्र को शरद पवार और NCP का गढ़ माना जाता रहा है। गौरतलब है कि यह क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। यहां के किसान शरद पवार के साथ हमेशा रहते आए हैं।  हालांकि, कयास लगाए जा रहे थे कि एनसीपी के दो हिस्सों में टूटने के बाद इस क्षेत्र की जनता के वोट भी बिखरेंगे। चुनाव परिणाम के नतीजों ने इस बात को सच कर दिखाया।

सबसे बड़ी बात है कि इस क्षेत्र की जनता ने शरद पवार से ज्यादा भरोसा अजित पवार पर दिखाया।  इस बार अजित पवार गुट को 11 सीटें आई। वहीं,  शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी को महज 7 सीटें आई हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में भाजाप ने 24 सीटें हासिल की है।

कोंकण

सीटों के नजरिये से महाराष्ट्र का यह सबसे बड़ा क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र से 75 विधानसभा सीटें हैं। मुंबई शहर भी इस क्षेत्र का हिस्सा है। बता दें कि शिवसेना का इस क्षेत्र में वर्चस्व रहा है। शिवसेना के दो हिस्सों में बंटने से वोट भी बंटे। एकनाथ शिंदे गुट को 22 सीटें मिली। वहीं, उद्धव गुट के सिर्फ 11 विधायक ही चुनाव जीत सके। भाजपा ने इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 31 सीटें जीती।

विदर्भ

महाराष्ट्र की राजनीति के नजरिये से यह क्षेत्र काफी अहम है। इस क्षेत्र में 11 जिले हैं और 62 विधानसभा सीटें हैं। इस बार भाजपा ने इस क्षेत्र में 38 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, इस क्षेत्र में शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे गुट का खाता भी नहीं खुला।

मराठवाड़ा

महाराष्ट्र का यह चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहां 46 विधानसभा सीटें हैं। इस बार भाजपा के 19 विधायकों ने इस क्षेत्र में बाजी मार ली। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के 13 विधायकों ने चुनाव जीता।

उत्तर महाराष्ट्र

सीट के लिहाज से यह क्षेत्र सबसे छोटा है। इस क्षेत्र में 47 विधानसभा सीटें हैं। भाजपा ने इस चुनाव में इस क्षेत्र में 20 सीटें जीत ली। अजित गुट के 12 विधायकों ने यहां से चुनाव जीता। वहीं. शरद गुट के 1 ही विधायक इस क्षेत्र से जीतने में कामयाब रहे।

कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति को दिया बढ़ावा, वक्फ बोर्ड इसका उदाहरण- पीएम मोदी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस को निशाने पर लिया। पीएम ने बीजेपी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने लगातार देश में तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया। वक्फ बोर्ड के गठन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का एक बड़ा उदाहरण है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र ने दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय से महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और महाराष्ट्र की जनता को बधाई दी। वहीं पीएम ने झारखंड में जेएमएम की जीत के लिए हेमंत सोरने के भी बधाई दी। पीएम ने मंच से कांग्रेस को निशाने पर लिया और देश में ‘तुष्टिकरण’ के बीज बोने का आरोप लगाया।

पीएम ने अपने संबोधन में देख में तुष्टीकरण की राजनीत कांग्रेस हमेशा से करती रही है। पीएम ने कहा, “कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं की। इसका उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग आश्चर्यचकित होंगे। स्थिति यह थी कि 2014 में सरकार छोड़ने से पहले ये लोग सौंप चुके थे।” दिल्ली और आसपास के इलाकों की कई संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंपी गईं। बाबा साहब अंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान में वक्फ कानून के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने “असली धर्मनिरपेक्षता” को मौत की सजा देने की कोशिश की।

केंद्रे के एजेंडे में वक्फ संशोधन
25 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 सरकार के एजेंडे में है। इस विधेयक की जांच संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा की जा रही है। विधेयक में अवैध रूप से कब्ज़ा की गई संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और कानूनी तंत्र की शुरुआत करके व्यापक सुधार लाने का प्रयास किया गया है। जेपीसी सबसे व्यापक सुधार के लक्ष्य के लिए सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों से इनपुट इकट्ठा करने के लिए बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है।

 

महाराष्ट्र की जीत को बताया ऐतिहासिक, झारखंड में इंडी गठबंधन को दी बधाई; चुनाव नतीजों पर आया पीएम मोदी का रिएक्शन

Election Results महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों पर पीएम मोदी ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए इसे सुशासन और विकास की जीत बताई है। वहीं हेमंत सोरेन और जेएमएम गठबंधन को झारखंड में विजय के लिए बधाई दी है। पीएम ने कहा कि एनडीए के जनहितैषी प्रयासों की गूंज हर जगह सुनाई दे रही है।

पीएम ने कहा कि एनडीए के जनहितैषी प्रयासों की गूंज हर जगह सुनाई दे रही है। (File Image)

HighLights

  1. पीएम ने महाराष्ट्र की जीत को बताया विकास और सुशासन की जीत।
  2. कहा- महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा महायुति गठबंधन।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति की प्रचंड जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह विकास और सुशासन की जीत है। वहीं झारखंड में जीत पर पीएम ने हेमंत सोरेन और JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन को बधाई दी है।

पीएम ने महाराष्ट्र के नतीजों पर एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘विकास की जीत! सुशासन की जीत! एकजुट होकर हम और भी ऊंचे उठेंगे। एनडीए को ऐतिहासिक जनादेश देने के लिए महाराष्ट्र के मेरे भाई-बहनों, खासकर राज्य के युवाओं और महिलाओं का हार्दिक आभार। यह स्नेह और गर्मजोशी अद्वितीय है। मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा। जय महाराष्ट्र।’

झारखंड में जेएमएम गठबंधन को दी बधाई

वहीं पीएम मोदी ने झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कहा, ‘मैं झारखंड के लोगों को हमारे प्रति उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। हम लोगों के मुद्दों को उठाने और राज्य के लिए काम करने में हमेशा सबसे आगे रहेंगे। मैं राज्य में उनके प्रदर्शन के लिए JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन को भी बधाई देता हूं।’

करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुझे एनडीए के हर कार्यकर्ता पर गर्व है, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया। उन्होंने कड़ी मेहनत की, लोगों के बीच गए और हमारे सुशासन के एजेंडे पर विस्तार से बात की।’

यह जीत हर महाराष्ट्रवासी की जीत: शाह

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की जीत पर कह है कि प्रचंड जनादेश ने झूठ के सहारे संविधान के नकली हितैषी बनने वालों की दुकान पर ताला लगाने का काम किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘जय महाराष्ट्र। इस ऐतिहासिक जनादेश के लिए महाराष्ट्र की जनता का कोटि-कोटि वंदन। छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबासाहेब आंबेडकर जी, ज्योतिबा फुले जी और वीर सावरकर जी की पुण्यभूमि महाराष्ट्र ने विकास के साथ-साथ संस्कृति और राष्ट्र को सर्वोपरि रखने वाले महायुति गठबंधन को इतना प्रचंड जनादेश देकर भ्रम और झूठ के सहारे संविधान के नकली हितैषी बनने वालों की दुकान पर ताला लगाने का काम किया है। यह जीत हर एक महाराष्ट्रवासी की जीत है।’

झारखंड की जनता का व्यक्त किया आभार

वहीं अमित शाह ने झारखंड में भाजपा को सबसे अधिक मत प्रतिशत का आशीर्वाद देने के लिए प्रदेश वासियों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह झारखंड भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

गृह मंत्री ने लिखा, ‘भाजपा के लिए जनजातीय समाज की आकांक्षाओं की पूर्ति और उनकी अस्मिता की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। NDA की केंद्र सरकार झारखंड वासियों की उन्नति, प्रगति और जनजातीय विरासतों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और मोदी जी के नेतृत्व में हम निरंतर इस दिशा में कार्य करते रहेंगे। भाजपा झारखंड में एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।’

Maharashtra Election Result 2024: महायुति की जीत के वे सात फैक्‍टर, जिन्‍होंने MVA का किया सूपड़ा साफ

Maharashtra Assembly Election 2024 Result and 7 Key Factors Behind Mahayutis Victory महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति (भाजपा-शिवसेना-शिंदे-एनसीपी-अजित पवार) ने प्रचंड बहुमत मिला है। वहीं महाविकास अघाड़ी महज 55 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रचंड बहुमत के पीछे वे कौन-कौन-से फैक्‍टर हैं जिन्‍होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया है। यहां 

 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति की बंपर जीत के सात फैक्‍टर।

डिजिटल डेस्‍क, मुंबई। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। अब तक हुई मतगणना के मुताबिक, जहां महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं महाविकास अघाड़ी 55 सीटों पर ही सिमट गया है। इसी के साथ यह तय हो गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी(अजित पवार) के गठबंधन वाली यानी महायुति की सरकार बन रही है। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के घर बधाइयां देने वालों का तांता लगने लग गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब तक के रुझानों में महायुति गठबंधन बंपर बढ़त बनाए हुए हैं। रुझान ही नतीजे बनते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सबके मन  में सवाल ये है कि जब भाजपा के खिलाफ विरोधी लहर थी, बीजेपी पर शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के आरोप, मराठा आंदोलन से लोग नाराज फिर भी इन सब झंझावतों से निपटने में महायुति कैसे सफल हुआ?

महायुति की जीत के वे कौन-से फैक्‍टर हैं, जिसने महाविकास अघाड़ी का सूपड़ा साफ कर दिया है। आइए हम बताते हैं आपको…

1. लड़की बहिन योजना और टोल न वसूलना

भाजपा नेतृत्‍व महायुति सरकार ने की लड़की बहिन योजना लागू करना सही फैसला साबित हुआ। इससे पहले मध्‍यप्रदेश में प्रचंड जीत का श्रेय भी वहां लागू लाडली बहना योजना को दिया गया। महाराष्‍ट्र की जनता ने माना कि सीएम एकनाथ शिंदे के चलते उनके बैंक खाते में हर महीने धनराशि आ रहे हैं। अगर शिंदे दोबारा सीएम बनते हैं तो ये रुपये आते रहेंगे और बढ़ भी सकते हैं।

लड़की बहिन योजना का असर यह हुआ कि एमवीए के कोर वोटर्स के घरों की महिलाओं ने भी महायुति को वोट दिए, क्‍योंकि उनके बैंक अकाउंट में सीधे पैसा आ रहा था। चुनाव से पहले महायुति सरकार ने राज्‍य के कई टोल प्‍लाजाओं को टोल फ्री कर पुरुष मतदाताओं को अपने पक्ष में किया।

2. शिंदे को सीएम बनाकर साधा बड़ा निशाना

पॉलिटिकल एक्‍सर्ट्स का मानना है कि भाजपा का एकनाथ शिंदे को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाना और लगातार बनाए रखना, एक ऐसी चाल साबित हुई, जिसने एमवीए को चारों खानों को चित कर दिया। दरअसल, शिंदे मराठा क्षत्रप हैं। उनको सीएम बना भाजपा की मराठा प्राइड को भुनाने की रणनीति कारगर साबित हुई।

इतना ही नहीं, भाजपा समय-समय पर यह भी मैसेज दिया कि शिंदे फिर से सीएम बन सकते हैं। जरांगेर पाटील के मराठा आंदोलन के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन खुश  थी, लेकिन भाजपा ने शिंदे पर दांव लगा, एमवीए को शिकस्त दे दी। शिवसेना (उद्धव) को कमजोर करने में शिंदे में अहम भूमिका निभाई। मराठी जनता ने शिंदे को ही मराठा सम्मान का प्रतीक माना और ठाकरे परिवार को बाहरी।

3. भाजपा-शिवसेना का DNA एक

महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष खड़ा करने के उद्देश्य से साल 1989 में भाजपा और शिवसेना का पहली बार गठबंधन हुआ था। दोनों के बीच गठबंधन का मुख्य आधार हिंदुत्व की विचारधारा थी, जो दोनों दलों को एक साथ लेकर आई। हालांकि, समय-समय पर इस रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते रहे, लेकिन दोनों का कोर वोटर भी एक ही था।

साल 2019 में उद्धव ठाकरे भाजपा से नाता तोड़ एमवीए में शामिल हो गए, जिससे शिवसेना के कोर वोटर में नाराजगी भी थी। इस चुनाव में जहां मतदाताओं ने भाजपा नेतृत्व महायुति को जिताया है, वहीं असली शिवसेना की मुहर भी शिवसेना-शिंदे पर लगा दी है।

4. राज्‍य में बंटर बांट नहीं चाहते मतदाता

महाविकास अघाड़ी गठबंधन में बेशक कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल हों, लेकिन महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए ने आईएनडीआई गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा।

उदाहरण के तौर पर स्‍वरा भास्कर के पति फहाद अहमद सपा में थे, लेकिन सीट बंटवारे के दौरान सपा के हिस्‍से कम सीटें आई थी। ऐसे में एनसीपी (शरद पवार गुट) ने अपने टिकट पर फहाद अहमद को अणुशक्ति नगर से चुनाव मैदान में उतारा।

कई और पार्टियों को भी किसी को दो तो किसी को तीन सीटें दीं, जिससे मतदाताओं को मैसेज गया कि अगर एमवीए जीतता है तो राज्‍य में सीएम पद और मंत्रिमंडल को रार मच सकती है। इस कारण भी मतदाताओं ने महायुति को चुना।

5. भाजपा की नई रणनीति, स्‍थानीय को महत्‍व

भाजपा ने शुरुआत से ही अपनी रणनीति में स्‍थानीय राजनीति को महत्‍व दिया। हाल ही हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी से बहुत ज्‍यादा प्रचार नहीं कराया। भाजपा ने यही रणनीति महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में भी अपनाई। स्‍थानीय नेताओं को चुनाव प्रचार में आगे किया। यहां सबसे ज्‍यादा रैलियां और सभाएं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से कराई गईं।

6. हिंदू-मुस्लिम दोनों को साधने में मिली सफलता

भाजपा नेतृत्‍व गठबंधन महायुति ने हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ‘बंटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों का सहारा लिया। वहीं दूसरी ओर एनसीपी (अजित पवार) के मुस्लिम प्रत्‍याशी को समर्थन देकर यह भी मैसेज दे दिया कि वे मुसलमानों के विरोधी नहीं हैं।

दूसरा दांव चुनाव से ठीक पहले शिंदे सरकार ने मदरसों के शिक्षकों की सैलरी बढ़ाकर चला। इसके चलते महायुति को हिंदू और मुस्लिम दोनों का भर-भर कर वोट मिला।

7. भाजपा को मिला संघ का साथ

विपक्ष मानकर चल रहा था कि अब भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रिश्‍ते पहले से नहीं रहे हैं। इसके इतर भाजपा ने आरएसएस से आई दूरियों को खत्‍म किया। संघ ने भी चुनाव में भाजपा का पुरजोर साथ दिया।

संघ के कार्यकर्ता भाजपा का संदेश घर-घर लेकर गए और जनता से महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा नेतृत्‍व महायुति गठबंधन को वोट देने की अपील की।

संघ कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोकसभा सीट लेकर इस बार वोटिंग करें। लोगों को देश में भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, पत्थरबाजी और दंगे आदि की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी जागरूक किया।

महायुति में अब CM फेस पर खींचतान, शिंदे बोले- ज्यादा सीट का मतलब सीएम नहीं; फडणवीस का भी आया बयान

Maharashtra Election Result महाराष्ट्र में महायुति की बंपर जीत होती दिख रही है। विधानसभा की कुल 288 सीटों में से भाजपा गठबंधन 219 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं भाजपा अकेले 124 सीटों पर आगे है तो शिंदे की शिवसेना 55 सीटों पर आगे हैं। अब बड़ी जीत के बीच सीएम पद को लेकर महायुति में खींचतान शुरू हो गई है।

 

Maharashtra Election Result महाराष्ट्र में महायुति की लहर।

HighLights

  1. महाराष्ट्र में महायुति को मिला बंपर बहुमत।
  2. अकेली भाजपा 125 सीटों पर चल रही आगे।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Election Result  महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन की बंपर जीत हुई है। विधानसभा की कुल 288 सीटों में से भाजपा गठबंधन 219 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं, भाजपा अकेले 124 सीटों पर आगे है तो शिंदे की शिवसेना 55 सीटों पर आगे हैं।

अब बड़ी जीत के बीच सीएम पद को लेकर महायुति में खींचतान शुरू हो गई है।

शिंदे बोले- ज्यादा सीट लाने से कुछ नहीं होता

एकनाथ शिंदे ने चुनावी परिणाम पर रिएक्शन दिया है। शिंदे ने कहा कि अगर चुनाव में कोई ज्यादा सीट ले आता है तो वो सीएम फेस नहीं होता है। शिंदे के बयान से साफ हो गया है कि उन्होंने सीएम पद पर दावा ठोक दिया है।

फडणवीस बोले- मिलकर चुनेंगे सीएम

दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन की उम्मीद से बड़ी जीत हुई है। उन्होंने कहा कि सीएम पद का फैसला मिलकर किया जाएगा।

ये है समीकरण

सीएम फेस की रेस में देवेंद्र फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा 145 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वो 127 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा का जीत का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा है। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना 81 सीटों पर लड़कर 53 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा की बंपर जीत में फडणवीस को प्रमुख चेहरा माना जा रहा है।

एकनाथ शिंदे को भी सीएम बनने की रेस में पीछे नहीं माना जा सकता है। दरअसल, शिंदे ने ऐसे समय में भाजपा का साथ दिया था, जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी। शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर उद्धव ठाकरे को सबसे बड़ा झटका दिया था। इसी कारण भाजपा उन्हें इनाम दे सकती है।

Maharashtra Election Result: क्या फडणवीस बनेंगे CM या शिंदे के सिर ही रहेगा ताज? सरकार बनाने की ओर महायुति

Maharashtra Election Result 2024 महायुति महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 223 पर आगे चल रही है। वहीं एमवीए को बड़ी हार मिलती दिख रही है। इस बीच चुनावी नतीजों के बाद सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि महाराष्ट्र की सत्ता कौन संभालेगा। क्या एकनाथ शिंदे ही सीएम बनेंगे या देवेंद्र फडणवीस के सिर ये ताज सजने वाला है।

Maharashtra Election Result 2024 देवेंद्र फडणवीस और शिंदे में से कौन मारेगा बाजी।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Election Result 2024 महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में भाजपा नीत महायुति गठबंधन की बंपर जीत होती दिख रही है। महायुति महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 223 पर आगे चल रही है। वहीं, एमवीए को बड़ी हार मिलती दिख रही है।

इस बीच चुनावी नतीजों के बाद सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि महाराष्ट्र की सत्ता कौन संभालेगा। क्या एकनाथ शिंदे ही सीएम बनेंगे या देवेंद्र फडणवीस के सिर ये ताज सजेगा।

फडणवीस का पलड़ा भारी

सीएम की रेस में देवेंद्र फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा 145 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वो 127 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा का जीत का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा है। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना 81 सीटों पर लड़कर 53 सीटों पर आगे चल रही है।

जीत के अंतर को देखते हुए फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है, क्योंकि वो भाजपा के सबसे बड़े चेहरे हैं।

शिंदे को भी मिल सकता है इनाम

भाजपा ने पिछली बार फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाकर चौंकाया था, हालांकि देवेंद्र खुद सरकार में शामिल नहीं होना चाहते थे, लेकिन आलाकमान के दबाव के बाद उन्होंने अपना फैसला पलटा था।

वहीं, एकनाथ शिंदे को भी सीएम बनने की रेस में पीछे नहीं माना जा सकता है। दरअसल, शिंदे ने ऐसे समय में भाजपा का साथ दिया था, जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी। शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर उद्धव ठाकरे को सबसे बड़ा झटका दिया था। इसी कारण भाजपा उन्हें इनाम दे सकती है।

वहीं, महायुति की एकता को बनाए रखने के लिए भी भाजपा शिंदे को ही दौबारा सीएम बना सकती है। भाजपा नहीं चाहती कि कोई बगावत करे।

CM पद पर फडणवीस का बयान, बोले- उम्मीद से बड़ी जीत

महाराष्ट्र में बड़ी जीत की ओर बढ़ रही महायुति को लेकर फडणवीस का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि ये उम्मीद से बड़ी जीत है। हम अब मिलकर अगले सीएम का फैसला करेंगे। वहीं, देवेंद्र फडणवीस के करीबी नेता प्रवीन दरेकर ने कहा है कि अगले मुख्यमंत्री ही देवेंद्र फडणवीस हो सकते हैं।

महाराष्ट्र व झारखंड में विपक्ष को सता रहा जोड़तोड़ का डर, कांग्रेस ने पर्यवेक्षक किए नियुक्त; एक जगह भेजे जाएंगे सभी विधायक

महाराष्ट्र और झारखंड में विपक्ष को सियासी खेला का डर सताने लगा है। यही वजह है कि अलर्ट कांग्रेस ने दोनों ही राज्यों में अपने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि चुनाव परिमाण के बाद सभी विधायकों को मुंबई में एक स्थान पर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर बहुमत आता है तो भी भाजपा सरकार बनाने में बाधा डाल सकती है।

 

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे। ( फाइल फोटो )

एएनआई, नई दिल्ली। 23 नवंबर यानी शनिवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। दोपहर तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि दोनों राज्यों में किसकी सरकार बनने जा रही है। चुनाव नतीजों से पहले ही कांग्रेस अलर्ट हो गई है। पार्टी ने दोनों ही राज्यों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और डॉ. जी. परमेश्वर को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बनाया गया है। तारिक अनवर, मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कृष्णा अल्लावुरु को झारखंड के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिली है।

महाराष्ट्र में ‘खेला’ से सतर्क विपक्षी गठबंधन

एग्जिट पोल ने विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविअ) की चिंता बढ़ा दी है। आज अघाड़ी के तीनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों से बातकर उन्हें एकजुट रहने की सलाह दी है। शनिवार को परिणाम आने के बाद अघाड़ी के सभी विधायकों को एक ही स्थान पर रखने की तैयारी भी की जा रही है। ताकि कोई ‘खेला’ होने से बचा जा सके।

एक साथ रहेंगे मविअ के विधायक

मतदान के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में महायुति को बढ़त मिलने की संभावना जताई गई है। हालांकि ऐसे संभावना वाले एग्जिट पोल्स पर मविअ नेताओं ने अविश्वास जताते हुए अपनी ही सरकार बनने का दावा किया है। मगर उनकी चिंता भी बढ़ी दिख रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाविकास अघाड़ी के घटक दलों ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई में एक साथ रखने का फैसला किया है।

राउत ने किया बड़ा दावा

राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मविअ नेताओं ने बृहस्पतिवार को बैठक की और हर सीट का आकलन किया। इनमें वह स्वयं, उनकी पार्टी के सहयोगी अनिल देसाई, राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और कांग्रेस नेता सतेज पाटिल और बालासाहेब थोराट शामिल थे। राउत ने विश्वास जताया कि एमवीए चुनाव में 160 सीटें जीतेगी।

कांग्रेस नेताओं को मुंबई आना पड़ेगा

राउत ने यह भी कहा कि कोई भी ताकत मविअ को महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने से नहीं रोक सकती और शीर्ष पद पर निर्णय केवल महाराष्ट्र में ही लिया जाएगा। राउत ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को मुख्यमंत्री पद पर सहमति के लिए मुंबई आना है, क्योंकि राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे मुंबई में ही हैं।

राष्ट्रपति शासन लगने का डर

राउत ने आशंका जताई कि विपक्ष के पास बहुमत होने के बावजूद भाजपा राज्यपाल कार्यालय के माध्यम से मविअ को सरकार बनाने में बाधा डालने की कोशिश करेगी। मगर हम बिना किसी देरी के निर्णय लेंगे। विपक्ष को डर है कि अगर 25 नवंबर तक नई सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

विधायक मिलकर तय करेंगे सीएम

राउत के अनुसार हमने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई लाने का फैसला किया है। नए विधायकों के पास मुंबई में रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए हमने उनके लिए एक साथ आवासीय व्यवस्था करने का फैसला किया है। राउत ने कहा कि जीत की प्रबल संभावना वाले कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी मविअ को ही समर्थन देने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई फॉर्मूला नहीं है। सब विधायक मिलकर सरकार का नेता चुनेंगे ।

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