इस चुनाव को अब तक का सबसे कठिन चुनाव बताते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें अपने परिवार के तीन अन्य सदस्यों के साथ ही चुनाव लड़ा। हेमंत बरहेट से चुनाव लड़े, जबकि उनकी पत्नी कल्पना गांडेय से चुनाव लड़ीं। उनके भाई बसंत दुमका से और भाभी सीता सोरेन ने जामताड़ा से चुनाव लड़ा।
कैसा रहा सोरेन परिवार का प्रदर्शन
हेमंत सोरेन बरहेट में 95,612 वोट पाकर विजयी हुए। उन्होंने भाजपा के गमालियल हेम्ब्रम को 39,791 वोटों से हराया। भाजपा उम्मीदवार को केवल 55,821 वोट ही मिले। इस बीच कल्पना सोरेन लगभग 118,000 वोटों की बढ़त के साथ गांडेय में जीत की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने हाल ही में जनता का आभार व्यक्त करने के लिए गिरिडीह जिले का दौरा किया।
दुमका में बसंत सोरेन ने भी सफलता का स्वाद चखा, उन्हें 95,685 वोट मिले। उन्होंने भाजपा के सुनील सोरेन को 14,588 वोटों से हराया। सुनील को इस मुकाबले में सिर्फ 81,097 वोट मिले। हालांकि, परिवार की किस्मत मिलीजुली रही क्योंकि हेमंत की भाभी सीता मुर्मू को जामताड़ा में हार का सामना करना पड़ा।
सीता सोरेन ने जामताड़ा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के इरफान अंसारी से 43,676 वोटों से हार गईं। ये नतीजे हेमंत सोरेन के परिवार के लिए अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में जीत और हार दोनों को दर्शाते हैं। वहीं झारखंड उनके नेतृत्व में एक और कार्यकाल के लिए तैयार है।