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Israel Hezbollah Ceasefire: इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्धविराम के प्रयास! जानें कौन-कौन सी बाधाएं खड़ी?

Israel Hezbollah Ceasefire: इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच हालिया संघर्ष के बाद दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम कराने के प्रयास जारी हैं। यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने भारी जान-माल का नुकसान झेला है। राजनयिक प्रयास तेज हैं, लेकिन कई मुद्दे अब भी बाधा बने हुए हैं।

युद्धविराम का प्रस्ताव दोनों पक्षों के लिए क्षेत्रीय स्थिरता और शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। हालांकि, हथियारों और शर्तों को लेकर मतभेद अभी भी गंभीर चुनौतियां बने हुए हैं। अगले कुछ हफ्ते इस बात का निर्धारण करेंगे कि यह राजनयिक प्रयास सफल होगा या नहीं। आइए इस स्थिति को विस्तार से समझते हैं…

 

युद्धविराम के प्रस्ताव की मुख्य बातें
युद्धविराम की योजना:
इजराइल की सेना लेबनान से हटेगी।
हिज्बुल्लाह अपनी सेनाओं को दक्षिणी सीमा से पीछे करेगा।
लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र शांति गश्त को बढ़ावा दिया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को लागू करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समिति का गठन किया जाएगा।

किसके तहत निगरानी होगी?:
इस योजना की निगरानी एक अंतरराष्ट्रीय समिति करेगी, जो 2006 के प्रस्ताव 1701 पर आधारित होगी।

प्रमुख बाधाएं
हथियारों पर विवाद:
इजराइल हिज्बुल्लाह के हथियारों को पूरी तरह हटाने की मांग कर रहा है।
हिज्बुल्लाह ने इसे लेबनान की संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया।
अंतरराष्ट्रीय समिति की संरचना पर असहमति:
इजराइल ने फ्रांस की भागीदारी को स्वीकार किया, लेकिन लेबनान ब्रिटेन के शामिल होने का विरोध कर रहा है।

गाजा संघर्ष से जुड़ी शर्तें:
हिज्बुल्लाह ने गाजा में शांति स्थापित करने को इस युद्धविराम की शर्तों से जोड़ दिया है।

क्षेत्रीय तनाव और संभावित विस्तार
सीरिया और इराक पर प्रभाव:
अगर, युद्धविराम नहीं होता है, तो सीरिया और इराक में संघर्ष बढ़ सकता है।
इजराइल ने सीरिया में ईरान समर्थित समूहों पर हमले किए हैं और इराक में ऐसी कार्रवाइयों की धमकी दी है।

क्षेत्रीय स्थिरता का खतरा:
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इस संघर्ष के बढ़ने से पूरे क्षेत्र में हिंसा फैल सकती है।

 

मानवीय संकट
लेबनान: इस संघर्ष ने लेबनान की 25% आबादी को विस्थापित कर दिया है। दक्षिणी क्षेत्रों और बेरूत में भारी तबाही हुई है।
इजराइल: सीमावर्ती क्षेत्रों से हजारों लोग पलायन कर चुके हैं। ये लोग अब अपनी वापसी के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

हालिया घटनाक्रम
आक्रमण और पलटवार:
इजराइल ने मध्य बेरूत पर हमला किया, जिसके बाद हिज्बुल्लाह ने इजराइल पर 250 रॉकेट दागे।
हालिया हिंसा में सात लोग घायल हुए और इजराइल में भी सीमावर्ती क्षेत्रों में नुकसान हुआ।

अमेरिकी मध्यस्थता:
अमेरिकी दूत एमोस होचस्टीन ने समझौते के लिए हाल ही में प्रयास किए। लेकिन बिना किसी ठोस नतीजे के उनकी यात्रा समाप्त हो गई।

Lebanon: हिज्बुल्लाह के साथ युद्धविराम का ऐलान करेगा इजराइल? नेतन्याहू ने की सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक

Israel Hezbollah Conflict: पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के साथ ही, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के हिज्बुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते पर पहुंचने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की है। यह बैठक रविवार को उन रिपोर्टों के बीच की गई है, जिनमें कहा गया था, कि इजराइल, अमेरिका की मध्यस्थता वाले समझौते को स्वीकार करने जा रहा है।

यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब इजराइल पर दिन भर लेबनान से रॉकेटों की बौछार की गई, जबकि तेल अवीव ने बेरूत में कई हमले किए। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, नेतन्याहू ने कुछ वरिष्ठ मंत्रियों और सुरक्षा अधिकारियों से सलाह ली और बैठक में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया, कि इजराइली प्रधानमंत्री को आम जनता के सामने समझौते को कैसे पेश करना चाहिए।

बाइडेन प्रशासन का अल्टीमेटम?

रिपोर्टों ने यह भी सुझाव दिया, कि इजराइली प्राधिकरण ने अमेरिकी मध्यस्थ अमोस होचस्टीन को अमेरिकी प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए पहले ही हरी झंडी दे दी है। कई हिब्रू मीडिया आउटलेट्स ने बताया है, कि होचस्टीन ने सप्ताहांत में इजराइली अधिकारियों से कहा, कि यह सौदे के साथ आगे बढ़ने का उनका आखिरी मौका है। यदि दोनों पक्ष प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वह अपनी कोशिश छोड़ देंगे और इजराइल और लेबनान को अगले साल नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने तक इंतजार करना होगा।

समझौते में इजराइल के लिए क्या है?

द टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, यह प्रस्ताव यहूदी राष्ट्र की लेबनान और सीरिया की सीमाओं पर काम करने की स्वतंत्रता से संबंधित है। वार्ता से परिचित कुछ अज्ञात स्रोतों ने यह भी सुझाव दिया है, कि वाशिंगटन ने इजराइल को गारंटी दी है, कि अगर हिज्बुल्लाह ने समझौते का उल्लंघन किया, तो वह कार्रवाई करेगा।

पिछले हफ्ते, अमेरिकी मध्यस्थ ने अमेरिका समर्थित समझौते को आगे बढ़ाने के लिए बेरूत और यरुशलम का दौरा किया था। युद्ध विराम प्रस्ताव के मुताबिक, हिज्बुल्लाह को धीरे-धीरे लिटानी नदी के उत्तर से हटना होगा, जबकि लेबनानी सेना दक्षिणी लेबनान की जिम्मेदारी फिर से अपने हाथ में ले लेगी।

सेना, हिज्बुल्लाह को दक्षिणी लेबनान में फिर से बेस बनाने से भी रोकेगी। इस बीच, चैनल 12 न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, समझौते के अंतिम विवरण पर चर्चा करने के लिए इजराइल में पूर्व अमेरिकी राजदूत डैन शापिरो सोमवार को देश में आने वाले हैं।

रॉकेट की बौछार के बीच नेतन्याहू की बैठक

रविवार को बातचीत जारी रही, लेकिन ईरान समर्थित आतंकवादी समूह ने दिनभर तेल अवीव पर हमले किए, जिससे इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच तनाव फिर बढ़ गया। हिज्बुल्लाह ने कहा, कि उसने पूरे दिन उत्तरी और मध्य इजराइल में 250 से ज्यादा रॉकेट और ड्रोन दागे, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

हालांकि, चैनल 12 न्यूज ने बताया, कि कई इजराइली अधिकारियों को उम्मीद है, कि जैसे-जैसे दोनों पक्ष समझौते के करीब पहुंचेंगे, हिज्बुल्लाह के हमले बढ़ेंगे। इस बीच, लेबनानी आतंकवादी समूह ने रविवार को एक ऐसा फोटो भी प्रकाशित किया, जो जाहिर तौर पर AI द्वारा जनरेटेड है, जिसमें रॉकेट हमले से राजमार्ग को नुकसान हुआ दिखाया गया है। उन्होंने तस्वीर पर कैप्शन दिया, “अगर इजराइल, लेबनान की राजधानी पर हमला करना जारी रखता है, तो तेल अवीव का भाग्य बेरूत जैसा होगा।” इजरायल ने रविवार को बेरूत में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर अपने हमलों को भी तेज कर दिया।