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‘AAP से नहीं होगा गठबंधन, सभी 70 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार’, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का एलान

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भाग लेने के बाद देवेंद्र यादव ने दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी के सीएम चेहरे और गठबंधन की संभावनाओं पर बात की। उन्होंने कहा हम पहले से कभी घोषणा नहीं करते। हम सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हमारे जीतने के बाद हमारा नेता चुना जाता है। दिल्ली में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यहां पर कोई गठबंधन नहीं होगा।

दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली में किसी भी गठबंधन से इनकार किया।

एएनआई, नई दिल्ली। अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस प्रदेश प्रमुख देवेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उनका किसी भी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं होगा।

शुक्रवार को यहां कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भाग लेने के बाद देवेंद्र यादव ने दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी के सीएम चेहरे और गठबंधन की संभावनाओं पर एएनआई से बात की। उन्होंने कहा, “हम पहले से कभी घोषणा नहीं करते। हम सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हमारे जीतने के बाद हमारा नेता चुना जाता है। दिल्ली में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यहां पर कोई गठबंधन नहीं होगा।”

लोग आप और BJP के ‘कुशासन’ से ‘नाखुश’: देवेंद्र यादव

कांग्रेस की दिल्ली न्याय यात्रा के चौथे चरण का नेतृत्व करने वाले देवेंद्र यादव ने कहा कि लोग आप और भाजपा के ‘कुशासन’ से ‘बहुत नाखुश’ हैं। उन्होंने कहा, “वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है। गरीबों को राशन कार्ड नहीं मिल रहा है। सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। प्रदूषण नियंत्रण से बाहर हो गया है। युवा बेरोजगार हैं। महिलाएं महंगाई के कारण निराश हैं। AAP ने सिर्फ दिखावे के लिए मोहल्ला क्लिनिक खोले हैं। यह केजरीवाल मॉडल है।”

प्रियव्रत सिंह को ‘वॉर रूम’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया

इस बीच, कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी नेता प्रियव्रत सिंह को ‘वॉर रूम’ का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस नियुक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंजूरी दे दी। दिल्ली में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया है और एक भी सीट जीतने में असफल रही है। इससे पहले, कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की थी कि वह हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में अपने खराब प्रदर्शन के बाद अपनी कार्य समिति की बैठक करेगी।

बीजेपी घोषणापत्र समिति की बैठक 25 नवंबर को हुई

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और आप ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे पहले, दिल्ली बीजेपी घोषणापत्र समिति की बैठक 25 नवंबर को पार्टी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी की अध्यक्षता में हुई थी। यह बैठक महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हालिया जीत के बीच हो रही है।

लोग दिल्ली में भी बीजेपी की सरकार बनाएंगे: सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने विश्वास जताया कि पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में भी इसी तरह की जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी का संबोधन दिल्ली के बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भर देता है। अब समय आ गया है कि दिल्ली की जनता उन लोगों को करारा जवाब दे, जो दिल्ली को बर्बाद कर रहे हैं। जनता स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली चाहती है। महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद लोग दिल्ली में भी बीजेपी की सरकार चुनेंगे। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी समर्थन मिलेगा।”

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को झटका, HC ने आबकारी नीति घोटाला मामले में ट्रायल पर रोक लगाने से किया इनकार

दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में उनके खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है। अब इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने आबकारी नीति घोटाला मामले में केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल पर रोक लगाने से किया इनकार
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। वह कथित दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से जुड़ी अनियमितताओं के एक मामले में आरोपी हैं।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने मामले में आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है। अब इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मिली अनुमति: तुषार मेहता

केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की और तर्क दिया कि विशेष अदालत ने उनके अभियोजन के लिए किसी मंजूरी के अभाव में आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था क्योंकि जब कथित अपराध किया गया था, तब वह एक लोक सेवक थे। हालांकि, ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मिल गई है और वह एक हलफनामा दाखिल करेंगे।

पूर्व सीएम ने सुनवाई की शीघ्र तारीख की मांग की, जब अदालत ने शुरू में सुनवाई अगले साल के लिए तय की और उनके वकील ने तत्कालता के कारण दिन के दौरान रोक लगाने की उनकी याचिका पर आदेश देने पर जोर दिया। मेहता ने इस तरह के दृष्टिकोण को अनुचित बताते हुए स्थगन आवेदन पर जवाब दाखिल करने की मांग की।

हाईकोर्ट ने एक अन्य याचिका पर ईडी से मांगा जवाब

12 नवंबर को, हाईकोर्ट ने केजरीवाल द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर ईडी से जवाब मांगा, जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एजेंसी की शिकायत पर उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी। वहीं शीर्ष अदालत ने उन्हें 13 सितंबर को सीबीआई मामले में जमानत पर रिहा कर दिया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, उत्पाद नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

एलजी वीके सक्सेना ने दी केस दर्ज करने की अनुमति

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत तक इसे खत्म कर दिया था। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा उत्पाद शुल्क नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश के बाद दर्ज किए गए सीबीआई मामले के बाद आया है।

Delhi Metro के एप पर अब मिलेगी खास सुविधा, हजारों लोगों को होगा फायदा

दिल्ली मेट्रो के टिकट बुकिंग एप से अब राजधानी में एएसआई द्वारा प्रबंधित स्मारकों के लिए लोग टिकट बुक कर सकेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बुधवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने डीएमआरसी के मोमेंटम 2.0 मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से एएसआई स्मारक टिकटों की बिक्री को सक्षम करने के लिए एएसआई के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।

दिल्ली मेट्रो सेवा का इस्तेमाल करने वालों को सुविधा का फायदा मिलेगा। फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के मोबाइल एप मोमेंटम 2.0 दिल्ली सारथी पर अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के स्मारकों का टिकट भी उपलब्ध होगा। इसके लिए डीएमआरसी ने एएसआई के साथ समझौता किया है। इससे पर्यटकों को सुविधा होगी।

DMRC और ASI के बीच हुआ समझौता

डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार और एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशासन) आनंद मधुकर की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है। एएसआई के सहयोग से डीएमआरसी एकीकृत क्यूआर-आधारित टिकटिंग प्रणाली विकसित और कार्यान्वित करेगी। इसके माध्यम से दिल्ली मेट्रो सेवा के उपयोग और एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारकों में प्रवेश की सुविधा मिलेगी।

स्मारकों को देखने में होगी आसानी

इसका उद्देश्य डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से दिल्ली की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना है। इससे पर्यटकों को दिल्ली में मेट्रो ट्रेन में यात्रा करने और यहां स्थित स्मारकों को देखने में आसानी होगी। नामित मेट्रो स्टेशनों पर एएसआई स्मारकों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए साइनेज लगाए जाएंगे।

आप सरकार के समय दोगुना हुआ मेट्रो का विस्तार- केजरीवाल

इससे पहले, मंगलवार को मुख्यमंत्री आतिशी ने मुकुंदपुर डिपो में मेट्रो फेज-4 के लिए आई ट्रेन का निरीक्षण किया था। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आप सरकार के कार्यकाल में पिछले 10 वर्षों में मेट्रो का बड़े स्तर पर विस्तार हुआ है। केजरीवाल ने एक्स पर जारी पोस्ट में कहा था कि दिल्ली में पिछले 10 साल में बहुत से इलाकों को मेट्रो से जोड़ा गया है और चौथे फेज में बहुत जल्द नए इलाके भी जुड़ जाएंगे। केजरीवाल ने मेट्रो को लेकर हुए इस काम के लिए दिल्ली सरकार और सभी दिल्लीवासियों को बधाई दी।

राज्य सरकार के कारण मेट्रो के चौथे चरण में हुआ विलंब : भाजपा

भाजपा ने राज्य सरकार पर मेट्रो के विस्तार को लेकर झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाया। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा था कि आप की सरकार के कारण मेट्रो के तीसरे चरण और चौथे चरण के निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। अब मुख्यमंत्री आतिशी इसे लेकर भ्रम फैला रही हैं।

उन्होंने कहा था कि पहले कांग्रेस और उसके बाद आप सरकार ने मेट्रो के तीसरे व चौथे चरण के काम को बाधित किया। गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2015 में आप की सरकार बनने के बाद चार वर्षों तक चौथे चरण की फाइलों को स्वीकृति नहीं दी गई।

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले नाराज हुए एलन मस्क, मंत्रियों के चयन पर जमकर हुआ झगड़ा; चौंकाने वाली रिपोर्ट

अगले साल 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। मगर उससे पहले ही उनके पुराने सहयोगियों और नए दोस्त एलन मस्क के बीच घमासान शुरू हो चुका है। एलन मस्क के बढ़ते प्रभाव से ट्रंप के पुराने सहयोगी परेशान हैं। एक डिनर पार्टी के दौरान ट्रंप के सलाहकार और एलन मस्क के बीच जमकर झगड़ा हुआ। यह विवाद कैबिनेट नियुक्तियों को लेकर हुआ है।

एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप। ( फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही उद्योगपति एलन मस्क बेहद नाराज है। दरअसल, यह नाराजगी डोनाल्ड ट्रंप के पुराने करीबियों और इस चुनाव में बेहद अहम भूमिका निभाने वाले एलन मस्क की बढ़ती ताकत के बाद उभरी है।

पांच नवंबर को डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद एलन मस्क दुनिया के गैर-निर्वाचित सबसे ताकतवर व्यक्ति बनकर उभरे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट नियुक्तियों पर एलन मस्क और ट्रंप के काफी लंबे समय से सलाहकार बोरिस एप्सटेन के बीच विवाद छिड़ गया है।

डिनर पार्टी के दौरान हुआ झगड़ा

एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक यह विवाद पिछले हफ्ते बुधवार को मार-ए- लागो के एक क्लब में डिनर के दौरान सामने आया। सूत्रों के मुताबिक एलन मस्क ने बोरिस एप्सटेन द्वारा चयन किए गए कैबिनेट उम्मीदवारों पर सवाल उठाया। इस पर बोरिस भड़क उठे। एलन मस्क ने बोरिस एप्सटेन पर ट्रंप की निजी निर्णयों को मीडिया पर लीक करने का आरोप भी लगाया।

मस्क का आरोप है कि न्याय विभाग की नियुक्ति और व्हाइट हाउस के वकील के चयन में एप्सटेन की भूमिका अधिक थी। इसके बाद एलन मस्क ने अपने पंसद के लोगों को कैबिनेट में जगह दिलाने पर जोर लगाया। एक्सियोस ने सूत्रों के आधार पर जानकारी दी कि यह विवाद काफी बढ़ गया था।

इन नियुक्तियों पर खफा हैं मस्क

मैट गेट्ज को अटॉर्नी जनरल और विलियम मैकगिनले को व्हाइट हाउस काउंसल के पद पर एप्सटेन की सलाह पर ही नियुक्त किया गया है। ट्रम्प के वकील टॉड ब्लैंच और एमिल बोव को भी न्याय विभाग के शीर्ष पदों पर नियुक्त किया है। इन नियुक्तयों पर मस्क खफा हैं। बता दें कि आपराधिक मामलों में डोनाल्ड ट्रंप को बचाने में एप्सटेन ने अहम भूमिका निभाई है। चुनाव जीतने के बाद कैबिनेट नियुक्तियों में भी एप्सटेन ने अहम किरदार निभाया।

एलन मस्क ने हाल ही में यूक्रेन और तुर्किये के राष्ट्रपति से डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत की थी। इसके अलावा ईरानी राजदूत से भी अमेरिका में गुपचुप बैठक कर चुके हैं। कैबिनेट नियुक्तियों और अहम बैठकों में मस्क की बढ़ती भूमिका से ट्रंप के पुराने सहयोगी खौफजदा हैं। वह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। एलन मस्क की बढ़ती ताकत ने ही डोनाल्ड ट्रंप के पुराने सहयोगियों के बीच मतभेद को जन्म दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि एलन मस्क अपनी सीमा लांघ रहे हैं।

 

दिल्ली में कोहरे का कहर, 10 उड़ानों को जयपुर किया गया डाइवर्ट; इंडिगो एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी

दिल्ली-एनसीआर में कोहरे के चलते फाइटें भी प्रभावित हो रही हैं। वहीं कोहरे के कारण आईजीआई एयरपोर्ट पर कई फ्लाइटों की उड़ान में देरी हुई। इंडिगो एयरलाइंस ने भी एक्स पर पोस्ट करके यात्रियों को सलाह दी है। उधर दिल्ली में ग्रेप-4 लागू कर दिया गया है। ग्रेप-4 लागू होने से एनसीआर में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है।

कोहरे के कारण फ्लाइट में देरी हो रही है। फाइल फोटो

एएनआई, नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे की स्थिति के कारण यात्रियों के लिए यात्रा सलाह जारी की। इंडिगो एयरलाइंस ने एक्स पर एक पोस्ट में यात्रियों को सलाह दी कि वे यात्रा शुरू करने से पहले अतिरिक्त समय दें और उड़ान की स्थिति की जांच करें।

दिल्ली में कोहरे के चलते फ्लाइटें हुईं लेट

पोस्ट में उल्लेख किया गया है कि “कोहरा वर्तमान में दिल्ली में दृश्यता को प्रभावित कर रहा है, जिसके कारण यातायात धीमा हो सकता है और उड़ान में भी देरी हो सकती है। हम यात्रा शुरू करने से पहले अतिरिक्त समय देने और उड़ान की स्थिति की जांच करने की सलाह देते हैं।

नई दिल्ली आ रही 10 उड़ानों को जयपुर किया गया डाइवर्ट

सोमवार को अलग-अलग दिशाओं से नई दिल्ली आ रही दो अंतरराष्ट्रीय सहित 10 उड़ानों को जयपुर डाइवर्ट करना पड़ा। जिन दो उड़ानों को जयपुर डाइवर्ट किया गया, उसमें एक पेरिस तो दूसरी वाशिंगटन से आ रही थी। दोनों एअर इंडिया की उड़ान थी। घरेलू उड़ानों में जिन्हें नई दिल्ली के बजाय जयपुर डाइवर्ट किया गया, उसमें विजयवाड़ा, अहमदाबाद, इंदौर, बंगलुरु, पुणे, धर्मशाला की उड़ानें शामिल रहीं। जो उड़ानें डाइवर्ट की गई, उन्हें नौ से 11 बजे के बीच आइजीआइ पर लैंडिंग करनी थी।

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट पर कम दृश्यता की प्रक्रिया चल रही है। सभी उड़ान संचालन वर्तमान में सामान्य हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे उड़ान की अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।

दिल्ली हवाई अड्डे के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में कोहरे के कारण कम दृश्यता के कारण पांच उड़ानों (जयपुर-04, देहरादून-01) को डायवर्ट किया गया है।

औसतन 24 मिनट की देरी से विमान भर रहे उड़ान

आईजीआई एयरपोर्ट से संचालित होने वाली उड़ानों के प्रस्थान में विलंब का सिलसिला जारी है। इनमें अधिकांश ऐसी उड़ानें रहीं, जिन्हें दूसरे शहरों से यहां आकर उड़ान भरनी थी। शनिवार मध्य रात्रि से रविवार शाम तक आईजीआई पर प्रस्थान से जुड़ी उड़ानों में औसतन करीब 24 मिनट की देरी दर्ज की गई।

बताया गया कि करीब 200 उड़ानों में विलंब की स्थिति पांच मिनट से लेकर एक घंटे या इससे अधिक रही। विलंबित समय का ग्राफ पिछले कुछ दिनों से लगातार ऊपर की ओर जा रहा है। दिल्ली के कोहरे के साथ अन्य स्थानों का खराब मौसम या कोहरा भी उड़ानों पर असर डाल रहा है।

उदाहरण के लिए यदि पटना में कोहरा है और दिल्ली का मौसम साफ भी हो, तो भी उड़ान में विलंब होगा, क्योंकि पटना से दिल्ली आगमन में विलंब की स्थिति रहेगी। एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी एजेंसी का कहना है कि इस बार कोहरे का असर पिछली बार के मुकाबले कम होना चाहिए।

ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि कम दृश्यता में भी रनवे पर सुगम संचालन संभव बनाने वाली कैट-3 तकनीक की सुविधा से लैस सभी रनवे काम कर रहे हैं। केवल एक रनवे पर कैट-3 की सुविधा नहीं है और उसके पीछे संसाधनों की कमी नहीं, बल्कि तकनीकी कारण हैं।

वहीं, पिछली बार की घटनाओं से इस बार काफी सबक लिया गया है। यदि पायलट दक्ष हैं, तो वे शून्य दृश्यता में भी यहां से उड़ानों का संचालन कर सकते हैं। साथ ही दृश्यता का स्तर कम होते ही लो-विजिबिलिटी प्रोटोकाल शुरू कर दिया जाता है, ताकि उड़ानों के संचालन में कोई दिक्कत नहीं हो।

दिल्ली में ग्रेप-4 लागू

इससे पहले दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक के रविवार को 450 अंक को पार करने के बाद सोमवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण IV को लागू करने का निर्देश दिया था, जो गंभीर से भी अधिक श्रेणी में आता है।

रविवार को दिनभर गंभीर स्थिति में रहा AQI

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रविवार को शाम 4 बजे तक तेजी से बढ़कर 441 हो गया और शाम 7 बजे तक 457 हो गया। इस गंभीर उछाल ने GRAP उप-समिति की एक आपातकालीन बैठक को प्रेरित किया।

वायु गुणवत्ता में गिरावट

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक बयान में कहा, “एनसीआर में वायु गुणवत्ता में गिरावट की मौजूदा प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए और क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए, उप-समिति ने आज जीआरएपी के चरण-IV के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयों को लागू करने का निर्णय लिया है।

वहीं, रविवार को दिनभर दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई गंभीर से भी अधिक स्थिति में रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) को दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरणों के तहत वर्गीकृत किया गया है।

ये हैं चार चरण

चरण I – ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300)

चरण II – ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400)

चरण III – ‘गंभीर’ (AQI 401-450)

चरण IV – ‘गंभीर प्लस’ (AQI 450)

Delhi Air Pollution: ‘हमसे पूछे बगैर ग्रैप-4 नहीं हटेगा’ वायु प्रदूषण पर SC सख्त; दिल्ली सरकार को लगाई फटकार

दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के उपायों को लागू करने की मांग की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस एएस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने की। कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार के वकील से पूछा गया कि GRAP तंत्र क्यों नहीं लागू किया गया? जैसे ही AQI 401 को पार करता है स्टेज 3 लागू कर दिया जाना चाहिए।

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।(फोटो सोर्स: जागरण)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Air Pollution। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के उपायों को लागू करने की मांग की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा कि राजधानी दिल्ली में GRAP 4 लागू करने में इतनी देरी क्यों हुई।

मामले की सुनवाई जस्टिस एएस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने की। कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार के वकील से पूछा गया कि GRAP तंत्र क्यों नहीं लागू किया गया? जैसे ही AQI 401 को पार करता है, स्टेज 3 लागू कर दिया जाना चाहिए। यह 13 तारीख को हुआ था। इसके जवाब में दिल्ली सरकार की ओर कहा गया कि हमने राजधानी में ग्रेप 4 लागू कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आदेश पारित करने का प्रस्ताव कर रह हैं कि अधिकारी अदालत की इजाजत के बिन ग्रैप-4 से नीचे नहीं जाएंगे। भले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से नीचे चला जाए।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछे सख्त सवाल 

पीठ ने सवाल करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार बताए कि GRAP की गाइडलाइन क्या है? वहीं, ग्रैप को लागू करने के लिए कौन मॉनिटर कर रहा है। प्रदूषण को कम करने के लिए आखिर क्या कदम उठाए जा रहे हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राजधानी दिल्ली में जब AQI 401 12 नवंबर को पार कर गया था, फिर GRAP 4 को लागू करने में इतनी देरी क्यों की गई।

दिल्ली में खतरनाक स्थिति में पहुंचा प्रदूषण

राजधानी दिल्ली में इस समय प्रदूषण अपने खरनाक स्थिति को भी पार करते नजर आ रहा है। राजधानी दिल्ली के साथ पूरे एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने तक में दिक्कत महसूस हो रही है। जहरीली हवा ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आज सुबह 8 बजे से राजधानी दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथे चरण लागू कर दिया गया है।

 

दिल्ली का AQI जानिए

राजधानी दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता और खराब स्थिति में पहुंच गई थी। दिल्ली के कुछ इलाकों में एक्यूआई 441 दर्ज किया गया था। ये प्रदूषण की सबसे गंभीर श्रेणी माना जाता है। दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के जिले बहादुरगढ़ का AQI 445 दर्ज किया गया था।

क्या होता है एक्यूआई

उल्लेखनीय है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता को आंकने का काम किया जाता है। इससे हवा में मौजूद प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाने की कोशिश की जाती है।

एक्यूआई की रीडिंग के आधार पर हवा की गुणवत्ता को छह कैटेगरी में बांटा गया है। जिसके अनुसार शून्य से 50 के बीच AQI को अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच के एक्यूआई को संतोषजनक स्थिति के तौर पर देखा जाता है। 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब में आता है। अगर किसी शहर का एक्यूआई 401 और 500 के बीच है तो वह गंभीर श्रेणी में आता है।

CBSE Board Date Sheet 2025: ये है सीबीएसई परीक्षा की डेटशीट जारी होने की टेंटेटिव डेट, चेक करें अपडेट

सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए प्रायोगिक परीक्षाएं 1 जनवरी 2025 से शुरू होने वाली हैं। हालांकि शीतकालीन स्कूलों के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम शुरू हो चुके हैं जो कि 5 दिसंबर 2024 तक कंडक्ट कराए जाएंगे। परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी आधिकारिक वेबसाइट पर अपनी डेटशीट डाउनलोड कर पाएंगे। ज्यादा जानकारी के लिए कैंडिडेट्स पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं।

CBSE Board Date Sheet 2025

एजुकेशन डेस्क,नई दिल्ली। सीबीएसई बोर्ड दसवीं और बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा के लिए डेटशीट जल्द ही जारी की जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी कुछ दिनों में ही 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के लिए टाइमटेबल आधिकारिक वेबसाइट https://www. cbse.gov.in पर जारी कर दिया जाएगा। इन परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि समय सारिणी जारी होने के बाद पोर्टल पर उपलब्ध लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।

CBSE Board Exam Date Sheet 2025: पिछले साल इस तारीख को जारी हुई थी डेटशीट

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं फरवरी में आयोजित होनी हैं। थ्योरी एग्जाम 15 फरवरी, 2025 से शुरू होंगे। इन कक्षाओं के लिए डेटशीट जल्द जारी होने की उम्मीद है। अगर पिछले साल के पैटर्न पर गौर करें तो यह दिसंबर के दूसरे सप्ताह में जारी हो सकती है।दरअसल, साल 2023 में सीबीएसई बोर्ड से सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री के स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड परीक्षाओं का टाइमटेबल 13 दिसंबर, 2024 को जारी किया गया था। इसीलिए उम्मीद जताई जा रही है कि इन तिथियों के करीब टाइमटेबल जारी हो सकता है। हालांकि, बोर्ड ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है तो इसलिए स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि वे पोर्टल पर नजर बनाएं रखें।

CBSE Board Exam Date Sheet 2025: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 फीसदी उपस्थिति है अनिवार्य

सीबीएसई बोर्ड दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्र- छात्राओं की न्यूनतम उपस्थिति 75% होनी चाहिए। इन कक्षाओं के लिए प्रायोगिक परीक्षाएं 1 जनवरी, 2025 से शुरू होंगे। हालांकि, शीतकालीन स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए नीचे आसान स्टेप्स दिए जा रहे हैं, जिनको फॉलो करके कैंडिडेट्स टाइमटेबल डाउनलोड कर सकते हैं।

CBSE Board Exam Date Sheet 2025: सीबीएसई बोर्ड 10वीं, 12वीं एग्जाम की डेटशीट डाउनलोड करने के लिए फॉलो करें ये आसान स्टेप्स

सीबीएसई बोर्ड 10वीं, 12वीं एग्जाम की डेटशीट डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले स्टूडेंट्स को आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाएं। अब, होम पेज पर उपलब्ध कक्षा 10वीं, 12वीं के लिए सीबीएसई डेटशीट 2025 पर क्लिक करें। अब एक नया पेज खुलेगा, जहां उम्मीदवारों को तारीखें जांचनी होंगी। फ़ाइल डाउनलोड करें और आगे की आवश्यकता के लिए उसकी एक हार्ड कॉपी अपने पास रखें। साथ ही इसका प्रिंटआउट लेकर भविष्य के लिए रख लें।

Delhi Pollution: बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली-NCR में कल से GRAP-3 होगा लागू, जानिए क्या-क्या रहेंगी पाबंदियां

GRAP-3 Implemented in Delhi NCR दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-3) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ग्रेप-3 के तहत शुक्रवार सुबह आठ बजे से कई पाबंदिया लगाने का निर्देश दिया है। खबर के माध्यम से पढ़ें इस दौरान किन-किन चीजों पर पाबंदियां रहेंगी।

Delhi Pollution: ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का तीसरा चलण लागू।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 418 दर्ज किया गया। जो देश में सबसे अधिक था। इन सबके बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अलर्ट के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आपात बैठक कर एनसीआर में ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है।

हालांकि इससे पहले दिल्ली में प्रदूषण की खतरनाक दर के बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि सरकार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी-III) के तीसरे चरण को लागू नहीं करेगी।) यह निर्णय GRAP-III पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा आयोजित एक बैठक के बाद लिया गया, लेकिन देर शाम अब इसे लागू करने की बाद की गई है।

GRAP 3 आमतौर पर तब लागू किया जाता है जब वायु प्रदूषण “गंभीर” श्रेणी में पहुंच जाता है। इस योजना के तहत निर्माण और विध्वंस पर प्रतिबंध है। राज्य सरकारें कक्षा 5 तक व्यक्तिगत कक्षाएं बंद कर सकती हैं और सार्वजनिक परिवहन पर जोर है।

GRAP-3 के तहत ये पाबंदियां लागू (GRAP-3 restrictions)

• निर्माण और तोड़फोड़ के काम में बोरिंग और ड्रिलिंग, पाइलिंग वर्क, ओपन ट्रेंच सिस्टम    से होने वाले सीवर लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबल के काम, ईंट भट्टों आदि के           काम, आरएमसी बैचिंग प्लांट, बडे़ वेल्डिंग वर्क और गैस कटिंग काम नहीं हो सकेंगे।

•.  कच्ची सड़कों पर गाड़ियां नहीं चलेंगी।

•. मलबे का ट्रांसपोर्टेशन नहीं होगा।

•. एनसीआर में सभी स्टोन क्रशर जोन बंद रहेंगे।

•. एनसीआर में खनन और इससे जुड़ी गतिविधियां बंद रहेंगी।

• बीएस-तीन पेट्रोल (BS-3 Petrol) और बीएस-चार डीजल (BS-4 Diesel) की      गाड़ियों पर दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में    रोक रहेगी।

•.बीएस-तीन की हल्की मालवाहक गाड़ियों पर रोक रहेगी। जरूरी सामान लेकर आ रही गाड़ियों को छूट दी गई है।

• अंतरराज्यीय बसों में सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी, बीएस- छह डीजल की बसें, टैंपो           ट्रेवलर चलेंगे।

•.राज्य सरकार चाहें तो पांचवीं क्लास तक के बच्चों की फिजिकल क्लासेस रोकी जा       सकती है या उन्हें ऑनलाइन मोड पर क्लासेस दी जा सकती हैं।

 

‘हेट स्पीच और गलत बयानों के बीच अंतर’, SC की वकील को दो टूक; CJI बोले- दिक्कत है तो पुलिस के पास जाएं

गुरुवार को भड़काऊ भाषणों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि हम इस तरह की याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते। इसके लिए आपको कानून का सहारा लेना होगा। हम मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ( File Photo )

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें सार्वजनिक मंच से नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई थी। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि ये बयान राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और विभाजनकारी विचारधाराओं को बढ़ावा देते हैं।

नोटिस जारी नहीं हो सकता

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले ‘हिंदू सेना समिति’ के वकील से कहा कि नफरत भरे भाषणों और गलत बयानों के बीच अंतर होता है। इस तरह से याचिका पर नोटिस जारी नहीं हो सकता।

दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश

जनहित याचिका (पीआईएल) में अदालत से भड़काऊ बयानबाजी को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने और सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालने वाले बयान देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।

दिया इन टिप्पणियों का हवाला

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील कुंवर आदित्य सिंह और स्वतंत्र राय ने कहा कि राजनीतिक नेताओं की टिप्पणियां अक्सर उकसावे की ओर जाती हैं, जिससे संभावित रूप से सार्वजनिक अशांति फैल सकती है। उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत सहित राजनीतिक हस्तियों की हालिया टिप्पणियों का हवाला दिया, जिनमें बयानबाजी ने कथित तौर पर सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डाला था।

 

सज्जन सिंह वर्मा ने अपनी टिप्पणी में श्रीलंका और बांग्लादेश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों से तुलना करते हुए संभावित विद्रोह की चेतावनी दी थी, जबकि टिकैत ने कथित तौर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का इस तरह से उल्लेख किया था जिससे हिंसक विद्रोह की संभावना का संकेत मिलता है।

याचिका में क्या कहा गया?

याचिका में कहा गया है कि सरकार भड़काऊ भाषण पर कानूनी प्रतिबंध लागू करने में असंगत रही है। इसमें कहा गया है कि अदालत ने अपने निर्देशों में आईपीसी के कुछ प्रावधानों के तहत अशांति भड़काने वाले भाषण के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया था।

‘हिंदू सेना समिति’ ने भड़काऊ भाषणों को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और राजनेताओं के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए निर्देश सहित कई राहत मांगी थी।

इसने समान कानूनी उपचार के महत्व पर भी जोर दिया, यह तर्क देते हुए कि नागरिकों और पत्रकारों द्वारा किए गए समान अपराधों पर अक्सर राज्य की ओर से कड़ी कार्रवाई होती है, जबकि राजनीतिक हस्तियों द्वारा अशांति भड़काने वाले बयानों पर काफी हद तक लगाम नहीं लगाई जाती है।

CBSE Board Exam 2025:15% सिलेबस कट,ओपन-बुक फॉर्मेट और अन्य बड़े बदलावों की घोषणा

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 में बड़े बदलाव! सिलेबस में कमी, प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज़ोर, ओपन बुक एग्जाम और भी बहुत कुछ। जानें इन बदलावों का छात्रों पर क्या होगा प्रभाव।

CBSE Board Exam 2025: CBSE ने बोर्ड परीक्षाओं में कई बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य छात्रों की शिक्षा को और दिलचस्प बनाना है। इंदौर में एक प्रिंसिपल्स समिट के दौरान CBSE भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी विकास कुमार अग्रवाल ने बताया कि 2025 के लिए कक्षा 10 और 12 के पाठ्यक्रम में 15% तक की कमी की जा रही है। इसका मुख्य मकसद यह है कि छात्र गहराई से पढ़ाई करें और सिर्फ रटने तक सीमित न रहें। इस फैसले से छात्रों को सिलेबस को अधिक गहराई से पढ़ने का मौका मिलेगा और वे विषयों को समझने में और बेहतर बन सकेंगे। जानें बड़े बदलावों के बारे में।

अब 40% इंटरनल असेसमेंट से बनेगी ग्रेड

बोर्ड ने इंटरनल असेसमेंट का महत्व बढ़ा दिया है, जिसके तहत अब 40% ग्रेड इंटरनल असेसमेंट से आएंगे और 60% ग्रेड फाइनल बोर्ड परीक्षा के आधार पर होंगे। इंटरनल असेसमेंट में प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और समय-समय पर लिए जाने वाले टेस्ट शामिल होंगे। इससे छात्र अपनी पढ़ाई में स्थिरता बनाए रख सकेंगे और अपनी समझ को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर सकेंगे।

प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा जोर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार, CBSE अब परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव कर रहा है। 2025 के बोर्ड परीक्षा में लगभग 50% सवाल छात्रों की प्रैक्टिकल जानकारी और स्किल को चेक करने के लिए होंगे। यानी सवाल अब सिर्फ थ्योरी पर नहीं होंगे, बल्कि रोजमर्रा के जीवन में ज्ञान के इस्तेमाल पर होंगे। इससे छात्रों में क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को बढ़ावा मिलेगा, और वे रटने के बजाय गहराई से समझ पाएंगे।

डिजिटल मूल्यांकन और ओपन-बुक परीक्षा का आगाज

CBSE कुछ विषयों में आंसरशीट के डिजिटल मूल्यांकन को भी जारी रखेगा, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सटीक होगी। साथ ही, CBSE अंग्रेजी साहित्य और समाजशास्त्र जैसे विषयों के लिए ओपन-बुक एग्जाम शुरू करने की योजना बना रहा है। इसका मतलब है कि परीक्षा में छात्र अपनी किताबें साथ ला सकेंगे और अपने उत्तरों में विश्लेषणात्मक कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे। यह बदलाव छात्रों को कॉन्सेप्ट्स को समझने और उनका प्रैक्टिकल इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

2026 से दो-टर्म एग्जाम फॉर्मेट

2025 में CBSE एक ही टर्म में परीक्षा आयोजित करेगा, लेकिन 2025-26 सत्र से दो-टर्म एग्जाम फॉर्मेट की वापसी की योजना है। यह मॉडल छात्रों को बार-बार आकलन का मौका देगा, जिससे उन्हें अपने प्रगति का जायजा लेने और तैयारी में सुधार का अवसर मिलेगा। इस प्रणाली से छात्र एक ही परीक्षा पर निर्भर न रहकर पूरे साल अपनी पढ़ाई को बैलेंस कर सकेंगे।

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए मुख्य बदलाव

* 15% सिलेबस में कमी: छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करते हुए 15% तक सिलेबस     कम किया गया है।

* 40% इंटरनल असेसमेंट: कुल ग्रेड का 40% अब प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और               पीरियॉडिक टेस्ट से निर्धारित होगा।

* प्रैक्टिकल आधारित प्रश्न: लगभग 50% प्रश्न प्रैक्टिकल ज्ञान पर आधारित होंगे,           ताकि छात्र अपने ज्ञान को वास्तविक जीवन में लागू कर सकें।

* डिजिटल मूल्यांकन: कुछ विषयों में डिजिटल मूल्यांकन जारी रहेगा ताकि अधिक           सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो।

* ओपन-बुक परीक्षा: अंग्रेजी साहित्य और समाजशास्त्र जैसे विषयों के लिए ओपन-बुक      परीक्षा प्रारूप शुरू होगा।

* एक-टर्म परीक्षा प्रारूप (2025), दो-टर्म परीक्षा (2026 से): 2025 में एक टर्म           फॉर्मेट रहेगा, लेकिन 2026 से दो-टर्म प्रारूप लागू होगा।

इस बदलाव से छात्रों को क्या होगा फायदा

CBSE के ये बदलाव छात्रों के लिए नई संभावनाओं का दरवाजा खोलते हैं। इसके जरिए छात्र सिर्फ रटने के बजाय समझ पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। आंतरिक मूल्यांकन, प्रैक्टिकल ज्ञान और ओपन-बुक परीक्षा जैसे उपाय छात्रों को शिक्षण में वैश्विक ट्रेंड्स से जोड़ेंगे और उच्च शिक्षा के लिए भी बेहतर तैयारी कराएंगे। इस नए बदलाव के साथ, CBSE का उद्देश्य छात्रों को आत्मनिर्भर, क्रिटिकल थिंकर और प्रभावी समस्या-सुलझाने वाला बनाना है, जिससे वे न केवल परीक्षा में बल्कि वास्तविक जीवन में भी सफल हो सकें।

 

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