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भतीजे अजित के आगे घट गई चाचा शरद पवार की ‘पावर’, पश्चिम महाराष्ट्र की जनता ने ऐसे कर दिया खेला

Maharashtra Election Result 2024 महाराष्ट्र की सियासत को पांच अलग अलग क्षेत्रों में बांटा जा सकता है। इनमें विदर्भ मराठवाड़ा पश्चिमी महाराष्ट्र कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र शामिल हैं। यहां महायुति ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। पश्चिमी महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार से ज्यादा भरोसा अजित पवार पर दिखाया। इस बार अजित गुट को 11 सीटें मिलीं। पढ़ें पश्चिम महाराष्ट्र में कैसा रहा चुनावी समीकरण?

 

Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित गुट ने 41 सीटें जीती |

HighLights

  1. चुनाव में महायुति को 235 सीटें मिली हैं।
  2. पश्चिम महाराष्ट्र में अजित पवार गुट को 11 सीटें आई।
  3. कोंकण क्षेत्र में भाजपा को 31 सीटें मिली।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Maharashtra Election Result। महाराष्ट्र में एक बार फिर ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार बनने जा रही है। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मिलकर ‘महाविकास अघाड़ी’ को करारी शिकस्त दे दी। इन तीनों नेताओं में मुख्यमंत्री जो भी बने, लेकिन तीनों ने मिलकर महाराष्ट्र की राजनीति की नई तस्वीर लिखी है।

288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति को 235 सीटें मिली हैं। भाजपा को सबसे ज्यादा 132 सीटें मिली हैं। भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना को 57 सीटें मिली हैं। वहीं, अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी 46 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा।

महाराष्ट्र की सियासी समीकरण पांच क्षेत्रों में बंटी हुई है। इसमें विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र शामिल हैं। इन सभी पांच क्षेत्र में महायुत गठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया।

घट गई पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार की पावर

पश्चिम महाराष्ट्र को शरद पवार और NCP का गढ़ माना जाता रहा है। गौरतलब है कि यह क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। यहां के किसान शरद पवार के साथ हमेशा रहते आए हैं।  हालांकि, कयास लगाए जा रहे थे कि एनसीपी के दो हिस्सों में टूटने के बाद इस क्षेत्र की जनता के वोट भी बिखरेंगे। चुनाव परिणाम के नतीजों ने इस बात को सच कर दिखाया।

सबसे बड़ी बात है कि इस क्षेत्र की जनता ने शरद पवार से ज्यादा भरोसा अजित पवार पर दिखाया।  इस बार अजित पवार गुट को 11 सीटें आई। वहीं,  शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी को महज 7 सीटें आई हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में भाजाप ने 24 सीटें हासिल की है।

कोंकण

सीटों के नजरिये से महाराष्ट्र का यह सबसे बड़ा क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र से 75 विधानसभा सीटें हैं। मुंबई शहर भी इस क्षेत्र का हिस्सा है। बता दें कि शिवसेना का इस क्षेत्र में वर्चस्व रहा है। शिवसेना के दो हिस्सों में बंटने से वोट भी बंटे। एकनाथ शिंदे गुट को 22 सीटें मिली। वहीं, उद्धव गुट के सिर्फ 11 विधायक ही चुनाव जीत सके। भाजपा ने इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 31 सीटें जीती।

विदर्भ

महाराष्ट्र की राजनीति के नजरिये से यह क्षेत्र काफी अहम है। इस क्षेत्र में 11 जिले हैं और 62 विधानसभा सीटें हैं। इस बार भाजपा ने इस क्षेत्र में 38 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, इस क्षेत्र में शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे गुट का खाता भी नहीं खुला।

मराठवाड़ा

महाराष्ट्र का यह चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहां 46 विधानसभा सीटें हैं। इस बार भाजपा के 19 विधायकों ने इस क्षेत्र में बाजी मार ली। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के 13 विधायकों ने चुनाव जीता।

उत्तर महाराष्ट्र

सीट के लिहाज से यह क्षेत्र सबसे छोटा है। इस क्षेत्र में 47 विधानसभा सीटें हैं। भाजपा ने इस चुनाव में इस क्षेत्र में 20 सीटें जीत ली। अजित गुट के 12 विधायकों ने यहां से चुनाव जीता। वहीं. शरद गुट के 1 ही विधायक इस क्षेत्र से जीतने में कामयाब रहे।

शिंदे से पहले हम BJP के साथ सरकार बनाने वाले थे लेकिन…चुनाव से पहले अज‍ित पवार का बड़ा खुलासा

Maharashtra Election: अजित पवार ने कहा-हम सभी विधायकों के सिग्‍नेचर लेकर बैठे थे. लेकिन ऐन वक्‍त पर कुछ ऐसा हुआ क‍ि हम बीजेपी की सरकार में शामिल नहीं हो पाए.

सभा को संबोध‍ित करते अज‍ित पवार

महाराष्‍ट्र चुनाव से पहले एनसीपी नेता अज‍ित पवार ने बड़ा खुलासा किया है. बताया क‍ि ज‍िस वक्‍त बीजेपी और एकनाथ शिंदे मिलकर सरकार बना रहे थे, उस वक्‍त हम भी पूरी तरह तैयार थे. हम सरकार बनाने वाले थे. सारे व‍िधायकों के सिग्‍नेचर कराए ल‍िए गए थे, लेकिन ऐन वक्‍त पर कुछ ऐसा हुआ क‍ि हम सरकार में शामिल नहीं हो पाए. अज‍ित पवार ने ये भी बताया क‍ि क्‍यों उन्‍हें अलग होने की जरूरत पड़ी.

नास‍िक में एक चुनावी सभा को संबोध‍ित करते हुए अजित पवार ने कहा, उस वक्‍त कुछ राजनीतिक स्थिति बनी थी. तब एकनाथ शिंदे ने एक भूमिका निभाई और फिर सरकार में चले गए. एकनाथराव और देवेन्द्र फडणवीस ने मिलकर सरकार बनाई. उसी समय हमारे सभी एनसीपी विधायकों ने भी निर्णय लिया था. हमने सिग्‍नेचर भी कर द‍िए थे. दिलीप बुनकर, नरहरि जिरवाल, माणिकराव कोकाटे, सरोज अहिरे और छगन भुजबल और नितिन पवार समेत सभी व‍िधायकों के सिग्‍नेचर हमारे पास थे, लेकिन तभी कुछ ऐसी घटनाएं घटीं क‍ि संभव नहीं हो पाया.

तो शरद पवार को पता था?

अज‍ित पवार का यह दावा काफी महत्‍वपूर्ण है. क्‍योंक‍ि उनके दावे की मानें तो शरद पवार को इसके बारे में जानकारी थी. क्‍योंक‍ि इसके काफी द‍िनों बाद एनसीपी में व‍िभाजन हुआ. और अज‍ित पवार अभी ज‍िन लोगों के नाम ले रहे हैं, वे सारे लोग शरद पवार का साथ छोड़कर अज‍ित पवार के साथ चले गए थे. इससे ये भी साफ है क‍ि एनसीपी में काफी पहले से बीजेपी के साथ जाने को लेकर ख‍िचड़ी पक रही थी. शायद शरद पवार उसे समय से भांप नहीं पाए.

शरद गुट पर सीधा हमला

कुछ द‍िनों पहले शरद गुट के नेताओं ने आरोप लगाया था क‍ि लड़की बहिन योजना से महाराष्‍ट्र दीवाल‍िया हो जाएगा. इस पर जवाब देते हुए अज‍ित पवार ने कहा, मैं पैसे का मोल समझता हूं. यह पैसा गरीबों को दिया जा रहा है. उसकी जात‍ि नहीं देखी जाती. सिर्फ गरीब बहनों को इसका लाभ दे रहे हैं. वे इतने वक्‍त तक सत्‍ता में रहे, क्‍या क‍िया. सवा रुपया दक्ष‍िणा तक नहीं देते थे. अब हम सीधे बहनों के खाते में पैसे दे रहे हैं. कोई बिचौल‍िया नहीं है. टिकटों के बंटवारे पर अज‍ित पवार ने कहा, साढ़े बारह प्रतिशत सीटें पिछड़े वर्ग को दी गईं. 10 फीसदी सीटें मुस्लिम समुदाय को दी गईं. हम सबको साथ लेकर चलते हैं, भेदभाव नहीं करते. साहू फुले अंबेडकर की विचारधारा पर चल रहे हैं. वो लोग इसे समझ नहीं पाएंगे.

 

 

 

 

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