पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थकों और सरकार के बीच टकराव ने देश में एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है। यह साफ है कि यदि स्थिति को जल्दी नहीं संभाला गया, तो यह विवाद और बढ़ सकता है। सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत ही इस समस्या का एकमात्र समाधान हो सकता है। आइए विस्तार से जाने पूरा मामला…
विरोध प्रदर्शन: कैसे शुरू हुआ?
रविवार को इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में इस्लामाबाद की ओर यह मार्च शुरू हुआ। प्रदर्शनकारी सोमवार को राजधानी पहुंचे और डी-चौक जैसी संवेदनशील जगहों पर इकट्ठा होने लगे।
क्या हुआ झड़पों में:
- पुलिस अधिकारी की मौत: एक पुलिसकर्मी को गोली मार दी गई।
- सैनिकों की मौत: प्रदर्शनकारियों द्वारा गाड़ी चढ़ाने से 4 सैनिकों की मौत हो गई।
- घायलों की संख्या: 119 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से 2 की हालत गंभीर है।
- संपत्ति का नुकसान: 22 पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई।
सरकार ने इस्लामाबाद में सेना तैनात कर दी है और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
इमरान खान का “अंतिम आह्वान”
- इमरान खान ने इस विरोध प्रदर्शन को “अंतिम आह्वान” बताया, जो उनके अनुसार, “चोरी किए गए जनादेश” के खिलाफ था। उन्होंने जनता से “गुलामी की बेड़ियां तोड़ने” और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
- प्रदर्शनकारियों की तैयारी: सरकार द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को प्रदर्शनकारियों ने भारी मशीनरी और उपकरणों से हटा दिया।
- रैली का नेतृत्व: खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और बुशरा बीबी ने इस विरोध का नेतृत्व किया।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने प्रदर्शनकारियों को राजधानी से दूर स्थान पर प्रदर्शन करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बुशरा बीबी ने खारिज कर दिया। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने चेतावनी दी है कि अगर प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा वाले क्षेत्रों में प्रवेश किया तो “गंभीर परिणाम” भुगतने पड़ सकते हैं।
इमरान खान और उनकी कानूनी परेशानियां
- 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से हटने के बाद से इमरान खान पर 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
- जेल की स्थिति: वे रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं।
- चुनावी सफलता: फरवरी में हुए चुनाव में उनकी पार्टी ने सबसे अधिक सीटें जीतीं, लेकिन सरकार बनाने में असफल रही।
- इमरान खान का आरोप है कि सत्तारूढ़ पीएमएल-एन और पीपीपी ने “जनादेश चुराकर” सत्ता हासिल की।
हालात क्यों गंभीर हैं?
- राजनीतिक अस्थिरता: इमरान खान की गिरफ्तारी और उनके समर्थकों का प्रदर्शन देश की राजनीतिक स्थिति को और अस्थिर कर रहा है।
- सुरक्षा चुनौतियां: सेना की तैनाती के बावजूद हिंसा बढ़ती जा रही है।
- लोकतंत्र पर खतरा: इमरान खान की पार्टी का आरोप है कि सरकार लोकतंत्र की मूल भावना को खत्म कर रही है।