Israel-Lebanon Ceasefire: भारत ने इजराइल-हिज्बुल्लाह युद्धविराम का किया स्वागत, जानिए क्या बोली दिल्ली?

 

Israel-Lebanon Ceasefire: भारत ने बुधवार सुबह से शुरू हुए इजराइल और लेबनान के बीच संघर्ष विराम का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है, कि उसने “हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है।”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, कि “हम इजराइल और लेबनान के बीच घोषित किए गए संघर्ष विराम का स्वागत करते हैं। हमने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है। हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी।”

वहीं, युद्ध विराम के बारे में बोलते हुए, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, कि युद्धविराम कितने दिनों तक चलेगा, ये लेबनान में क्या होता है, इसपर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, “हम समझौते को लागू करेंगे और किसी भी उल्लंघन का जोरदार तरीके से जवाब देंगे। हम जीत तक एकजुट रहेंगे।”

लेबनान में युद्ध, हमास की तरफ से 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर किए गये हमले के ठीक एक दिन बाद शुरू हुआ था, जब हिज्बुल्लाह ने गाजा पट्टी पर इजराइल की जवाबी कार्रवाई के बाद उत्तरी इजराइल में रॉकेट दागना शुरू कर दिया। लेबनानी समूह ने कहा था, कि वह फिलिस्तीनी समूह हमास के समर्थन में तब तक हमले करता रहेगा, जब तक इजराइल गाजा पट्टी में हमले करना बंद नहीं करेगा।

इजराइली प्रधानमंत्री ने युद्ध विराम समझौते के लिए तीन कारण गिनाए हैं:-

1- पहला कारण ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करना था, लेकिन वह इसका विस्तार नहीं करना चाहते हैं।

2- उनका दूसरा सुझाव था कि सेना को युद्ध विराम दिया जाए और स्टॉक को फिर से भरा जाए। उन्होंने कहा, कि “मैं खुले तौर पर कहता हूं, यह कोई रहस्य नहीं है कि हथियारों और युद्ध सामग्री की डिलीवरी में बड़ी देरी हुई है। ये देरी जल्द ही हल हो जाएगी। हमें एडवांस हथियारों की आपूर्ति मिलेगी, जो हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखेगी और हमें अपना मिशन पूरा करने के लिए ज्यादा स्ट्राइक फोर्स देगी।”

3- उन्होंने कहा कि युद्ध विराम का तीसरा कारण, मोर्चों को अलग करना और हमास को अलग-थलग करना है। उन्होंने कहा, कि “युद्ध के दूसरे दिन से ही हमास, हिज्बुल्लाह पर भरोसा कर रहा था कि वह उसके साथ लड़ेगा। हिज्बुल्लाह के युद्ध से बाहर होने के बाद हमास अकेला हो गया है। हम हमास पर अपना दबाव बढ़ाएंगे और इससे हमें अपने बंधकों को रिहा करने के पवित्र मिशन में मदद मिलेगी।”

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