मंदिरों पर हुए हमले से साफ पता चलता है, कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चलने वाली अंतरिम सरकार के शासन में इस्लामिक कट्टरपंथी बेकाबू हो चुके हैं और देश से हिंदुओं के सफाए की मुहिम चलाई जा रही है। 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देश में हिंदुओं के खिलाफ एक तरह से ‘नरसंहार’ चलाया जा रहा है।
हाल ही में हुए ये विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए, जब हिंदुओं ने इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा संगठित हमलों के जवाब में बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना शुरू किए। विरोध प्रदर्शन उनके सामाजिक और धार्मिक संगठन, मुख्य रूप से इस्कॉन द्वारा आयोजित किए गए थे, जिसके अनुयायी दुनिया भर में फैले हुए हैं।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए, प्रमुख हिंदू नेता और इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला
बांग्लादेश की सेना ने बांग्लादेश के ठाकुरगांव में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला किया, जो प्रदर्शनकारी चिन्मयानंद दास की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच, इस्कॉन बांग्लादेश ने अपने नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की है और कहा है, कि वे बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में सनातनियों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हैं।
बांग्लादेशी सुरक्षा बलों और हिंदू नेता चिन्मय दास के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में एक सरकारी वकील की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए हैं। चटगांव कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर जेल भेज दिया है। ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित की पहचान सैफुल इस्लाम के रूप में हुई है, जो 35 वर्षीय सहायक सरकारी वकील और चटगांव जिला बार एसोसिएशन का सदस्य था।
हिंदुओं पर हमले से भड़के साउथ के अभिनेता
वहीं, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने बुधवार को हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने की निंदा की और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने की मांग की है। कल्याण ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से पड़ोसी देश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की अपील की है।
उपमुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के निर्माण में भारत के योगदान की याद दिलाते हुए कहा, कि भारतीय सेना के जवानों ने बांग्लादेश को पाकिस्तान के चंगुल से आजाद कराने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
वहीं, पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रभु की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर बांग्लादेश में भारत के विदेश मंत्रालय सहित कई देशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
पवन कल्याण ने हिंदू एकता का आह्वान किया
पवन कल्याण ने हिंदू समुदाय से इस घटना की निंदा करने का आह्वान किया और मामले में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग की।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, कि “आइए हम सब मिलकर बांग्लादेश पुलिस द्वारा इस्कॉन बांग्लादेश के पुजारी ‘चिन्मय कृष्ण दास’ को हिरासत में लिए जाने की निंदा करें। हम मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं पर अत्याचार बंद करने का आग्रह करते हैं। बांग्लादेश निर्माण के लिए भारतीय सेना का खून बहा है, हमारे संसाधन खर्च किए गए हैं, हमारे सेना के जवानों की जान गई है। जिस तरह से हमारे हिंदू भाइयों और बहनों को निशाना बनाया जा रहा है, उससे हम बहुत परेशान हैं। हम @UN @UNinIndia से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं।”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारत ने बांग्लादेश में हाल ही में हुए घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और पड़ोसी देश से देश में धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।”
मंत्रालय ने कहा, कि अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ देवताओं और मंदिरों में तोड़फोड़ और अपवित्रता के मामले बढ़ रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने गिरफ्तार साधु की रिहाई की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर हमलों पर चिंता व्यक्त की है।