इमरान खान के समर्थक उनके ‘अंतिम आह्वान’ की घोषणा के बाद इस्लामाबाद में उनकी रिहाई की मांग के साथ जुटे हैं और उनकी पत्नी बुशरा बीबी इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सदस्य, अन्य नेता और पाकिस्तान भर से इमरान खान के हजारों समर्थक रविवार से ही राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं।
वे खान की जेल से रिहाई की मांग कर रहे हैं और साथ ही शहबाज शरीफ की सरकार के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं। इमरान समर्थकों का दावा है, कि चुनाव में धांधली हुई है।
लेकिन पाकिस्तान में क्या हो रहा है?
सीएनएन के अनुसार, मंगलवार सुबह इस्लामाबाद में जीरो पॉइंट पर प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इंडिया टुडे के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने डी-चौक की ओर अपना मार्च फिर से शुरू कर दिया है। डी-चौक, जिसे अक्सर डेमोक्रेसी चौक या गाजा चौक के नाम से जाना जाता है, इस्लामाबाद में कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों के पास स्थिति एक सार्वजनिक चौक है।
अल जजीरा के अनुसार, इमरान खान के समर्थक डी-चौक से 10 किलोमीटर से भी कम दूरी पर हैं। पाकिस्तान रेंजर्स को रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में तैनात किया गया है, जबकि पुलिस दंगा रोधी गियर में तैयार है।
अधिकारियों ने पानी की बौछारें फेंकने वाले टैंकर मशीने भी तैनात की हैं।
अल जजीरा के कमाल हैदर ने स्थिति को “बेहद तनावपूर्ण” बताया।
हैदर ने कहा, “प्रदर्शनकारी अब शहर के भीतर हैं। यह बहुत चिंता की बात है, क्योंकि ऐसी खबरें हैं कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को कुचलने वाली है।”
हैदर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसी भी स्थिति में डी-चौक तक पहुंचना चाहते हैं, भले ही इस कोशिश में उनकी जान ही क्यों ना चली जाए।
उन्होंने कहा, “यही वह जगह है, जहां वे सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे। इसलिए, वास्तव में तनाव बहुत ज़्यादा है।”
सीएनएन ने पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों के हवाले से बताया, कि पांच लोगों की मौत हो गई है, जिनमें चार सुरक्षा अधिकारी और एक नागरिक शामिल हैं।
कई स्रोतों ने कहा कि एक कार से उन्हें बेरहमी से कुचला गया था।
डॉन के मुताबिक, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने “शहीद हुए चार रेंजर्स कर्मियों को श्रद्धांजलि” दी है।
पाकिस्तानी आंतरिक मंत्रालय ने हमलों के लिए “शत्रुओं” को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन उनकी पहचान नहीं बताई, कहा कि चार सैनिक मारे गए हैं।
बयान में कहा गया, “हम शहीदों के परिवारों के साथ खड़े हैं और हमेशा उनके साथ रहेंगे।”
प्रांतीय पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने कहा, कि अकेले पंजाब प्रांत में एक पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, कम से कम 119 अन्य घायल हो गए और इस्लामाबाद के बाहर और अन्य जगहों पर हुई झड़पों में 22 पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने कहा, कि दो अधिकारियों की हालत गंभीर है।
इमरान खान की पार्टी ने कहा है, कि उसके कई कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं।
‘इमरान खान के लिए अंतिम लड़ाई’
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, कि “यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन नहीं है। यह चरमपंथ है।” उन्होंने इस रक्तपात की निंदा करते हुए कहा, कि इसका उद्देश्य “बुरी राजनीतिक मंशा” को पूरा करना है।
डॉन ने शरीफ के हवाले से कहा कि पीटीआई एक “अराजकतावादी समूह है जो रक्तपात चाहता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “नापाक राजनीतिक एजेंडे के लिए रक्तपात अस्वीकार्य और अत्यधिक निंदनीय है।”
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी और उनके प्रमुख सहयोगी अली अमीन गंदापुर, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने मंगलवार को सुबह राजधानी में एक मार्च का नेतृत्व किया है। खान के समर्थकों का कहना है, कि ये लड़ाई आखिरी दम तक चलेगी।
शहबाज सरकार ने इस्लामाबाद में प्रमुख सड़कों और गलियों को ब्लॉक करने के लिए शिपिंग कंटेनरों का इस्तेमाल किया है, जिसमें पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को दंगा रोधी गियर में गश्त के लिए तैनात किया गया है।
अधिकारियों और चश्मदीदों ने बताया है, कि प्रदर्शनकारियों को दूर रखने के लिए पूर्वी प्रांत में शहरों और टर्मिनलों के बीच सभी सार्वजनिक परिवहन को भी बंद कर दिया गया था। प्रांतीय सूचना मंत्री उज्मा बुखारी ने कहा, कि इमरान खान के लगभग 80 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है।
रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने स्थानीय जियो न्यूज टीवी को बताया, कि सरकार ने स्थिति को शांत करने के लिए इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के नेताओं से बातचीत करने की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह एक ईमानदार प्रयास था, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।”
नकवी ने कहा, कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों का सामना करने में “अत्यधिक संयम” दिखाया, जिनमें से कुछ ने उनके अनुसार गोलियां चलाईं, जबकि पुलिस ने केवल रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे हैं।
उन्होंने कहा, “गोली का जवाब गोली से देना आसान है।”
नकवी ने सीएनएन से कहा, “रेंजर्स गोली चला सकते हैं और पांच मिनट के बाद वहां कोई प्रदर्शनकारी नहीं होगा। यहां पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार ने इमरान खान की पार्टी को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में खुले मैदान में धरना देने की अनुमति दी है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं ने यह प्रस्ताव खान के सामने जेल में रखा, लेकिन “हमें अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।” नकवी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को संसद के बाहर पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी, कि अगर वे नहीं माने तो सरकार “चरम” कदम उठाने के लिए मजबूर होगी, जिसमें कर्फ्यू लगाना या सेना को बुलाना शामिल हो सकता है।
उन्होंने कहा, “हम उन्हें अपनी लाल रेखा पार नहीं करने देंगे।”
देखते ही गोली मारने के आदेश
लेकिन, इमरान खान की पार्टी ने सरकार पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अत्यधिक हिंसा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।
इमरान खान के एक सहयोगी शौकत यूसुफजई ने जियो न्यूज को बताया, “वे लाइव गोलियां भी चला रहे हैं।”
रॉयटर्स टीवी और स्थानीय टीवी फुटेज में पुलिस को इमरान खान के समर्थकों पर आंसू गैस के गोले दागते हुए दिखाया गया, जो उन पर पत्थर और ईंटें फेंक रहे थे।
वीडियो में इस्लामाबाद के बाहर मुख्य मार्च के दौरान वाहनों और पेड़ों को आग लगाते हुए दिखाया गया है, क्योंकि कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को शिपमेंट कंटेनरों को धक्का देकर हटाते और आगे बढ़ते हुए देखा गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वीडियो में इमरान खान को गैस मास्क और सुरक्षात्मक चश्मे पहने हुए दिखाया गया है।
सीएनएन ने वरिष्ठ पीटीआई नेता कामरान बंगश के हवाले से कहा, कि वे “दृढ़ निश्चयी हैं और हम इस्लामाबाद पहुंचेंगे।”
बंगश ने कहा, “हम एक-एक करके सभी बाधाओं को पार करेंगे।”
डॉन ने रेडियो पाकिस्तान के हवाले से बताया, कि मंगलवार को “उपद्रवियों से निपटने” के लिए पाकिस्तानी सेना को इस्लामाबाद बुलाया गया था।
रेडियो पाकिस्तान ने कहा, “अनुच्छेद 245 के तहत, पाकिस्तानी सेना को बुलाया गया है और उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश जारी किए गए हैं।”
रेडियो ने कहा, कि “उपद्रवियों और अराजकता फैलाने वालों को देखते ही गोली मारने के स्पष्ट आदेश भी जारी किए गए हैं।” ब्लूमबर्ग ने बताया कि सुरक्षा कारणों से इस्लामाबाद में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है। राजधानी के कुछ इलाकों में मोबाइल फोन सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।