बता दें कि इजराइल और लेबनान के बीच संघर्ष विराम के लिए अमेरिका और फ्रांस दोनों ने अहम भूमिका निभाई है। इजराइल कैबिनेट ने इस डील पर मंगलवार को अपनी मुहर लगा दी। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस समझौते को कैबिनेट में रखा। जो बाइडेन ने इस समझौते को अच्छी खबर बताते हुए क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर जोर दिया।

इजराइल और हिज्बुल्ला दोनों ने युद्धविराम को लेकर सहमत हुए। दोनों के बीच यह संघर्ष विराम स्थानीय समय के अनुसार सुबह 4 बजे होना। साझा बयान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रो ने कहा कि लंबी कूटनीति के बाद आखिरकार यह संघर्ष विराम हो रहा है। दोनों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर जोर दिया।
हिज्बुल्लाह की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है कि उसने युद्धविराम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन समझौते की फाइनल शर्तों पर आगे बात करने की बात कही है। हिज्बुल्लाह के डिप्टी चीफ महमूद कमाती हम समझौते की शर्तों को देखेंगे और लेबनान के अधिकारियों इसपर चर्चा करेंगे।
युद्धविराम के ऐलान के कुछ घंटे पहले इजराइल ने बेरूत और दक्षिणी लेबनान पर जमकर बमबारी की। इसमे 42 लोगों के मारे जाने की खबर है। इजराइली सेना ने लोगों को इलाके से बाहर जाने की एडवाइजरी भी जारी की। युद्धविराम से पहले इजराइल ने आतंकियों के खिलाफ आखिरी प्रहार किया।
हालांकि युद्धविराम समझौते में गाजा में चल रहे युद्ध का जिक्र नहीं किया गया है। हमास ने अभी भी बंधकों को नहीं छोड़ा है। गाजा में स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण है, यहां अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है। माना जा रहा है कि युद्धविराम से ईरान के साथ बड़े युद्ध का संकट टल गया है। ईरान हमास और हिज्बुल्लाह दोनों का समर्थन कर रहा था।
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