चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को इस हफ्ते मंगलवार सुबह 11 बजे चटगांव छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के न्यायाधीश काजी शरीफुल इस्लाम के सामने पेश किया गया। द ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उनके वकीलों ने जमानत याचिका दायर की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया।

चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस (सीएमपी) के अतिरिक्त उपायुक्त काजी एमडी तारेक अजीज ने कहा कि चिन्मय को रात में सड़क मार्ग से चटगांव लाया गया। उन पर कोतवाली पुलिस स्टेशन में देशद्रोह का मामला दर्ज है और उस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था।
बांग्लादेश में इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर श्री श्री रविशंकर दास ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा जिस देश में संतों पर इस तरह के एक्शन लिए जाएंगो तो वहां भय और तनाव का माहौल बन जाएगा। एक सवाल जवाब में श्री श्री रविशंकर दास ने कहा, “पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री के लिए एक आध्यात्मिक नेता को गिरफ्तार करना अशोभनीय है। वह हथियार नहीं ले रहे हैं, वह बंदूक नहीं ले रहे हैं, वह अपने लोगों की देखभाल कर रहे हैं। वह सिर्फ अधिकारों के लिए खड़े हैं और चाहते हैं कि सरकार ऐसा करे।” रविशंकर ने कहा, “वहां अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार हो रहे हैं, उन्हें सुनिए। धार्मिक पुजारियों को गिरफ्तार करने से न तो उनका भला होगा और न ही लोगों का, देश का भला होगा और न ही बांग्लादेश की छवि का भला होगा।”
श्री श्री रविशंकर दास ने कहा, “हम प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से बहुत अधिक उम्मीद करते हैं, जिन्हें लोगों में शांति और सुरक्षा लाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला है और इसीलिए उन्हें वहां प्रधान मंत्री के रूप में रखा गया है। हम उनसे ऐसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं करेंगे जो आगे समुदायों के बीच तनाव और भय और अधिक पैदा करेगी।”