सुष्मिता और सुब्रतो बागची हर साल अलग-अलग परोपकारी कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर दान देते हैं. हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2024 में इस बार भी वे डोनेशन देने के मामले में 9वें पायदान पर हैं.
नई दिल्ली. दान देने के मामले में एक भारतीय दंपति हर साल टॉप 10 की लिस्ट में शामिल रहते हैं, भले ही ये 9वें पायदान पर रहते हों लेकिन परोपकारी कार्यों से हजारों लोगों का भला करते हैं. हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2024 में भी 179 करोड़ के डोनेशन के साथ सुब्रतो और सुष्मिता बागची फिर सुर्खियों में हैं. ये पति-पत्नी आईटी कंपनी माइंडट्री के को-फाउंडर हैं. ये दंपति शिक्षा और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में योगदान देने के अलावा महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण पर महत्वपूर्ण जोर देने के लिए जाने जाते हैं.
सुष्मिता और सुब्रतो बागची हर साल चैरिटी समूहों को बड़े पैमाने पर दान देते हैं, जिससे उन्हें देश के उदारता लोगों की लिस्ट में स्थान मिला है. इस दंपति ने 2022 में 213 करोड़ रुपये देने के बाद 2023 में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 110 करोड़ रुपये दिए. उनके इसी परोपकारी कार्यों को लेकर हुरुन इंडिया फिलंथ्रॉफी लिस्ट में उन्हें स्थान दिया गया है.
अस्पताल के लिए 340 करोड़ का दान
हुरुन इंडिया की इस लिस्ट में भारत के कई बिजनेसमैन शामिल हैं जिन्होंने बढ़-चढ़कर लोगों की भलाई के लिए डोनेशन दिया. सुष्मिता और सुब्रोत बागची हर साल सामाजिक और शैक्षाणिक कार्यों के लिए दान देते हैं. 2021 में उन्होंने ऐलान किया था कि वे ओडिशा में कैंसर अस्पताल के निर्माण के लिए 340 करोड़ रुपये का दान देंगे.
सुब्रतो मुखर्जी जहां माइंडट्री के को-फाउंडर हैं. वहीं, सुष्मिता बागची एक प्रसिद्ध उपन्यासकार और ओडिया लेखिका हैं. अपने लेखों में वे सक्रिय रूप से सामाजिक समस्याओं के बारे में लिखती है. सुस्मिता और सुब्रतो दोनों ने माइंडट्री बनाने और सामाजिक परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
माइंडट्री के सह-संस्थापक के रूप में, बागची ने भारतीय आईटी क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों में से एक का निर्माण किया है. ₹56,643 करोड़ के बाजार मूल्यांकन के साथ, माइंडट्री भारत और विदेशों में परिचालन वाला एक सेवा प्रदाता है.