कौन हैं तुलसी गबार्ड, डोनाल्ड ट्रम्प ने बनाया अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का प्रमुख

डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को DNI नियुक्त किया है। गबार्ड अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की प्रमुख बनने वाली पहली हिंदू महिला होंगी। सेना में सेवा दे चुकीं गबार्ड ने ट्रंप का आभार जताया है।

वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पूर्व डेमोक्रेट तुलसी गबार्ड को DNI (Director of National Intelligence) बनाया है। तुलसी पहली हिंदू कांग्रेस महिला होंगी जो अमेरिकी जासूसी एजेंसियों के शीर्ष पद पर बैठेंगी। वह ट्रंप की खुफिया सलाहकार के रूप में काम करेंगी।

सोशल मीडिया पर ट्रंप ने कहा कि तुलसी गबार्ड एक “प्राउड रिपब्लिकन” हैं। वह खुफिया समुदाय में अपनी “निडर भावना” ला सकती हैं। डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के लिए एक पूर्व उम्मीदवार के रूप में उन्हें दोनों दलों में व्यापक समर्थन प्राप्त है।”

अमेरिका की खुफिया प्रमुख बनाए जाने पर तुलसी गबार्ड ने डोनाल्ड ट्रम्प का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा, “डोनाल्ड ट्रम्प, अमेरिकी लोगों की सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए आपके मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद। मैं काम करने के लिए उत्सुक हूं।”

तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी सेना में दी है सेवा

तुलसी गबार्ड खुफिया मामलों में अनुभवी नहीं हैं। उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक अमेरिकी सेना में सेवा की है। 2022 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी से अपने संबंध तोड़ लिए थे। 2024 की शुरुआत में ट्रम्प का समर्थन किया था।

तुलसी गबार्ड की मां ने अपनाया था हिंदू धर्म

तुलसी गबार्ड को उनके नाम के चलते अक्सर भारतीय मूल का समझा जाता है। उनका भारत से कोई सीधा संबंध नहीं है। उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था। उन्होंने अपने बच्चों के नाम हिंदू रखे। गबार्ड भी खुद को हिंदू मानती हैं। उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सदस्य के रूप में इतिहास रचा है। अमेरिकी समोआ मूल की गबार्ड ने भगवद गीता पर हाथ रखकर कांग्रेस की शपथ ली।

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